नमस्कार सभी को चैंपियंस लीग के ड्रॉ निकल चुके हैं बट ड्रो निकलने के बाद भी लोग यहां पर बहुत ही ज्यादा कंफ्यूज है कि आखिर ये ड्रॉ निकले कैसे मैच कैसे फिक्स हुए और मतलब ये पूरा ड्र था क्या ड्र देखने के बाद भी लोग यहां पर काफी ज्यादा कंफ्यूज है उसके बारे तो यहां प बिना देरी के बात करते हैं कि आखिर ये ड्र निकाले कैसे और ये जो पूरा फॉर्मेट है ये किस तरीके से और किस मैथोलॉजी प सेट किया गया है तो यहां प अगर हम पहले की बात करें तो पहले के फॉर्मेट में कुल 32 टीमें थी जिसको ग्रुप में डिवाइड कर दिया जाता था चार चार टीम के जिनकी जो टॉप टू टीम होती थी जो पर्टिकुलर ग्रुप की टॉप टू टीम होती थी वो राउंड ऑफ 16 के लिए जाती थी फिर वहां से क्वार्टर फाइनल सेमी और फाइनल के लिए आते थे मतलब एक बहुत ही सिंपल सा फॉर्मेट था जिसको फॉलो किया जाता था बट ये फॉर्मेट चेंज हो गया है अब जो टीम्स है वो 32 की जगह पहली ब 36 टीम्स है तो यहां प इन 36 टीमों को टोटल चार पोर्ट में डिवाइड किया गया है हर एक पोर्ट में नोनो टीम्स है तो य पहले पोर्ट में रियाल मैड्रिड बायर्न म्युनिख मैनचेस्टर सिटी पें लिवरपूल इंटर डॉटम लिंग और बसना लेवरन एटलेटिको मैड्रिड अटलांटा जुवेंटस बिशिया आर्सनल क्लब बग कतार और एसी मिलान फाइ स्पोर्टिंग सी पीएस जीन के डायमो सा बर्ग ले काना यंग बॉय फोर में स्लोवन मोनाको स्पा प स्न विला बना रोना स्ट्रम ग्रास स्टम ग्रास रेस्ट और यहां पे जो चारों पोर्ट की टीम है वो अपने पोर्ट और दूसरे पोर्ट बाकी के जो तीनों पोर्ट है उनकी जो टीम से दो दो टीमों से मैच खेलेगी मतलब ये जो दो टीम है एक रैंडम वेस को उठाई जाएगी बेसिकली जो नया फार्मूला य जो अटा सा फार्मूला य लेके आए है ये स्विस फुटबॉल सिस्टम प बेस्ड है तो यहां स्विस फुटबॉल सिस्टम है क्या स्विस फुटबॉल सिस्टम बेसिकली यही है कि जब एक जो लीग होती है इसमें जब ज्यादा टीम हो जाती है तो इस सिस्टम का बेसिकली यूज किया जाता है इसमें होता यही है कि इसमें कोई ग्रुप्स नहीं होते पहली बात तो टीम है जो टीम के कोई भी ग्रुप्स नहीं होंगे यहां पे एक पर्टिकुलर टीम को कुछ मैचेस खेलने होते हैं एक पर्टिकुलर टाइप एक पर्टिकुलर जो स्ट्रेंथ की टीम बोलूंगा मैं एक पर्टिकुलर स्ट्रेंथ की टीम के साथ जरूरी नहीं है कि एक टीम जैसे मान ले मैनचेस्टर सिटी अगर लिवरपूल के खिलाफ खेल रही है तो जरूरी नहीं लिवरपूल का वही ग्रुप हो जो मैनचेस्टर सिटी का ग्रुप है मैंचेस्टर सिटी का एक अपना डिफरेंट सेट ऑफ ग्रुप होगा और लिवरपूल का एक अपना डिफरेंट सेट ऑफ ग्रुप होगा तो यहां प जो टीम्स है वो एक फिक्स नंबर ऑफ गेम्स खेलेगी सारी की सारी कोई ज्यादा कम कुछ भी नहीं होगा यहां पे और एक फिक्स स्ट्रेंथ वाली टीम के साथ खेलेगी हां हर टीम एक दूसरे के साथ नहीं खेलेगी गेम बट वो यहां पे एक फिक्स नंबर ऑफ गेम जरूर खेलेगी तो मैं इस चीज को और अच्छे से क्लियर