[संगीत] यह कहानी हिंदुस्तान के सबसे लंबे हाई ज की है यह सिर्फ फ्लाइट आई 84 का नहीं बल्कि पूरे देश का हाईक था [संगीत] इस काने की शुरुआत होती है 24 दिसंबर 1999 से जब एक फ्लैट उड़ान भरती है दिल्ली से काठमांडू की ओर एंड 4:5 पर इस फ्लैट को वापस जाना रहता है सो वापस जाने के टाइम एक टाइम ऐसा आता है जब यह इंडिया एंड नेपाल के बॉर्डर की क्रॉसिंग प आ जाती है एंड फ्लाइट को उड़ते उड़ते करीब-करीब आधा घंटे ज्यादा हो चुका था सो फ्लाइट क्रू में से एक बंदा जिसका नाम था मिस्टर शर्मा वो कुछ रिफ्रेशमेंट लेकर कॉकपिट में एंटर करता है जैसे कि टी और कॉफी जिससे पायलट का मूड थोड़ा रिफ्रेश हो जाए एंड उनको थोड़ा नींद ना आए प्लेन उड़ाते उड़ाते जिससे उन्हें ऑटोपायलट प डालने की जरूरत ना पड़े एंड जैसे ही वो बंदा एंटर करता है कॉकपिट का डोर क्लोज कर दिया जाता है बट ट्विस्ट आता जब है जब ये बंदा बाहर जाने लगता है जैसे ही बंदा गेट खोलता है बाहर जाने के लिए तुरंत एक बंदा इसको धक्का देकर अंदर एंटर कर जाता है अब ये जो शख्स होता है इसके एक हाथ में थी रिवॉल्वर एंड इसने दूसरे हाथ में लिया होता ग्रेनेड अपनी आइडेंटिटी छुपाने के लिए इसने सबसे पहले तो एक मंकी कैप पहनी हुई थी एंड उसके ऊपर से इसने एक ड कैप भी पहनी हुई थी एंड यही वो पल था दोस्तों जब कैप्टन देवी शरण एंड कोपायलट राजेंद्र कुमार यह समझ चुके थे कि अब इस फैट का कंट्रोल किसी और के हाथ में जा चुका है एंड इसी बात को कंफर्म करने के ये रेड कैप अनाउंस करता है कि कोई होशियारी नहीं करेगा कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा यह तैयार अब हमारे कब्जे में है यानी कि ये प्लेन अब हमारे कब्जे में आ चुका है एंड जिस तरीके से बात कर रहा होता है इसके एट से लगता है कि इंडिया से तो नहीं है हो सकता है पाकिस्तान से हो एंड ये एक बंदा भी नहीं आया था ये पूरे पांच बंदे प्लेन में घुस चुके थे प्लेन को हाईजैक करने के लिए जो कि सबसे पहले प्लेन कॉकपिट में आया था उसका नाम था रेड कैप बाकी के चार मेंबर्स पीछे पैसेंजर्स को मैनेज कर रहे थे इसमें सबसे पहले का नाम था भोला दूसरे का डॉक्टर तीसरे का बर्गर एंड चौथे का शंकर अब ये जो डॉक्टर होता है मेनली सभी पैसेंजर से यही डील कर रहा होता है एंड आगे की साइड कैप्टंस वगैरह से रेड कैप नाम का बंदा डील कर रहा होता है एंड गुस्से के साथ ही ये लोग ऑर्डर करते हैं कि जितने मेल पैसेंजर्स हैं वो सब एक साइड में आ जाएं इतनी फीमेल पैसेंजर्स हैं वो सब एक साइड में आ जाए ए जितने भी मेल लोग हैं वो अपनी सीट में मौजूद हेड कवर से अपने आप को ब्लाइंड फोल्ड कर लें एंड जितना भी सामान जितने हाथ में लिया हुआ है इसने कहीं पे भी रखा हुआ है वो उसको ले जाके एग्जीक्यूटिव कबि में रख के आ जाए क्योंकि उसको भी पहले ही खाली करा चुके थे जिससे वहां पे सामान आ सके एंड जितनी फीमेल्स होती हैं उन सभी