मंजिल की खोज में मैं टूटा सा एक तारा हूं इतनी दुआओं के बाद भी तू देता ना सहारा क्यों मेरी दुआओं का असर मुझ पर होता नहीं क्यों मेरी मेहनतों का फल मुझे मिलता नहीं क्यों दिन रात जाग के मैं सपने सजाता मेरा सपना हकीकत मैं बदला नहीं क्यों मेरी दुआओं का असर मुझ पे होता नहीं क्यों मेरी मेहनतों का फल मुझे मिलता नहीं क्यों दिन रात जाग के मैं सपने सजाता मेरा सपना हकीकत मैं बदला नहीं क्यों ए मेरे खुदा ए मेरे खुदा मेरी मंजिल कहां है बता दे जरा आ रहम कर तू या बना ले तेरा बना ले तेरा आए मेरे [संगीत] खुदा बंद कमरे में बैठकर दर्द को जेलू हाथों में कलम लेके जख्मों से खेलू आंखों में समंदर पर रोता नहीं मैं रात कितनी बीत गई पर सोता नहीं मैं रूह काप मेरी जब मैं खुद की तस्वीर देखूं हाथों में ख्वाबों की टूटी हुई लकीरे देखूं ऐ मेरे खुदा है मेरे खुदा मेरी मंजिल कहां है बता दे जरा आ र हम कर तू या बना ले तेरा बना ले तेरा ए मेरे खुदा [संगीत] ना कामयाबी को अपनी मैं दुनिया से हूं छुपाता ना पूरे होते वादे महफिलों में जाने से घबराता ना कामयाबी को मैं दुनिया से हूं छुपाता ना पूरे होते वादे महफिलों में जाने से घबराता मेरे सपने बड़े हैं पर बिखरे पड़े हैं मेरे हाथों की लकीरों में जंग लगे [संगीत] हैं ऐ मेरे खुदा मेरे खुदा मेरी मंजिल कहां है बता दे जरा आ र हम कर तू या बना ले तेरा बना ले तेरा ए मेरे खुदा