अस्सलाम वालेकुम व्यूवर्स मैं हूं समीना पाशा उम्मीद है आप लोग खैरियत से होंगे व्यूवर्स बहुत सारी खबरें और अपडेट्स आप तक पहुंचाने है और हम तक भी बड़ी मुश्किल से पहुंच रही है उसकी वजह यह है कि कम्युनिकेशन के राबे बार-बार बंद कर दिए जाते हैं खास तौर पर एक्स जो कि पहले कम्युनिकेट करने में खास तौर पर सोशल मीडिया की वेबसाइट को अप्रोच करने में तो यह सूरत हाल पाकिस्तान में है और क्यों है अभी आपके सामने रख देते हैं अ रावलपिंडी के साबिक कमिश्नर ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की है उसने काफी ज्यादा हलचल मचाई है जिसके बाद अभी तक चीजें जो हैं वो शायद ऐसा लग रहा है कंट्रोल नहीं हो रही और एक पैनिक की सी सिचुएशन नजर आ रही है रियासत की बहरहाल उसके बाद मजीद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाई गई किसकी वो आपके साथ शेयर करूंगी आपको अंदाजा भी है लेकिन उसके पीछे की कहानी भी आपके सामने रखूंगी उसके बाद जनाब बात करेंगे कि बहुत से लोग यह बात कर रहे हैं कि जी पीटीआई का अब आगे लाहे अमल क्या है तो आज एक आहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की है अ सेक्रेटरी जनरल उमर अयूब साहब ने जो कि वजीर आजम के नामजद उम्मीदवार भी हैं पीटीआई की तरफ से अ उन्होंने बड़ा कैटेगरी कली बताया है कि क्या करने जा रही है पाकिस्तान तहरीक इंसाफ और दूसरी तरफ पीएमएलएन और पीपल्स पार्टी भी अब बजहर लग रहा है कि इकट्ठी हो गई हैं और अब शायद पीपल्स पार्टी विजार तों में हिस्सा भी ले और मे बी अब यह मिलकर जो है हुकूमत बनाने की तरफ जाएं लेकिन उससे पहले काफी कुछ बाकी है वह क्या है वह आपके साथ शेयर करूंगी बात करेंगे कि किसके साथ इतहाद करने जा रही है पाकिस्तान तहरीक इंसाफ ताकि लोगों के लिए जो यह मसला बना हुआ है कि निशस्ता जो मख सूस निशस्ता हैं वो किस तरफ कैसे मिलेंगी उसके ऊपर भी बात होगी और फिर जर नंबर्स भी पूरे करना एक इंपॉर्टेंट मामला है तो यह सब कुछ इस लॉग में शामिल है आपसे रिक्वेस्ट है कि चैनल को सब्सक्राइब कर लें अगर अभी तक सब्सक्राइब नहीं किया तो सबसे पहले जी आपको बता दें कि कमिश्नर रावलपिंडी चट्ठा साहब ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की उससे जो जलजला आया उसके आफ्टर शॉक्स का सिलसिला जारी रहा जिसके बाद जैसे मैंने पिछले लॉग में भी थोड़ा जिक्र किया था आपसे कि सुप्रीम कोर्ट में कहां मुशा भत हुई जिसके बाद तय ये किया गया कि सुओ मोटो नहीं लिया जाएगा बल्कि 17 फरवरी को जो 19 फरवरी को जो इस वक्त एक केस फिक्स है ऑलरेडी समाज के लिए उसी में ही इस मामले को भी उठा लिया जाएगा लेकिन अब मसला यह है कि उस मामले को हियर कर रहे हैं उसकी समात कर रहे हैं चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जनाब जस्टिस काजी ईसा साहब अब बहुत से लोग यह डिमांड कर रहे हैं और यह बड़ी फेयर डिमांड है वैसे कि चूंकि आपके तो अपने ऊपर इल्जाम लगा है