को ऑर्डर दिया जाता है कि व सभी अपने हेड्स को कवर कर लें जैसे कि इस्लाम में फॉलो किया जाता है अब ये सब चल ही रहा होता है कि इतनी देर में कैप्टन शरण चुपके से एक सिग्नल इंडिया को ट्रांसफर कर देते हैं एक इमरजेंसी सिग्नल इससे इंडियन अथॉरिटीज को ये पता चल जाता है कि अब ये एरोप्लेन किसी और के कंट्रोल में आ चुका है ये कंपलीटली हाईजैक हो चुका है एंड ये जो लोग अभी सिर्फ अपनी मंजिल से एक घंटा दूर थे न्यू दिल्ली से अब ये खुद नहीं जानते थे कि ये स्पेसशिप ये एयरक्राफ्ट इनको कहां लेके जाने वाला है अब जैसे ही इस मामले की खबर इंडिया को लगती है ये मिशन तुरंत से सीएमजी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को ट्रांसफर कर दिया जाता है जो कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एटीसी एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से ऑपरेट कर रहे होते हैं इसको ऑपरेट कर रहे होते हैं फिलहाल के लिए मिस्टर प्रभात कुमार जिनकी देखरेख में जितने भी एयरपोर्ट थे जहां पर भी इस एयरोप्लेन को लैंड कराया जा सकता था उन सभी एयरपोर्ट को खाली कर दिया जाता है इस प्लेन के लिए कि हाईजैकर जहां बोलेगा वहां इस रैंड नहीं करा देंगे लेकिन जितने भी एयर पलेन उस टाइम प आने वाले थे उन सबको आगे कर दिया जाता है या उनको पीछे करते जाते हैं अब हाईजैकर जो है वो कैप्टन शरण को धमकी देता है कि इस एयरक्राफ्ट को अभी के अभी लाहौर में लैंड कराइए जाके वरना इस एयरक्राफ्ट के हवा में चीत रेड उड़ा दि जाएंगे बोम लास्ट के थ्रू बट लाहौर इस बात पे डायरेक्टली मना कर देता है कि अगर आप पाकिस्ता न के एर स्पेस में लैंड भी करते हैं सो आपको डायरेक्ट मिसाइल से शूट करके नीचे उतार दिया जाएगा एंड यही बात दिल्ली भी रेडियो पाय कंफर्म करता है दिल्ली एटीसी प आ कंफर्म करता है कि हां पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस इंडिया के लिए फिलहाल के लिए कंपलीटली क्रोज कर दिए हैं बट हाईजैकर जो है वो अपनी बात में अड़ जाता है कि जाएंगे तो लाहौर ही जाएंगे वरना कहीं नहीं जाएंगे और ना आपके स्पेसशिप को एयरक्राफ्ट को कहीं प जाने देंगे अब हालत तो इस कदर बिगड़ जाती है कि एयरक्राफ्ट में सिर्फ 25 मिनट का फ्यूल लेफ्ट होता है और लाहौर काफी दूर था इतने फ्यूल में लाहौर नहीं नहीं जा सकते थे सो किसी तरह कन्वेंस करके हाईजैकर को इस प्लेन को कुछ टाइम के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पर सेफली लैंड कराया जाता है जैसे ही इस एयरक्राफ्ट की लैंडिंग सक्सेसफुली होती है अमित स एयरपोर्ट पे तुरंत ही वहां के डीएम राजेंद्र जीत सिंह को दिल्ली एटीसी के द्वारा इफॉर्म किया जाता है कि इस एयरक्राफ्ट को जितना हो सके उतना ज्यादा डिले कराइए जितना टाइम हो सके उतना लीजिए जिससे इंडियन गवर्नमेंट को टाइम मिल सके सोचने का कि आगे क्या करना है किस तरीके की सिचुएशन को