Khyber Pakhtunkhwa Police Protest | Conspiracy, Rebellion Or Something Else? | Dawn News

खैबर पख्तून खा पाकिस्तान का दहशतगर्दी से सबसे ज्यादा मुतासिर सूबा है और यहां अमन अमान की बहाली के लिए पुलिस और सिक्योरिटी फोर्सेस के जवानों ने बेपनाह कुर्बानियां दी हैं मगर रवा हफ्ते सूबे के कुछ अजला में पुलिस की जानिब से अपनी ड्यूटी छोड़कर धरने दिए गए पुलिस पहले भी प्रोटेस्ट करती रही है लेकिन एक लिमिट के अंदर आए उनके मुतालबा उनके उन्होंने सामने रख दिए पुलिस का व पद गया उन्होंने बात मान लिए प्रोटेस्ट खत्म हो गया अब यह जो धरना था यह पहली बार हमने देखा कि पूरी पुलिस निकल आई लकी मरवत जिले में और वह पाच दिन तक धरना जारी रहा धरना अभी खत्म हो गया है फिर बाजोर में भी पुलिस ने एहतेजाज किया फिर भनू में भी एहतेजाज किया मसला ये है कि गुजर्ता दो तीन साल से हम अक्सर यह बात कर रहे हैं कि देर इ ग्रोइंग रेजेंटमेंट है पुलिस में और एक मिस्ट्रस्ट बिल्ट हो रहा है सिक्योरिटी इदार और पुलिस के दरमियान पुलिस यह समझती है जिस तरह ये लकी वाला वाकया हुआ कि एक एसओ वो जो हमला हुआ उसका भाई दो भाई शहीद हुए और खुद भी जब वो मोटरसाइकिल जो है उसको लिया गयास मोटरसाइकिल सवारों ने जो फायर किया था ना मालूम अपरा ने फिर वो कुछ दारो ने के डीपीओ ने कहा कि मोटरसाइकिल हमें वापस कर दे तो वहां से एक ट्रस्ट डेफिसिट पहले से है फिर एक बयानी भी बनता जा रहा है जाहिरी बात है कि आपको पता है सदर्न डिस्ट्रिक्ट में जो जो लार्जली एक एक नैरेटिव बेल्ट अप हो रहा है उसका वो पुलिस भी डेफिनेटली उससे मुतासिर हो रही है पुलिस अहल की जानिब से यह मुतालबा किए जा रहे हैं कि उनके अजला से सिक्योरिटी फोर्सेस को निकाला जाए और उन्हें दहशत गर्दों से के पूरे जिल्ले से सिक्योरिटी फोर्सेस को विथ ड्रा करें अगर सिक्योरिटी फोर्सेस को विड्रॉ किया तो पुलिस इस काबिल है कि वह दहशतगर्दी का मुकाबला कर सके वो डिमांड यही कर रहे हैं कि बाकी जो फोर्सेस है वो लकी मरवत डिस्ट्रिक्ट से बाहर निकले बॉर्डर पे बैठ जाए जिया कारों का मानना है कि सूबे की सियासी सूरते हाल का भी बराह रास्त या फिर बिल वास्ता असर इस एहतेजाज पर पड़ा है अब यह सारी चीजें जो है इसमें कहीं ना कहीं लिंगक तो है वजीर आला साहब का और फिर अगर लिंक नहीं है तो अगर पाच दिन से धरना जारी है और बदमती में दहशतगर्दी में अगर आपकी फ्रंट लाइन की पुलिस जो है वह एतजाज कर रहे हैं क्या वजीर आला का हक नहीं बनता कि व जाकर उनसे मुजाकी करें अपने कुछ बंदे भेजे तो कहीं ना कहीं पे कोई ना कोई चीज जरूर है अब इस वक्त जो हम देख रहे हैं वो यह है कि खैबर पख्तून ख्वा की हालत इंतहा खराब है और उसकी बुनियादी वजह जो है वो अ तहरीक इंसाफ के जोबानी है इमरान खान साहब उनकी रिहाई पर सारा फोकस है और इसमें जो है कोई भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है चाहे वह कौमी मफा में हो या ना हो मजीद न्यूज अपडेट्स और डिजिटल स्टोरीज के लिए सब्सक्राइब करें डॉन न्यूज पाकिस्तान

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