[संगीत] नमस्कार एक बार फिर से मैं आप सभी के सामने उपस्थित हूं बेहद महत्त्वपूर्ण टॉपिक के साथ आप सभी जानते हैं जब से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आई है तब से नए नए फरमान जारी कर रही है चाहे वह महिलाओं की आवाज को प्रतिबंधित करना हो चाहे वह महिलाओं को क्रिकेट से प्रतिबंधित करना हो चाहे महिलाओं को स्कूल भेजने से प्रतिबंधित करना हो लेकिन यहां पर एक नया फैसला लेकर के आई है तालिबान सरकार और उनका कहना है कि शरिया में क्रिकेट खेलना हराम है इसलिए क्रिकेट को हम अपने देश से बैन कर रहे हैं इसका मतलब सीधा-सीधा यह है कि अब अफगानिस्तान टीम आपको कभी देखने को नहीं मिलेगी लेकिन यदि बात की जाए तो वर्तमान में अभी आपका जो मैच है इंडिया के साथ अफगानिस्तान का होना है इसलिए जो अफगानिस्तान टीम है वह इंडिया में ही मौजूद है और उसके पीठ पीछे अफगानिस्तान में क्रिकेट को बैन किया जा रहा है तो अब देखने वाली बात यह है कि क्या कभी अब अफगानिस्तान टीम हमें दिखाई ही नहीं दे वो इतिहास में हो जाएगी कि हां पहले ऐसी टीम हुआ करती थी तो इन सारी चीजों पर हम डिटेल एनालिसिस करेंगे मेरा नाम है प्राची मिश्रा और संस्कृति आईएस के इस प्लेटफॉर्म पर आप सभी का स्वागत है बाकी आपकी इस पर क्या राय है मैं अवश्य जानना चाहती हूं कि इस तरीके से क्रिकेट टीम को बैन कर देना जो इंटरनेशनल लेवल पर खेल रही है अच्छा खासा खेल रही है नाम कमा रही है थोड़ी अब उसकी जो पोजीशन है वो भी अच्छी होती जा रही है बहुत सारे ऐसे क्रिकेटर्स हैं अफगानिस्तान के जो बहुत ज्यादा फेमस हैं तो अब उनके फ्यूचर का क्या होगा जो क्रिकेट खेलते हैं उनके फ्यूचर का क्या होगा और क्या हमें में सारी चीजें जो बदलाव है वो देखने को मिल सकते हैं आप अपने पॉइंट ऑफ व्यू इस पर जरूर रखिएगा चलिए टॉपिक को डिटेल में डिस्कस करेंगे लेकिन इससे पहले देख लेते हैं एक महत्त्वपूर्ण सूचना कि हिंदी दिवस के अवसर पर आप सभी को 75 का डिस्काउंट दिया जा रहा है ये जो ऑफर है 13 से 16 सितंबर तक है इसमें सभी ऑनलाइन लाइव पेन ड्राइव टेस्ट सीरीज एंड डीएलपी कोर्सेस पर आपको 75 की छूट मिलने वाली है इसके तहत ये कोर्सेस आपके उपलब्ध होंगे आ जाते हैं न्यूज़ पर न्यूज़ है क्रिकेट बैन इस देश में क्रिकेट पर लगेगा बैन तालिबान के सुप्रीम जो लीडर हैं उन्होंने इस बात का ऐलान किया है आगे आ जाते हैं भाई अब क्या-क्या इसमें महत्त्वपूर्ण जानकारी है और यहां पर जो बार-बार कहा जा रहा है ना शरिया लॉ शरिया लॉ शरिया लॉ कि शरिया लॉ में ये लिखा है शरिया लॉ में ये लिखा है आज मैं आपको बताती हूं कि एगजैक्टली शरिया लॉ में क्या बातें कही गई हैं शरिया लॉ में क्या वाकई महिलाओं को ऐसे खुद को ढक करके रखने के लिए और हर चीज से प्रतिबंधित करना उनको पढ़ाई नहीं करने देना जॉब नहीं करने देना यह सरिया लॉ में लिखा है तो यह भी आज हम जानेंगे चलिए आ जाते हैं टॉपिक पर अफगानिस्तान टीम ने बहुत कम समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर गहरी छाप छोड़ने में सफलता पाई है मगर अब धीरे-धीरे एक टॉप टीम बनने की चाह में बाधा आ गई है रीजन यह है कि अफगानिस्तान में इस समय तालिबान सरकार है जो पहले से ही महिलाओं के खेलने पर रोक लगा चुकी है तो अफगानिस्तान की महिला टीम नहीं है और कोई भी मतलब महिलाएं किसी भी गेम्स में नहीं जा सकती है ये उन्होंने कह दिया है तो महिला तो वैसे भी नहीं खेल सकती हैं लेकिन अब कुछ रिपोर्ट्स ऐसी आपकी कह रही हैं कि तालिबान के जो लीडर हैं उन्होंने ने देश में क्रिकेट पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाने का आदेश दे दिया है कि जो क्रिकेट है उसको पूरी तरीके से बैन किया जाए चाहे वो यहां पर अफगानिस्तान के अंदर कोई खेल रहा हो या फिर इंटरनेशनल लेवल पर जाकर के कोई वहां पर खेल रहा हो आगे आ जाते हैं हालांकि इस विषय पर अभी सामने आकर के कोई आधिकारिक सूचना ना ही उनके लीडर ने दी है और ना ही उन्होंने बताया है कि हम किन-किन फॉर्मेट पर बैन लगा रहे हैं अभी सिर्फ इतना कहा गया है कि हम इस पर बैन लगा रहे हैं और किस तरीके से लगा रहे हैं यानी कि क्या क्राइटेरियास है ये सारे क्राइटेरियास अभी यहां पर डिस्क्लोज नहीं किए गए हैं तालिबान सरकार के द्वारा तो जैसे ही डिस्क्लोज किए जाएंगे वो भी मैं आप लोगों को बता दूंगी फाइनली अभी इतना कहा गया है कि ये हमारा जो क्रिकेट है यह खेल देश के अंदर गलत माहौल पैदा कर रहा है ऐसा कहना है तालिबान सरकार का और यह शरिया के विरुद्ध है इसलिए हम इसको बैन कर रहे हैं सिर्फ इतना स्टेटमेंट देक के उन्होंने चीजों को छोड़ दिया है चलिए अब बात कर लेते हैं अफगानिस्तान टीम की जो कि इस टाइम भारत में है अफगानिस्तान टीम भारत में है जहां नोएडा में उसे न्यूजीलैंड के साथ टेस्ट मैच खेलना था मगर खराब मौसम और साथ ही साथ मैदान की खस्ता हालत के कारण यह मैच आपका रद्द हो चुका है फिलहाल अफगान टीम के टेस्ट और वनडे कप्तान शतु शहीदी हैं ठीक है आगे बात करते हैं अफगानिस्तान के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं जिनका नाम हम जानते हैं राशिद खान हो गए मोहम्मद नबी हो गए मुजीब रहमान समेत कई खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट की मदद से अपनी पहचान बनाई है और इनसे इनकी पहचान छीन लेना क्रिकेट छीन लेना यानी कि इनसे इनका जीवन छीन लेना कोई किसी चीज में अपनी पहचान बना रहे है और आप उसको खत्म कर रहे हो तो वो इंसान खत्म हो गया कुछ नहीं है उसके पास फिर वो नया क्या करेगा जाक के ठीक है तो दिस इज नॉट गुड ना आगे बात करते हैं ये क्रिकेट दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेल करके खूब सारी कमाई करते हैं जो क्रिकेटर हैं ये और साथ ही अफगानिस्तान का नाम भी ये रोशन कर रहे थे अफगान क्रिकेट टीम में काफी जो जो टीम है वो अभी काफी आगे बढ़ चुकी है और यहां तक कि उसने टी20 वर्ल्ड कप 2024 सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था सेमीफाइनल में