रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को करीब डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला रूस यूक्रेन को जितना कमजोर समझ रहा था यूक्रेन उतना कमजोर नहीं निकला रूस के ताकतवर हमलोग का यूक्रेन ने मजबूती से सामना भी किया लेकिन अब रूस यूक्रेन युद्ध खत्म होने के सं मिलने लगे हैं रूस यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए बातचीत चाहता है बातचीत के जरिए रूस इस युद्ध का समाधान निकालना चाहता है रूस ने यह बात भारत ब्राजील और चीन से कही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार इस मुद्दे पर मुखर होकर बोलते रहे कि युद्ध से किसी समस्या का हल नहीं निकलेगा शांति के साथ बैठक कर इस समस्या का हल निकालना चाहिए रूस जो जरा भी उम्मीद नहीं कर रहा था कि यूक्रेन के साथ उसका युद्ध इतना लंबा खींचेगा खुद पुतिन को अपनी इजत के लिए कई बार अपने ही देश में विरोध का सामना भी करना पड़ा इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी रूस की निंदा हो चुकी है इस युद्ध से रूस की इकोनॉमी को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ रूसी सैनिकों को भी अपनी जान गवानी पड़ी रूस को अंदाजा नहीं था कि यूक्रेन के साथ लड़ाई में नाटो पीछे से इतना समर्थन करेगा यूक्रेन के पास हथियार से लेकर खाद्य सामग्री तक पहुंच गई मदद मिल गई और इसी वजह से यूक्रेन इतने दिनों तक रूस के सामने टिका रहा इस युद्ध में रूस को अरबों का नुकसान झेलना पड़ा और अभी भी पड़ रहा है इसलिए अब रूस भी इस युद्ध को खत्म करने की कोशिश कर रहा है इसलिए रूस अब बातचीत के मंच पर आना चाहता है लेकिन युद्ध खत्म करने के लिए भी उसकी कुछ शर्तें हैं रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल ना हो रूस चाहता है कि यूक्रेन तटस्थ रहे इसके अलावा रूस ये भी चाहता है कि यूक्रेन अपने कुछ इलाकों को रूसी क्षेत्र मान ले अगर यूक्रेन इन प्रस्तावों पर सहमति जताता है तो रूस युद्ध की युद्ध को रोकने के लिए तैयार हो सकता है रूस ने बातचीत कीय पेशकश अपने रणनीतिक साझेदार भारत ब्राजील और चीन के साथ साझा की है रूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध बंद करने के लिए पांच शर्तें रखी हैं बातचीत के लिए पांच शर्तें रखी है पहली शर्त यह है कि भविष्य में तटस्थ गुट निरपेक्ष और परमाणु हथियारों से मुक्त देश रहे रूस की दूसरी शर्त यह है कि यूक्रेन अपने यहां से सेना हटा ले वहीं तीसरी शर्त यह है कि यूक्रेन लुहांस्क डोनेटस्क खेरसन और जापो रिजिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दे चौथी शर्त यह है कि क्रिमिया और स्वेस पोल की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय सियों में मान्यता दी जाए पांचवी और आखिरी शर्त यह है कि रूस पर लगे सभी पश्चिमी प्रतिबंध हटा लिए जाए रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन इन शर्तों को मान लेता है तो वो युद्ध को रोक देगा और बातचीत शुरू कर देगा रूस ने यह भी कहा है कि वो यूक्रेन सैनिकों की सुरक्षित वापसी की गारंटी भी देगा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुटीन ने पिछले हफ्ते कहा था कि व भारत ब्राजील और चीन के संपर्क में है क्योंकि यह देश रूस यूक्रेन युद्ध को सुलझाने के लिए ईमानदारी से कोशिश भी कर रहे हैं अब ऐसे में देखना ये होगा कि रूस के प्रस्ताव को यूक्रेन कितनी तवज्जो देता है अगर यूक्रेन ऐसा करते हुए रूस की शर्तों को मान लेगा तब तो उम्मीद की जा सकती है कि है कि युद्ध बहुत जल्द खत्म हो जाएगा लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह युद्ध अभी और लंबा चलेगा रूस से यूक्रेन के सामने जो पांच शर्त रखी है उसे देखने से लगता है नहीं है कि यूक्रेन इतनी आसानी से यह मानेगा यूक्रेन अपनी जमीन पर रूस का वर्चस्व नहीं मानेगा साथ ही नाटो में शामिल होने वाली शर्त से भी इंकार कर सकता है रूस के युद्ध विराम वाले प्रस्ताव पर भारत चीन और ब्राजील कितने कारगर होते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा फिर भी भारत तो पूरी कोशिश में लगा है कि युद्ध खत्म हो जाए और पूरी दुनिया शांति और अहिंसा के राह पर चले जिस युग की कल्पना महात्मा गांधी करते थे मैं