इस वक्त हम दुनिया के मुश्किल तरीन दुश्वार गुजार बॉर्डर पाक अफगान बॉर्डर पर मौजूद हैं पाकिस्तान का वेस्टर्न बॉर्डर जो कि एक ऐसी जगह पर है कि जिसको शायद बाहर से देखने वाले दुनिया के लोग जो यहां आते नहीं है या आ नहीं सकते उनका शायद इस बारे में यह ख्याल होगा कि दुनिया के किसी भी बॉर्डर की तरह बहुत इजी टू मैनेज होगा मगर हम माज में भी कोशिश करते रहे अभी दोबारा भी कोशिश करेंगे कि आपको बता सकें कि 66000 77000 मीटर बुलंद इन पहाड़ियों में जहां पर सर्दियों में आमदो रफत का सिलसिला तक मुनकता हो जाता है आपने सरवाइव कैसे किया वह अल्लाह ताला के हाथ में हम आपको आज उन जवानों से मिलाएंगे 6 सितंबर यौमे शोहदा यौमे दिफाई पाकिस्तान इससे ज्यादा अच्छी और रेलव एट जगह पर नहीं मनाया जा सकता कि आज आपको इस हकीकत से रोशना कराएं कि यह वह बॉर्डर है कि जिसके लिए जान को जोखों में डालकर यहां पर दिनों रात गुजारने पड़ते हैं अपने प्रोग्राम में जूं जूं आगे बढ़ेंगे आप आपको बताते चलेंगे कि हमने इस पोस्ट पर यौमे दिफाई और दुनिया को जो टास्क और जो ड्यूटी बहुत नॉर्मल लगती है बहुत ऑर्डिनरी लगती है जिस पर प्रोपेगेंडा किया जाता है कि 80 फ दिफाई बजट खा जाते हैं तो वह 80 फ दिफाई बजट हकीकत में वह 16 फीसद से भी कम है और उस 16 फीसद में यह किस तरीके से अपनी जानों के नज़राने देके यहां पे इन बॉर्डर्स की सिक्योरिटी को सिक्योर करते हैं आज का दिन पाकिस्तान की सिक्योरिटी फोर्सेस के नाम और पाकिस्तान अफगानिस्तान बॉर्डर के के ऊपर मौजूद इन जवानों की हिम्मत को सलाम के साथ गुजारेंगे तो चलिए ये जो तफरी की जाती है अफसर और जवान की इन पहाड़ों में आके इन संगला चट्टानों में आके वो तफरी की जो कलई है या उनके जो दावों केतना मुतजेंस अप का अपने कैमरा के इस लेंस पर आपको दिखाना मकसद यही है कि प्रोपेगेंडा का तोड़ किया जा सके जो लोगों के जहन में नर की शक्ल में जहर की शक्ल में भरा जा रहा है मेरे साथ इस वक्त इस पोस्ट की सिक्योरिटी वल पर यह जवान मौजूद है उनके एसासा जानते हैं मफा के हवाले से अलाम वालेकुम लेकम सलाम टी [संगीत] अफगानिस्तान फ त पो जोड़ सही और डर मलवा सितं ब पाकिस्तान पाकिस्तान तरन दिन दो घ ड्यूटी हर चार घंटे पास दो घंटे ड्यूटी ला ला रोन [संगीत] कम चता सुल मगरी शहीदा याद के स महसूस की शहीन बक ेर अमन सुलेमान सुलेमान का यह कहना था कि शहीद हमारे दिलों में जिंदा है हमारे भाई हैं जाहिर है उनको भुलाना बिल्कुल नामुमकिन है मगर हम वो शहादत को बहुत ज्यादा इसलिए भी हावी नहीं रखते खुद पे कि ये हमारा फर्ज है हमने इसी फर्ज के लिए फोर्स जॉइन की है और इन दीवारों की नहीं मुल्क की दीवारों की हिफाजत करना भी जानते हैं तो अगर हम एक शहीद को हम अपने दिल और दिमाग पर हावी करेंगे कि हमारा नुकसान हुआ है तो कहते हैं ऐसा नहीं है यह