उसे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी अब बात कर लेते हैं ये जो शरिया शरिया शरिया हर टाइम हम सुनते रहते हैं एगजैक्टली व्हाट इज शरिया और शरिया में महिलाओं को और ये जो गेम्स हैं क्या कहे जाते हैं ये भी समझेंगे देखिए शरिया क्या है अभी ये समझते हैं कुरान हदीस और पैगंबर मोहम्मद की जो सुन्नतें हैं उन पर आधारित जीवन जीने का तरीका उन्होंने कुछ बातें कहीं उन बातों को किताबों में लिखा गया और कैसे जीवन जीना है यह सारी चीजें उन्होंने बताई तो उनको किताब में लिख दिया गया और उसको एक शरिया लॉ बना दिया गया किसके द्वारा कही गई बातें कुरान हदीस और पैगंबर की सुन्नतों पर आधारित जीवन जीने का तरीका है आपका सरिया ठीक है दुनिया के कई देश में पूरी तरह तो कई देशों में आंशिक रूप से आपका सरिया कानून लागू होता है जो आपके मुस्लिम कंट्रीज हैं भारत में पर्सनल मामलों में लागू होता है वहीं ईरान में सभी फैसले में आपका शरिया जो लॉ है वो लागू होता है पर्सनल मामले जो मुस्लिम्स के पर्सनल मामले हैं वहां पर शरिया की कुछ चीजें हम अलाउ करते हैं यानी कि इंडिया अलाउ करता है ठीक आगे आ जाते हैं कहां-कहां पर आपका शरिया लागू है तो देखिए यहां पर मिस्र में पूरी तरीके से लागू है इराक में है बहरीन में है ईरान में है अफगानिस्तान में है पाकिस्तान कतर संयुक्त अरब अमीरात ब्रुनेई मलेशिया इंडोनेशिया मालदीव्स में है यमन में है सऊदी अरब में है सूडान में है और नाइजीरिया में है लेकिन अगेन अगेन इन सारी कंट्रीज में सरिया लागू है लेकिन इन सारी कंट्रीज में महिलाओं की स्थिति शिक्षा घूमना खेल अलग है एक तरफ अफगानिस्तान है जिसने अपनी पूरी चीजों को तहस-नहस कर दिया है आपके पास संयुक्त अरब अमीरात है और सऊदी अरब है इनको देख लीजिए कितने ज्यादा डेवलप हो रहे हैं कितना पैसा इनके पास है कितनी सारी चीजें हैं ठीक है तो यहां पर सबने ना अपने-अपने अकॉर्डिंग इस चीजों को लागू कर रखा है अपने-अपने कुछ रिस्ट्रिक्शन अब यहां पर पता है क्या आ जाता है यहां पर आ जाता है कि कैसे हमें अपना वर्चस्व कायम करना है पितृ सत्तात्मक व्यवस्था हमें कैसी लानी है तो इस वजह से सबने अपने-अपने तरीके से शरिया को फॉलो करवाया है और देश में लागू करवाया है तो यह है रियल चीज जो बार-बार हम शरिया कहते रहते हैं ना ये ये ये दैट्ची कानून में महिलाओं को कोई अधिकार नहीं दिए गए हैं ठीक है यदि हम धर्म की ही बात कर ले रहे हैं जाति की ही बात कर ले रहे हैं तो क्या धर्म कोई ऐसा कहता है कि महिलाओं को पढ़ने की इजाजत ना दी जाए या महिलाओं को जीवन जीने का ही अधिकार नहीं है वैसे तो ये हमारा फंडामेंटल राइट है यदि मैं इंडिया की बात करूं मैं किसी अदर कंट्री की नहीं जा रही हूं इंडिया की बात करू और इंडिया में यदि कोई मुस्लिम महिला रह रही है तो उसके पास भी ये अधिकार है ये उसका फंडामेंटल राइट है कि वह पढ़े गी वोह लिखे गी और वह आगे बढ़ेगी उसको कोई नहीं रोक सकता उसका सरिया लॉ भी नहीं रोक सकता है फिर भी आगे बात कर लेते