हैंडल करना है एंड इस एयरक्राफ्ट के धरती पर उतरने से पहले ही पूरी जगह पे पंजाब पुलिस की एक फील्डिंग बिछाई जाती है लेकिन सीक्रेट ली जिससे इसको पता ना चले एंड कहीं प पैनिक करके कोई भी हाईजैकर कोई एक्शन ले ले चाहे ग्रेनेट ना ब्लास्ट कर दे या फिर पैसेंजर को शूट ना कर दे तो उनकी सेफ्टी पर्पस के लिए इनको फील्डिंग में छुपाया जाता है लेकिन किसी को पता नहीं चलता अब एज पर प्लान कैप्टन शन को इफॉर्म किया जाता है कि आपने फ्यूल की डिमांड बताई है वो हम फुलफिल कर रहे हैं बट एट मोमेंट हमारे पास फ्यूल नहीं है हम कहीं से इंपोर्ट करा रहे हैं उसमें थोड़ा टाइम लगने वाला है हो सकता है टाइम थोड़ा ज्यादा भी लग जाए एंड इसी के रेस्पॉन्स में कैप्टन शन एक मैसेज देते हैं होटल इंडि जूलियट एच आईजे इसका मतलब होता है कि पूरे एयरक्राफ्ट में फिलहाल की एट प्रेजेंट मोमेंट पे पांच हाईजैकर्स मौजूद हैं अब उतरने के साथ ही राड कैप ऑर्डर करता है कि फ्लाइट को रोकना नहीं है इस फ्लाइट को ऑर्डर मिलता है कि इसको रोकना नहीं है आपको चलाते रहना है स्टॉप स्टार्ट स्टॉप स्टार्ट मतलब चल रहे हैं फिर रुके फिर चले फिर रुके ऐसे करते रहना है एंड जहां पे रनवे खत्म होगा वहां से आपको दोबारा से 180° टर्न लेना है एंड दोबारा से इसी प्रोसेस को लगातार रिपीट करते रहना है जिससे अगर इंडियन गवर्नमेंट कोई निशान ले रही हो हमारे पे कोई टारगेट कर रहा हो या फिर कोई भी अलग से मिशन कर रहे हो हमारे खिलाफ हमारा हाईजैक असफल करने के लिए तो वो अंपलिंग में पहले से ही काफी टाइम लग रहा होता है एंड जब ये फ्यूल काफी पास में आ जाता है एयरक्राफ्ट के तब भी बोला जाता है कि अब इस फ्यूल टैंकर में कुछ टेक्निक ही खराबी आ चुकी है अभी अपने जहां से हिल नहीं पा रहा है थोड़ा अटक गया है अब थोड़ा और टाइम लगने वाला है एंड इतना सब देखने के बाद हाईजैकर कुछ तो समझ चुका था कि कुछ तो हमारे के खिलाफ किचडी पक रही है एंड इन सब चीजों से तंग आकर आउट ऑफ कंट्रोल होकर एक हाईजैकर एक पैसेंजर को पॉइंट ब्लैंक पे शूट कर देता है एंड ये होती है पूरी प्लेन में सबसे पहली डेथ एंड इवन थोड़ी देर बाद जो बर्गर नाम का हाईकर होता है वो भाग के कॉकपिट में आता है और बोलता है कि मैंने चार पैसेंजर्स को और शूट कर दिया है मंस अब पूरे पांच डेथ हो चुकी हैं बट यहां पे सोचने वाली बात ये है कि जो बर्गर था ये मेन लीड नहीं था बल्कि किसी अंडर काम कर रहा था इन हा जकर्स के एंड ये बार-बार रेड कैप से पूछने आ रहा था कि क्या मैं लोगों को मारना स्टार्ट करूं क्या मैं उनको शूट कर दूं बट बार-बार रेड कैप इसको मना कर रहा था बट उसके बावजूद इसने चार लोगों को मार दिया था सो ये अंदेशा हो रहा था कैप्टन को कि हो सकता है इनके में से कोई छठा बंदा भी मौजूद हो फ्लाइट में एज अ पैसेंजर जिसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है जब तक सामने नहीं आया