हमने लास्ट वीडियो में बातचीत की थी मेडिसिन के रिटेल लाइसेंस के बारे में आज हम डिटेल में बात करेंगे मेडिसिन के होलसेल लाइसेंस के बारे तो आज डिटेल में चर्चा करेंगे कि होलसेल ड्रग लाइसेंस क्या होता है यह कितने प्रकार के होते हैं इसके लिए जगह का सिलेक्शन कैसे किया जाए कहां खोला जाए इसमें डट की रिक्वायरमेंट क्या क्या होती है कितने फंड की जरूरत पड़ती है और इनकम कितनी तक हो जाती है तो सबसे पहले बताऊ होलसेल डग लाइसेंस ये जिले लेवल पर होते हैं जहां सबसे पहले जैसे गुड्स जो है डिस्पैच होता है कंपनी से सी एंड एफ के लिए फिर सी एंड से स्टॉकिस्ट के लिए जिनके ल केला होते हैं और जो होलसेल ड्रग लाइसेंस यानी कि स्टॉक जो होते हैं कंपनी के वहां से फिर रिटेलर को बिलिंग की जाती है रिटेलर को सप्लाई किया जाता है या डॉक्टर्स के नाम पर बिल सप्लाई किया जाता है गुड्स सप्लाई किया जाता है या हॉस्पिटल्स में जो मेडिकल स्टोर होते हैं उनको सप्लाई किया जाता है तो होलसेल का काम होता है कि वो जो है डिफरेंट इन पॉइंट्स पर मेडिसिन को सप्लाई करते हैं और जो कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स होते हैं वो स्टॉकिस्ट को ऑर्डर देते हैं अब बात करते हैं कि से ड्रग लाइसेंस कितने तरह के होते हैं तो ये दो तरह के होते हैं नंबर एक प्रोपराइटरशिप फर्म जिसमें के कोई भी पार्टनर नहीं होते ये स्वयं ही मालिक होते हैं और उसको प्रोपर शिप होलसेल का ड्रग लाइसेंस कहते हैं प्रोप्रानोलोल होते हैं और इसमें एक कंपट पर्सन होता है जिसके मेन डॉक्यूमेंट लगते हैं जब होलसेल का ड्रग लाइसेंस बनवाते हैं अब बात करते हैं कि होलसेल ड्रग लाइसेंस कहां खोलने चाहिए तो इसमें सबसे पहले तो कोशिश की जानी चाहिए जो भी थोक के मार्केट होते हैं होलसेल के लाइसेंस जहां बहुत सारे थोक विक्रेता होते हैं मेडिसिन के वहीं पर लाइसेंस होता है तो अच्छा रहता है क्योंकि जब रिटेलर वहां गुड्स परचेस करने के लिए आते हैं तो जो भी वहां दूसरी कंपनियों के आ रहे हैं तो वो देख लेते हैं अगर मेडिकल स्टोर दिख रहा है तो यहां भी कुछ मिल सकता है या पता चल जाता है और कि यहां इस कंपनी का जो स्टॉकिस्ट है तो वो इजली ले जाते हैं अ अन्यथा तो फिर वो सप्लाई नना पड़ता है अपने लड़कों के द्वारा और डिमांड काटने के लिए मेडिकल स्टोर पर अपने स्टाफ रखने होते हैं फिर वो सप्लाई करने के लिए जाते हैं तो सप्लाई का लोड बढ़ जाता है जब दूसरी जगह पर ड्रग लाइसेंस होता है तो कोशिश ये की जानी चाहिए कि जो थोक के मार्केट है वहीं पर दुकान मिल जाए लेकिन वहां महंगी होती है तो दूसरी जगह भी होलसेल का काम किया जा सकता है इसके लिए ये जरूरी नहीं है कंपलसरी नहीं है कि होलसेल का जहा ड्रग लाइसेंस है जो थोक के मार्केट है वहीं पर लाइसेंस लिया जाए इसके बाद बात करते हैं हम कि इसमें कितने फंड की जरूरत पड़ती है तो इसमें कम से कम कम से कम दो से ती लाख रुपए फर्नीचर जैसे रक है फ्रिज है है बिजली का कनेक्शन है और काउंटर है लैपटॉप है बिलिंग के लिए प्रिंटर है इन सबके लिए जरूरत पड़ जाती है और कम से कम 20 से 25 लाख 10 लाख र से लेकर के 25 30 और 50 लाख रप तक जितना भी अपना बजट है उतना मेडिसिन की परचेज करने के लिए जरूरत पड़ जाती है क्योंकि थोक में क्या है कि किसी एक कंपनी का भी माल लोगे तो दो चार पा लाख रप का जरा सा होता है तभी बिजनेस की जा सकती है क्योंकि स्टॉक करने के बाद में आप बेचते हैं तो टोटल गुड्स नगद में नहीं बिकता है उधार भी जाता है तो उसमें भी इन्वेंटरी रखनी पड़ती है एक बार उधार बेज दिया उसके बाद जब पेमेंट आ जाएगा तो तब तक हमें गुड्स तो अवेलेबल रखना है तो इसलिए होलसेल के काम में ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती है अब बात करते हैं एजुकेशनल क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए जरूरी डॉक्यूमेंट क्या है तो इसमें यदि बी फार्मा है तो बहुत अच्छा या ग्रेजुएशन है तो वो भी होलसेल का ड्रग लाइसेंस ले सकते हैं यदि बी फार्मा नहीं है बी फार्मा या डी फार्मा तो फिर एक साल के एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ती है जब आप ड्रग लाइसेंस लेंगे तो एक साल का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट उसमें लगाना हो होगा इसके अलावा इसमें पासपोर्ट साइज का फोटो पैन कार्ड आधार कार्ड बिजली और फ्रिज की रसीप दुकान की रजिस्ट्री अपने नाम से है अपनी दुकान है तो दुकान की खरीद की रजिस्ट्री के कागज नहीं तो किराए की रसीप और इसमें रक और फ्रिज के साथ में स्वयं के पास और दूर के फोटो इसके अतिरिक्त ओनर के एजुकेशन के सर्टिफिकेट और मार्कशीट्स हाई स्कूल से लेकर के और हायर एजुकेशन तक की ये सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है और इसके लिए कोई हो सकता है मैं भूल गया हूं तो आप स्क्रीनशॉट ले सकते हैं अच्छा एरिया की बात करें तो इसके लिए जो सरकार के द्वारा निर्धारित एरिया होता है ड्रग विभाग के द्वारा शॉप का वो कम से कम 110 स्क्वायर फीट का होता है लेकिन क्योंकि थोक का काम करना है तो एरिया अधिक ही होना चाहिए नहीं तो फिर गोदाम लेना पड़ेगा उसका किराया अलग से देना पड़ेगा और यदि कम एरिया की दुकान है तो फिर गोदाम लेकर के भी अलग से काम चलाया जा सकता है और इसका जो नक्शा है वो आर्किटेक्ट के द्वारा बना हुआ स्वीकृत किया हुआ वो जो है ट इंस्पेक्टर को डॉक्यूमेंट के साथ में आपको देना होगा इसमें क्योंकि फूड के प्रोडक्ट भी होते हैं न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट के प्रोडक्ट भी होते हैं ड्रग के प्रोडक्ट के साथ में तो उसके लिए फूड के प्रोडक्ट के लिए आपको एफ एस एस एआई नंबर भी लेना होगा जो कि जिले के फूड इंस्पेक्टर के द्वारा जारी किया जाएगा इसके लिए एक साल के लिए ₹1 की फीस लगती है और 5 साल के लिए 00 की फीस यानी चालान जमा होता है तो 5 साल के लिए ले लीजिएगा और ड्रग लाइसेंस भी 5 साल के लिए लिया जाता है जिसकी 000 सरकारी फीस होती है यानी कि चालान जमा होता है तो वो डॉक्यूमेंट ड्रग इंस्पेक्टर को दिए जाने क्योंकि ड्रग लाइसेंस को ड्रग इंस्पेक्टर जारी करते हैं और एफएस एसआई जो लाइसेंस होता है फूड का उसे फूड इंस्पेक्टर जारी करते हैं अब बात करते हैं इसमें और क्या डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी तो इसमें जीएसटी भी जरूरी हो जाता है तो सेल टैक्स विभाग से जीएसटी नंबर के भी लिए अप्लाई करना होगा अब बात करते हैं इसमें इनकम कितनी हो सकती है तो जो शुरुआत है होती है क्योंकि टर्नओवर भी कम होता है तो टर्न ओवर के आधार पर ही इनकम होती है शुरुआत 0000 या लाख से हो सकती है और अधिकतम इनकम का तो जैसा टर्नओवर है आपके पास में आपने कितना पैसा लगा रखा है कितनी सेल हो रही है उसी के आधार पर इसमें पा से 10 पर का प्रॉफिट आप एवरेज आ जाता है तो जितना टर्न ओवर है 10 लाख 20 लाख 50 लाख रप तक महीने तक भी होलसेल ड्रग लाइसेंस वाले कमा लेते हैं तो आज के लिए बस डिटेल में इतना ही और मुझे सब्सक्राइब करते रहिएगा शेयर करते रहिएगा कमेंट करते रहिए आपको जो भी कोई और किसी भी जानकारी के लिए आपका मन है तो मुझे कमेंट में लिख दीजिएगा मैं उसी के ऊपर वीडियो थैक य