हमारा नुकसान नहीं है हमें मजीद पुश करता है कि हमने अपने मुल्क और कौम की इसी तरह खिदमत करनी है यहां बहुत से लोगों को मैंने अभी भी देखा जिनसे शायद 2 साल पहले 3 साल पहले भी मेरी किसी ऑप्स एरिया में ही मुलाकात हुई होगी उनका इंटरव्यू मैंने किसी ऑपरेशनल एरिया में ही किया होगा आज दो-दो तीन-तीन साल के बाद भी वो यहीं पर मौजूद हैं और उनके खानदान में शोहदा भी मौजूद हैं उन्होंने अपने खानदान के अजीजो अकार की इसी आर्मी से इसी एफसी से खिदमत करते हुए अपने शहीदों की लाशें उठाई हैं तो चलते हैं प्रोग्राम के मजीद आगे बढ़ ते हैं और बताते हैं कि शुकड़ी कोर नॉर्थ के जो जवान यहां मसरूफ अमल है उनकी जिंदगी कैसे गुजरती है यौमे दफा 6 सितंबर यम शोहदा 6 सितंबर मैं शंकरे पोस्ट पर ही अभी मौजूद हूं और यहां मेरे साथ एक और ऑफिसर मौजूद है मोहम्मद फारूक कंपनी कमांडर रैंक इनका है कप्तान का और एक तरह से देखा जाए तो इनके फोर्सेस में सफर का ऑलमोस्ट जो है वो आगाज हुए कुछ टाइम हुआ है और बहुत क्रिटिकल जगह पर है इस वक्त क्योंकि जिन्होंने साला साल से इस वरन टेरर में इस सारी बॉर्डर को मैनेज होते देखा है पाकिस्तान की जानिब से तो यकीनन यह जानते हैं कि यह किस कदर एक दुश्वार गुजार जगह है मगर उससे भी बड़ा चैलेंज इस जगह की रखवाली करना है फारूक एक तो ये बताइए यहां पे कितना आपको वक्त हो गया और इस पोस्ट पर आपकी क्या जिम्मेदारी है सलाम वालेकुम मैं एफसी केपी के नॉर्थ में दिसंबर 2023 में पोस्ट हुआ था और इस पोस्ट पे अभी हमें एट एट प्रेजेंट मुझे वन एंड हाफ मं हो अच्छा मुझे फारूक यह बताइएगा कि देखने वालों को अक्सर यह लगता है कि जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर की बात होती है तो इसको एक आम बॉर्डर की तरह लिया जाता है जैसे किसी डेजर्ट में होगा या किसी आम से पहाड़ में होगा मगर जिन हाइट्स को आप लोग देखते हैं जिन हाइट्स के ऊपर आप लोग यहां पर तमाम तर चैलेंस को फेस करते हुए इसको सिक्योर्ड रखते हैं वो जरा शेयर कीजिएगा यहां पे आपको ऑपरेशनल और एडमिनिस्ट्रेटिव दोनों चैलेंज नजर आते हैं जैसा कि आपको पता है आप रास्ते से होकर आई हैं एक तो ये टरेन इतनी मुश्किल है कि इसमें बहुत ज्यादा आपको नजर आएंगे ऐसी जगह कि जो नॉर्मल ऑब्जर्वेशन में नहीं आते फिर उनको ऑब्जर्व करने के लिए हमने डिफरेंट सर्वेस मींस अपने पास रखे हुए हैं जिनको हम बड़ा इफेक्टिवली यूज़ कर रहे हैं और हमारे ट्रूप्स उनको इस्तेमाल करने के लिए बड़ा अच्छे से ट्रेन किए गए हैं तो जिसकी वजह से हम बॉर्डर मैनेजमेंट में हमें आसानी होती है थोड़ा सा अपना और अपने जवानों का थोड़ा सा तर्ज जिंदगी बताइएगा देखने वालों को आई विल बी हाईली अप्रिशिएटिव ऑफ दैट कि आप वो हका बताएं दुनिया को आज यह यौमे दिफाई जो हमारी ट्रेनिंग है दिस इज व्हाट वी आर ट्रेड