क्या कुछ चल रहा है महाराष्ट्र में देखिए माफी केवल शब्द नहीं है माफी जो है यह पश्चाताप यह शब्द जो है आपके हृदय परिवर्तन को दर्शाता है कि आपके हृदय को चोट लगी होई आपको लगा होगा कि हां ये ऐसा नहीं होना चाहिए था और हुआ जो अभी सुनील जी सवाल उठा रहे हैं कि क्या कार्रवाई की ये मूर्ति गिरी क्यों और मूर्ति गिरी तो उसके बाद कार्रवाई क्यों हुई क्यों नहीं हुई यह दो महत्त्वपूर्ण सवाल है नरेंद्र मोदी जी के माफी मांगने से कोई फर्क पड़ता नहीं है क्योंकि वह जो कह रहे हैं उसका कोई अर्थ इसलिए नहीं बनता है कि उनके हृदय में क्या कोई परिवर्तन है क्या वह चाहते हैं कि सम्मान रखा जाए शिवाजी के सम्मान को बचाए रखने के लिए उन्होंने क्या किया शिवसेना को तोड़ा या अजित पवार को तोड़ा वोह राजनीतिक लड़ाई है उसमें नहीं पढना चाहिए चलिए वो उसको मान लिया जाए कि अब राजनीति कर रहे हैं आप लेकिन जब शिवाजी की मूर्ति टूट जाती है जब महिलाओं के जो सवाल आते हैं उस पर आप जो है देखने लगते हैं कि आपको राजनीति देखने लगती है जब गरीबों के सवाल पर राजनीति दिखने लगती है जब आरक्षण में आप राजनीति देखने लगते हैं जब अस्पताल में राजनीति देखने लगते हैं तो चिंता होती है आप प्रधानमंत्री हो प्रधानमंत्री के लिए क्या है प्रधानमंत्री के लिए सब बराबर है प्रधानमंत्री के लिए चुनाव इंपॉर्टेंट नहीं है यह जो लोग मीडिया प बड़ा तारीफ करते घूमते हैं कि ऐसा प्रधानमंत्री आज तक देखा नहीं राहुल गांधी तो है नहीं के मुकाबले ये 24 घंटे इलेक्शन के मूड में रहते हैं यह बुराई बुरी बात है प्रधानमंत्री इलेक्शन के मूड वाला नहीं चाहिए प्रधानमंत्री को होना चाहिए कि संविधान के अनुसार देश चल रहा है या नहीं चल रहा किसी प्रदेश में किसी देश के हिस्से में कोई आदमी परेशान तो नहीं है उसकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा ऐसा तो नहीं है कोई बदमाशी तो नहीं कर रहा हमारे राज्य में यह चिंता होनी चाहिए प्रधानमंत्री लेकिन प्रधानमंत्री जो है महाराष्ट्र आते तो वहां से संबंध जोड़ते हैं महाराष्ट्र से मेरा पुराना संबंध है अब शिवाजी जो है महाराष्ट्र के लिए वो एक नेता केवल नहीं है वो ना सावरकर है और ना वो गांधी केवल वो देवता की तरह माने जाते हैं महाराष्ट्र मराठी अस्मिता से जुड़े हुए शिवाजी महाराज और शिवाजी महाराज के साथ जो हुआ है जो जो मूर्ति टूटी तो यह लगता है किय आप खाली शिवाजी मत देखिए ना अयोध्या में क्या हुआ राम मंदिर को लेकर के क्या किया उन्होने राम का क्या हाल किया राम हमारे देश के नायक थे हम जब हिंदू की ही बात करें तो हिंदुओं के नायक माने जाते हैं हालाकि भारत के नायक माने जाते हैं राम उनके साथ क्या किया तो इनकी माफी का कोई अर्थ नहीं है और मुझे लगता है माफी इस देश इसकी जनता तो इस महाराष्ट्र की जनता जो है माफी देने वाली भी नहीं क्योंकि भ्रष्टाचार का सवाल हो या जो है नौकरी देने का सवाल हो या किसानों के सवाल हो तमाम सवालों पर प्रधानमंत्री ने झूठ बोला और मणिपुर की घटना इतना बड़ा दाग है जिसको प्रधानमंत्री का संघ भी चाहे तो धो नहीं सकता है बहुत बड़ा दाग है यह हमारी