Richter Scale क्या होता है? | What is Richter Scale in Hindi? | Richter Scale Explained in Hindi

जय हिंद दोस्तों आज के एक और इस नए वीडियो में हम जानेंगे रिक्टर स्केल के विषय में जहां पर हम अच्छे से समझेंगे कि आखिर ये रिक्टर स्केल क्या होता है और आज के समय में इस रेक्टर स्केल का यूज कहां पर और क्यों किया जाता है तो चलिए दोस्तों स्टार्ट करते हैं और जानते हैं दोस्तों बीते कुछ महीनों में आपने नोटिस किया होगा कि इंडिया में लगभग हर महीने कोई ना कोई भूकंप आ जाता है और स्पेशली बात करें जब नॉर्थ इंडिया की जहां पर बिहार राजस्थान उत्तर प्रदेश या फिर दिल्ली यहां पर आए हर महीने आपको भूकंप देखने को मिलता है लेकिन दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप न्यूज़ में यह सुनते हैं कि यह भूकंप आया जिसकी तीव्रता थी 5.5 5.6 या फिर सेन तो यह चीज कैसे मेजर की जाती है कैसे पता लगाया जाता है कि आखिर कोई भूकंप कोई अर्थ क्क कितना तेज था उसकी तीव्रता कितनी थी तो इस काम को करने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है रेक्टर स्केल को जिसकी बात आज इसके वीडियो में हम कर रहे हैं दोस्तों बात है साल 1935 की जब एक अमेरिकन साइंटिस्ट ने इसका ईजाद किया और इस साइंटिस्ट का नाम था चार्ल्स एफ रिक्टर दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा यह जो रिक्टर स्केल है यह बेसिकली करता यह है कि जब भी कोई भूकंप आता है कोई अर्थक्वेक आता है तो उसमें जो एनर्जी प्रोड्यूस होती है अर्थ की सरफेस पर जो तरंगे निकलती हैं उनको यह स्टडी करता है उनको यह न्यूमेरिकल वे में एक्सप्रेस करता है है जब आप रेक्टल स्केल को ऑब्जर्व करेंगे तो आपको पता चलेगा कि इस पर एक से लेकर 10 तक नंबर्स आपको देखने को मिलते हैं जो ये दर्शाते हैं कि अगर हम भूकंप को इसके जरिए मेजर करते हैं तो इसमें से कोई एक वैल्यू हमको देखने को मिलेगी यानी कि जब मान लीजिए कोई भूकंप आया उसकी तीव्रता थी 5.5 तो वो एक से 10 के अंदर ही आपको देखने को मिलती है नॉर्मली हालांकि ये जो रिक्टर स्केल है ये ओपन एंडेड डिवाइस है यानी कि इसके मेजर करने की जो अधिकतम सीमा है मैक्सिमम जो इसकी लिमिट है वो डिसाइडेड नहीं होती है वो कितना भी अपर जा सकता है लेकिन अभी तक के जो इतिहास के अंदर आप देखें अर्थक्वेक्स आए हैं वो मोस्टली आपको एक से 10 के बीच में देखने को मिलते हैं जिसका कारण है कि रिक्टर स्केल पर भी आपको एक से 10 तक के आंकड़े देखने को मिलते हैं दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि ये जो रिक्टर स्केल होता है इसको हम दो पार्ट्स में डिवाइड कर सकते हैं दो भागों में इसको बा सकते हैं जिसमें एक से पांच तक की जो श्रेणी वाले भूकंप रहते हैं जहां जिनको इस पर मापा जाता है वो यहां पर नुकसानदायक या ज्यादा नुकसानदायक नहीं होते हैं लेकिन जब बात आती है पांच से ऊपर के वाले भूकंप की जिसमें पांच हो गया छह हो गया सात हो गया आठ हो गया ये यहां पर तबाही लाने के लिए कहीं ना कहीं कह सकते हैं आप एक तरीके से सक्षम होते हैं कि अगर सात की या आठ की तीव्रता का भूकंप आ जाए या फिर अर्थ को आ जाए तो वहां पर वह पूरे एरिया को टहल मस करने के लिए सक्षम होता है दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा यह जो रिक्टर स्केल है बेसिकली इसका काम यही है कि जब कोई अर्थक्वेक आता है तो उसकी इंटेंसिटी को उसके द्वारा एनर्जी जो प्रोड्यूस की गई है उसको मेजर करता है जो वेव्स प्रोड्यूस हुई है उस अर्थक्वेक से उसको पता लगाता है साथ ही वो जो अर्थक्वेक आया है वो कितनी डेप्थ में जनरेट हुआ है कितनी गहराई के अंदर वो बना है इसके इसका भी पता लगाने का काम करता है यह रिक्टर स्केल तो दोस्तों अब मैं उम्मीद करता हूं कि आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि आखिर ये जो ये कह सकते हैं रिक्टर स्केल है ये क्या है और इसका यूज क्या है और ऐसी इंफॉर्मेशन वीडियोस को देखते रहने के लिए हमारे इस

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