फॉर जो हमारे ट्रुप्स हैं दे दे आर टफ उनकी स्टार्ट से और थ्रू आउट सर्विस वो इसी पाक पाक अफान बॉर्डर पे उन्होंने अपना टाइम गुजारना होता है तो वो साइकोलॉजिकली भी और फिजिकली भी इतने रोबट होते हैं कि वो इस एनवायरमेंट को इस टेरेन को और जो डिफिकल्टीज यहां पे आती हैं उसको वो सस्टेन कर सके इस वक्त जो एक चाल चली जा रही है पाकिस्तान के सिक्योरिटी फोर्स को खतरा में घेरने की या उनका ध्यान आगे पीछे ब बटाक एक इलीगल स्पेक्ट्रम को पाकिस्तान में जगह देने की उस एनिमी के चैलेंज को आप किस तरीके से वो करते हैं कोप अप करते हैं वी आर एवर रेडी फॉर दैट कि इन केस कभी कुछ होता है तो हम उसको मुंह तोड़ जवाब देंगे जैसा कि हमने वॉर एंड टेरर में अपने दुश्मन पे एक कारी जर्ब लगाई है तो वो हम लगाने के लिए हमेशा तैयार है एंड योर मैसेज टू द नेशन हमारे जवानों का जज्बा इनकी हिम्मत और इनकी बहादुरी वो अ उसको अप्रिशिएट करना चाहिए मेरी अपनी कौम से यही रिक्वेस्ट है और उनको यही मैसेज है कि यू शुड ट्रस्ट पाकिस्तान आर्मी और इसके जवानों पे और हमारे ऑफिसर्स पे जवानों पे इस चीज का यकीन रखें कोई भी इंफॉर्मेशन होती है उसको पहले वेरीफाई करें और फिर उसके बाद उसको फर्द आगे अगर आपने जैसा कि दन और कुरान पाक में बिल्कुल ऐसे ही कुरान मजीद में भी इस चीज पे बताया गया है कि आपने कोई भी चीज करनी है आप उसको पहले वेरीफाई करें आप खुद उसको स्टडी करें तो क्योंकि जब कोई इस तरह की चीज सुनने को मिलती है जैसे हमारे शोहदा के बारे में कोई अगर गलत बात की जाती है तो हमारा भी दिल दुखता है और उन फैमिलीज का भी दिल दुखता है कि जिनके बच्चे और जिनके वालिद इस दुनिया से चले गए हैं जस्ट बिकॉज़ कि वो अ पाकिस्तान कौम की हिफाजत के लिए किसी एक सर्टन पोस्ट पे मौजूद थे फारूक आपका बहुत बहुत शुक्रिया हमारा मकसद यही है कि आपकी जिंदगी को जो यहां तक आ नहीं सकते उनको दिखाना कि ये हैं वो दीवारें कि जिस पर जो इस वक्त कैमफ्लेज में है मगर आप लोगों के लिए शायद इन दीवारों की नौत और है आप लोगों के लिए यह मादरे वतन की दीवारें हैं और आप इन तक किसी की मैली नजर भी नहीं आने देते अल्लाह ताला आप लोगों की हिफाजत करे अपनी अमान में [संगीत] रखे मेरे साथ जो अफसर मौजूद हैं उनका नाम है मेजर उमर जमान मेरे दिल में इनकी इज्जत और भी ज्यादा इसलिए है कि ही इज दैट ऑफिसर के जिनकी फैमिली में भी शोहदा की लेगासी है पोस्ट कमांडर है यहां पर और इससे पहले ये इसी मोमन सेक्टर में वली दद पोस्ट पर मौजूद थे अ इस वक्त अ फ्रंटियर कोर नॉर्थ के साथ एसोसिएटेड है और मजीद बातचीत इस पोस्ट की जो एक क्रिटिकल अ एक सस्टेनेबल क्रिटिकल इंपॉर्टेंस है उसके ऊपर बात करते हैं उमर वेलकम बैक टू समा अगेन आपसे पहले भी बातचीत हुई थी और बड़ी तफसील में आपने इस बॉर्डर की डिटेल्स डायमेंशन