कर देता हूं कि ये जो मैचेस है वो जो डिसाइड हुए कैसे हैं तो जैसे मान लीजिए जैसे मैनचेस्टर सिटी है तो इसको पोर्ट ए बी सी डी मतलब पोर्ट वन टूथ 4 इन सब में से दोदो टीम से मैच खेलने होंगे मतलब यहां पे जो मैंचेस्टर सिटी को है टोटल आठ मैच मिनिमम खेल रहे होंगे जो पहले से छह होते थे तो यहां पर दो मैच बढ़ चुके हैं य जो दो टीम्स है ये जो उठाई गई है हर एक कोर्ट में से ये बिल्कुल एक कंप्यूटराइज सॉफ्टवेयर की मदद से उठाई गई है बिल्कुल रैंडम रैंडम चॉइस है बिल्कुल ये और साथ में इसमें खास बात ये भी है कि हर पोर्ट में जो टीम है मतलब जो सिमिलर लीग की टीम है उससे इसका कॉमिनेशन नहीं आ सकता है मतलब जो लिवरपूल है लिवरपूल और मैंचेस्टर सिटी वो पोर्ट वन में है तो लिवरपूल और मैंचेस्टर सिटी का आपस में मैच नहीं होगा का जैसे बायन के खिलाफ नहीं होगा और बासा को रियल मैड्रिड के खिलाफ नहीं होगा मैच तो यहां पे बहुत से लोगों को भी कंफ्यूजन हो रहा होगा स्टिल की ये पोर्ट आखिर बने कैसे हैं और कौन सी टीम को कौन से पोर्ट में रखा है ये आखि डिसाइड किया कैसे बेसिकली कौन सी टीम कौन से पोर्ट में होगी इसका डिसाइड इन्होंने यूएफ की जो क्लब रैंकिंग होती है जिसको यूएफ कॉफिट भी कहते हैं उसके हिसाब से किया है तो जिसको यहां पे नहीं पता उसको बता देता हूं कि यूएफ के जो कफिट है वो यूरोप के जो क्लब होते हैं वो यूरोप की जो लीग्स होती है उसकी रैंकिंग देती है तो मतलब यहां पर जो पहले बात कर रहा था कि इसकी जो स्ट्रेंथ क्लब की जो स्ट्रेंथ है उसके हिसाब से यहां पे जो ग्रुप्स बनाए जाएंगे तो स्ट्रेंथ है वो इस रैंकिंग के हिसाब से डिसाइड हुई है य पे तो यहां प उस चीज से मतलब नहीं है कि किस टीम ने कौन सी लीग जीती किसने लाल लीग जीती किसने प्रीमियर लीग जीती या फिर किसी और कोई और लीग जीती तो मेरे को लगता है ये तो बिल्कुल क्लियर हो गया होगा बोट कैसे डिसाइड हुए टीम की य प ग्रुपिंग कैसे हुई जो आठ टीमें है वो कैसे डिसाइड हुई कि इसके खिलाफ जो खेलेगी वो आठ टीम यहां प कैसे डिसाइड हुई ये बिल्कुल अभी तक क्लियर हो गया होगा आगे का प्रोसीजर कुछ इस तरीके से रहेगा कि जो टीम थी जिनको डिसाइड हुआ तो आपस में खेलेगी और पॉइंट स्ट्रक्चर जैसे वो सेम ही रहेगा जैसे विन प थ्री पॉइंट ड्र प वन पॉइंट और ऐसे करके एक जो 36 जो टीम्स है उनका एक टेबल बन जाएगी एक लीग स्ट्रक्चर टाइप टेबल बन जाएगी मतलब यहां प कोई ग्रुप्स नहीं होंगे ये जो ट बने थे ये आपस से जो मैच डिसाइड करने तक की वैल्यू है इसकी इसके बाद इसके कोई वैल्यू नहीं है ये मतलब फालतू है इसके बाद इसके बाद एक लीक स्ट्रक्चर टाइप 36 टीम है उसके टेबल बन जाएगी और यहां से इन 36 टीम्स में जो टॉप एट टीम होएगी वो डायरेक्टली राउंड ऑ 16 के लिए क्वालीफाई करेगी और जो लास्ट की जो टीम्स है लास्ट की जो 11 12 जो टीम्स है लास्ट की जो 12 टीम्स है 25 से लेके 36 