एंड पैसेंजर की तरह ही रिएक्ट कर रहा है बट अंदर खाने इनको ऑपरेट कर रहा है एंड इनको इंफॉर्मेशन दे रहा है कि पैसेंजर्स के बीच में क्या-क्या हो रहा है अब इसके रिस्पांस में दिल्ली से एक एनर्जी कमांडोज का एयरक्राफ्ट रवाना कर दिया जाता है मिस एयरपोर्ट के लिए बट शायद से इस बात की खबर उस बाले बंदे ने किस ना किस तरह हाईजैकर को दे दी थी कि अब एनर्जी कमांडर्स आपके पास आने वाले हैं सो इसी के चलते उन्होंने लगातार आठ से नौ मेल्स को अलग से निकाला एंड जो शंकर नाम का हाईजैकर होता है ये लगातार चाकू से इन पर बारिश कर देता है एंड काफी बुरी तरफ से आठ के नौ बंदे सब के सब घायल हो जाते हैं एंड जो इनका कैप्टन होता है कैप्टन देवी शरण इसके ऊपर भी रेड कैप रिवॉल्वर रख देता है हेड के ऊपर और बोलता है मैं तीन से एक तक काउंटिंग गिनू अगर आपने उड़ाया तो ठीक नहीं उड़ाया तो मैं आपको यहीं शूट कर दूंगा सो इंसान मरता क्या ना करता एंड कैप्टन देवी शरण डर के हमारे अब फ्लाइट को टेक ऑफ कर चुके होते हैं एंड मजे की बात ये है अभी तक फ्लाइट को रिफ्यूल भी नहीं किया गया था ए यही मूमेंट था दोस्तों जब इंडिया समझ चुका था कि इन्होंने सबसे क्रुशल सबसे इंपॉर्टेंट कड़ी अपने हाथ से गवा दी है इस हाईजैक को कैंसल आउट करने के लिए बट सम हाउ पाकिस्तान मिसाइल्स तो लॉन्च नहीं करता बट हां जो उनके एयरपोर्ट में लाइट्स होती हैं जिनसे एक एयरप्लेन को पता चलता है कहां पे लैंड करना है वो उनको क्लोज कर देता है बट स्टिल i 814 यही इस एयरशिप का दूसरा नाम भी है इसको रनवे मिल जाता है देन जब ये लैंड कर ही रहे होते हैं देन को दिखता यार यहां पे तो कुछ मूव मूवमेंट हो रहा है नेब वो देखते हैं थोड़ा 300 मीटर की दूरी से उन्हें दिखता है साफ थोड़ा दिखता है क्या हो रहा है उन्हों पता चलता है यार ये तो हाईवे पे लैंड होने वाले हैं बट शायद से इनकी दुआएं सच में काम कर जाती हैं क्योंकि एट मोमेंट अचानक से लाहौर एटीसी ऑनलाइन आता है एंड बोलता है कि हमने अपने ए स्पेस आपके लिए ओपन कर दिया है इवन अपने अपने लाइट हाउस मतलब कि जहां पे लाइट्स ऑन रहती हैं वो भी सब कुछ लाइट्स ऑन कर दी है आप आराम से आके लैंड कर सकते हैं बट बशर्ते आपको सिर्फ और सिर्फ रिफ्यूल की हेल्प मिलेगी क्योंकि इंडिया चाह रहा था कि जितने पैसेंजर्स एयर स्पेस के अंदर ए शिप के अंदर अभी इंजर्ड है शायद अगर वो उनको लाहौर निकाल लेता है किस ना किस तरह से मेडिकल फैटीज उनको प्रोवाइड कर दी जाती हैं तो शायद से उनकी जान बच सकती है बट लाहौर इस बात प सीधा मना कर देता है कि रिफ्यूलिंग का वादा किया है तो वही की जाएगी एंड रिफ्यूलिंग करवाइए यहां से चलते बनिए अब ये जो रेड कैप होता है ये फिर से बोखला जाता है एंड ऑर्डर करता है कि इस बार अब काबुल चलिए क्योंकि काबुल में हमारे काफी बढ़िया कनेक्शंस है काबुल में हम सेफ महसूस करेंगे एंड वही हमारी आखरी लोकेशन भी