[संगीत] [संगीत] आज मैं बातचीत करूंगा भारत के जम्मू कश्मीर में होने वाले टेररिज्म के हवाले से जो अब बढ़ती चली जा रही है और हमें यह टेररिज्म 8 जुलाई को कथुवा के मुकाम पर नजर आई जब आर्मी के कनवाई पर हमला हुआ इस पर मैं एक एनालिसिस आपके साथ शेयर कर रहा हूं मगर इससे पहले मैं आपसे अपील करना चाहता हूं कि आप टेग टीवी के 8 जुलाई 2024 को कथुवा में आर्मी के कनवाई पर होने वाले अटैक के हवाले से 8 जुलाई 2024 को भारत के जम्मू कश्मीर के इलाके काथुला में फौजी कनवाई पर एक अटैक हुआ और पांच भारती फौजी इसमें शहीद हो गए यह एक बड़ी दिल दहला देने वाली खबर है ना सिर्फ भारतीय आर्मी के लिए बल्कि उस रीजन के लिए क्योंकि कुछ अरसे से सीजफायर चल रहा था और तो को थी कि सीज फायर के नतीजा में चीजें कूल डाउन होंगी मगर हमने ड्यूरिंग द पास्ट कपल ऑफ मंथ्स देखा कि भारत के जम्मू कश्मीर में टेररिज्म की एक्टिविटीज में इजाफा हो गया और रिसेंटली मेरे लिए एक शॉकिंग खबर थी कनाडा में पाकिस्तान से कुछ सहाफी आए हुए थे जो डिफरेंट कॉन्फ्रेंसेस पर शिरकत कर रहे थे उनमें से दो एक के साथ कहीं पर इत फाकिया मुलाकात हुई तो उन्होंने मुझे तंजन कहा कि अब भारत के जम्मूकश्मीर में अ टेररिज्म बढ़ेगी और उसके जिम्मेदार मोदी जी खुद होंगे तो मैंने कोशिश की कि मैं उनकी अंडरलाइन टोन को समझूं वो क्या कहना चाहते हैं तो वो वही कंस्पिरेशन थ्योरी पेश कर रहे थे कि जी भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर गर्मागर्म होगा और उसके जिम्मेदार मोदी जी होंगे और मोदी जी ने तीसरी अपनी सरकार बन जाने से पहले इनडायरेक्टली उनके मिनिस्टर्स ने इंडिया दिया था कि वह पाकिस्तान के जम्मू कश्मीर पे कब्जा करेंगे मगर खुद भारत के जम्मूकश्मीर में अब मसाइल बढ़ जाएंगे और यह एक इनडायरेक्ट प्रॉक्सी किस्म की जंग में सूरते हाल बदल जाएगी तो पाकिस्तानी उन जर्नलिस्ट का यह कहना या उनका मेरे साथ तंज करना या मौक करना मेरे ख्यालात पर मुझे यह खटका और लगा कि अब सिचुएशन शायद थोड़ी बदलेगी इसलिए कि पाकिस्तान के अपने पॉलिटिकल हालात इतने खराब रहते हैं वहां की इकोनॉमिक सिचुएशन इतनी खराब रहती है उसमें मैं कोई अन एक्सपेक्टेड नहीं समझता कि पाकिस्तान आर्मी चीजों को डाइवर्ट करने के लिए टेररिज्म के जो ऑपरेशन है उनको फिर से एक बार शुरू करते अगरचे हमें पाकिस्तान की टेररिज्म मुकम्मल तौर पर खत्म होती कभी भी नजर नहीं आई और यह खुद पाकिस्तान के लिए गुड साइन नहीं है पाकिस्तान ने अपनी इकॉनमी को भी ठीक करना है अपने मसाइल को भी ठीक करना है अगर पाकिस्तान इसी तरह इनफिट भारत के जम्मू कश्मीर के इलाकों में करता रहा तो इससे इंटरनेशनल इमेज पाकिस्तान का अपना