संस्कृति पर दाग और आप जो कोलकाता में जो कर रहे हैं जो कोलकाता में हो रहा है जिस तरह की राजनीत कर रहे वो राजनीत नहीं है वो कुर्सी पाने की घटिया राजनीति और महाराष्ट्र में भी वही किया उ आप याद कीजिए बाजपेई जी को याद कीजिए बाजपेई जी की सरकार एक वोट से गिर गई थी आप संस्कार की बात करते हो तो वह याद रखना पड़ेगा एक वोट से सरकार गिरी लेकिन सरकार को गिरने दिया उन्होंने कहा कि हम अी चीजों को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करेंगे वो भारतीयता है वो भारतीय संस्कृति है वो राजनीति का वो धवल पक्ष है लेकिन आपने क्या किया आपने खुलेआम किसानों के खिलाफ ये जो किसानों के खिलाफ बोल रही है यह कंगना रानावत कंगना रानावत के क्या हैसियत है बोलने की कौन हैय कंग नावत क्यों बोल रही है बुलवा रहे हैं बोल नहीं रही है व सांसद नहीं सांसद की हैसियत क्या है प्रधानमंत्री के सामने सर मोदी जी के सामने किसकी हैसियत है अभी इस्तीफा लिखवा लेंगे मोदी जी घर चली जाए वो खुद बोलती है कि प्रधानमंत्री बुलवा रहे हैं वो चाह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ऐसे बयान दे जाति गना के खिलाफ बोल रही है यह आरएसएस का पुराना नजरिया है बीजेपी का पुराना नजरिया है वो छोटे मोटे नेताओं से बयान दिलवा देते हैं और वह अपने मैसेज अपने कोर वोटर को मैसेज दे देते हैं कि देखो हम यही करने वाले हैं बाद में फिर बोलेंगे अरे यार वो तो प्रधानमंत्री थोड़े बोलते हैं देखो उसने बोला ना ऐसा हम उसी नी नीति पर चलने वाले हैं उसी रीत पर चलने वाले उसी राह प चलने वाले हैं जब यह बात आपको याद हो कि यह बात चली कि कंगना नात ने किसानों के खिलाफ जो बोला उस परे डांट पड़ी नड्डा साहब ने कहा तो जाति गणना पर कैसे बोल दी उसने और उसका सा बाकायदा पूरे मीडिया में इंटरव्यू कराया जा रहा है कौन कर रहा है किस मीडिया के आदमी की हिम्मत है अभी जो गोदी मीडिया गटर मीडिया भाजपा मीडिया जिसकी हैसियत है किसी संपादक की कि वो कंगना के बिना मर्जी के वोट ले ले यह इंटरव्यू ले ले वो खाली इमरजेंसी इमरजेंसी की तारीफ करने के लिए नहीं बोल इमरजेंसी पर बात करती ह वो बात कर रही है जाति गणना प जाति गणना प क्यों बोल रही है किसानों के मुद्दे पर क्यों बोल रही है वो क्योंकि बीजेपी का मूल स्वर वही है जाति गणना उसको नहीं कराना है और सबसे बड़ी दिक्कत है राहुल गांधी के उभर आने से राहुल देखिए आज जो राहुल गांधी के बाद जो देश की राजनीति है पूरी बदल गई पहले आप गौर कीजिए कांग्रेस और बीजेपी कम कमो बेस लगता था कि वही ट्रैक पे चल रही है जो स्वर्णवा द ट्रैक है वही चल रहा है लेकिन राहुल गांधी ने पूरे ट्रैक को चेंज कर दिया और उसको सामाजिक न्याय ला दिया सामाजिक न्याय पर अब दिक्कत यह है बीजेपी के साथ संघ के साथ खाली बीजेपी के साथ दिक्कत नहीं संघ के साथ संघ सामाजिक न्याय परर आएगा तो संघ का सोच पूरा खत्म हो जाएगा संघ की जो अवधारणा है वही खत्म हो जाती तो जब संघ की अवधारणा खत्म हो जाएगी वैसा काम क्यों करेगा तो व लगातार ईडब्स लाया इसलिए गया ईड्स लाने का कोई परपस नहीं आरक्षण को लेकर के जो तमाम इनकी