रजत पदक जीतने पर बोले यतिराज | Paralympics | DM Suhas Yathiraj | #tv9d

खुशी और गर्व महसूस होता है देश के लिए खेलना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी बात होती है पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करना और उसके बाद दुनिया के सबसे बेहतर से बेहतर खिलाड़ियों के साथ खेल के देश के लिए सिल्वर जीतना आई फील एक्सट्रीमली हैप्पी अगर गोल्ड जीतता तो और बेहतर होता बट देन हमेशा सिल्वर जीतने का मुझे लगता है यही है कि आपको दुख भी रहता है बट एट द सेम टाइम जब सोचते हैं कि देश के लिए सिल्वर जीते हैं तो बहुत ही खुशी की बात है नहीं आप लगता होगा ना कभी-कभी कि सब कुछ होता है गोल्ड डेट को इंडिया को ऊपर तालिका में फेंकता है और दूसरा ऊपर तालिका में पहुंचाता है और दूसरा उससे बड़ी बात होती है कि नेशनल एसम बजता है उससे बड़ी प्राउड फीलिंग नहीं होती क्या फ्लैग अपना पहने दे भी है और फ्लैग ऊपर भी जा रहा है और नेशनल एसम भी बज रहा है तो उस हिसाब से आपको मतलब की नहीं लगता कि वो वो एक चीज थोड़ा आपने सही कहा कि एशियन पैरा गेम्स में मेरा गोल्ड आया था वहां फ्लैग भी ऊपर गया था और नेशनल एंथम भी बजी थी आपने यहां पैरालंपिक्स में पेरिस में देखा होगा कि सिल्वर में सेकंड नंबर पर फ्लैग र और फ्लैग तो ऊपर जाती है बट नेशनल एंथम इस बार हम बजा नहीं पाए बट देन मैं भारतवासियों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जितने भी देश के लोग हैं जिन्होंने सपोर्ट किया है हमारी इस जर्नी में आपके माध्यम से मैं उनको कहना चाहता हूं कि इंडियन स्पोर्ट्स भी बहुत अभी वाइब्रेंट हो चुकी है और हम सब लोग कोशिश यही करते हैं कि जैसे पेरिस में आपने देखा होगा हमारी मैच में 8000 लोग थे उनके बीच में हमने कोशिश की है कि इंडिया को मेडल लाने के लिए मैं आपके माध्यम से सबको बहुत-बहुत धन्यवाद भी देना चाहता हूं सुकांत के बारे में क्या कहेंगे वो आपके लीग ्र में आए आपका मुकाबला हुआ उनसे आप वहां से आप वहां से फाइनल पहुंचे वो कैसा था वो कैसा था देखिए हम हमेशा पैरालंपिक्स में ड्रा बहुत चुनौतीपूर्ण होती है और जैसे आपने कहा कि सुकांत हो तरुण हो जो मेरे साथी खिलाड़ी है उनको मेडल नहीं मिल पाया तो हमेशा यही होता है कि ओलंपिक्स में बहुत कम मेडल्स मिलती है दुनिया में मैं काश यही कि बाकी साथी जो हमारे उनको भी अगर मेडल मिलता इवन ब्रज मिल जाता तो अच्छा होता बट देन दैट इज स्पोर्ट्स कभी आप जीतते हैं कभी हारते हैं तो आई थिंक स्पोर्ट्स य जिंदगी का एक बहुत अहम सबक सिखाती है कि हार और जीत को एक संतुलित दिमाग से लेने के लिए निश के स् पदक के बारे में क्या कहेंगे बडम उन्होंने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया थर्ड सेट में इतना क्लोज मैक 2321 में उन्होंने निकाला और बैडमिंटन में आप जानते हैं कि इस बार पैरालंपिक्स में टोटल पांच मेडल आया है एक गोल्ड दो सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी आई है और जैसे आपने देखा है कि कंपेयर टू लास्ट पैरालंपिक्स इस बार नंबर ऑफ मेडल्स भी उम्मीद है कि ज्यादा आने के लिए कि यही है कि ऐसे ही देश की मेडल टैली ऊपर बढ़ती रहे यही आशा है बिल्कुल और इस बार 25 पार हो जाएगा लगता है जिस तरह कोशिश यही है कि इस बार 25 पार हो अगले बार 50 पार हो और उसके बाद जब तक इंडिया में ओलंपिक्स पैरालंपिक्स होगा तो 100 पार हो जाए तो यही हमारी आशा और उम्मीद है

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