Why Germany Introduce Border Control | European Union Unity at Risk ? | End of Schengen Zone ?
Published: Sep 14, 2024
Duration: 00:09:37
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जर्मनी जो कि यूरोपियन यूनियन की सबसे
बड़ी इकोनॉमी है और यूरोपियन यूनियन की एक मेजर पार्ट है वहां के जो चांसलर है व कल
अपने बॉर्डर के ऊपर ही कंट्रोलिंग को इंट्रोड्यूस कर दि जर्मनी प्लांस टू
रिइंट्रोड्यूस कंट्रोल्स एट ऑल लं बोर्डर्स फ्रॉम नेक्स्ट वीक जर्मनी हैज
इंट्रोड्यूस टपोरी कंट्रोल्स ऑन नट वन बट ऑल ऑफ इट्स नाइन लैंड बोर्डर्स जमनी है
अनाउंसड स्ट्रक्ट कंट्रोल्स अलोंग इट्स लांड बर्डर्स विथ फ्रांस बेल्जियम द नेदर
डस डेनमार्क एंड लक्सम टू बेगिन फ्रॉम नेक्स्ट वीक एंड टू लास्ट फ मिनिमम ऑफ
सिक्स मंथ्स ये है कि संगन के अंदर जो 29 कंट्रीज हैं जो यूरोपियन यूनियन के अंदर
सारी कंट्रीज आती हैं वो सारे कंट्री का जो ओपन बॉर्डर सिस्टम था उस पर बहुत बड़ा
इंपैक्ट पड़ेगा और ये एक नेगेटिव इंपैक्ट की तरह देखा जा रहा है इससे क्या होगा जो
ट्रांसपोर्टेशन पहले बॉर्डर पे ऐसे हसल फ्री हो रहे थे उससे प्रॉब्लम्स आएगी
क्योंकि जो कंट्रोलिंग होगी उस पे चेक करेंगे डॉक्यूमेंट को या फिर वहां
सिक्यूरिटी चेक होगी जिसके वजह से गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन में ज्यादा पैसे आएंगे
ज्यादा टाइम लगेगा और इसके वजह से थोड़ी बहुत महंगाई भी बढ़ेगी इसका इंपैक्ट ये भी
हो सकता है कि जो डिफरेंट 29 कंट्रीज हैं संगन और यूरोपियन यूनियन के अंदर उनके
रिलेशनशिप पे भी बहुत बड़ा इंपैक्ट पड़े चाहे वो बिजनेस या ट्रांसपोर्टेशन को लेके
हो या फिर इंटर बॉर्डर क्रॉसिंग है उसके ऊपर जो इंपैक्ट पड़ेगा उसको लेके हो बट
मेन क्वेश्चन ये है कि जर्मनी ऐसे डिसीजन को इंप्लीमेंट क्यों किया अपने बॉर्डर पे
कंट्रोलिंग को रिइंट्रोड्यूस क्यों किया वापस से उसके साथ-साथ ये भी जानने का
जरूरत है कि इसका इंपैक्ट यूरोपियन यूनियन के ऊपर और यूरोपियन यूनियन के जो भी अलग
कंट्रीज हैं उनके ऊपर क्या पड़ेगा तीसरा और मेन क्वेश्चन ये भी है कि जो बाकी
कंट्रीज हैं जर्मनी से लैंड बॉर्डर शेयर करते हैं वो लोग इसका प्रोटेस्ट क्यों कर
रहे हैं वो लोग इसके अगेंस्ट क्यों है वो लोग ऐसा क्यों बोल रहे हैं कि आने वाले
फ्यूचर में ये हमारे यूरोपियन यूनियन की जो यूनिटी है उसपे प्रॉब्लम क्रिएट कर
सकता है ये भी बोल रहे हैं कि जो बिजनेस एक दूसरे कंट्री के बीच में होता है उसपे
बहुत बड़ा इंपैक्ट डाल सकता है ये चीज वीडियो में आगे बढ़ने से पहले ये चीज जान
लेते हैं कि संगन का मतलब होता क्या है संगन और संगन एरिया का मतलब यह होता है कि
29 कंट्री से ये मिलके बनता है इन सारे कंट्रीज के अंदर यह कॉमन अंडरस्टैंडिंग है