रणनी चल रही है व क्या आरक्षण को किस तरह से खत्म किया जाए और जो दवा कुचला समाज है जो पिछड़ा समाज है वही रह जाए आप आप एक तरफ बोल दो कि समता का अधिकार है सबको समान अवसर मिलने चाहिए लेकिन समान अवसर का मतलब केवल यह नहीं होता है कि सब वैकेंसी के लिए बैठ जाए बराबर तरीके से पहले उस उस एलिजिबिलिटी में तो बराबर तरीके से आए समानता तो वो है ना कि आप उसके लिए पढ़ने का सही अवसर मिले उसके रहने जीवन खाने का सही अवसर मिले जब तक वो सही अवसर नहीं होगा जिसको कहते हैं कि प्लेइंग लेवल फील्ड एक समान मैदान होना चाहिए ना कोई नियम है तो नियम सबके लिए बराबर होना चाहिए ना क्रिकेट का नियम है तो क्रिकेट के नियम सबके लिए बराबर होते हैं ना ऐसा तो नहीं कि बांग्लादेश के लिए अलग है और जो है भारत के लिए अलग हो जाएगा पाकिस्तान के लिए अलग हो जाएगा तो वो जो है ये नरेंद्र मोदी जो कह रहे हैं महाराष्ट्र आ करके मैं माफी मांगता हूं ये माफी नहीं मांग रहे हैं वोट मांग रहे हैं और वोट मांग रहे हैं उनको लग रहा है कि महाराष्ट्र से पूरा साफ हो गया है महाराष्ट्र से साफ होने का मतलब समझिए आप लगातार यह बात हो रही है कि आरएसएस नाराज है मोदी जी से अभी आप देखिएगा जो भाजपा मीडिया उसमें लगातार छप रहा है आरएसएस इन इन वजहों से मोदी जी से नाराज है ये सब ढोंग है इसको हम सबको समझना होगा वो ढोंग इसलिए है कि दोनों एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं एक एक होता है ना गुड कॉप बैड कॉप यह गुड कप बैड कॉप है यह एक को यह कहेंगे फिर किसी दिन आएगा कि नरेंद्र मोदी को देखिए बीजेपी ने किनारे कर दिया जैसे एडवान के किनारे कर लेकिन इनको दरअसल राहुल गांधी से तनाव हो गया है राहुल गांधी ने जो मोर्चा पकड़ा है वो लग रहा है कि अगर उस मोर्चे पर देश चला गया ये जो अभी बात कर रहे थे प्रशांत भाई चिराग पासवान की चिराग पासवान ने क्यों रूट बदला है चिराग पासवान ने रूट इसलिए बदला है कि उसको मालूम है कि अगर इस रूट प नहीं आएंगे बीजेपी के रूट प रहेंगे तो गायब हो जाएंगे नीतीश कुमार हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं बीजेपी के रूट पर आने की क्यों नहीं दिखा पा रहे हैं क्योंकि उनको पता है कि ये अवेयरनेस जो है पिछड़े दलित आदिवासी समाज में आ गया है अवेयरनेस इस अवेयरनेस को दबाया नहीं जा सकता है और चूंकि अब एक नेशनल पार्टी पहले समाजवादी पार्टियां जो टुकड़े में थी रीजनल पार्टी के तौर पर थी उसके कहने का बहुत अर्थ नहीं होता था बीजेपी बहुत चिंतित नहीं होती थी उस बात से संघ को बहुत चिंता वो नहीं होती थी लेकिन कांग्रेस जब कह रही है तो संघ के नेताओं को नींद नहीं आ रही है क्योंकि उसके हिंदूवादी वाद का मतलब होता है जो वो मनुस्मृति है उसका क्या होगा मनुस्मृति कैसे चलेगा और फिर जब ब्राह्मण और जब जब जो शूद्र जो है जब बराबर हो जाएंगे तो फिर क्या फिर धर्म कैसे चलेगा फिर धर्म के सारे पाखंड खोल दिए जाए ये जो 36 प्रकार के बाबा जो शहर में घूम रहे प्रवचन देते हुए और बता रहे हैं यही धर्म है उनका क्या होगा संघ की चिंता यह फिर मंदिर का क्या होगा संघ की चिंता यह है