इस मामले के ऊपर जो कमिश्नर साहब ने बात की है तो उसके बाद बनता नहीं है कि आप उस बेंच को लीड करें उसको चेयर करें कि जिसमें इस सारे मामले को प्रोब किया जाना है तो बेहतर यह कि आप इस मामले से खुद को अलग कर ले और कोई और तीन रुकनी या पांच रुकनी बेंच बनाया जाए जो कि इस मामले को सुने ताकि इसकी जो एक ओवरऑल फेयरनेस है उसके ऊपर कोई सवाल ना उठे इसी तरीके से दूसरा जो मामला इंक्वायरी का इस मामले के ऊपर है वोह है जी इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान में वहां पे भी एक आम इजलास हुआ जिसके बाद यह तय किया गया कि जी बिल्कुल इलेक्शन कमीशन इसके ऊपर एक इंक्वायरी कराएगा और उस इंक्वायरी में भी उन्होंने जो ज्यादातर अफ सरान डाले हैं वो सारे वो हैं जो खुद इलेक्शन कमीशन के मेंबरानस ओहदो पे फायज अफसरा हैं और कुछ विजारत कानून से एक दो अफसर लिए तो मतलब आपके मातहत अगर कोई एक इंक्वायरी कर रहे हैं तो वो कैसे आपको उस उस में गिल्टी ठहराए यह बात समझने से बिल्कुल कासिर है हमारी समझ तो यानी दो इंक्वायरिंग जस्टिस साहब करवाएंगे और एक जो है वो चीफ इलेक्शन कमिश्नर साहब करवाएंगे और ये दोनों जो इंक्वायरिंग कि जो जिनके ऊपर इल्जाम है कि उन्होंने यह धांधली की है या करवाई है या किसी भी तरह उसमें मुलस है तो जाहिर है कि फिर इस इंक्वायरी की कोई हैसियत नहीं रहेगी यह इंक्वायरी जो है कोई भी इसको नहीं मानेगा कि ये एक जानिब दरा या बल्कि गैर जानिब दरा या आजाद इंक्वायरी थी आप अगर खुद बड़े ओहदे पर फायज हैं तो आपके मातहत जो लोग हैं वह आपके खिलाफ किस तरह से चीजें प्रूव करने के लिए अ कोई भी एफर्ट करेंगे तो जाहिर है आप उनको इन्फ्लुएंस कर सकते हैं तो बजहर इसमें ये बिल्कुल एक अजीब मामला लगता है कि इस तरह की कोई इंक्वायरी करा के बजहर ऐसा लगता है कि सिर्फ मुंह बंद किया जाए कि हां जी हां हमने इंक्वायरी करवा ली और इसमें से कुछ नहीं निकला एंड दैट्ची वजह यह है कि बात अब बढ़ चुकी है लोगों को पता चल चुका है कि किया क्या है और किस तरह से हुआ है और अब उसके बाद मजीद डैमेज कंट्रोल करने के लिए और बयानिहान के लिए मजीद कुछ काम किए गए जिसमें एक काम तो यह किया गया कि अ रात को आधी रात को मुख्तलिफ आरज और डीआर ओज पूरे पिंडी डिवीजन के उठा के उनको जबरदस्ती बिठा के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा दी गई और उन्हें यह कहा गया कि जी वह तरदीप कर दें उन तमाम इल्जा मात की जो कि कमिश्नर साहब ने लगाए चलिए मैं अभी इसको अगर इस तरह ना भी पुट करूं कि ये करवाई गई है सिर्फ यही बात सोच लेते हैं कि जी इन्होंने खुद कि आगे तो तब भी ये कितना हैरत अंगेज है कि जनाब आधी रात को आखिर उन्हें क्या इतनी इमरजेंसी पड़ी कि वो सारे इकट्ठे हुए और आधी रात को बैठ के उन्होंने ये प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फिर अगर आप उन लोगों की बॉडी लैंग्वेज देखें उनके चेहरे के ता असुरा देखें तो