कि हमारे बॉर्डर्स ओपन रहेंगे बिजनेस के लिए या फिर जो लोगों के ट्रेवल करने के
लिए गाड़ियों को आने जाने के लिए इवन दो सम कंट्रीज के अंदर रेलवे के लिए भी ये
चीजें ओपन रहती है इससे क्या होता है कि इन सारे 29 कंट्रीज के अंदर बिजनेस करना
बहुत आसान हो जाता है और वो इनके इकोनॉमिक ग्रोथ प बहुत अच्छा इंपैक्ट और पॉजिटिव
इंपैक्ट डाल जो जर्मनी का रिसेंट डिसीजन है यह बहुत बड़ा इंपैक्ट डाल सकता है यह
सारे 29 कंट्रीज के ऊपर और साथ ही साथ ऐसा भी माना जा सकता है कि जो n की यूनिटी है
उस पर भी बहुत बड़ा इंपैक्ट पड़ेगा इस डिसीजन का द शन एरिया इज बप्स द रोपन यूनन
ग्रेटेस्ट अचीवमेंट इट्स अ बर्डर फ्री एरिया कप्रिंग 29 रोपन कंट्रीज अलांग फर द
फ्री मूवमेंट ऑफ हंड्रेड्स ऑफ मिलि ऑफ सिजें एंड द इफेक्टिव फंक्शनिंग ऑ सिंगल
मार्केट हावर दिस स्पिरिट ऑफ सॉलिड हैज कम अंडर थ्रेट रिसेंटली मेंबर स्टस आर
करेंटली रिस्ट बशिंग र कंट्रोल्स टूटी अबा इमग्रेशन एंडटी टस वि जमनी बमिंग द ट ड सो
कहने के लिए तो जर्मनी य टेंपररी 6 महीने के लिए ही बस ऐसा इंप्लीमेंट किया है बट
इन फ्यूचर अगर जर्मनी को ऐसा लगेगा कि जो इल्लीगल और जो कि इरेगुलर इमीग्रेशन हो
रहा है जर्मनी के अंदर वो कुछ ना कुछ कंट्रोल हो रहा है इसके कारण या फिर जो
इमीग्रेंट का इफ्लक्स हो रहा है कंट्री के अंदर उस पर कंट्रोल हो रहा है तो शायद
जर्मनी इस डिसीजन को आगे बढ़ा सकता है और इसके ड्यूरेशन को भी इंक्रीज कर सकते सबसे
पहला क्वेश्चन कि ऐसा क्या कारण था कि जर्मनी को वापस से रिइंट्रोड्यूस करना
पड़ा बॉर्डर कंट्रोलिंग और बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम को मीडिया को
इंट्रोड्यूस करते हुए जर्मन चांसलर ने यह कहा कि यह इरेगुलर इमीग्रेशन जो हमारे देश
के अंदर हो रहा है उसको रोकने के लिए हम लोग इस डिसीजन को इंप्लीमेंट कर रहे हैं
बट जो रियलिटी है इस चीज का वो कहीं ना कहीं कुछ और बता रही है क्योंकि इरेगुलर
इमीग्रेशन और इमीग्रेशन का प्रॉब्लम जर्मनी के अंदर 2015 से ही है जब से 2015
में सिरिया के अंदर सिविल वॉर शुरू हुआ तब से बहुत सारे ऐसे माइग्रेंट्स जर्मनी के
अंदर इफ्लक्स हुए बहुत सारे इलीगल बहुत सारे इरेगुलर वे में लेकिन जर्मनी उस समय
बॉर्डर कंट्रोलिंग को इंट्रोड्यूस नहीं किया अपने अंदर इमीग्रेंट को लेते रहा
यूक्रेन और रशिया का जो वॉर शुरू हुआ उसमें भी बहुत सारे लोग माइग्रेट करके
यूक्रेन से जर्मनी के अंदर आए उस समय भी इस चीज को इंट्रोड्यूस नहीं किया गया क्या
कारण है कि जर्मनी को ऐसा डिसीजन अभी लेना पड़ा डीडब्ल्यू के रिपोर्ट के अनुसार देखा
जाए तो 3 मिलियन से ज्यादा ऐसे इमीग्रेंट हैं जर्मनी के अंदर जो कि अससाइलम सीकर पे
हैं 3 लाख से ज्यादा लोग हैं जिनका अससाइलम सीकर रिजेक्शन आ गया है उसके बाद
भी जर्मनी के अंदर ही रहते हैं और ऐसा माना जाता है कि जर्मनी के अंदर जो क्राइम
