अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम की मिसाल ऐसे है मैं आपको हकीकत बता रहा हूं मजाक से हट के कि खाना पीना साडे नाल रहना सेना सरदार नाल हमने इनको अपने साथ खिलाया खाना हमने इनको अपने साथ क्रिकेट खिलाई हमने इनके साथ अपना खाना शेयर किया हमने इनके साथ अपने ग्रांड्स शेयर किए सिखाया हमने खिलाया हमने लेकिन अब जब यह हमें आंखें दिखा सकते हैं तो आपको आंखें नहीं दिखा सकते इन्होंने यह स्टेटमेंट दी है गुस्से में आके कि भाई हम दोबारा इंडिया में आ ये क्रिकेट नहीं खेलेंगे ये अफगानिस्तान के कुछ प्लेयर्स और उनके जो है मैनेजमेंट की जो है ये मुंह से कही हुई बातें क्या हम इंडिया में अब क्रिकेट खेलने नहीं आएंगे और उसके बाद एक और बात उन्होंने करी कि भाई हमने बीसीसीआई से तीन दो ग्राउंड्स और का बोला था दो ग्राउंड्स का बोला था वो दो ग्राउंड्स हमें नहीं दिए गए उन दो ग्राउंड्स का नाम यह है कि उन्होंने बोला था हमने लखनऊ का बोला था और उसके बाद हमने बीसीसीआई को बोला था कि हमें कानपुर का स्टेडियम दिया जाए