चैलेंज बताए थे मगर आज मैं स्टार्ट करूंगी यौमे के लिए बहुत ज्यादा मैटर करते हैं हमारे लिए तो करते ही करते हैं मगर एक फौजी के लिए उसके अपने साथी को जब वो गिर जाता है और उसके जिस्म से रूह चली जाती है वह शहीद का लकब पा जाता है आपने वह मंजर खानदान में भी देख रखा है और आपने अपने साथियों को भी देखा है तो सबसे पहले तो आज 6 सितंबर की इस ट्रांसमिशन समा की खुसूसी इससे आगाज करते हैं कि जरा अपने सेंटीमेंट्स सबसे पहले शोहदा के लिए बताइए जी जैसे मेरे अपने बड़े भाई जिन्होंने 2006 में इसी पाक अफगान बॉर्डर पर दहशत गर्दों के साथ लड़ते हुए जामे शहादत नोश की उसको उनकी बहुदरी पर तम जुरत मिला फिर बाद में जो हमारे शोहदा है चाहे वह 1971 है 1965 है या जो भी वर ऑन टेररिस्ट टेररिज्म के अंदर जो भी हमारे जवान ऑफिसर्स जेसीओ चाहे वह आर्मी के थे चाहे वो फ्रंटियर कोर के थे पुलिस जितने भी हमारे फर्स हैं उनके शोहदा को हम हमेशा और हर वक्त याद रखते हैं और यही हमारी मोटिवेशन भी है कि अब हम जब यहां पर अपने पोस्ट पे और इस मुश्किल हालात में जो ड्यूटी दे रहे हैं यह 19 शदा की बदौलत है कि जो हमें हमेशा एक जिंदा और हमें मोटिवेट रखते हैं आज जो हम एक पीसफुल एरिया में रह रहे हैं पीसफुल एनवायरमेंट बना हुआ है उसमें सिर्फ उन शोहदा के ही कुर्बानी है जिनकी वजह से हमें आज एक सुकून की नींद और एक अमन नसीब हुआ है मुझे उमर अपनी वालिदा के ऐसा साथ बताइए मैं अ शायद इस पर बात करना चाहती थी आपसे अपनी आपकी वालिदा जब आपको देखती हैं एक बेटा वह शहीद शहादत के रुतबे पर फाइस कर चुकी हैं कौम को दे चुकी हैं अब दूसरा बेटा जब उसी तरह एक सख्त जान जगह पर है तो क्या बातचीत होती है आपकी उनसे जब वो आपसे बात करती हैं 2006 के बाद से अभी तक का उनके दिल में वही मोहब्बत होगी अपने बेटे के लिए आज आज भी अक्सर मैंने देखा है अपनी वालिदा को कि वो उनकी जुदाई के देखते हुए उनको रोती है तो हमारे लिए मेरे लिए एक मुश्किल है उनकी जुदाई लेकिन वही मेरी एक मोटिवेशन भी है के जैसे मेरे भाई ने इस मुल्क के लिए जान दी थी तो अगर मुझे भी दोबारा अगर इस मुल्क के लिए जान देनी पड़ी तो मैं पीछे नहीं हटूंगा ईद आती है यम आता है 14 अगस्त आती है तो यह यहां पर क्या माहौल होता है आप लोग अपने जो बिछड़े हुए साथी हैं उनको याद करते हैं देखि जब हमारा एक जवान जो ड्यूटी पर मौजूद होता है उसको हम सबसे पहले यही चीज बताते हैं कि यह इतना आसान नहीं था आज आप जब यहां पर मौजूद है जो आप ड्यूटी दे रहे हैं यह इतना आसान नहीं था यहां पर बहुत से लोग इस एरिया के अंदर भी जब यह जहां पर वार और टेरर चल रही थी इधर बहुत से लोगों ने अपनी जाने दी है और आज जब आप यहां पर टी दे रहे हैं तो आपने आपकी किसी भी किस्म की कोताही नहीं करनी ऐसे नहीं कि अगर आपकी ड्यूटी की किसी भी एक कताई की वजह से कोई भी एक दुश्मन हमारे एरिया से गुजरे या वह कोई रास्ता उसको मिले और वह हमारा एक अमन खराब करे तो उनको और उनके लिए खुद भी वही शोदा की जो कुर्बानिया है उनके लिए भी वही मोटिवेशन है और वो नहीं सोते वो जो आंख इधर से उधर नहीं कर रहा वह एरिया ही देख रहा है अपने एरिया उसको डेजिग्नेट कर दिया गया है कि वह एरिया देखे ऑब्जर्व करे किसी किस्म की भी कोई भी मूमेंट वगर उसको ऑब्जर्व होती है व फरी तौर पर उसको एंगेज करेगा व नहीं देखेगा कि गोली मुझे लगेगी या नहीं लगेगी वह इस मुल्क को ही देखेगा और इस मुल्क की सालम को हमेशा बरकरार रखने के लिए अपनी जान का नजराना पेश करने के लिए 24 घंटे वो तैयार रहेगा अच्छा ये क्या वजह है सिर्फ शहादत का जज्बा आप लोगों को देकर आता है हां पर या कोई ऐसी ताकत है जो आप लोग को यहां पर जमाए रखती है आपके कदम इसके अंदर हमारी बहुत से फैक्टर्स आ जाते हैं हमारी ट्रेनिंग हमारे जो टीचर्स जिधर हमारी पीएमए के अंदर ट्रेनिंग होती है हमारे पलटून कमांडर्स फिर इन शोदा की कुर्बानियां फिर इन जो और उनकी मांओं की दुआए उनकी बहनों की मा की दुआए फिर जिस एरिया में हम ड्यूटी दे रहे हैं लोगों की उम्मीदें पाकिस्तान के लोगों की उम्मीदें आते हैं ये सब गांव के लोग आप लोगों से मिलय आते वक्त भी गांव के लोग अक्सर वेव कर रहे थे आप लोग की गाड़ियों को देखकर आप लोगों के लोगों को देखकर तो जब ये आते हैं इनका आपसे मिलना जुलना कैसा होता है जब मैं गुजरता हूं और इनकी तरफ से जब वो यह मुझे लोग नहीं जानते हैं मैं इस एरिया से बिलंग नहीं कर रहा किसी और जगह का रहने वाला हूं लेकिन यह हम फौजियों को देखते हुए जो हाथ हिलाते हैं तो हमें यही महसूस होता है कि मैं कहीं दूर नहीं हूं यही पाकिस्तान मेरा घर है पाकिस्तान और यही मेरे लोग हैं मैं अगर इस एरिया में ड्यूटी दे रहा हूं तो इसी लोगों की भी एक मोटिवेशन शामिल हो जाती है कि यार जब मैं गुजर रहा था तो ये लोग एक उम्मीद से हाथ हिला रहे थे कि ये हमारे प्रोटेक्टर हैं उमर आपका बहुत शुक्रिया आपसे आपकी जब भी आपकी वालिदा का जिक्र आता है तो हमेशा दिल को एक चीज जाकर लगती है क्योंकि आगे हमें भी हमें नहीं पता कि हमारी आगे आने वाली नस्लों में कौन आपके फुटप्रिंट्स पर चलेगा कौन हो सकता है कल को मेरा अपना बेटा यहां इसी जगह आपकी जगह खड़ा ड्यूटी कर रहा हो मेरी अपनी बेटी शायद यहां पर आप ही का कहीं ना कहीं हाथ बटा रही होगी किसी ना किसी कैपेसिटी में तो वी नेवर नो कि व्हाट एगजैक्टली इज लाइंग अहेड फॉर आवर जनरेशन बट लॉट्स ऑफ प्रेयर्स फॉर यू और आपकी वालिदा की भी जुरत और जज्बे को सलाम अ उमर और इन जैसे सारे जितने शहजादे हैं हमारे इन सबको अ ना सिर्फ सलाम बल्कि जब भी हम यहां से होकर जाते हैं तो जब दुआ के लिए हाथ उठते हैं तो कभी ऐसा नहीं हुआ कि सिर्फ अपने