में इंक्रीमेंट हुआ है ऐसा प्रॉब्लम जो क्रिएट हो रहा है उसमें इन लोगों का बहुत
बड़ा हा और सिर्फ डेटा में ही नहीं देखा गया कि यह क्राइम इंक्रीज हो रहा है अभी
लास्ट अगस्त में ऐसा देखा गया है कि जर्मनी का एक छोटा सा सिटी है जिसका नाम
है सोलंगे वहां 1 लाख से ज्यादा लोग गैदर हुए अपने सिटी का जो एनुअल फेस्ट है उसको
सेलिब्रेट करने के लिए वहां एक नाइफ अटैक होता है और उसमें तीन लोगों की मौत हो
जाती है और आठ से ज्यादा लोग घायल हो जाते हैं और ऐसा पांच लोग सीवियर इंजर्ड होते
हैं बाद में पुलिस के द्वारा सस्पेक्ट को अरेस्ट किया जाता है और देखा जाता है कि
वो सीरियन नागरिक होता है 26 ईयर उसका एज होता है और उसका कनेक्शन ऐसे इस्लामिक
रेडिकल ग्रुप से भी बताया जाता है सिर्फ यही अटैक के वजह से ऐसा नहीं बोला जा सकता
कि क्राइम के अंदर इंक्रीमेंट हुआ जर्मनी में बट अभी सितंबर के अंदर भी देखा गया है
कि दो-तीन ऐसे नाइफ अटैक हुए हैं जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं कहीं ऐसा पुलिस के
ऊपर भी अटैक किया गया है इन सारे क्राइम के वजह से जो यहां के लोग हैं यहां के यूथ
हैं वो अपने गवर्नमेंट से क्वेश्चन कर रहे हैं जो माइग्रेशन पॉलिसी है कंट्री के
अंदर उसको चेंज किया जाए या फिर उसके अंदर ऐसे रूल्स को इंप्लीमेंट किया जाए जिससे
कि माइग्रेशन को कंट्रोल किया जाए अभी ऐसा रिसेंट के टाइम में एक सर्वे आया है
जिसमें ऐसा देखा गया है कि 70 पर जो जर्मन हैं वो अनहैप्पी हैं अपने गवर्नमेंट की जो
पॉलिसी है इमीग्रेशन को लेके उससे ये क्राइम का इंक्रीमेंट और इरेगुलर पॉलिसी
जो कि इमीग्रेशन को लेके है जर्मन गवर्नमेंट के द्वारा इसके वजह से जो जर्मन
लोग हैं वो जर्मनी के अंदर एक पार्टी है जिसका नाम है एफडी अल्टरनेटिव फॉर डोलैंड
जो कि फार राइट पार्टी है उनके सपोर्ट में आजकल बहुत ही ज्यादा इंक्रीमेंट हुआ है और
इस पार्टी को बोला जाता है कि एंटी इमीग्रेशन पार्टी और इस पार्टी के जो
सपोर्टर्स हैं वो काफी बढ़े हैं रिसेंट के टाइम में इसका रिजल्ट ये हुआ है कि जर्मनी
के अंदर एक स्टेट पार्लियामेंट का इलेक्शन हुआ और वहां पे सबसे बड़ी पार्टी बनके
उभरी एफडी जर्मनी के जैसा कंट्री के लिए एक बहुत ही शॉकिंग बात है क्योंकि जर्मनी
के अंदर जो पहली बारी ऐसा राइट विंग पार्टी आफ्टर सेकंड वर्ल्ड वॉर जिनको कि
ऐसा मेजॉरिटी मिला है एक स्टेट पार्लियामेंट के इलेक्शन में और एक और
स्टेट के इलेक्शन के अंदर सेकंड सबसे ज्यादा वोट पाने वाली पार्टी वन की जो कि
हिस्टोरिकल विन था इस एफडी पार्टी के लिए जर्मनी में लेकिन अगर देखा जाए तो जर्मनी
के अंदर कोलिजन गवर्नमेंट है जिसको लीड करता है एसपीडी सेकुलर डेमोक्रेटिक पार्टी
ऑफ जर्मनी इनका जो वोट परसेंटेज है वो काफी गिरा है और साथ ही साथ बवेरिया और