आपको अंदाजा होता है कि बजायर लग नहीं रहा था कि वो अपनी मर्जी से ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं तो एक तो ये हमें चीज नजर आई फिर तीसरी जो चीज हमें नजर आई वो ये कि उसके बाद से थ्रू आउट शाम से कल से अ टैक्टिक्स और पुराने रिवायत तरीकों से कोशिश कर रहे थे यह सारा कुछ कंट्रोल करने की कि किसी तरह से भी हम आवाम के बनियों को भी कंट्रोल कर लेंगे और उसके बाद इलेक्शन भी मैनेज कर लेंगे मीडिया को भी कंट्रोल कर लेंगे तो बस सब कुछ नॉर्मलाइज हो जाएगा लेकिन इस दफा ऐसा हुआ नहीं उसकी एक बड़ी वजह तो खुद इमरान खान साहब का जो एक पूरा पैटर्न नजर आया हमें जो उन्होंने पिछले पूरे एक साल में अपने साथ पब्लिक की राय आमा हम वार की और दूसरी तरफ पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के सोशल मीडिया ने सारे मीडिया को जिस तरह से उड़ा के रख दिया तो वो एक उसकी दूसरी बड़ी वजह थी अब बहुत सारे लोग यह भी बात कहते हैं कि जी सोशल मीडिया के ऊपर बाकी जमां ने इतना काम नहीं किया और बाकी ज मातें इतनी तगड़ी नहीं है इसलिए झूठा या सच्चा जो भी बनियां हो पीटीआई वाले वह बनियां बनाने में कामयाब हो जाते हैं लेकिन मैं इससे इत्तफाक नहीं करती यह बात अपनी जगह 100% दुरुस्त है कि सोशल मीडिया एक बहुत बड़ी ताकत है और यह बात भी अपनी जगह 100% दुरुस्त है कि पीटीआई का सोशल मीडिया वाकई बहुत बड़ा भी है और इसमें वॉलेट्स बहुत बड़े बड़ी तादाद में है जो वाकई चंद मिनटों में बनिए को जो भी दूसरी तरफ से बनता है उसके बखिया उधेड़ देते हैं लेकिन इसके साथ-साथ एक तीसरी चीज जो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है उसकी तरफ कोई बात नहीं कर रहा और वो बात यह है कि बनिए का सच्चा होना भी जरूरी है बनिए में कोई वजन होना भी जरूरी है आप झूठ को जितनी मर्जी सोशल मीडिया पर फैलाएं आप नहीं उसको प्रोपेगेटर सकते इसी तरीके से और कम से कम लंबे अरसे तक तो बिल्कुल नहीं कर सकते सच हमेशा प्रीवेल करता है अगर आपके बनिए में जान होगी अगर आपके पास तौर पर कोई सबूत प्रूफ हैं और अगर वाकई आप हक सच के साथ खड़े हैं तो ही आपकी बात दिल को असर करेगी भले आप वह सोशल मीडिया पर करें भले आप वो मीडिया पर करें चाहे वह आप जलसे में करें चाहे वह आप अपने बैठ के कमरे में करें कहीं पर भी करें लेकिन बात जिसमें कोई वजन होगा दलील होगी वही बात असर करेगी असल बात यह है वरना यही पीटीआई थी यही उसका सोशल मीडिया था यही सब लोग थे जब इमरान खान साहब की हुकूमत थी लेकिन बहुत सारे मामलात के ऊपर जब बड़ी तन कीद होती थी तो ये लोग डिफेंड नहीं भी कर पाते थे बुजदार साहब के ऊपर जब लोग तन कीद करते थे तो इनके पास कोई उसका प्रॉपर जवाब नहीं होता था तो खाली सिर्फ यह बात नहीं है कि सोशल मीडिया उनके हाथ में आ गया और वो जिस तरह चाहे उसे इस्तेमाल कर ले बाद में वजन होगा तो ही सोशल मीडिया के थ्रू वो वजन जो है बाकी सबके पास पहुंचेगा यह