तक की जो टीम्स है वो सीधा बाहर निकल जाएगी तो यहां प अगली जो आठ टीम है उनको चूज करने के लिए नाइंथ रैंक की टीम से लेकर 24 रैंक की टीम के बीच में आपस में मैच खेले जाएंगे जैसे नाइंथ रैंक की जो टीम है वो 24 रैंक की टीम के साथ मैच लेगी 10थ रैंक की टीम 23 रैंक की टीम के साथ मैच लेगी 11थ रैंक की टीम 2 से रंक की इनके साथ मैच लेगी मतलब यहां पे जो 24 रैंक की टीम होएगी जो ली टेबल में जो 24 रैंक की टीम होगी उसके पास स्टिल एक चांस होगा कि वो टॉप 16 में आ सकती है यहां पे इस तरीके से राउंड ऑफ 16 डिसाइड होंगे और इसके बाद क्वार्टर सेमी और फाइनल मतलब सेम तरीके से खेले जाएंगे तो यहां पे ये एक प्रॉपर स्ट्रक्चर है जो नया बनाया गया यफ की ओर से तो यहां पे मेरी मानो तो ये फॉर्मेट काफी इंटरेस्टिंग रहने वाला है मतलब इंटरेस्टिंग ऐसे कि यहां पे काफी अलग-अलग के कॉमिनेशन देखने को मिल सकते हैं कि अगर जो भी कोई नया फॉर्मेट आता है उसमें नए नए लेट पेर देखने को मिल सकते हैं जैसे कि अगर 24 रैंक की टीम है नाइंथ रैंक की टीम को हरा ही सकती है फुटबॉल है भाई कुछ भी हो ही सकता है तो यहां पे एक पॉइंट और है कि जैसे जो क्लब्स है जो पर्टिकुलर क्लब्स है उनकी लीगस पे इस नए फॉर्मेट का क्या असर पड़ेगा ये देखने वाला एक पॉइंट है क्योंकि जो टॉप टीम्स है जैसे मैं बात करू जिनके ज्यादा चांसेस रहते हैं ऊपर तक पहुंचने के ऊपर तक मीस टॉप 16 या फिर क्ट सेमीफाइनल्स तक पहुंचने के जैसे कि रियाल मैड्रिड बायन बार्स सिटी तो इनका क्या इफेक्ट पड़ेगा उनकी जो पर्टिकुलर लीग में ये देखने वाला पॉइंट रहेगा क्योंकि यहां पे इनको पिछली बार की मुकाबले पिछली बार के फॉर्मेट के मुकाबले टॉप तक पहुंचने के लिएब फाइनल तक पहुंचने के लिए कुछ ज्यादा गेम खेलने पड़ेंगे स्पेशली उन टीम्स को जो की रैंकिंग ना से 24 के बीच में आएगी उनको यहां पे टोटल इन टोटल चार मैच ज्यादा खेलने पड़ेंगे अगर उनको फाइनल ततक पहुंचना है तो अगर ये मैं कंपेयर करूं पिछली बार के फॉर्मेट से यहां पे मेरा मानना है कि मैनेजर्स है जो उनकी यहां पे एक अच्छी टेस्टिंग लेगा य फॉर्मेट बिकॉज जो टॉप टीम है जो टॉप तक पहुंचेगी उनको य ज्यादा मैचेस खेलने पड़ेंगे तो मैनेजर्स को ये डिसाइड करना पड़ेगा किस टीम को मतलब किस मैच को ज्यादा वैल्यू देंगे और किस मैच में व अपनी पर्टिकुलर बेस्ट प्लेइंग इलेवन निकालेंगे और किस मैच में वो जो न्यू कमर्स है जो न्यू बॉय है उनको चांस देंगे को चांस देना चाहेंगे मतलब य जो स्कोट की डेप्थ है वो बहुत ज्यादा मैटर करेगी और जो प्लेयर है जो मैनेजर है बेसिकली जो मैनेजर है उसकी जो टैक्टिक है वो काफी ज्यादा मैटर करेगी यहां प जो सीजन है चैंपियंस लीग का इस बार काफी इंटरेस्टिंग रहने वाले है इस न फॉर्मेट के कारण और साथ में आप लोगों को क्या लगता है इस बार चैंपियंस लीग का टाइटल कौन उठाएगा ड फिर से या फिर कोई और कमेंट ब