और इसलिए इसमें देखिएगा मुसलमान भी साथ आ जाएंगे मुस्लिम जो मुस्लिम ये जो लोग है जो पंगा पंथी लोग है वो भी इनके साथ जुड़ेंगे आप याद कीए आजादी के पहले का समय यह तमाम धर्म के नाम पर पाखंड करने वाले लोग इकट्ठा हो जाएंगे संघ में देखिएगा संघ और ये लोग मिलने लगेंगे दिक्कत है यह कि दोनों में से कोई नहीं चाहता कोई धर्म वाला नहीं चाहता सामाजिक न्याय कोई धर्म वाला नहीं चाह रहा है कि महिलाओं के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाए यह दिक्कत है और यह तमाम समाजों में भारत के तमाम समाजों में दिक्कत है और इससे लड़ाई लड़ना राहुल गांधी के लिए एक दिन की बात नहीं है राहुल गांधी ने कहा अभी तो उनको कांग्रेस के भीतर लड़ना है लेकिन जो उन्होंने कहा है इस देश का प्रभु समाज खास करके जो जो जो स्वर्णवा दी समाज नहीं है जो चाहता है कि सामाजिक न्याय हो संविधान के अनुसार देश चले जो बाबा साहब को मानने वाले लोग हैं जो नेहरू को मानने वाले लोग हैं जो गांधी को मानने वाले लोग हैं जो भगत सिंह को मानने वाले लोग हैं वो तमाम लोग चाहते हैं कि सामाजिक न्याय हो सामाजिक न्याय ही संविधान का मूल है उसको छोड़ कर के आप देश को आगे बढ़ा नहीं सकते लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने 10 साल में क्या किया 10 साल में केवल जो है एव एट कैसे आगे बढ़े इस पर ध्यान दिया शिक्षा को लेकर के स्वास्थ्य को लेकर के बिना शिक्षा और स्वास्थ्य के क्या कोई समाज आगे बढ़ सकता है आपने शिक्षा को दूर कर दिया आपने स्वास्थ्य को दूर कर दिया और यह जो बांट रहे हो झुनझुना हमने जो है जन धन खाते इतने खोल दिए अरे खाते कितने बंद है जिनके खाते उनसे कितना पैसा बटोरा गया है मिनिमम पैसे के नाम पर आपको मालूम है जी और अगर आप कह रहे हो कि जीरो पैसे खाते खोल के करेंगे क्या आप जो भीख दोगे उसमें जमा करेंगे वो फिर पैसे निकालेंगे उन बैंकों में कितनी भारी भीड़ रहती है आप आइए हमारे गांव मेरा गांव तो बड़ा कस्बा है वहां पर बैंको में इतनी भीड़ रहती है कि पूछिए मत तो यह सारा कर रहे हैं आज जो उन्होंने बोला कि मैंने ये जन धन की बात कर रहे हैं व और दूसरी बातें कर रहे हैं वह बात कर रहा है कि फिन फिनटेक की बात कर रहे हैं अरे क्या डिजिटल कर दिया भाई आपने तो यह तमाम चीजों पर मुझे लगता है राजीव भाई कि माफी मांगने का कोई मतलब नहीं ये भी एक किस्म का पाखंड है और माफी मांगना अगर सही होता तो उनको जो अपराध जिसने किया था उसको बंद करते अजीत पवार को उन पर आरोप लगाए थे उनको पार्टी में शामिल नहीं करते जिनके खिलाफ आरोप लगाए थे इन्होंने कि ये ईडी सीबीआई का नोटिस आया था उनको अपने साथ लेकर के नहीं रहते सबको बाहर करते लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे हो या कोई मुद्दा हो सारे मुद्दों पर इनका पाखंड है धर्म भ्रष्टाचार सामाजिक न्याय ओबीसी सब पाखंड से भरे हुए लोग हैं और ये पाखंडी है कि पाखंड देश के अब जो प्रबुद्ध वर्ग है उसको समझ में आ गया राहुल गांधी ने उसको समझा दिया या राहुल गांधी खुद समझ गए कि जब तक स्ट्राइक पे हम आएंगे नहीं कांग्रेस खड़ी नहीं होगी