खानदान के इस दुनिया से गुजरे हुए लोगों के लिए मैंने दुआ की हो हमेशा उमर भी इस जैसे दूसरे अ जो लोग हैं जो यहां पर इस वक्त बिल्कुल सामने हैं इनके और दुश्मन की गोली के दरमियान सिर्फ एक ये ईंट गारे और मट्टी और पत्थर की दीवार है मगर उन्हें फर्क नहीं नहीं पड़ता उन्हें फर्क पड़ता है जब वह जरा सा भी कभी अ एक मुल्क मुखालिफ प्रोपेगेंडा देखते हैं दुश्मन का प्रोपेगेंडा देखते हैं और कुछ अपनों का भी प्रोपेगेंडा देखते हैं तो वह यह भी देखते हैं कि यह झंडा उनके सर पर उनकी सलामती का जामिन है तो यहां से शंकड पोस्ट जो है अब प्रोग्राम के खतामी मराल की तरफ जाते हैं आप अकब में आवाजें भी सुन रहे होंगे लहू गरमाने का यह एक तरीका नहीं है बल्कि यह लहू गरमाई रखता है नारा त वर इनके लिए सब माने रखता है और उसके बाद यह अपने दिन का दोबारा आगाज करते हैं इसी जोश और इसी जज्बे के साथ ये कितना एरिया आ रहा है अफगानिस्तान का ये अफगानिस्तान का तकरीबन 4 500 मीटर एरिया है अच्छा और इसमें उनकी कोई पोस्ट वगैरह है इसके उसकी पोस्ट है अच्छा तो वो आप लोगों के पूरे इस रेडियस में नजर रहती है इन कैंप्स के थ्रू जी जी और अगर यहां से रात में कभी कोई इफिल्टर हो तो तो हमारे साथ इधर लीजन कैमरा लगा हुआ है हम इसके जरिए भी उसको देख सकते हैं ठीक है नाजरीन ये कंट्रोल रूम है मॉनिटरिंग रूम भी आप इसको कह सकते हैं और ये फुली इक्विप्ड है इस वक्त और ये जो भाई है इस वक्त हजरत नाम है इनका ये इस कंसोल पर इनकी ड्यूटी है कि ये यहां पर जो भी जरा सी भी हैपनिंग होती है वो यहां पर ये रिसीव करते हैं फौरी तौर पर अफसरा ने बाला को उसकी खबर करते हैं इस वक्त इस रूम में बहुत सारे सेंसिटिव मैप्स भी है इसलिए हम थोड़ा सा कंपैक्ट होकर काम करेंगे दूसरा आहम जो है इस कंट्रोल रूम का हिस्सा वो यह है मैं इस दूसरे भाई से भी बात करूंगी मगर पहले मैं जरा हजरत से जल्दी से बात करती हूं हजरत मुझे यह बताए कि यहां पर आपका मेन काम क्या है क्या ड्यूटी है आपकी इधर कोई मसला बनता है तो हम ब डायरेक्ट ऑफिसर को बता द इधर हमारे साथ कैप्टन साहब है कैप्टन उमर फारूक साहब और जब इधर से कोई बात होती है तो हम नीचे उसको करते ू करते यहां पर वेपन भी पड़ा है तो मतलब अगर आपको यहां कोई खबर मिली तो आप खुद भी यहां से वेपन लेके फॉल तौर पर पार्टी को जॉइन करते हैं नहीं मैडम हम इधर ही रुकेंगे और दूसरे बंदे वो वेपन के पीछे आएंगे बस वो वेपन उठाएंगे और हमारे साथ अपना वेपन भी है लेकिन हम इधर ड्यूटी करेंगे ओके तो एसओ पी ये है कि जैसे ही इनको यहां पर कोई तला आती है किसी नागनी की ये अपनी जगह नहीं छोड़ेंगे दे हैव टू होल्ड देयर फोर्ट मगर ये जो वेपन यहां पर मौजूद है ये इनके बाकी साथियों के लिए एक रिइंफोर्समेंट है कि वो आकर यहां से मजद अलाह भी ले जा सकते हैं अगर जरूरत पड़ी तो