नहीं हो सकता कि बात में कुछ भी ना हो और फिर सिर्फ सोशल मीडिया के थ्रू वो कोई भी बनियां बना ले ये बात ठीक है कि वक्ती तौर पर कोई चीज बाज ओकात गलत भी बहुत ज्यादा हाइप उसकी क्रिएट हो जाती है लेकिन वो बहुत देर पा नहीं रहता उसके बाद उसी सोशल मीडिया पर उसका कोई ना कोई सच्चा जो पहलू होता है वो भी सामने आ जाता है तो यह झूठ और सच की जंग है उसको आप सोशल मीडिया या रिवाय मीडिया की जंग अगर बनाने की सिर्फ उस खिड़की से देखने की कोशिश करेंगे तो ये उसका बड़ा महदूद स्पेक्ट्रम है अगरचे ये बात अपनी जगह दुरुस्त है जैसे मैंने पहले कहा सोशल मीडिया का बहुत बड़ा रोल है ये बहुत बड़ा टूल है उनके हाथ में है और उन्होंने इसे सही तौर पर इस्तेमाल भी किया है लेकिन उसके पीछे एक जो बड़ी वजह है वो ये है कि उनके पास कहने के लिए कुछ है आज आप आके नून लीग के लोगों को देख रहे हैं वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं लेकिन कहने के लिए कुछ नहीं होता एक सवाल उनसे होता है और वह काटने को दौड़ते हैं उनको समझ नहीं आ रही होती कि वह अपनी फ्रस्ट्रेशन कैसे रोकें कैसे छुपाएं आप देख लें आमि मीर साहब उस दिन कल समर अब्बास साहब के प्रोग्राम में आए उनके मुंह से गालियां निकल गई ऑन यर आज आप मुर्तजा सलंग साहब को देख लें बीबीसी के रिपोर्टर से उलझ गए उन्होंने क्या वह बात कर रहा है वह बंदा कह रहा है कि आप मुझे बात करने का मौका दें टाइम दें आप नहीं दे रहे फिर वह अगर आपसे चलते-चलते सवाल कर रहा है कि एक जर्नलिस्ट है वो आजादी इजहारे राय के ऊपर बात कर रहा है या जर्नलिज्म की बात कर रहा है जो पाकिस्तान में सिचुएशन है उसके बारे में आपसे सवाल कर रहा और आप एक राइट पर्सन है इस बात का जवाब देने के लिए क्योंकि आप वजीर इत्तला तो नश्र यात है आप उसको सुकून से सुने उसका जवाब दें लेकिन यह उससे उलझ पड़े उससे बदतमीजी करने लगे उनकी टोन भी बड़ी खराब थी और उसके बाद उसके ऊपर इल्जाम भी लगा दिया कि हमारे तो दरमियान भी बीबीसी और हमारे दरमियान तो बड़ा ट्रेस्ट डेफिसिट है और फिर उसके बाद उसके साथ थोड़ी हाथापाई की भी कोशिश की बकायदा उससे मोबाइल छीनने की भी कोशिश की तो यह एक मिनिस्टर की तरफ से इस किस्म का रवैया बहुत ही हैरान कुन भी था और काबले मजम्मत भी यानी इन्होंने अब मेरा ख्याल है कि इंटरनेशनल मीडिया को भी ऐसा ही समझ लिया है कि जैसे ये अपने ही मीडिया वाले हैं जैसे मर्जी इनको हांक लो और हमें कोई फर्क नहीं पड़ता ये बेचारे मार खा ख के आदि हो गए हैं इनके साथ हम ये करते रहे हैं और बाकी लोग भी ऐसे ही झेल लेंगे हमें तो ऐसा नहीं है साहब ये आपका ही चेहरा बेनकाब हो रहा है ये इंटरनेशनल मीडिया में आपको बताया जा रहा है कि जी बिल्कुल जो पाकिस्तानी सहाफी अगर चीखते हैं कि उनके साथ ज्यादती होती है पाकिस्तान में तो फिर ये बात ठीक है क्योंकि ये तो अगर हमें नहीं छोड़े तो फिर उनको कहां छोड़ते होंगे तो अब ये जो चीज है ये