हैं सरिया कानून में ना तो औरतों के काम करने पर पाबंदी लगाई गई है और ना ही पढ़ने पर लगाई गई है तो अब ये वो लोग कौन से हैं जो ये कह रहे हैं सरिया के अकॉर्डिंग अफगानिस्तान में 6 साल की जो लड़की है उसको आगे पढ़ने की इजाजत नहीं है ये वो लोग हैं जो अपनी पितृ सत्तात्मक व्यवस्था को पुरजोर अपने दम पे वहां पर लागू करवाना चाहते हैं और कहते हैं हम शरिया को लागू करवा रहे हैं चलो आगे आते हैं नबी ने भी जिन नबी की वो लोग दुआ करते हैं सलाम करते हैं जिनके वो जो सुन्नत आयतें हैं जिनको व पढ़ते हैं तो यदि उनकी बात की जाए तो नबी ने भी अपनी औरतों को इतनी शक्ति से नहीं दे ना ही उनके ऊपर इतनी शक्ति बढ़ती थी नबी की जो पहली पत्नी थी खदीजा वो खुद एक बिजनेस वुमन थी और उनकी आखिरी पत्नी आयशा ने नबी के साथ जंग भी जीती थी यानी कि कुरा में भी मर्द और औरत दोनों के लिए तालीम हासिल करने का हुक्म है शरीयत में महिला और पुरुष में कोई फर्क नहीं बताया गया है आगे देख लेते हैं जो अधिकार पुरुषों को है वही महिलाओं को है इस्लाम में औरतों को काजी बनने का भी हक है औरतें मर्दों के साथ जंग भी लड़ती थी ज्यादातर इस्लामिक किताबें पुरुषों ने लिखी हैं इस वजह से व्याख्या भी पुरुष केंद्रित है यह बात है और यह रियल चीज जो मैं आपको बता रही हूं क्योंकि उन्होंने इसको क्या किया डिफाइन किया उन्होंने इसको ट्रांसलेट किया और जब उन्होंने ट्रांसलेट किया तो अपने माइंड सेट के अकॉर्डिंग ट्रांसलेट किया कि एक महिला पर हम कैसे अपना अधिकार जमा सकते हैं हम एक महिला को कैसे दबा सकते हैं क्योंकि सभी को पता है जब महिला उठ कर के खड़ी होती है तो बहुत सारी चीजें जो हैं वो चेंज हो जाती हैं ठीक है जब तक हम सिर्फ एक महिला को हद सिखाएंगे तब तक आपको कोलकाता रेप केसेस जैसी जो चीजें हैं वो देखने को मिलती रहेंगी तो हद पुरुषों को भी सिखानी चाहिए कि उनकी क्या है ठीक है और एक जनरल बातचीत में ये बात कह रही हूं तो इसमें ऑफेंड होने की कोई भी जरूरत नहीं है आगे आ जाते हैं कुरान में केवल हिजाब की बात है जिसका मतलब है पर्दा यहां पर पर्दा कहा गया यहां पर अब ये पर्दे को डिफाइन नहीं किया गया कि कैसा पर्दा होना चाहिए अब पर्दे में आप ऊपर से लेकर नीचे तक उनको ढक दो चाहे आप उनके ऊपर बोरा लपेट दो चाहे उनकी सिर्फ आंखें दिखाओ चाहे उनके सिर्फ मुंह दिखाओ चाहे उनका सिर्फ सिर दिखाओ यहां पे सिर्फ पर्दा कहा गया पर्दा को डिफाइन किसने किया जो आगे लिखने वाले लोग थे जो मौलवी थे जो काजी थे उन्होंने अपने अकॉर्डिंग डिफाइन किया कि क्या पर्दा होना चाहिए इसके बाद भी सांस्कृतिक मतभेदों की वजह से पर्दे की अलग-अलग व्याख्या एं हैं जो मैं आपको अभी यही डिफाइन कर रही थी कई देशों में हिजाब को बुर्का समझकर उसे ही अनिवार्य कर दिया गया है कि बुर्का क्या है यही हिसाब है और इसको अनिवार्य कर देना चाहिए आगे देख लेते हैं जब महिलाओं को शरिया में इतने अधिकार दिए गए हैं तो फिर इतनी शक्ति क्यों होती है अगेन शरिया कानून