ब्रब कीी में अब एक ऐसी खबर जो आज बहुत ज्यादा कंट्रोवर्सी में रही है मामला नाम को लेकर है और नाम से जुड़ी सेंसिटिविटी को लेकर है फिल्म मेकर्स बहुत सेंसिटिव होते हैं लेकिन जनता उससे भी ज्यादा सेंसिटिव होती है हम बात कर रहे हैं भोला और शंकर वाली वेब सीरीज कंट्रोवर्सी की इस विवाद के केंद्र में कंधार हाईजैक की घटना पर बनी वेब सीरीज आई 814 है जिसका प्रीमियर इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म सियासी कलेश शुरू हो गया है फिल्म मेकर अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज में आतंकियों के नाम को लेकर सोशल मीडिया पर बहस चड़ी हुई है कुछ लोगों का आरोप है कि सीरीज में जान पूछकर आतंकियों के हिंदू नाम रखे गए हैं विमान का अपहरण करने वाले आतंकियों को भोला और शंकर के तौर पर दिखाया गया है पिछले कई घंटे से एक्स और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बॉयकॉट बॉलीवुड बैन करने वाले क्या आरोप लगा रहे हैं नंबर वन जानबूझकर आतंकियों के हिंदू नाम ही बताए गए नंबर टू आतंकियों की असली पहचान छुपाने की कोशिश की गई नंबर थ्री तथ्यों को वेब सीरीज में गलत तरीके से पेश किया नंबर फोर वेब सीरीज के नाम पर एजेंडा चलाया जा रहा है और नंबर फाइव हिंदुओं की गलत छवि दिखाने की कोशिश की गई है इस पूरे विवाद को आसान ढंग से समझे समझने के लिए हमने दिसंबर 1999 में हुई इस घटना से जुड़े आधिकारिक दस्तावेजों का अध्ययन किया है शोध के दौरान हमें 6 जनवरी 2000 को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान की कॉपी मिली इस कॉपी में विमान को हाईजैक करने वाले आतंकियों के जो नाम दिए गए थे वह क्या थे अब जरा ध्यान से देखिए इब्राहिम अतहर बहावलपुर शाहिद अख्तर सईद गुलशन इकबाल कराची सनी अहमद काजी डिफेंस एरिया कराची मिस्त्री जहूर इब्राहिम अखतर कॉलनी कराची शाकिर सुक्कूर सिटी गृह मंत्रालय की प्रेस रिलीज में आतंकियों के कोड नेम का भी जिक्र है कोड नेम का इस्तेमाल व अपहरण के दौरान एक दूसरे को बुलाने के लिए कर रहे थे यह कोड नेम है चीफ डॉक्टर बर्गर भोला और शंकर वेब सीरीज पर विवाद भोला और शंकर इन्हीं दो नामों को लेकर है हालांकि सरकारी दस्तावेज के आधार पर तो यही लगता है कि फिल्म निर्माता ने जानबूझकर नाम नहीं बदले य वेब सीरीज पत्रकार श्रींजॉय चौधरी और देवी शरण जो आईसी 814 फ्लाइट के कैप्टन थे उनकी पुस्तक फ्लाइट इनटू फियर पर आधारित है हमने आपके लिए इस किताब को पढ़ा और जो बड़ी बातें सामने आई है उसके अनुसार भी भोला और शंकर नाम वाले तथ्य सही थे आतंकियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए हिंदू नामों का इस्तेमाल किया था किताब में भी यही लिखा गया है अब इस मामले में सूचना प्रसारण मंत्रालय एक्शन में आ गया है सूत्रों से खबर है कि ट एक्ट वास कमिटेड बाय पाकिस्तान आईएसआई बैक टेररिस्ट नाउ नोबडी थट दे सम पीपल फ्रॉम इंडिया डिड द हाईजैकिंग सो हाउ द पीपल हैव हिंदू नेम इन द मूवी आई डोंट नो बट आई एम वेरी वेरी हैप्पी द द आईवी मिनिस्ट्री एंड गवर्मेंट ऑफ इंडिया है टेकन कॉग ऑफ दिस एंड समन नेट र शब्दों में कड़े शब्दों में निंदा करते और हिंदू शब्द रखना और हिंदू को आतंकवाद से जोड़ना कहीं ना कहीं इसमें बड़े षड्यंत्र की बू आती है जिसने यह काम किया है उसके ऊपर भी कार्रवाई की जानी चाहिए यह घोर निंदनीय है मेरा मानना है कि बॉलीवुड के अधिकांशत निर्माता निर्देशक या तो हिंदू विरोधी है या राष्ट्र विरोधी है तुम्हारी हिम्मत क्यों नहीं है कि तुम मुस्लिम नामों को उजागर कर सको हिंदुओं के नाम हिंदुओं के आराध्य देवताओं के नाम अपहरण कर्ता के रूप में तुम रख रहे हो फिल्म जगत पर इस्लामी शक्तियों का प्रभाव है एक नरेट चलता है आईएसआई का उसका प्रभाव हो तो क्या इसमें आप जो संशय है ऐसी स्थिति भी हो सकती है इस पूरे विवाद की पृष्ठभूमि में इंडियन एयरलाइंस के विमान आई र के हाईजैकिंग की सत्य घटना है यह विमान 24 दिसंबर 1999 को पांच आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था विमान को काठमांडू से नई दिल्ली आते वक्त हाईजैक किया गया इसके बाद आतंकी 176 यात्री और कू मेंबर से भरे प्लेन को अमृतसर लाहौर दुबई होते हुए कंधार ले गए आठ दिनों तक बंधक बनाकर रखा यूएई में ईंधन भरने की एवज में 27 यात्रियों को रिहा किया गया जबकि 25 साल के रूपन कटियाल की आतंकियों ने हत्या कर दी थी बाकी यात्रियों की रिहाई के बदले 36 हाई प्रोफाइल आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नगद मांगे गए हालांकि बाद में तत्कालीन वाजपई सरकार ने तीन आतंकियों को रिहा करने पर सहमति जताई 31 दिसंबर 1999 को जय सरगना मसूद अजर अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद को तालिबान की मौजूदगी में कंधार ले जाकर छोड़ा गया अब घटना पर i 814 नाम की वेब सीरीज बनाई गई है जिस पर हिंदू मुस्लिम वाला सियासी कले शुरू हो चुका है