बड़ी ओबवियस है असल में ये सब चीजें किस बात का इजहार है असल में ये सब चीजें ये जो फ्रस्ट्रेशन है ये जो गुस्सा है ये मायूसी है ये इसी बात का इजहार है कि इनके पास कहने के लिए कुछ है नहीं जो जुल्म इन्होंने किए उसका कोई जवाब नहीं है और फिर यही वजह है कि आपके पास जब कोई जवाब नहीं होता तो फिर आप किसी को सुन नहीं पाते और फिर आप इसी तरह उलझते हैं जैसे आजकल ये लोग उलझ रहे हैं आप पीएमएलएन के लोगों को देख लें आप निगरा न हुकूमत के लोगों को देख ले ये इसी तरह आपको मारने के लिए दौड़ते हैं इनका बस नहीं चलता कि ये आपको क्या कुछ ना कर द तो ये सारी चीजें इसी बात की है अगर इनके पास बनिया होता यही पीएमएलएन थी ना जब वोट को इज्जत दो का बनिया लेके चल रही थी पॉपुलर भी थी जिम्नी इलेक्शन भी जीत रही थी आपको स्क्रीन टाइम मिलता था आगे पीटीआई के लोगों को बोलने भी नहीं दे रहे होते थे ये लोग स्क्रीन पर आकर तो क्या था उस वक्त बनिया था आपके पास आपके पास कोई चीज थी कहने के लिए अब जब आपके पास कुछ है नहीं तो आप कभी सोशल मीडिया को बुरा भला कहते हैं और कभी एंकर्स को बुरा भला कहते हैं कभी सफिया को बुरा भला कहते हैं और कभी आप इस किस्म के हथकंडे आजमाकर जो शख्स भी उसके बारे में बात करता है आप उसको बुरा भला कहते हैं इस तरह से ये नैरेटिव बिल्डिंग होती नहीं है तो आप ये पुराने टैक्टिक्स से भी निकल आएं और इस बात से भी निकल आएं इस रियलिटी को अब अपना लें कि आपके बनिया खत्म हो चुके हैं आपका झूठ लोगों पे आया हो चुका है इसीलिए लोगों ने आपको मुस्तर द किया है और अब इस डिफीट को आप हैप्पीी एक्सेप्ट करें और जिसका मैंडेट है उसको दें ताकि वो हुकूमत बनाए और आगे बोलक चले लेकिन इस वक्त हमें ये अभी खींचातानी मजीद नजर आ रही है अब ये अ जो मामला है सीटों के हवाले से और हुकूमत बनाने के हवाले से उसको अगर आप देखें तो जनाब अब आज अयूब खान साहब ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की उमर अयूब साहब ने उन्होंने आकर पहले तो बड़ी बात है बड़ी अरसे की रूपोशी के बाद वो सामने आए क्योंकि सारी जमानत उन्हें मिली और उसके बाद आज म क्रजी सेक्रेटेरिएट पीटीआई के उसमें उसने उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की उन्होंने ऐलान किया है कि हम हुकूमत बनाने जा रहे हैं मरकज में भी पंजाब में भी और और खैबर पख्तून खा में भी अब खैबर पख्तून खा का तो मामला तकरीबन सबके सामने ओबवियस ही है लेकिन मरकज और पंजाब में आप कैसे हुकूमत बनाएंगे इस पर सब लोग सवाल कर रहे हैं कि भाई आप ये कैसे दावा कर सकते हैं जबकि आपके पास नंबर्स भी पूरे नहीं है दूसरी तरफ आप ये भी कह रहे हैं कि हम पीएमएलएन या पीपल्स पार्टी से कोई इत्तेहाद नहीं करेंगे तो इनसे इत्तेहाद किए बगैर तो आपके नंबर ही पूरे नहीं होते तो ये इतना मुश्किल सवाल नहीं है ना जाने क्यों बार-बार इसको उलझाया जाता है उन्होंने वन लाइन में यही बात की है कि जब हमें