हैसन के जो स्टेट है वहां पे ये लोगों ने अपना पिछले 100 साल में सबसे बुरा
परफॉर्मेंस दिया है इस चीज को देखते हुए जो अभी की यहां की गवर्नमेंट है और जो
यहां के चांसलर हैं उनके द्वारा ये डिसीजन लिया गया और ऐसा लोगों को मैसेज देने का
कोशिश किया गया है कि हम लोग भी जो इमीग्रेशन का जो क्राइसिस है जर्मनी के
अंदर उसको लेकर सीरियस हैं क्योंकि अभी 2025 के अंदर जर्मनी के अंदर जनरल इलेक्शन
भी है और जो फार राइट पार्टी का ग्रोथ है उसको देख के ऐसा लग रहा है जर्मनी के अंदर
आने वाला वाले इलेक्शन में फार राइट पार्टी जो एफडी है उसके कोलिजन की कोई
गवर्नमेंट बन जाए और उन लोगों के द्वारा जो एंटी इमीग्रेशन की पॉलिसी है उसको
इंप्लीमेंट किया जाए और जो एफडी है उनके बहुत सारे ऐसे लीडर्स के द्वारा स्टेटमेंट
दिया गया है आने वाले पाच सालों में इमीग्रेशन के ऊपर बिल्कुल बैन लगा दिया
जाएगा रोक लगा दिया जाए फिर पा साल के बाद वो लोग इस चीज को वापस से डिस्कस करेंगे
वी शुड डू द फॉलोइंग एन इमीडिएट बैन ऑन इमग्रेशन एंड
नेचरलाइजेशन फॉर एटलीस्ट फ र् इस पॉलिटिकल प्रेशर के वजह से ही जो जर्मनी के चांसलर
है उन्होंने नाइजीरिया का विजिट किया और वहां के जो गवर्नमेंट है उनसे बात की और
बोला कि 14000 जो अाइलमेर है नाइजीरियंस का जर्मनी के अंदर उनको नाइजीरिया वापस ले
ले जर्मनी चाहता है कि उनको वो वापस डिपोर्ट कर उनको डिपोर्ट करने में जो सबसे
मेन प्रॉब्लम आ रही है जर्मनी के सामने वो यह है कि ज्यादातर लोगों के पास पासपोर्ट
नहीं है और डॉक्यूमेंटेशन नहीं है जानबूझ के भी नाइजीरियन लोग ऐसा अपने पासपोर्ट को
जला दिए हैं डॉक्यूमेंट को फेंक दिए हैं ताकि उनको डिपोर्ट ना किया जाए और ये
क्राइसिस जर्मनी के अंदर सिर्फ नाइजीरियन इमीग्रेंट की वजह से ही नहीं है अफगानी
इमीग्रेंट सीरियन इमीग्रेंट ईरान से बहुत सारे लोग हैं इराक से बहुत सारे ऐसे लोग
हैं जो कि अाइलमेर रुके हुए हैं या फिर बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनका वीजा रिजेक्ट
भी हो गया वो भी जर्मनी के अंदर रुके हुए हैं बट ऐसा नहीं लगता कि जर्मन गवर्नमेंट
के इस सिर्फ डिसीजन के वजह से कि बॉर्डर कंट्रोलिंग को रिइंट्रोड्यूस कर देंगे
इससे इमीग्रेशन का जो क्राइसिस है जर्मनी के अंदर रुक जाए या फिर जो प्रॉब्लम है
जर्मनी के अंदर इमीग्रेशन को लेके वो खत्म हो जाए लेकिन ये एक लोगों को साफ-साफ
मैसेज देने का कोशिश है कि जो गवर्नमेंट अभी जर्मनी के अंदर चल रही है वो
गवर्नमेंट भी इमीग्रेशन क्राइसिस को लेके काफी सीरियस है वो लोग भी इस चीज को टैकल
करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आगे आने वाले चुनाव में उनको प्रॉब्लम क्रिएट ना
हो इमीग्रेशन क्राइसिस को लेके ये एक सिर्फ डिसीजन जर्मन गवर्नमेंट के द्वारा
लिया गया है संगन के अंदर 29 कंट्रीज उनके अंदर जो कॉमन अंडरस्टैंडिंग है बिजनेस को