खराब होगा मगर पाकिस्तान आर्मी की एक्जिस्टेंस कश्मीर के नाम पर है और हमारे लिए कोई भी अनएक्सपेक्टेड मूव नहीं होगी कि अगर पाकिस्तान भारत के जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से बॉर्डर को गर्म करने के लिए इस तरह की एक्टिविटीज करें अब पाकिस्तान की तरफ से यह कहा जाता है कि यह भारत के अंदर के अपने लोग हैं जो फ्रीडम फाइटर हैं और जो भारत से कश्मीर की आजादी चाहते हैं अगर वह कुछ कर रहे हैं तो हमारा इनसे क्या लेना देना लेकिन बहुत सारे ऐसे इंसीडेंसेस हमने इन दिनों देखे खास तौर पर जून के महीना में और फिर जुलाई के महीना में वो इंसीडेंसेस पाकिस्तान की साथ जो भारत की एलओसी की लाइन है उन इलाकों में ज्यादा हो रहे हैं और अगर पाकिस्तान से इन फिल्ट्रेट नहीं भी आ रहे जो कि इतने बड़े बॉर्डर और पोरस बॉर्डर होने की सूरत में ना आने की कोई लॉजिक नहीं है उनका आ सकना हर वक्त मुमकिन रहा है अभी भी वह आ सकते हैं तो वह फिर क्या भारत के जम्मू कश्मीर में जो टेररिस्ट सेल्स या स्लीपिंग टेररिस्ट सेल्स हैं क्या उनको एक्टिवेट कर रहे हैं मैं यह भी कहूंगा कि वो टेररिस्ट सेल जो भारत के जम्मू कश्मीर के अंदर हैं वह कभी भी मुकम्मल तौर पर डेड नहीं हुए वह किसी ना किसी सूरत मौजूद रहे हैं पाकिस्तान से जब भी कभी कोई शय मिलती है तो फिर वो सेल्स एक तरह से फिर काफी एक्टिव हो जाते हैं और फिर पाकिस्तान के जम्मू कश्मीर में जो हालात हैं वहां पर जो लोगों के वाइट स्प्रेड प्रोटेस्ट हो रहे हैं वहां पर लोगों का जो अनरेस्ट है उसके जवाब में भी पाकिस्तान की तरफ से इनफिट या प्रोवोकेशन या भारत के अंदर जो टेरस स्लीपिंग सेल्स सो कॉल्ड स्लीपिंग सेल्स हैं उनको फिर से जगाने का काम होता रहता है बहरहाल कथुवा में जो 8 जुलाई को टेररिस्ट अटैक हुआ वो आर्मी के के कन्वोय पर हुआ जिसमें अब तक की तलात के मुताबिक पांच भारती अ जवान शहीद हो चुके हैं और उनके साथ-साथ कई जख्मी भी हैं यह उसी तरह का अटैक है जिस तरह का पुलवामा में 2019 में अटैक हुआ था फरवरी 2019 में और वो अटैक काफी जानलेवा था मगर यह अटैक भी इससे ज्यादा जानलेवा हो सकता था लेकिन अब तक की इतरात के मुताबिक पांच भारती फौजी इसमें मारे गए और उनके साथ-साथ कई जख्मी हुए हैं ऑफकोर्स इस सिचुएशन से भारत की आर्म फोर्सेस में भारत की सरकार के अंदर भारत के इंटेलिजेंस इदार के अंदर काफी बेचैनी पाई जाएगी और वह उसका रिएक्शन करेंगे सिर्फ यही नहीं हमने दो-तीन महीने में भारत के जम्मूकश्मीर में अटैक्स की एक लड़ी को ऑब्जर्व किया है इसके साथ-साथ जो अ बहुत सारी रिपोर्ट्स हैं भारत के इंटेलिजेंस इदार की तरफ से भारत की आर्मी की तरफ से तो वह रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि गर्मा गर्मी काफी है टेररिस्ट के स्लीपर सेल्स में और जिनको स्लीपर सेल्स कहा जाता है वो इनफैक्ट एक्टिव सेल्स है अब हम दूसरी तरफ यह देखते हैं कि भारत के जम्मू कश्मीर खासतौर पर बड़े शहरों में श्रीनगर और दूसरे बड़े शहरों में टूरिजम अपनी ताओं को छू रही है भारत के अंदर अ भारत के जम्मू कश्मीर के अंदर जिस तरह प्रोग्रेस के डेवलपमेंट के काम हो रहे हैं उनसे भारत की अ जम्मूकश्मीर की आबादियों में एक शुक्र गुजारी की कैफियत है इसकी रिपोर्टें हम देखते रहते हैं कभी भी हमने 2019 5 अगस्त से पहले इस तरह की बड़ी-बड़ी डेवलपमेंट्स भारत के जम्मूकश्मीर में नहीं देखी थी जो हम अगस्त 2019 के बाद देख रहे हैं और जिस तरह आवाम की सोच बदल रही है और भारत के जम्मूकश्मीर के आवाम यह सोच रहे हैं कि हमें तो टेररिज्म के लिए इस्तेमाल किया गया हमें गलत नैरेटिव दिया गया इसके लिए खुद श्रीनगर के बासी हजारों की तादाद में अब तक टेलीविजन स्क्रीन प आके खुल के भारत की सरकार जो उनकी अपनी सरकार है का शुक्रिया अदा करते रहते हैं और कहते हैं कि हमारी आंखों पर पट्टी बढ़ी हुई थी और अब हमें समझ आई कि स्टोन पेल्टिंग कौन करवाता था और कौन इस सारे सिचुएशन को खराब करता था अब आवाम की वहां पे राय बदल रही है काफी बदल चुकी है लेकिन इस बदलती राय को काउंटर करने के लिए जो वहां की जिहादी तंजीम हैं जो उतनी एक्टिव नहीं रही जो कभी अली गिलानी के जमाने में या 5 अगस्त 2019 से पहले के जमाने में हुआ करती थी मगर वह रातों-रात खत्म तो होने गई वह अभी भी मौजूद हैं इंटरनेशनल प्रेशर अगर पाकिस्तान पर था जिसकी बुनियाद पर पाकिस्तान ने अपनी कार्रवाइयों कम की हुई थी तो वह प्रेशर भी अब कम होता दिखाई इसलिए दे रहा है कि दुनिया में खुद इतने इलेक्शंस हो रहे हैं अभी यूके का इलेक्शन हुआ अमेरिका में इतना कुछ सियासी महास पे चलता रहता है तो पाकि स्तान की आर्मी को भी फिर से मौका चाहिए कि जो उनके देश के अंदर के मसाइल हैं उससे डिस्ट्रक्ट करने के लिए पाकिस्तान की आवाम को वह इस तरह की कार्रवाइयों को बढ़ाएं और फिर मैं हमेशा कहता हूं जिहाद एक बिजनेस है जब इन जिहादी तंजीम का कारोबार कश्मीर में कम हुआ तो ऑफकोर्स वह कैसे पसंद करेंगी कि उनका काम कम हुआ वह तो लाशों पर अपना कारोबार करते हैं बड़े दुख की बात है जिसकी बुनियाद पर वह ना सिर्फ मासूम लोगों को मरवाते हैं उनको जिहादी बनाते हैं बल्कि उस रीजन में आग और खून का खेल खेलते हैं इस सारी कैफियत में अब जब मैंने पाकिस्तान से आए हुए कुछ जर्नलिस्ट को टोरंटो में सुना जो वह अपना राग अलाप रहे थे डिफरेंट अ फोरम्स पर और उनमें से इत्तफाक मैं किसी एक फोरम पे मौजूद था एज अ जर्नलिस्ट और फिर उन्होंने मेरे से इनकाउंटर किया और मुझे थोड़ा सा उन्होंने जिसे कहते हैं जर्नलिस्टिक चैलेंज किया कि भाई साहब आप क्यों हमारे यानी पाकिस्तानी कश्मीर का पॉइंट ऑफ व्यू को खराब करते हैं या उसके खिलाफ बोलते हैं हम आपको बता देना चाहते हैं कि अब महाज गर्म हो गया है और हम आपको बता देना चाहते हैं कि इसके पीछे मोदी जी हैं मोदी जी और बीजेपी यह सब कुछ कर करेंगे तो मैं यह सोचने पर मजबूर हुआ कि क्या यह भारत की कोई अपोजिशन पार्टी के लोग हैं या पाकिस्तानी जर्नलिस्ट हैं भारत की अपोजिशन पार्टियां भी काफी जिम्मेदार हैं उनमें से कोई कोई इस तरह की अकाना बात करता है लेकिन पाकिस्तान की तरफ से यह बात कनाडा में आकर करना मेरे लिए थोड़ी अचंभे की बात थी और इसके साथ-साथ जो इंसीडेंसेस ऑफ टेररिज्म है इन जम्मू कश्मीर वो भी मैं देख रहा हूं एज अ जर्नलिस्ट और और पूरी दुनिया तक वो इंसीडेंसेस पहुंच रहे हैं और काथुला में जिस तरह यह अटैक हुआ है उस अटैक के बाद यह वाज तौर पर लगता है कि भारत के जम्मू कश्मीर में टेररिस्ट की जो ऑर्गेनाइजेशंस हैं वह पहले से ज्यादा एक्टिव हो गई है वो कभी भी मुकम्मल तौर पर खत्म नहीं हुई उनमें से कुछ का हमेशा कयाम रहा कुछ हमेशा जमीन पर मौजूद रही कुछ अंडरग्राउंड चली गई लेकिन अब वह एकदम से सामने आ रही हैं अटैक कर रही हैं और इस कनवाई पर तो ग्रेनेड से उन्होंने अटैक किया जो अभी 8 जुलाई को हुआ है तो क्या आने वाले दिनों में कश्मीर का यह महाज और गर्म होगा और इस महाज के गर्म होने से क्या हम यह समझते हैं कि भारत की सरकार के लिए भी चैलेंज पैदा होंगे और जम्मू कश्मीर की आवाम के लिए भी चैलेंज पैदा होंगे और फिर भारत की सरकार और जम्मूकश्मीर की आवाम किस तरह इन चैलेंज पर काबू पाएगी किस तरह वहां पर जो टेररिज्म की अ फैक्ट्रियां लगी हुई हैं जो थोड़ी सी मान पड़ गई थी अब फिर से उभरना शुरू हो रही हैं क्या वह फैक्ट्रियां इसी तरह आगे बढ़ेंगी अ या उन पर काबू पाने के सिलसिला में भारत की सरकार कामयाब हो जाएगी यह वो बातें हैं जिनका हम आने वाले दिनों में संजीदगी के साथ मुताल करेंगे आने वाले दिनों में हम इन पर कड़ी नजर रखेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि साउथ एशिया के उस फ्लैश पॉइंट पर टेररिज्म को कौन और बढ़ावा देता है टेररिज्म के कारोबार को कौन और आगे बढ़ाता है आप और हम सब स्टे ट्यून रहेंगे इस तरह की हरकतों की तरफ हम दुआ है कि टेररिज्म के कारोबार को आगे चलाने वाले अपनी हार के अंजाम तक पहुंचे मगर क्या ऐसा हो पाएगा या नहीं यह हम आने वाले दिनों में देखेंगे [संगीत] [संगीत] [संगीत] सब्सक्राइब टग टीवी य चैनल एंड प्रेस द नोटिफिकेशन पटन [संगीत]