सीटें वापस मिलेंगी जब हमारा मैंडेट हमें वाप वापिस मिलेगा तो हम हुकूमत बनाएंगे इसके अलावा को ये तो नहीं वो कह रहे कि वो 100 सीटों के साथ ही हुकूमत बनाने जा रहे हैं वो तो कह रहे हैं कि हमारी 180 सीटें हैं हमारी सीटें हमें वापस करें और हम हुकूमत बनाएंगे जबकि उनको इस बात की उम्मीद है कि अगले चंद दिनों में ये सीटें उनके पास वापस आ जाएंगी और उन्होंने ये नहीं कहा कि अगर ये सीटें उन्हें नहीं वापस मिल रही तो फिर वो किसी के साथ मिला के हुकूमत बना लेंगे ये वो नहीं कह रहे फिर वो यही समझते हैं कि अगर ये सीटें उन्हें नहीं दी गई तो वो अपोजिशन में बैठेंगे लेकिन अगर ये सीटें वापस मिल जा हैं जो कि उन्हें उम्मीद है कि मिल जाएंगी तो फिर वो कहते हैं कि वो विफा में भी हुकूमत बनाएंगे पंजाब में भी हुकूमत बनाएंगे और केपी में भी हुकूमत बनाएंगे अब सारी कहानी अगले एक हफ्ते के अंदर आके क्लियर होगी कि कितनी सीटें इन्हें मिलने का इमकान है या नहीं है इसके साथ-साथ अब इसमें जो एक और बड़ी इंपॉर्टेंट बात है कि आखिर पीटीआई किस जमात में श मूलिया करेगी क्योंकि इन्हें अब रिजर्व सीट्स भी चाहिए और अपने तमाम लोगों को एक जगह यजा करना भी जरूरत है इस वक्त इस पर बहुत बात हो रही थी बहुत दिनों से बात हो रही थी थी और हर कोई इसके ऊपर मुख्तलिफ तराज उठा रहा था इसीलिए अभी तक पीटीआई किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाई क्योंकि कभी यह तय किया गया कि जनाब अ जो है एमडब्ल्यूएम के साथ इतहाद किया जाए तो कुछ लोगों को उस परे ऐतराज था फिर यह तय किया गया कि नहीं अ जो इनकी साहिबजादा हामिद रज की जमात है सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल उसके साथ इत्तेहाद किया जाए लेकिन वो भी फिर नहीं किया गया फिर उसके बाद यह भी खबरें आ रही थी कि शायद जमात इस्लामी से इत्तेहाद कर लिया जाए वो भी बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी फिर अभी रिसेंट जो खबर आई थी वो यह कि जो प्रवेज खटक साहब की जमात थी पाकिस्तान तहरीक इंसाफ पार्लियामेंटेरियन इसके साथ जो है इतहाद कर लिया जाएगा प्रवेश खटक साहब इस सिलसिले में कल हमने देखा कि मुस्ताफी हो चुके हैं और उन्होंने पार्टी और सियासत को खैर बाद कह दिया उनका शौक पूरा हो गया है इससे पहले बड़ी बड़के मार रहे थे लेकिन उन्होंने कहा जी अब मेरी सेहत मुझे इजाजत नहीं देती तो इसलिए मैं अब सियासत और पार्टी को नहीं चला रहा तो अब वो पार्टी बिल्कुल खाल खाली पार्टी है उसके सरब कोई भी नहीं है इस वक्त तो यह भी बात हो रही है कि शायद पीटी आई अपनी उसी एक विंग जो उनसे अलग हुआ था उसी के साथ दोबारा इतहाद कर ले अब क्या इस सब चीज का कोई है इमकान बजहर इसके ऊपर बहुत सारे लोग क्वेश्चन भी कर रहे हैं कि ये लोग महमूद खान साहब हो या प्रवेज खटक साहब हो ये वो लोग हैं जिन्होंने पार्टी को ना सिर्फ छोड़ा बल्कि उसको नुकसान पहुंचाया इमरान खान साहब और पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के खिलाफ बद जमानी भी की और इसके साथ-साथ जितना जुल्म और सितम होता रहा उनके मेंबरानस उसमें ये लोग शामिल रहे तो इसलिए इनकी पार्टी के साथ कोई इतहाद नहीं होना चाहि अब इस वक्त मसला यह नहीं है कि उनके साथ इतहाद करना है या नहीं करना क्योंकि अगर यह इतहाद करते हैं तो उनको तो यह कुछ नहीं दे रहे उनके पास है क्या जो ये उनको दे देंगे सिर्फ ये एक इन्हें प्लेटफार्म चाहिए कि जिसके ऊपर ये इकट्ठा होना है अब वो प्लेटफार्म कौन सा हो अगर हर एक किसी भी पार्टी में आप मुख्तलिफ नक्स निकालते रहेंगे तो फिर तो किसी भी पार्टी में इतहाद मुमकिन नहीं रहेगा और इतने में होगा यह कि अब आपके पास सिर्फ तीन दिन है क्योंकि केपी असेंबली के तकरीबन तमाम नोटिफिकेशन हो चुके हैं इसी तरह मरकज में भी 40 के करीब मेरा ख्याल है नोटिफिकेशंस हो चुके हैं इन उम्मीदवारों के जो पीटीआई की हिमायत से जीते हैं और इसी तरीके से पंजाब असेंबली में भी बड़ी तादाद में नोटिफिकेशन हो चुके हैं और जब एक दफा कामयाबी का नोटिफिकेशन जारी हो जाए आजाद उम्मीदवारों का तो उसके पास 72 घंटे का वक्त होता है कि वह किसी भी पार्टी में शमू यत इख्तियार कर ले और अगर वो इस दौरान शमू यत इख्तियार ना करें तो फिर उसके बाद उसको बाकी टाइम असेंबली में आजाद रुकन की हैसियत से ही गुजारना पड़ता है तो अगर यह सिलसिला रहा तो अगर यह सारे आजाद रह गए तो फिर तो इन्हें ना तो मख सूस नशत मिलेंगी और ना ही फिर यह किसी पार्टी पॉलिसी के पाबंद रहेंगे यह जिसको चाहे जब चाहे जिस बिल पर चाहे जैसे चाहे वोट कर सकेंगे तो इसलिए इन्हें एक पार्टी प्लेटफार्म पर लाना बड़ा जरूरी है और इसके लिए जरूरत इस बात की है कि एक कॉम्प्रोमाइज जो है वह तमाम तरफ से नजर आए और किसी एक जमात प जब आप फैसला कर ले और अब जो लेटेस्ट खबर आ रही है उसके मुताबिक सुन्नी इतहाद काउंसिल पर ही फैसला हुआ है कि उस पार्टी में ही यह लोग जाकर अपना तमाम बयाने अल्फी जमा करा देंगे और उस पार्टी में शमू यत इख्तियार कर लेंगे और फिर इस तरह पाकिस्तान तहरीक इंसाफ सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल की नाम से कौमी असेंबली में हमें नजर आएगी और उसी के नाम से फिर उसे मुख्तलिफ नशत वगैरह जो है वो अलॉट की जाएंगी तो अब बजहर इस बात का ही इमकान नजर आ रहा है कि सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के साथ ये लोग इत्तेहाद बना लेंगे लेकिन इसके ऊपर अगेन वही बात है तन कीद भी होगी बहुत कुछ होगा लेकिन मेरा ख्याल है कि वक्त की जरूरत के मुताबिक मस्लत इस चीज को चाहे किसी को अच्छा लगे या बुरा लगे सबको एक्सेप्ट करना ही पड़ेगा अदर वाइज फिर आपका इसमें नुकसान ही है और मेरा ख्याल है कर ही लेंगे अल्टीमेटली क्योंकि जब फिर फैसला होगा बल्ले का या पार्टी का या इंट्रा पार्टी इलेक्शन होंगे जो कुछ भी होगा वो फिर बाद की बात है अगर अब इस मामले के ऊपर