होने वाली है उसी मूमेंट पे न्यू दिल्ली एटीसी इंफर्म करता है कि काबुल में रात की लैंडिंग पॉसिबल ही नहीं है वहां पे लाइट्स ऑन ऑफ का कांसेप्ट तो छोड़ो लाइट्स लगा ही नहीं रखी है वो रात को एयर स्पेस में अपने एयर प्लेनस को लैंड ही नहीं कराते हैं अब रेड कैप के पास फिर से 5050 आ जाती है एंड इस बार डिसाइड करता है कि अब हम जाएंगे दुबई में यूएई में स्थित दुबई के एएल मीनाद एयरपोर्ट में एक और नाव सुनने के लिए क्योंकि उस टाइम पे इंडिया के रिलेशन दुबई के साथ इतने खास नहीं थे बट एट मोमेंट इंडिया अपनी मदारी दिखाते हुए यूएस की हेल्प लेता है एंड यूएस दुबई को प्रेशराइज करता है कि आप इंडिया को सपोर्ट कर दीजिए एंड दुबई जो है इस पे एग्री कर जाता है एंड इसी के चलते इस एयरक्राफ्ट को अलाव कर दिया जाता है दुबई में लैंड करना बट दुबई एक शर्त रखता है कि इन हाईजैकर्स के सामने कि अगर आपको अपने डिमांड्स दुबई से फुलफिल करानी है जैसे अगर आपको फूड चाहिए वोटर चाहिए आपको दुबारा से रिफ्यूलिंग करानी है सो आपको हमारी एक छोटी सी शर्त माननी होगी और छोटी शर्त ये थी कि आपको जितने भी प्लेन में बच्चे और लेडीज हैं उन सबको यहां पे लैंड कराना होगा एंड तभी हम आपकी डिमांड्स को फुलफिल करेंगे देन किस ना किस तरह जो रेड कैप होता है वो इस बात से एग्री कर जाता है कि ठीक है हम इनको छोड़ देंगे बट वो सबको नहीं छोड़ता सिर्फ 27 पैसेंजर्स को वहां पे लैंड कराता है वहां पे छोड़ के चला जाता है 27 पैसेंजर्स को जिनमें कुछ इंजर्ड भी थे एंड कुछ अच्छे खासे मतलब बिना इंजर्ड वाले पैसेंजर्स भी थे एंड यही मूमेंट था दोस्तों जब कैप्टन शर समझ चुके थे कि अगर मैंने एट प्रेजेंट एट फिलहाल कुछ नहीं किया सो ये लोग तो पूरे वर्ल्ड टूर के प्रजन में है बट जैसे तैसे कैप्टन शरन एक बहाना मार कि अब इस एयरक्राफ्ट को इंस्पेक्शन की जरूरत है कि क्या सही से काम कर रहा है क्या नहीं कर रहा कि हो सकता है हमें हवा में जाकर दिक्कत आ जाए आपको दिक्कत आ जाए काबुल में लैंड करने के लिए सो इसी की वजह से व उसको अलाव करते हैं कैप्टन शरण फ्यूलिंग पैनल में कुछ ऐसा कर देते हैं कि अब उसको रिफ्यूल करना करीब करीब ना के बराबर था उसे अब प्रॉपर मेंटेनेंस लगता उसको रिफ्यूल करने के लिए एंड एक प्रोफेशनल रिफ्यूलर की नीड पड़ती उसको रिफ्यूल करने के लिए एंड शायद से अब कहीं ना कहीं हाईजैकर्स की दुआ भी कबूल होते हुए दिख रही थी क्योंकि काबुल से ने एक इंफॉर्मेशन आई थी 8 सी पे ऑनलाइन आके उन्होंने बताया था कि अब हमने अपना एयर स्पेस आपके लिए ओपन कर दिया है क्योंकि अब थोड़ा सा दिन निकल चुका है तो अभी लाइट का कोई टंटालूस सफर टू देयर फाइनल डेस्टिनेशन अब ये लोग जैसे ही काबुल के लिए टेक ऑफ करते हैं तुरंत से इन्हें इफॉर्म कर दिया जाता है कि काबुल के एयरपोर्ट पे तो कुछ बम ब्लास्ट हो चुके हैं एंड देन काबुल एयरपोर्ट इनको एडवाइस करता है