RAJADARBAR MURTIରାଜଦରବାରରେ ସ୍ଵର୍ଣ୍ଣ ମୂର୍ତ୍ତି ବିକାଳୀ | Satya Pathe Gheni Jao Mote | Kalpana Tripathy

जने राजा ले महाराजा से राजा हम समस्ते जा राजा ना हो चंद्रगुप्त जो चंद्रगुप्त गुरु ले चणक चाणक्य जो नीति निर्धारित था को मावा पा चंद्रगुप्त सब जोक [प्रशंसा] [संगीत] चंद्रगुप्त किंतु कोन मूर्ति पति खना प्रति त अल प्रकार भाव दिन कथा चंद्रगुप्त कन कर ना राज दर लाग से राज दरब को ह जने सदागर राज दरबार प प को जन को कले ची चंद्रगुप्त कर राज दरबार बसी ना के आ मो कथा नहीं क को ना मु तीनी मूर्ति से तीन मूर्ति म राजा को दवाले कौन मूर्ति मूर्ति का देख को मति समान किंतु दाम भीन जीवन के भीना मूर्ति देख मूर्ति भता कौन चंद्रगुप्त को चंद्रगुप्त ज महामंत्री की पचार महामंत्री आज राज स राज दरब विश क की कौन वि कथा मूर्ति कथा जने सदा से और से तीनोटी मूर्ति से आपन को महाराज को दे मति विश चंद्रगुप्त आश्चर्य बले [संगीत] जा स [संगीत] ज जथा मान राज को प्रपात न अला ना तीन मूर्ति न मूर्ति देख ज ज समाने उच्चता आख नान सब समाने दे को प्रकार भिन भन दाम [संगीत] ना यह जो प्रथम मूर्ति नंबर मूर्ति यारे मूर्ति दाम हो एक लक्ष स्वर्ण मुद्रा मूर्ति ज आप रख मते ग लक्ष स् मुद्रा दे द ना द्वितीय मूर्ति देख दय मूर्ति पाई म हज [संगीत] चंद्रगुप्त य य जो मूर्ति दे य मूर्ति ग स् मुद्रा दे मूर्ति चंद्रगुप्त कन्फ्यूज सं दे मूर्ति समाने देख [संगीत] चंद्रगुप्त काम तु न क सु बा लो आप को परी कर जन आप [संगीत] [संगीत] सकेट बालो लो जन पर चंद्रगुप्त दासी पुत्र ी महाराजा करने चंद्र जा सामना या प्र प राजा जो महा मति कीका स र मति ख प जा सौदागर चली गले चंद्रगुप्त कौन सम प्र क [संगीत] [प्रशंसा] ररा तो या ज ना कान ज जा समान प्र राजा को छो जो कर्मचारी को प महाराज जा ने जा ठीक खबर दियाला महा गुरु को चाणक्य कले मु बुझी पनी तीन मूर्ति असला राज दरबार को मते के बुवा दरकार जो नी मूर्ति प्रद

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