कानूनी दरवाजा भी खटखटाया गया तो एक दो दिन में तो इसका फैसला जल्दी से होने नहीं लगा और यहां पर आपकी शमू के लिए अब सिर्फ 3 दिन का टाइम है तो तीन दिन में अदालतें तो आपको ये फैसला करके नहीं देने लगी कि आप पार्टी हैं और आपके पास बैट है या नहीं है लिहाजा आप क्या करेंगे तो इसलिए अदालतों पे रहे तो फिर आप ऐसे ही रह जाएंगे उससे बेहतर है कि जो आपके पास सियासी ऑप्शन इस वक्त अवेलेबल है वो आप यूज करें बाकी अदालती जंग साथ-साथ चलती रहेगी तो ये अब बजायर जो है एक बड़ा क्लियर नजर आ रहा है कि इस वक्त पीटीआई ये कार्ड खेल रही है लेकिन क्या पीटीआई हुकूमत बनाएगी इस बात का इंसार अगले एक हफ्ते में काफी हद तक क्लियर हो जाएगा क्योंकि बहुत सारी चीजें बैक डोर भी चल रही हैं यह बड़ी इंपॉर्टेंट बात है जो मैं आपको बता दूं बहुत सारी चीजें बैक डोर चल रही हैं और अगर बैकडोर चीजों में कोई पेशफ्लिक्स सकती हैं और अगर वो बैकडोर डेवलपमेंट नहीं रहती और फिर मसला गड़बड़ और खराबी की तरफ जाता है तो फिर भी ज्यादा मसला जो है वो पीएमएलएन और पीपल्स पार्टी के लिए होगा उसकी वजह यह है कि जब 80 90 बड़ी तादाद में अपोजिशन के लोग जो आपको चैन से ही नहीं बैठने देंगे कारवाही चलाने ही नहीं देंगे तो आप कैसे कानून साजी करेंगे आप कैसे कारवाही चलाएंगे यह एक बहुत बड़ा मसला बनके अपोजिशन इनके सामने खड़ी हो जाएगी तो अब आपके पास क्या उसका हल है यह तो मैं अभी भी नहीं कह सकती लेकिन एक बात तय है कि सहूल कारों ने हैंडलर्स ने जो भी आप उनके नाम ले रहे हैं पीपल्स पार्टी और पीएमएलएन को यह मैसेज फिलहाल तक दे दिया है कि इकट्ठे अच्छे बच्चे बनकर पुरानी तनख्वाह पर गुजारा करो और हुकूमत बना के चलाओ इसके अलावा आपके पास कोई ऑप्शन नहीं है और अगर कोई पीछे हटने की कोशिश करेगा तो फिर उसको भी कंसीक्वेंसेस फेस करने पड़ेंगे पीएमएलएन को तो बड़ा वाज है जैसे मालिक साहब की खबर है कहा गया है कि जी फिर पंजाब भी आपको नहीं मिलने लगा यह आप सोच लें और पीपल्स पार्टी को भी बताया गया कि भाई आपके लिए भी मुश्किलात हो सकती हैं तो आप भी अच्छे बच्चे बनकर जरा साथ जड़े और और जो पीएमएलएन है उसके साथ मिलकर हुकूमत बनाए तो अब अ बजहर ऐसा लग रहा है कि उन्हें ले जाया तो जा रहा है हुकूमत बनाने की तरफ लेकिन उधर पीटीआई ने भी अपने जो तमाम अ कह ले कि ऑप्शंस है उनको खुला रख लिया है कि अगर सीटें वापस नहीं मिलती बातचीत कामयाब नहीं होती तो फिर उस सूरत में अ अपोजिशन में बैठेंगे और फिर इनका जीना आराम करेंगे और अगर सीटें वापस मिल जाती है तो ऑफकोर्स फिर पीपल्स पार्टी की या किसी भी और की जरूरत नहीं होगी और पीटीआई खुद ही हुकूमत बनाने की पोजीशन में आ जाएगी तो यह जो अगला वीक अब शुरू हो रहा है यह बड़ा इंपॉर्टेंट है और इसमें यह जो धान ली वालिनी के इंजमा है ये वो यह सब टूल्स की तरह आपको काम करते हुए नजर आएंगे मिलते हैं आपसे अगले व लॉग में अपना ख्याल रखिए अल्लाह हाफिज