Why Malaika Arora Father’s Autopsy Report is not Analysed by News Media ?

Published: Sep 13, 2024 Duration: 02:17:45 Category: People & Blogs

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टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठ उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वो क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वोह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वो शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सु शांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है यह अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो व सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि ये जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वो सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर ये कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था यह तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तोय बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच है वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वोह तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वह फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक है और जानना चाहते हैं दोस्तों मलायका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां हैं इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वह जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि ये पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आमजन और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो व यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था यह तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इन्फ्लुएंस व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक है और जानना चाहते हैं दोस्तों मलायका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जोस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि व कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वो शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिस में तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है ये अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था के पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों ये बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वोह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों ये हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वो किसी और के लिए भी घातक हो सकता और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम ये जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इन्फ्लुएंस व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें हैं और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलायका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वो सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वह जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें ई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर पड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि ये जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वोह जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रो रा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस की जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वह रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले छपे तोय बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच है वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इफुल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वह फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें हैं और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस माम में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा खा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एकएक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वो शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और ये गुथी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का किय जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रो र हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जाना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बात आते हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबक दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वह रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तोय बा ह बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इन्फ्लुएंस व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वह तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलायका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उस का पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जोस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एकएक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वो जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतने बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वह रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु हो होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वो किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें हैं और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां हैं इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जोस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एकएक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वोह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी ट्रस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुथी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी है लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अब उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में य जो तीनों स्थितियां हैं इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वो सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एकएक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वो कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुथी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी है लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वो सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विश्रा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था यह तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इस लिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वो भी उसी तरह से निकल सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इन्फ्लुएंस व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वोह फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें हैं और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छ रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को ले लेकर जागरूक है और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पो मॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में ये जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन केस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वोह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जा ने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एकएक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिप दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वो शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है य अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी है लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की ोर्ट नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर ये कोई आम केस हो तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था यह तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रा रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिसिया जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वो भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इन्फ्लुएंस व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दे क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वह तो कोई भी समझेगा ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वह फॉल कैसा था वह एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वो सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वो क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वह जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लगा रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है है य अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग 3 दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि यह जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था यह तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वो भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों ये हमारा और आपका फर्ज बंद क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वोह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां हैं इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वो पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वो क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वो शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वो जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्ट रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग 3 दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि ये पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार क्या है वह जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रो र हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो व यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच है और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्ट सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तोय बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वो भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वो किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें हैं और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वो सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वो क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्त रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है ये अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीच जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वोह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वह यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों ये बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वह भी उसी तरह से निकलकर सामने आए दोस्तों ये हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है व किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इन्फ्लुएंस व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में ये जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वो क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉय तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और ंक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वोह जो वचमन है वो शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि ये पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वो सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का किय जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वह यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच है और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है व रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्ट टि है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तोय बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सकें कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अ रूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यत तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां है इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरन एक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वो क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वह जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वो नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वोह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर यह हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है य अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि ये पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो व सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहु सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो व यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच है और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है वि रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी अी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वो रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वो किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि ये जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलाइका के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां हैं इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो वह पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो ने ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वह जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए जाने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और ये गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है ये अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल हैं जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग तीन दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो वह सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती है टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और ये एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का कि ये जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वो जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रोरा हो या कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो व यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच हैं और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था यह तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के दायरे में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वह रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट अंदर कौन घुस रहा है कौन बाहर निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तो ये बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच हैं वो भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों ये हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच सामने आया है वह सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वो तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वोह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही निकल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं दोस्तों मलायका के के फादर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर इस समय बहुत हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं क्योंकि आप जानते हैं कि इस घटना को एक लंबा वक्त गुजर चुका है जो उनका शव है उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया हाउस ने उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में ना तो बात की है ना उसे दिखाया है सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि उनकी मृत्यु अंदरूनी चोट लगने की वजह से हुई है दोस्तों आप अगर गौर से देखें तो अगर कोई भी शख्स ऊपर से नीचे गिरता है तो उसके मुख्यतः तीन कारण होते हैं पहला उसका पांव फिसल गया दूसरा उसे किसी ने धक्का दिया तीसरा उसने खुद ही छलांग लगा दी अब ऐसे में यह जो तीनों स्थितियां हैं इनमें शरीर पर लगने वाली चोट बिल्कुल अलग-अलग तरह की होगी और किस तरह की चोट आई है इसको लेकर हम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ बैठकर बात कर सकते हैं समझ सकते लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी मीडिया चैनल ने किसी भी न्यूज़ चैनल ने इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का कोई भी हिस्सा दिखाया नहीं है इस पूरे मामले में अगर कुछ रिपोर्टिंग हो रही है तो वह सिर्फ इस बात की है कि कितने लोग आए कौन