यह दोनों साहिबान यहां से जाकर अपने साथियों की मदद कर सकते हैं बशर्ते यह कि कोई ऐसी सूरते हाल बनी हो कोई अन टुवर्ड सीनो यहां पर दूसरे भाई हमारे बैठे हैं इनका नाम है मुजाहिद मुजाहिद के सामने इस वक्त एक मॉनिटरिंग जो मॉनिटर है वह इंस्टॉल्ड है और मैं उनसे पूछती हूं कि वह क्या करते हैं यहां पे और यह जो व्यू इस वक्त आ रहा है उससे भी आपको आगाह करें कि ये क्या है मुजाहिद भाई अस्सलाम वालेकुम वालेकुम सलाम क्या कर रहे हैं अभी इधर हम ड्यूटी देते हैं यह अफगानिस्तान सेट प जो मूवमेंट नजर आती है तो हम डायरेक्टली हमारे साथ इधर कंपनी जीसी होता है और कपनी अफसर होता है हम इसको डायरेक्ट बताते हैं हां डायरेक्ट उसको बताते हैं फिर वो आगे बताते हैं अच्छा मुझे ये भी बताए जो भी हमें मॉनिटर प नजर आ र है ये अफगानिस्तान का कितना एरिया नजर आ रहा है और इसमें उनकी सारी पोस्ट नजर आ रही है ये अफगानिस्तान का जो शंख दरा इला का है ये हमें नजर आता है जिधर इधर मूवमेंट नजर आता है तो हम डायरेक्टली उसको आप सर को बताते अब मुझे एक सबसे अहम चीज यह बताइए कि अब तक यहां पर कभी इस तरह इस सारे सिस्टम से आप लोगों को कभी किसी बड़े हमले की इला मिली या कभी कोई ऐसी मूवमेंट की तला मिली जिसको आपने बर वक्त रोका हो या अभी तक हालात जो है वो आपके कंट्रोल में है अभी तक इसी तरह कोई मसला नहीं है य मैडम जब इसी तरह कोई मसला तो अभी तक नहीं है हम ड्यूटी दे करते हैं और देखते हैं अगर कोई इसी तरह मसला होता है तो हम डायरेक्ट अफसर को बताते हैं और अफसर वो डायरेक्ट नीचे वो हेड क्वार्टर को इला देते फिर हम इस को रोकते है बहुत शुक्रिया मुजाहिद आपका यह कंट्रोल रूम बताने का मकसद यह था कि बॉर्डर मैनेजमेंट के हवाले से पाई जाने वाली तमाम तर गलतफहमियां दूर की जा सके के शायद यहां पे तमाम तर मैनुअल सिस्टम है नो इट्स नॉट मैनुअल इट्स डिजिटल 6 सितंबर का दिन हो और आप ऐसी पोस्ट पर मौजूद हो जो 214 विंग हो फ्रंटियर कोर की और उसके इर्दगिर्द संगला पहाड़ चट्टाने मट्टी पत्थर और इसके अलावा कुछ ना हो और अगर कोई इंसान इनी आबादी हो भी तो वह आपसे कोसों दूर हो कि जिन तक आप शायद दिनों तक इंतजार करें उन तक पहुंचने का उस सूरते हाल में पाकिस्तान के यह तमाम शहजादे यहां मौसम के तगुर की परवाह किए बगैर अपनी जानों को यूं हथेली पर रखकर अपने मादरे वतन के दिफाइड खुदा जाने कल इनमें से किसके साथ गाजी के तौर प किसके साथ शहीद के तौर पर मुलाकात हो उस वक्त के लिए दुआ गों हैं इनके लिए कि अल्लाह ताला इन सबको अपनी अमान में रखे हम आपसे इजाजत चाहेंगे शुकड़ी कोर और इन तमाम तर लोगों को पाकिस्तान के तमाम तर लोगों के साथ छोड़े जाते हैं अल्लाह की हिजो अमान में नारा तकबीर अल्लाहू अकबर नारा तकबीर अल्लाहू अकबर पाकिस्तान जिंदाबाद पाक पाक जिंदाबाद एफसी नाथ जिंदाबाद