कैसे नासा बचा लाएगा सुनीता विलियम्स को? | How Sunita Williams Stuck in Space? |NASA | ...

यह दो एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं सुनीता विलियम्स अमेरिकन एस्ट्रोनॉट हैं जो 10 दिन के मिशन के लिए आईएसएस पर अपने पार्टनर बेरी बिल मोर के साथ गई थी और आज उन्हें दो महीने से भी ज्यादा हो गए हैं पर अभी भी नासा के पास कोई ऑफिशियल डेट नहीं है कि यह दोनों वापस कब पृथ्वी पर लौटने वाले हैं क्योंकि इन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से वापस लाने वाले स्टार लाइनर स्पेस क्राफ्ट में मल्टीपल पार्ट्स फेल पाए गए हैं और इंजीनियर्स का साफ-साफ कहना है कि इस रॉकेट के साथ अर्थ एटमॉस्फेयर में एंट्री करने पर एस्ट्रोनॉट की सेफ्टी की कोई भी गारंटी नहीं है दोस्तों एग्जांपल के तौर पर कहूं तो हमें कल्पना चावला जैसा एक्सीडेंट दोबारा देखने को मिल सकता है तो आखिर सुनीता विलियम्स इस तरह कब तक स्पेस में फंसी रहेंगी आखिर उनके स्पेस क्राफ्ट में क्या प्रॉब्लम है और कैसे इलन मक्क इन दोनों एस्ट्रोनॉट की जान को बचाने के लिए एक मेजर रोल निभा सकते हैं तो चलिए दोस्तों आगे बात करते हैं शुरू से 1 फरवरी 2003 पृथ्वी के आसमान में लोगों ने एक ब्लास्ट के साथ बड़ा सा आग का गोला देखा जो वर्ल्ड वाइज न्यूज़ चैनल पर कवर किया गया था यह कोई मूवीज में दिखाई गई वीडियो नहीं थी बल्कि यह आ कोलंबिया स्पेस सेंटल की थी अमेरिका की फेमस बोइन कंपनी द्वारा बनाया गया स्पेस रॉकेट जो कि सात एस्ट्रोनॉट के साथ आईएसएस यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 15 दिन के मिशन के बाद वापस पृथ्वी पर लौट रहे थे लेकिन मिशन लॉन्च के दौरान एक हीट सील फॉर्म की टूटकर स्पेस सेंट्रल से टकराने पर उसमें एक होल यानी कि सुराख हो गया जिसके चलते स्पेसक्राफ्ट वापस पृथ्वी के एटमॉस्फेयर में एंटर कर रहा था पब एटमॉस्फेयर की गैस ने उसमें इतनी तेजी से एंटर किया कि पूरे सेंटल का टेंपरेचर काफी ज्यादा हो चुका था जिसे स्पेसक्राफ्ट झेल नहीं पाया और पूरा स्पेस क्राफ्ट एक आग के गोले में बदलकर ब्लास्ट हो गया और इसमें मौजूद सभी सातों एस्ट्रोनॉट की जान चली गई जिनमें से एक इंडियन एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला की जान चली गई जिनका जन्म भारत के हरियाणा में हुआ था यह एक्सीडेंट एमिकल इतिहास के कुछ सबसे ट्रैजिक घटनाओं में से एक है इसके बाद माना जाता है कि नासा और दूसरी स्पेस एजेंसी ने एस्ट्रोनॉट की सेफ्टी के लिए अपने रॉकेट और भी ज्यादा बेहतर बनाए ताकि इस तरह का एक्सीडेंट दोबारा कभी ना हो पर क्या सच में क्योंकि कुछ महीने से जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर चल रहा है उसे देखकर तो ऐसा नहीं लगता कि क्योंकि जो स्पेसक्राफ्ट की खराबी की घटना कल्पना चावला के दौरान हुई थी कुछ वैसा ही इवेंट रिपीट दोबारा भी हो सकता है और इस बार की घटनाओं में भी बोइंग कंपनी का रॉकेट है यह है सुनीता विलियम्स अमेरिका में जन्मी एस्ट्रोनॉट जिसके पास किसी महिला द्वारा 50 घंटे 40 मिनट की सबसे लंबी स्पेस बॉक का वर्ल्ड रिकॉर्ड है साथ ही साथ सुनीता पहली महिला है जो र बाइटल स्पेसक्राफ्ट की टेस्ट पायलेट रही हैं 1998 में नासा को जवाइन करने वाली सुनीता ने 2012 से अब तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कई मिशन किए हैं लेकिन उनके रिसेंट आईएसएस मिशन में कुछ ऐसा हुआ है कि जिसके कारण उनका 10 दिन चलने वाला मिशन अभी तक खत्म नहीं हो रहा है और आज सुनीता को दो महीने से भी ज्यादा हो चुके हैं क्योंकि उनके पास पृथ्वी पर वापस आने के लिए एक सेफ स्पेस क्राफ्ट भी नहीं है और जिस बोइंग स्पेस क्राफ्ट में गई थी ना उसमें कुछ टेक्निकली खराबी चल रही है जिसके साथ अगर उसने पृथ्वी के एटमॉस्फेयर में एंटर किया तो एक बड़ा खतरा हो सकता है 5 जून 2024 कैप कैनिबल स्पेस फोर्स स्टेशन फ्लोरिडा बोइंग स्टार लाइनर स्पेस क्राफ्ट ने एस्ट्रोनॉट बेरी बिल मोर और सुनीता विलियम्स के साथ अर्थ में 460 किलोमीटर ऊपर स्पेस में फ्लोट हो रहे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की ओर उड़ान भरी इस स्पेस क्राफ्ट का यह पहला आईएसएस मिशन था और अर्थस आईएसएस तक पहुंचने की जर्नी स्टाइल लाइनर ने यह सक्सेसफुल ही तैयार की और 6 जून को आईएसएस पर पहुंचकर दोनों एस्ट्रोनॉट शिफ्ट हो गए नासा का यह प्लान था कि वह इस मिशन में दोनों एस्ट्रोनॉट को करीब 8 दिन तक आईएसएस पर रखेंगे जिसमें इस दौरान दोनों एस्ट्रोनॉट आईएसएस पर कई तरह के एक्सपेरिमेंट भी परफॉर्मेंस करेंगे और फाइनली 14 जून को दोनों एस्ट्रोनॉट इसी स्पेसक्राफ्ट के जरिए वापस पृथ्वी पर लौट आएंगे लेकिन कुछ भी प्लान के अकॉर्डिंग नहीं रहा क्योंकि आईएसएस पर जाने के दौरान ही एस्ट्रोनॉट ने स्टार लाइनर के कंप्यूटर में कई ईमेल फंक्शन रिपोर्ट किए शुरू में इन अलर्ट को काफी हल्के में लिया गया और नासा ने इन्हें फिक्स करने का काम एस्ट्रोनॉट बैरी बिल मोर और सुनीता बिलियंस को देते हुए नेक्स्ट रिटर्न डेट को 26 जून कर दिया गया और वैसे भी स्टाइल लाइनर अर्थ से 400 किमी ऊपर है और बई का कोई भी इंजीनियर स्पेस में जाकर तो स्टाइल लाइनर के खराब पार्ट को चेंज या फिर सही नहीं कर सकता इसलिए अब जिम्मेदारी इन्हीं दो एस्ट्रोनॉट के ऊपर है कि वह अपने स्टाइल लाइनर को सही करें और वह खुद ही सेफ पृथ्वी पर लौट सके

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