पाकिस्तान में जो है वो शंघाई तावुन तंजीम का सरब आही इजलास 15 और 16 अक्टूबर को होना है इस हवाले से बात करने के लिए प्रोग्राम में मुझे डॉक्टर मारिया सुल्तान साहिबा अ जॉइन कर चुके हैं बहुत शुक्रिया मरिया मुझे बताइएगा अक्टूबर में इस्लामाबाद में ये इजलास हो रहा है इसके लिए पाकिस्तान ने भारतीय वजीर आजम को भी ओबवियसली दावत दिया है लेकिन वहां से अभी तक कोई ऑफिशियल जवाब नहीं आया लेकिन जो इंडियन वजीर खर्जा है जयशंकर वो कह रहे हैं कि पाकिस्तान के साथ जो मुस्तकिल बातचीत का दौर है वो खत्म हो चुका है आप क्या समझते हैं इस बयान के बाद यह चांस है कि नरेंद्र मोदी आ जाएंगे इस कान्फ्रेंस के लिए और टाइमिंग बड़ी इंपोर्टेंट है ये देखिए जहां तक बात है उनके कॉन्फ्रेंस में आने की तो ये उनके लिए जरूरी है पाकिस्तान को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि नरेंद्र मोदी साहब आते हैं या नहीं आते हैं क्योंकि जगाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के अंदर अगर वो सरब इजलास में नहीं शिरकत करते हैं तो इसका मतलब ये कि उस तंजीम के अंदर हिंदुस्तान का जो अस सूफ है उसको एक मनफी तरीके से नास प्रेजेंट भी करेंगे लेकिन आहिस्ता आहिस्ता जो है उन पे कम मतलब एक तरह से जो एससीओ का जो आप एक तरह से कह सकते हैं दामी किरदार हो सकता है इस खि के अंदर वो उसके ऊपर एक बहुत मनफी असर पड़ेगा हिंदुस्तान की इस जो है इस किस्म की जवाबदेही से इस किस्म की स्थान से दूसरी बात ये रही कि जी क्या हिंदुस्तान के साथ कोई मुजा करराक्स तो ये बात परा कह चुका है कि हिंदुस्तान के साथ कोई मुजा करराय मसला कश्मीर के ऊपर एक वाज वो हिकमत अमली नहीं इख्तियार करते और खास तौर के ऊपर ऐसी एकमत अली जो मकबूजा कश्मीर के अंदर जो कश्मीरियों के जो हक है जो सल्प किए गए हैं 5 अग 2019 को उसको वापस नहीं करते हैं तो उनसे तो कोई बातचीत हो ही नहीं सकती तो उनका ये कहना कि वो पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करना चाहते हैं तो ये एक हैरान कुन बात है क्योंकि पाकिस्तान का मौक पहले ही बहुत वाजे है अच्छा मारी साहबा अगर एससीओ में शिरकत के लिए प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया आ जाते हैं पाकिस्तान तो क्या समझती हैं आप इससे दोनों मुल्कों के दरमियान नए दौर का आगाज होगा या या फिर कश्मीर की खुसूसी हैसियत की बहाली तक मामलात नॉर्मल होना दोनों मुल्कों के दरमियान ये मुमकिन नहीं है देखिए मेरे नहीं ख्याल से कि नए दौर का आगाज होगा क्योंकि देखिए नरेंद्र मोदी साहब का जो तमाम तर बनिया रहा है बिलखु सूस इलेक्शन के दौरान वो पाकिस्तान मुखालिफ र है इस है कि पाकिस्तान के साथ बिला ताल बातचीत और मुजा करत का दौर खत्म हो गया है क्योंकि हर अमल के देखिए ये