महिलाओं को बराबरी का दर्जा देता है अगर सरिया की बात की जा रही है एगजैक्टली देन आगे बात करते हैं महिला पर शक्ति और अत्याचार का आधार शरिया कानून नहीं बल्कि उसकी पितृ सत्तात्मक व्याख्या है जो करी गई है एक गलत तरीके से आगे बात करते हैं सऊदी अरब में महिलाओं के लिए ड्राइविंग बैन थी इसकी वजह सरिया कानून नहीं बल्कि पॉलिटिक्स और पितृ सत्ता थी कि वहां पर वह अपनी तरीके से चीजों को करना चाह रहे थे इस्लाम ने ही सबसे पहले संपत्ति में महिलाओं को हिस्सा दिया था अन्य धर्मों के मुकाबले महिलाओं को इस्लाम ने ही सबसे पहले तलाक का हक भी दिया था शादी के के बाद महिलाओं को अपनी मर्जी से नाम चुनने का अधिकार भी था तो मुस्लिम धर्म इतना स्वतंत्र था लेकिन उसको रिजल्ट किसने बनाया खुद मुस्लिम के जो पैगंबर कहे जाते हैं मुस्लिम के जो बहुत बड़े धर्म सुधारक कहे जाते हैं जो मौलवी कहे जाते हैं जो काजी कहे जाते हैं जिन्होंने मुस्लिम धर्म को व्याख्या व्याख्या किया है व्याख्या करिए खुद उन्होंने यहां पर गलत व्याख्या करके उसको इस तरीके से बना दिया जबकि मुस्लिम धर्म शरिया लॉ में ऐसी चीजें नहीं है आगे पि सत्तात्मक समाज ने अपने हिसाब से इसकी व्याख्या कर महिलाओं पर पाबंदी लगानी शुरू कर दी और यह महिलाओं को समझना चाहिए यहां पर उनको आंदोलन करना चाहिए कि जब उनको पता है व्हाट इज़ रियल शरिया लॉ शायद वह अभी तक गलत ही लॉ पढ़ रही हैं आप रियल शरिया लॉ पढ़ोगे देखोगे कुरान फारसी अरबी पढ़नी आती है देन तो आपको पता चलेगा कि आप महिलाओं के पास अधिकार हैं तो उसके लिए खड़ी हुई है क्योंकि आप ऐसा कर सकती हैं आप क्यों ऐसे समाज में रहना पसंद कर रही हैं जहां पर आप आपको प्रतिबंधित किया जा रहा है जहां पर आपको दबाया जा रहा है जहां पर आपको नीचा दिखाया जा रहा है आप वो पावर है जो कुछ भी कर सकती हैं ठीक है चलो अब डुअल सिस्टम है जब अब बात की जा रही है कि जब शरिया में ऐसी कोई चीजें नहीं है तो जो देश शरिया अपने कानून लागू कर रहे हैं तो उन देशों ने ये अलग-अलग चीजें क्यों कर रखी है क्योंकि वो ड्यूल पर्सनालिटी है ड्यूल सिस्टम वहां पर चलता है देखिए ऐसे कई देश है जहां सरकार सेकुलर है और मुस्लिम के लिए अलग शरिया कोर्ट है निजी मामलों की सुनवाई शरिया कोर्ट में होती है इसमें न्याय का अधिकार भी देश में अलग-अलग है नाइजीरिया केन्या में अलग शरिया कोर्ट है और पारिवारिक मामलों की सुनवाई करती है तंजानिया में एक ही कोर्ट में फरियादी के धर्म के आधार पर शरिया और सेकुलर कानून के हिसाब से फैसला सुनाती है तो इस तरीके की चीजें यहां पर आपको बताई गई है कि कैसा ड्यूल पर्सनालिटी ड्यूल सिस्टम इन सारी चीजों में चल रहा है और गलत गलत चीजें बता कर के लोगों को भ्रमित किया जा रहा है खैर ये सारी चीजें थी जिन पर हमने डिस्कशन किया अब मिलते हैं नेक्स्ट क्लास में तब तक के लिए धन्यवाद लाइक श सब्सक्राइब करना बिल्कुल भी ना भूले और बाकी आपके क्या व्यूज है मुझे अवश्य बताएं थैंक यू सो मच ब [संगीत]