Vladimir Putin के इस फैसले ने उड़ाई US और Israel की नींद, Palestine को BRICS में शामिल होने का ऑफर

[संगीत] एक तरफ जहां इजराइल फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में नहीं मानता तो वहीं दूसरी ओर ईरान और रूस समेत दुनिया के कई देश इजराइल और फिलिस्तीन के बीच टू स्टेट थ्योरी को मानते हुए फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता देते हैं वहीं अब रूस ने एक नई चाल चलते हुए इजराइल समेत अमेरिका को भी चौकाने का काम किया है दरअसल ब्रिक्स देशों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है पिछले साल ईरान को इसमें आमंत्रित कर इस साल जनवरी में उसे आधिकारिक रूप से ब्रिक्स का सदस्य घोषित कर दिया गया और अब पुतिन ने फिलिस्तीन को ब्रिक्स में आमंत्रित कर अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देने का काम किया है आपको बता दें कि ब्रिक्स को पश्चिमी इकोनॉमिक और पॉलिटिकल वर्चस्व के विकल्प के रूप में देखा जाता है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिलिस्तीन को ब्रिक्स में शामिल होने का आमंत्रण देकर अमेरिका को एक और गहरी चोट दे दी है अपने इस फैसले से पुतिन ने एक साथ कई चीजें साधने का प्रयास किया है पहला तो वह एक और देश को अपना समर्थक बना लेगा और दूसरी बात कि वह फिलिस्तीनिज्म अमेरिका का हाथ माना जा रहा है क्योंकि क्योंकि अमेरिका हर तरह से बराबर इजराइल की मदद कर रहा है इस पूरे मामले में फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा कि अक्टूबर में रूस में होने वाले ब्रिक्स ऑर्गेनाइजेशन के अगले समिट के बाद फिलिस्तीन इसमें शामिल होने के लिए आवेदन करेगा फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा कि हम शिखर सम्मेलन के बाद इस संगठन में शामिल होने के लिए आवेदन भेजेंगे जो 22 से 24 अक्टूबर तक रूस में आयोजित होने वाला है उन्होंने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है उन्होंने इस निमंत्रण को सकारात्मक संदेश और फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन का प्रतीक बताया राजदूत ने कहा कि पुतिन ने वादा किया कि शिखर सम्मेलन में फिलिस्तीन के मुद्दे पर एक पूरा सत्र समर्पित किया जाएगा उन्होंने कहा कि हमें इस शिखर सम्मेलन से काफी सकारात्मक उम्मीदें हैं आपको बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील रूस भारत चीन दक्षिण अफ्रीका ईरान मिस्र इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है इस संगठन और इसके विदेश मंत्रियों ने कई मौकों पर इजराइल के अत्याचार के खिलाफ फिलिस्तीनिज्म में फिलिस्तीन के शामिल होने से फिलिस्तीनिज्म शामिल होने से फिलिस्तीन को ज्यादा बड़े पैमाने पर राजनीतिक समर्थन भी मिल जाएगा रूस और अमेरिका एक दूसरे से ताकतवर बनने की होड़ में लगे हुए [प्रशंसा] हैं लेकिन यह आने वाला समय बताएगा कि कौन आगे निकल पाया है एक तरफ अमेरिका नेपथ्य में रहकर अपने हित को साध रहा है तो दूसरी तरफ रूस भी कमतर नहीं है जो रणनीति के साथ-साथ कूटनीति का भी बखूबी इस्तेमाल कर रहा है [संगीत]

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