जैसे ही ये आदमी इस बर्फ के पीस को रेत पर छोड़ता है तो वो स्मूथली स्लाइड करने लगती है लेकिन जब वो ऐसा पत्थर के साथ करता है तो वो जरा भी नहीं हिलता असल में यह है ड्राई आइस जो पानी से नहीं बल्कि co2 गैस के फ्रीज होने से बनती है इसीलिए जब यह मेल्ट होती है तो पानी में नहीं बल्कि सीधा co2 गैस में कन्वर्ट होती है जिससे ड्राई आइस और रेत के दरमियान एक लेयर सी बन जाती है और ड्राई आइस इजली मूव कर पाती है