लेकर उस परे इंपैक्ट पड़ सकता है और इससे क्या हुआ कि ओवरऑल जो यूरोपियन यूनियन की
इकोनॉमी है उस पर बहुत बड़ा इंपैक्ट पड़ेगा इस डिसीजन की वजह से सिर्फ यही
सारे प्रॉब्लम्स नहीं आएंगे जो कि बिजनेस को इंपैक्ट करेगा या फिर ट्रेवल को
इंपैक्ट करेगा इकोनॉमी को इंपैक्ट करेगा बट जो नेटो मेंबर है इन सारे कंट्रीज के
अंदर उनका जो रिलेशनशिप है एक दूसरे के साथ उस पर भी दरार आ सकती है मैं ये इसलिए
बोल रहा हूं जो संगन के अंदर 29 कंट्रीज है या फिर नेटो के जो मेंबर कंट्रीज है
उनमें दरार आ सकता है उन प्रॉब्लम क्रिएट हो सकता है यूरोपियन यूनियन के इकोनॉमी जो
है वो प इंपैक्ट क्योंकि अभी स्टेटमेंट आया रिसेंट के अंदर पोलैंड के गवर्नमेंट
के द्वारा और वहां के जो प्राइम मिनिस्टर है उनके द्वारा यह बोला गया हैन यूनियन की
जो पार्लियामेंट है वहां इस डिसीजन को इंप्लीमेंट करने से पहले डिस्कस किया जाना
चाहिए था उसके बाद ही इस डिसीजन को रिव्यू करके इंप्लीमेंट किया जाना चाहिए पोलिश
प्राइम मिनिस्टर को बलिन डिसीजन अन एक्सेप्टेबल एंड डिमांडेड अर्जेंट
कंसल्टेशन साथ ही साथ जो ऑस्ट्रिलिया गवर्नमेंट है उनका भी स्टेटमेंट आया है कि
जर्मनी से जो भी रिफ्यूजी या फिर जो माइग्रेंट रिफ्यूजी वनके बॉर्डर के तरफ
आएंगे ऑस्ट्रेलिया के उनको हम लोग एक्सेप्ट नहीं करेंगे अपने कंट्री के अंदर
जाने नहीं देंगे ऑस्ट से द इ व रिफ्यूज टू टेक बैक एनी माइग्रेंस रिफ्यूज द जर्मन
बोर्डर चेक रिपब्लिक जो कि जर्मनी से बॉर्डर शेयर करते है वो लोग भी इस डिसीजन
के अगेंस्ट हैं उन्होंने भी बोला है कि यह डिसीजन जर्मनी को पहले डिस्कशन करना चाहिए
बाकी यूरोपियन यूनियन के कंट्रीज से उसके बाद ही इंप्लीमेंट करना चाहिए था और यह जो
स्टेटमेंट आ रहा है पोलैंड के द्वारा हंगरी के द्वारा चेक रिपब्लिक के द्वारा
इन फ्यूचर हो सकता है जो बाकी कंट्रीज हैं यूरोपियन यूनियन के अंदर स्पेशली वो
कंट्री जो कि जर्मनी से बॉर्डर शेयर करते हैं और इवन दो सबसे बड़ा इंपोर्टेंट कि
फ्रांस अगर इस चीज को लेके अगेंस्ट आ जाता है तो जर्मनी के लिए बहुत बड़ा प्रॉब्लम
क्रिएट हो सकता सिर्फ जर्मनी के अंदर ही इस चीज को लेक प्रॉब्लम क्रिएट नहीं होगा
इसके वजह से यह हो सकता है कि जो टोटल यूरोपियन यूनियन है उसका भी
कोलप्पन हो जाए और नेटो और यूरोप के लिए बहुत बड़ा प्रॉब्लम क्रिएट हो सकता है
जर्मनी अदर नेबर्स इंक्लूडिंग खिया स्लोवाकिया हंगरी स्लोवेनिया स्विटजरलैंड
क्रोएशिया एंड मेबी इवन फ्रांस वल प्रोबेबली डू द सेम पेविंग द वे फॉर अ
टोटल कैप्स ऑफ शेन और आप लोग क्या सोचते हो जर्मनी का ये जो डिसीजन है उसको लेके
यूरोपियन यूनियन के अंदर जो प्रॉब्लम क्रिएट हो रहा है उसको लेके कमेंट्स में
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