[संगीत] देखो क्या घनेरे ऊंचे ऊंचे पर्वतों के साय हैं चलके यू म चल के रंग बदल के हमसे मिलने आए हैं हो देखो क्या घनेरे ऊचे ऊंचे पर्वतों के साय हैं चलके यूं मैं चलके रंग बदल के हमसे मिलने आए हैं खुशबू है पहाड़ों की मस्ती है नजारों की सबके दिल पे छाया है नशा