जयशंकर साहब तीसरी दफा यह बात कह चुके हैं और मुजक्र की बात हमेशा वो करता है जिसका कोई सियासी केस होता है जो टेबल पे बैठ सकता है जब से मोदी साहब वहां पर बसत दार आए हैं यह सारा अमल मोहत होक रह गया है इससे पहले पाकिस्ता इस खिता की तारीख में 140 मर्तबा मुजक्र हुए हैं और दूसरा वो कह रहे हैं जी वो आर्टिकल 370 के बाद मसला कश्मीर खत्म हो गया मसला कश्मीर खत्म हो गया तो वो 8 लाख फौज वहां पर क्यों ईनाथ रखी हुई है ये इलेक्शन आ रहा है उसका रिजल्ट्स उठा के देख ले बात ये कि इस तरह ना मसला कश्मीर खत्म नहीं होता और आपने वह रेजोल जो इकम मुदा में है व खुद इनकी लीडरशिप ने बैठ के उस पर दस्तखत किए हुए हैं आपने अपनी लीडरशिप से भी बेवफाई कि है और दुनिया के महजब अवाम जो है वो बैठ के अपने मसले हल कर रही हैं और इस खिता का न्यूक्लियर फ्लैश पॉइंट कश्मीर है कश्मीर पे बात करनी पड़ेगी आप आर्टिकल 370 हो या 970 हो इस तरह मसा जो इशू है वो नहीं लेकिन एक तरफ वो कहते हैं कि हमसाय के साथ जो तालुकात है वो एक चैलेंज होते हैं तो हमसाय के साथ तालुकात के हवाले से और मुजक्र के हवाले से उनकी पॉलिसी क्यों है डॉक्टर साहब देखिए जो डायलॉग का एक प्रोसेस था तसर से जो डायलॉग थे वह 2004 से 2007 थोड़ा सा आठ में भी आप कह लें दोबारा कोशिश भी की थी उसको रिवाइव करने की लेकिन वह नहीं हो सके ये तो बात बिल्कुल ठीक है अब दोबारा उस प्रोसेस पे नहीं जाएंगे क्योंकि ना पाकिस्तान इंटरेस्टेड है ना इंडिया उस प्रोसेस में हां डायलॉग में इंटरेस्टेड है लेकिन उस किस्म के डायलॉग में नहीं लेकिन इंडिया की जो पॉलिसी इस वक्त पाकिस्तान के बारे में है उस उसके लिए मैं लफ्ज इस्तेमाल करता हूं डिस्मिसिव पॉलिसी कि पाकि धीरे खजा की कश्मीर से मुतालिक स्टेटमेंट को हम डिस्कस कर रहे हैं पाकिस्तान के इसके ऊपर क्या रद्दे अमल होना चाहिए हमारे साहब देखिए हमारी जो हम एक बहुत ही मजबूत केस के बड़े कमजोर वकील साबित हुए हैं और सीधी सी बात यह है कि हमने कश्मीर का मुकदमा लड़ा ही नहीं और यही वजह है कि दूसरे को अपॉर्चुनिटी मिली उन्होंने अपनी जाहिर है उनकी बहुत सी एडवांटेजेस हैं उसके साथ ही उन्होंने जो गेम डिप्लोमेटिक खेला अदर वाइज खेला उसमें में वो कामयाब हुए हमारे केस ऑफ मिस्ड अपॉर्चुनिटी क्या है मादी को बहुत पीछे ना भी जाए तो वाजपई साहब का दौरा पाकिस्तान उसके बाद कारगिल का होना तो हमने जब वाजपेई जैसे लीडर को कमजोर किया तो उसके उसके नतीजे में मोदी जैसे लोग मजबूत हुए और वरना जब वाजपेई आए थे तो वह बहुत अच्छी अपॉर्चुनिटी थी वो बहुत अच्छा दौरा था उसमें बहुत आगे चीजें बढ़ सकती थी लेकिन हमने वो अपॉर्चुनिटी मिस कर दी उसके बाद जो हार्डलाइनर्स आए उन्होंने मुशर्रफ के दौरे को नाकाम बना दिया लास्ट मिनट जो