लोग आए कौन किस गाड़ी में आ रहा है कौन किस कपड़े में आ रहा है बिल्कुल पपराजी स्टाइल में रिपोर्टिंग हो रही है लेकिन न्यूज़ चैनल्स को खासकर जो देश के जिम्मेदार न्यूज़ चैनल हैं जो जिम्मेदार अखबार हैं उन्हें इस बात को उठाना चाहिए कि वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक सामने क्यों नहीं आई है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या लिखा गया है और क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि देखिए जब भी कोई अपराध होता है तो व पूरे समाज के साथ होता है और ऐसे में पूरी सोसाइटी का यह हक है जानने का कि जो हुआ वह क्यों हुआ किसकी वजह से हुआ यूं ही तो नहीं हुआ होगा ना एक और बात यह भी कहा गया कि अनिल मेहता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी दोनों बेटियों से एक-एक करके बात की और फिर फोन को स्विच ऑफ कर दिया लेकिन उन्होंने उसी फ्लोर पर उनके साथ वाले फ्लैट में रहने वाली अपनी पत्नी जॉयस से कोई बात नहीं की बल्कि जॉयस तो उन्हें ढूंढती हुई आई कि वह कहां है दिख नहीं रहे उन्हें लिविंग रूम में उनके स्लिपर्स दिखते हैं फिर वह बाहर बालकनी में जाती हैं और झांक कर देखती हैं तो देखती हैं कि वो जो वॉचमैन है वह शोर मचा रहा है और उनका उनकी जो बॉडी है वह नीचे पड़ी है तो आखिर ऐसा क्या था जो अनिल मेहता अपनी पत्नी से नहीं बता रहे थे उन्होंने सीधे अपनी बेटियों को फोन किया और अब जब वह जा चुके हैं तो उनका परिवार सिर्फ यह कह रहा है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी कोई परेशानी नहीं थी उनको तो सिर्फ घुटनों में दर्द रहता था तो क्या कोई शख्स सिर्फ घुटनों में दर्द होने की वजह से इतना बड़ा कदम उठाता है यह सवाल अपने आप में बहुत बड़ा है और बॉलीवुड में आप जानते हैं कि इस तरह के कई अनसुलझे सवाल पहले भी तैरते रहे हैं हम देखें दिव्या भारती का मामला हो श्रीदेवी का मामला हो सुशांत का मामला हो तमाम मामले ऐसे हो चुके हैं जिसमें तरह-तरह की बातें हुई लेकिन इन सभी मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र होता रहा सुशांत के केस में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर बहुत सारे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी और उस पर तरह-तरह से लोगों ने बहस की लेकिन यहां तो कुछ है ही नहीं और ऐसा लग रहा है कि शायद इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को जबरदस्ती रोका गया है क्या कोई है जो अपने इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल करके इसे रोक रहा है क्योंकि देखिए आने वाला तो जा चुका है लेकिन अब जो लोग रह गए हैं उनकी जिंदगियों पर भी असर पड़ सकता है और मीडिया इस केस में काफी इंटरेस्ट ले रहा है क्योंकि आम जनता का भी इंटरेस्ट है कि आखिर ये हुआ क्या और यह गुत्थी उस वक्त और भी उलझ गई जब सरनेम को लेकर बवाल हुआ अभी तक नहीं पता है कि मामला स्टेप फादर का है या बायोलॉजिकल फादर का है या अरोरा सरनेम कहां से आया तमाम सवाल है जिन पर जवाब अभी आने बाकी हैं लेकिन इस सबके बीच अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती है और घटना को लगभग 3 दिन बीत जाते हैं तो अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल तो अपनी जगह पर खड़ा है कि क्या कोई है जो इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बाहर आने से रोक रहा है दोस्तों आपको क्या लगता है अगर ऐसे केस में जहां पुलिस जांच चल रही है क्या मीडिया को इस तरह की रिपोर्ट्स नहीं दिखाई जानी चाहिए क्योंकि यह पूरा का पूरा मामला पुलिस केस का है और जब कुछ पुलिस केस होता है तो व सीधे-सीधे पब्लिक से कनेक्टेड हो जाता है क्योंकि पुलिस को सैलरी आती टैक्स पेयर्स के पैसे से टैक्स पेयर्स मतलब आम जनता और यह एक अननेचुरल डेथ है ऐसे में यह अपराध की श्रेणी में भी आता है ऐसे में आम जनता का यह हक बनता है यह जानने का किय जो हादसा हुआ है इसके पीछे की वजह क्या है क्या कोई शख्स इसके लिए जिम्मेदार है कोई परिस्थिति इसके लिए जिम्मेदार है कोई बीमारी इसके लिए जिम्मेदार है क्या है वह जो इतनी बड़ी घटना का कारण बना क्योंकि दोस्तों बहुत सारे लोग हैं जो मलायका रो रहा हो कोई भी ऐसी पब्लिक फिगर हो जिनको देखते हैं फॉलो करते हैं उनके जैसे बनना चाहते हैं लेकिन अगर उनके परिवार में ऐसी घटना होती है तो वो यह भी जानना चाहते हैं कि इतना बड़ा बनने के बाद भी क्या कुछ कमियां रह जाती हैं क्या बॉलीवुड में जो चमक दमक दिखती है वह सिर्फ ऊपरी है उसके अंदर कई सारे काले सच है और आप खुद सोचिए कि अगर यह कोई आम केस होता तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सामने आने में इतना वक्त नहीं लगता अभी तक विसरा रिपोर्ट का भी पता नहीं है विसरा रिपोर्ट को आने में कई बार टाइम भी लगता है विसरा रिपोर्ट वो होती है जो यह बताती है कि मरने वाले शख्स ने अंतिम भोजन क्या लिया था उसके पेट में मृत्यु के वक्त क्या था ये तमाम बातें हैं और तमाम चीजें हैं जिन पर अभी सवाल खड़े हुए हैं लेकिन जवाब नहीं मिल रहे हैं आखिर क्या वजह थी जो फोन को स्विच ऑफ किया गया आखिर क्या वजह थी जो दोनों बेटियों को सुबह फोन किया गया जबकि दोनों रात में मिलकर गई थी क्या कुछ ऐसा था जो रात को कम्युनिकेट नहीं हो पाया था क्या कुछ ऐसा था जो सुबह कम्युनिकेट हुआ और जो अभी तक पुलिस के सामने नहीं आया है या फिर पुलिस या जांच के द में नहीं आया है और क्या वजह है कि एक शख्स अपने घर में सुबह उठता है और उठते ही इतना बड़ा निर्णय ले लेता है लेकिन उसी फ्लोर पर रहने वाली अपनी पत्नी से बिल्कुल बात नहीं करता पूर्व पत्नी से इस केस में जो कि तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे तो दोस्तों यह बहुत बड़ा अपने आप में सवाल इसलिए भी बनता जा रहा है क्योंकि जिस तरह की रिपोर्टिंग इस केस में हुई है वह रिपोर्टिंग सीधे तौर पर एक पपराजी रिपोर्टिंग है जहां पर आपको यह तो दिखता है कि उस काले से गेट के अंदर कौन घुस रहा है कौन निकल कर आ रहा है लेकिन आप यह नहीं जानते कि इसके पीछे जो जांच चल रही है उसमें कितने काले सच छिपे हैं तोय बार-बार जो काला गेट दिखाया जा रहा है आम जनता उस काले गेट को नहीं देखना चाहती आम जनता चाहती है कि इस पूरे मामले के पीछे जो काले सच है वह भी उसी तरह से निकल कर सामने आए दोस्तों यह हमारा और आपका फर्ज बनता है क्यों क्योंकि हम इस देश के नागरिक हैं और आप यह भी बात अच्छे से जानते हैं कि इस देश में जितने भी अपराध होते हैं उनके बारे में जानने का हक आम जनता का इसलिए है क्योंकि एक कारण जो किसी अपराध की वजह बनता है बुनियाद बनता है वह किसी और के लिए भी घातक हो सकता है और ऐसे में हमारा पूरा अधिकार बनता है कि हम यह जाने कि इसके पीछे कौन है आप सोचिए कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्या कोई सामने आने से रोक रहा है क्या कोई ऐसा इनफ्लुएंशल व्यक्ति है जिसको इस काम पर लगाया गया है कि आप मीडिया के सामने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ना आने दें क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के नाम पर जो सच साम सामने आया है वो सिर्फ इतना सा है कि अंदरूनी चोट लगने की वजह से मृत्यु हुई है वोह तो कोई भी समझेगा कि ऊपर से गिरे हैं तो अंदरूनी चोट लगेगी और उसकी वजह से मृत्यु होगी लेकिन वो फॉल कैसा था वो एक्सीडेंटल फॉल था या वोह किसी ने पुश किया था या उन्होंने खुद छलांग लगाई तमाम चीजें और इस मामले में कोई नोट भी नहीं मिला है तो आप इस बात को तब तक नहीं मान सकते जब तक कि यह जांच के दायरे में पूरी तरह से साबित ना हो जाए कि आखिर अंतिम क्षणों में हुआ क्या था दोस्तों क्या आप नहीं लगता कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए थी क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में हो सकता है कोई इस रिपोर्ट को सामने आने से रोक रहा हो क्या आपको नहीं लगता कि जिस तरीके से इस पूरे मामले की कवरेज की जा रही है उसमें काफी कुछ है जो पीछे छूट रहा है काफी कुछ है जो छिपाया जा रहा है या छिप रहा है क्योंकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है कि क्या छप रहा है और क्या छुप रहा है इसके बीच के अंतर को अगर हम नहीं समझेंगे तो बहुत सारी चीजें हैं जो हमारी आंखों के सामने से यूं ही ल जाएंगी और हम उसको समझ नहीं पाएंगे मैं चाहता हूं कि इस पूरे मामले पर आप अपनी जो भी राय रखते हैं उसको तुरंत इस वीडियो के नीचे लिखें हमें भी बताएं आखिर आप भी इस पूरे मामले पर अपनी कोई सोच रखते होंगे और वह सोच आप सबके साथ साझा जरूर करें ताकि हम एक समाज के तौर पर बता सके कि हमारे देश के लोग इस बात को लेकर जागरूक हैं और जानना चाहते हैं

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