एक सजेशन देता है कि अभी आप कांधल एयरपोर्ट में लैंड कर सकते हैं तो कहते हैं ठीक है चलो हम वहां लैंड करते हैं जैसे ही ये लोग कांधल में लैंड करते हैं तुरंत से जो रेड कैप होता है ये दोनों कैप्टंस को पीछे भेज देता है कॉकपिट से बाहर निकालकर एंड तीन घंटे तक ये रेड कैप और बाकी के हाईजैकर्स की तालिबान गवर्नमेंट से कांटेक्ट कर रहे थे उनसे बातचीत कर रहे थे जो उनको चाहिए था जो भी उनकी रिक्वायरमेंट्स थी तालिबान में आने की वो वहां पे वो रख रहे थे उनके सामने एंड ये जो रेड कैप होता है ये दोबारा से कैप्टन शन को 3 घंटे बाद कॉकपिट में इनवाइट करता है कहता है इस प्लेन को दोबारा से रिफ्यूल कराइए तालिबान गवर्नमेंट के थ्रू एंड इसको यहां से बड़ा ले चलिए हम बताएंगे आपका डेस्टिनेशन क्या है लेकिन जब बताएंगे जब आपका एयर स्पेस हवा में होगा जब आपका एयरक्राफ्ट हवा में होगा इसी मोमेंट पे कोपायलट राजेंद्र कुमार इसको इंफर्म करते हैं कि फिलहाल प्लेन जो है वो उड़ने की कंडीशन में नहीं है क्योंकि इसके फ्यूलिंग चेंबर में भी कुछ दिक्कतें आ चुकी है एंड इसके टायर्स भी काफी थोड़े खराब हो चुके हैं एंड ये पूरा प्लेन अब मेंटेनेंस मांग रहा है देन रेडकैप उनको बोलता है कि आप हमारे साथ थोड़ा सा कोऑपरेट कर दीजिए हमें बता दीजिए कि कैसे इसको लेके जाना है एंड आप इसको हमारे वतन हमारे वतन इंडिया में लेके चलिए हम मरना भी हमारे वतन इंडिया में ही पसंद करेंगे फाइनली एक फैक्स लिया जाता है इंडिया को जिसमें मेंशन रहता है इन लोगों की सभी डिमांड्स के बारे में जिसके बाद य इन होस्टेस को रिलीज करने वाले थे जिसमें मेंशन रहता है मौलाना मजूद अजर की रिहाई के बारे में जो कि कश्मीरी मिलिटेंट ग्रुप का लीडर भी रह चुका था एंड साथ ही साथ 35 और मिलिटेंट की रिहाई के बारे में इसमें डिटेल जिक्र होता है काफी सबके नाम लिखे होते हैं साथ ही साथ ये मांगते हैं 200 मिलियन एंड साथ ही में ये मांगते हैं सज्जाद अफगानी की कवर जो कि मर चुका था वो भी मिलिटेंट था लेकिन ये उसकी कॉफिन की भी डिमांड रखते हैं एंड अब वेट हो रहा था तो इंडियन गवर्नमेंट के रिस्पांस का क्या वो उस डिमांड को रखते हैं क्या एक्सेप्ट करते हैं रिजेक्ट करते हैं वहीं दूसरी ओर न्यू दिल्ली में ऐसा माहौल हो रहा था कि जितनी होस्टेज की फैमिली न्यू दिल्ली में प्रेजेंट थी वो सब गवर्नमेंट को प्रेशराइज कर रही थी कि जो जो उनके डिमांड्स हैं वो सब फुलफिल करिए एंड हमारे जितने फैमिली मेंबर्स हैं उनको वापस लाइए हमें अपने फैमिली मेंबर्स से मतलब है आपके इन टेररिस्ट को मतलब नहीं है अब इतने सारे प्रेशर के चलते इंडियन गवर्नमेंट एक अलग से टीम फॉर्म करती है कंधार जाकर इन लोगों से नेगोशिएट करने के लिए इसमें नंबर वन पे आते हैं अजीत डवाल एंड उनके साथ-साथ चार और रो ऑफिसर्स एंड इनके पेन में टोटल होते हैं 52 लोग ऑन रिकॉर्ड बट इन 52 में से 20 लोग नॉर्मल