चीजें हुई और जो मुझे अच्छी तरह याद है कि जो लास्ट मुशर्रफ साहब ने जाके एडिटर से गुफ्तगू की तो यहां जो हमारे फॉरेन सेक्रेटरी थे उन्होंने वह जब गुफ्तगू टेलीविजन पर देखी तो उन्होंने अपने इंडियन काउंटर पार्ट को फोन किया और यह जुमला कहा कि क्या मुजा नाकाम हो गए हैं इसलिए कि साइन करने से पहले एडिटर से मिलने का म मतलब ही यह हुआ कि आपने आपने बहुत सी चीजें ओपन हो गई लीक हो गई प्रे तो जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग उम्मीद है कि ठीक होंगे तो आज हम आपके लिए एक और वीडियो लेकर आ चुके हैं तो जैसा कि आपने वीडियो में देखा कि एसओ समिट में प्राइम मिनिस्टर मोदी को निता आया है पाकिस्तान की तरफ से और उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया है तो उस प्रकार से किस तरह की न्यूज़ चल रही है आपके लिए पूरी वीडियो लेकर आए हैं पूरी वीडियो वीडियो देखिए और अगर वीडियो अच्छी लगे तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब कीजिए तो मिलते हैं वीडियो के एंड में तान प वक्त ना जाया करो इंडिया अब वो खेल रहा है वो समझता है कि मुझे बड़ी लीग में खेलना है एशिया पैसिफिक है इंडियन ओशन है अमेरिका के साथ मिलक चाइना को कंटेन करना है ये है बड़े प्लेयर्स की गेम इंडिया चूंकि उस तरफ जा रहा है तो लिहाजा वह पाकिस्तान को जो है ना एक साइड प रख के वक्त वक्त दबाव तो डालता लेकिन डायलग फिलहाल पाकिस्तान से हमें कोई ऐसी उम्मीद नहीं हो बामा डायलग हो सके क्योंकि पाकिस्तान भी एक जगह फिक्सेशन हुई भी है पाकिस्तान की भी ओ एक्शन हैव कंसीक्वेंस एंड इन सो फार एस जम्मू एंड कश्मीर कंसन आई थिंक 370 न सो द इशू टुडे इ व्ट काइंड ऑफ रिलेशनशिप कैन वी पॉसिबली कंटेंप्लेट विद पाकिस्तान राजीव सजेस्ट दैट परपस इंडिया इज कंटेंट टू कंटिन्यू एट द करेंट लेवल ऑफ रिलेशनशिप मे बी यस मे बी नो व्ट आई डू वांट टू से इज वी आर नॉट पैसिव एंड वेदर इवेंट्स टेक अ पॉजिटिव और अ नेगेटिव डायरेक्शन आद वे व विल रिएक्ट बांग्लादेश यूनो सिस इट्स इंडिपेंडेंस रिलेशनशिप स गन अप एंड डाउन एंड इट इज नेचुरल ट वी विल डील विद द गवर्नमेंट ऑफ द डे बट वी आल्सो हैव टू रगना ट देर आर पॉलिटिकल चेंस एंड पॉलिटिकल चेंस कैन बी डिसर एंड क्लीयरली यर वी हैव टू लुक फॉर म्यूचल ऑफ इंटरेस्ट तो दोस्तों यह थी आपके लिए वीडियो आपको वीडियो कैसी लगी कमेंट सेक्शन में जरूर बताए और वीडियो पूरी देखने के लिए धन्यवाद मैं आपके लिए ऐसी ही रिसर्च करकर वीडियो लेकर आता रहूंगा और आपको वीडियो के माध्यम से दुनिया क्या सोचती है उसके बारे में आपको बताता रहूंगा और मोदी से रिलेटेड और हमारे प्रधानमंत्री से रिलेटेड वीडियो आपके लिए लेकर आता रहूंगा तो मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में