नहीं थे बल्कि स्पेशल कमांडोज थे जो कि स्पेशली ट्रेन थे इसी एंटी हाईजैकिंग की फील्ड में एंड जैसे ही ये लोग वहां पे लैंड करते हैं तब उनको पता चलता है इनके पास टाइम बॉम से लेकर आरडी एक तक काफी बड़े-बड़े एक्सप्लोसिव फिलहाल की प्रेजेंट स्टेज में मौजूद हैं एंड यहां पे इनका प्लस पॉइंट ये बनता है क्योंकि इस एयरक्राफ्ट के अंदर काफी जगह कंट्रीज से पैसेंजर्स आए हुए थे सो सभी लोग मिलकर इनके साथ नेगोशिएट करते हैं एंड फाइनली इनकी दो डील कंप्लीट कैंसल हो जाती है जैसे ही कॉफिन वाली और ये इनकी जो 200 मिलियन वाली डील थी ये कैंसल हो जाती है एंड 35 मिलिटेंट की जगह ओनली तीन मिलिटेंट को भेजने की कंफर्मेशन होती है वो तीन मिलिटेंट वो होंगे जो ये हाईजैकर्स डिसाइड करेंगे सो इसी के चलते अजहर एंड मुश्ताक को जम्मू एंड श्रीनगर जेल से रिहाई मिलती है एंड ये जो अहमद ओमार शीख होता है इसको दिल्ली के तिहार जेल से रिहाई मिलती है वहां पे जाने के लिए कांधल में लैंड करने के लिए तीन मिलिटेंट्स के एक्सचेंज में हाईजैकर जो है वो 35 और मिलिटेंट्स को छोड़ने की बात करते हैं अपडेट आ चुकी थी 31 दिसंबर 1999 एंड ये लोग सोच रहे थे शायद अब तो एक हफ्ता हो नहीं आया करीब-करीब सात से ज्यादा दिन हो चुके थे इन लोगों को हाईजैक हुए हुए देन होता है एक चमत्कार सुबह के 5:30 बजे इन मिटेंस का जो प्लेन होता है वो वहां पे कांधा में लैंड करता है एंड ये लैंड करती जितने हाईजैकर होते हैं वो पैसेंजर्स के सामने जाते हैं उन सबसे माफी मांगते हैं देन ये पांचों हाईजैकर प्लेन से उतरे जाते हैं इनमें से दो एक जीप में जाते हैं बाकी के तीन दूसरी पप में जाते हैं एंड जब ये साथ में आठ के आठ मिलिटेंट्स आते हैं तो इंडियन अथॉरिटी तालिबान से थोड़ा सा कोऑपरेशन मांगती है थोड़ा उनको कहती है कि ये जो इन्होंने किया है जितने उन्होंने हत्याएं की है ये कोई माफी करने लायक चीज तो नहीं है सो आप इनको ऐसे कैसे जाने दे सकते हैं तालिबान सीधा मुंह पे मना कर देता है कि नहीं ये दिक्कत आपकी है हमारी कोई दिक्कत नहीं है हम इनको फ्रीली जाने दे रहे हैं बट कहीं ना कहीं इंडिया का अपना मतलब तो सिद्ध हो चुका था क्योंकि उन्हें मेन मोटिव था पैसेंजर्स को बचाना जो कि व काफी बचा चुके थे 178 पैसेंजर्स टोटल थे एंड लास्ट आते-आते सात आठ दिन के बाद कम से कम बस 155 पैसेंजर जिंदा बस हैं एंड अजीत डवाल जिस एयरक्राफ्ट में आए थे एंड जिस एयरक्राफ्ट में ये तीन मिलिटेंट आए थे उन्हीं दो एयरक्राफ्ट में उठा के इन लोगों को रवाना कर दिया जाता है इंडिया के लिए एंड ऐसे ही माहौल के बाद साथ ये कहानी का एंड होता है सो अगर यह कहानी आपको पसंद आई है कहानी तो नहीं लेकिन ये रियल स्टोरी है बेस है अगर आपको ये पसंद आई है तो आप इस वीडियो को लाइक कर सकते हैं सब्सक्राइब कर सकते हैं हम मिलेंगे कि और न वीडियो के साथ अबब तक के लिए टाटा गुड बाय जय हिंद