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Published: Dec 20, 2023 Duration: 00:21:17 Category: People & Blogs

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कांग्रेस के संपर्क में वसुंधरा राजेश सिंधिया यह खबर पिछले तीन-चार दिन से लगातार चल रही थी लेकिन इसकी तस्वीर अब सामने दिखने लगी है पिछले एक दो घंटे से लगातार गया चुनाव से पहले भी खैर हमने देखी तस्वीर किस तरीके से मोदी और शाह की टीम ने उनको दरकिनार किया था हमारे साथ सागर शाह है गुजरात से जुड़े हुए हैं मोदी और शाह की नीति को समझते हैं कैसे वह सरकार चलाते हैं कैसे वह काम करते हैं और साथ में राजस्थान को की जो राजनीति है उसको भी अच्छी तरीके समझते हैं कि वसुंधरा राज सिंधिया का जो रोल है वो कैसा रहा है तो कैसे देखते हैं ये जो देखिए यह एक दिन तो होना ही था जो लोग तोड़ने की राजनीति करते हैं डिस्ट्रक्टिव होते हैं जिनके फितरत में जिनकी फितरत में जिनके स्वभाव में जिनके नेचर में तोड़ना लिखा है वो लोग दूसरों को तो तोड़ते हैं और एक वक्त ऐसा आता है जब वह खुद को भी तोड़ देते हैं राजस्थान में जो अभी मुख्यमंत्री का चेहरा है वसुंधरा जी ये वैसे भारतीय जनता पार्टी से तो उनका कोई मतलब प्रॉब्लम नहीं है कोई समस्या नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी की जो राजनीति है अमित शाह की जो राजनीति है वो उन्हें राज नहीं आ रही है और उसके खिलाफ वो आज खड़ी है और ये हमें दिख रहा है क्योंकि इतने दिन हो गए न तारीख को ही रिजल्ट आ चुका था उसके बाद आज हम गिने तो आ आठ दिन होने को आए आठ दिन में वहां पर घमासान चल रहा है बड़े-बड़े नेताओं को वहां पर भेजा जा रहा है कि वोह मुख्यमंत्री को समझा सके लेकिन मुख्यमंत्री है कि वो समझने के लिए तैयार नहीं है और ये जो ट्विटर पर ट्रेंड चल रहा है आपने बोला कि वसुंधरा राजे कांग्रेस के संपर्क में है तो देखिए मैं आपको यह बताऊ कि ऐसा हो नहीं सकता है एक्चुअली तो ऐसा हो नहीं सकता है क्योंकि हिस्ट्री में आज तक 75 साल की हिस्ट्री में ऐसा नहीं हुआ है और अगर ऐसा हो रहा है लेकिन राजनीति कहते हैं सर कि राजनीति जो है वो हिस्ट्री बदलता है हमने देखा कि देवेंद्र फर्न विस जो है वह मुख्यमंत्री रहने के बाद उप मुख्यमंत्री बन गए लेकिन वो तो पपेट ही निकले ना हम देवेंद्र फडणवीस वो मुख्यमंत्री थे फिर बाद में डेप्युटी मुख्यमंत्री भी बन गए तो उन्होंने तो स्वीकार कर लिया वो तो सरेंडर हो चुके हैं ना मतलब नरेंद्र मोदी जी को वो तो मतलब सरेंडर ऐसा क्या वसुंधरा राजे करती ऐसा क्या वसुंधरा राजे करती आप मुझे जवाब दीजिए जो देवेंद्र फडणवीस के साथ हुआ है अगर वो वसुंधरा राजे को कहा जाए करने के लिए राजस्थान में आपको मैं डेटी चीफ मिनिस्टर बना रहा हूं और चीफ मिनिस्टर कोई और है तो क्या आपको लगता है कि वसुंधरा राजे देवेंद्र फड की तरह मान जाएगी मोदी के कहने पर बिल्कुल नहीं मानेगी किसी के भी कहने प नहीं करेगी कोई वसुंधरा राजे का जो राजनीति है जो स्वभाव है जो नेचर है क्या वो मतलब मुख्यमंत्री के नीचे डेप्युटी चीफ मिनिस्टर के ौर पर काम करने के लिए मान जाएगी कभी नहीं माने लगता ऐसा नहीं लगता कि अगर अगर कांग्रेस के साथ यह हाल हो कांग्रेस को यह ऑफर किया जाए कि मुख्यमंत्री का चेहरा वसुंधरा राजे रहेंगी और बाकी जो है गहलोत तो कही चुके हैं कि उनका कार्यकाल एक तरीके से उन्होंने बहुत लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रहे हैं तो हो सकता है उप मुख्यमंत्री के तौर पर या फिर मुख्यमंत्री बना दे कम से कम सत्ता में तो बने रहेंगे देखिए लीगली तो ऐसा नहीं होना चाहिए लेकिन मैं चाहता हूं मैं खुद चाहता हूं और ये देश भी चाहता है उसमें कई लोग लाखों करोड़ों लोग चाहते हैं कि मोदी ने 10 साल में ने जो राजनीति की है कर्नाटक की सरकार को तोड़ने की मध्य प्रदेश की सरकार को तोड़ने की फिर महाराष्ट्र की सरकार को तोड़ने की फिर राजस्थान में उन्होंने ट्राई किया था सरकार को तोड़ने के लिए लेकिन लेकिन ये वसुंधरा राजे ही थी जिन्होंने उस गलत राजनीति में साथ नहीं दिया गहलोत का साथ दिया बिलकुल गहलोत साब ने कई बार इस इस बात को उन्होंने गहलोत अशोक गहलोत ने कई बार मन से भी बोला है कि जब तोड़ने की मोदी शाह ने कोशिश की थी तो वसन ने उनकी मदद की तो मुझे मैं यह कहना चाहता हूं कि जो मोदी सरकार ने 10 साल में अगर वह सरकार नहीं जीतते तो सरकार को तोड़कर अपनी सरकार बनाते हैं यह जो काम पिछले 10 साल में लगातार हर स्टेट में नरेंद्र मोदी साहिब ने जो किया है वो पहले एक ब नीतीश कुमार ने भी करा है मतलब किया है और उनको झटका दिया था लेकिन फिर भी उसका इतना इंपैक्ट नहीं हुआ अगर यह वसुंधरा राजे करती है राजस्थान में और वो जुड़ती है तो कांग्रेस को भी ऐसा नहीं करना चाहिए लेकिन जो लगातार जो लगातार को गालिया बोलता हो देखो महाभारत में भी श्री कृष्ण ने कहा है कि सामने वाले को 100 गाली देने दो 100 गालिया 100 गाली तक आवाज मत करो चुप रहो लेकिन जब वो 101 भी गाली बोलेगा ना तो उसको वो सुदर्शन चक्र ऐसे घुमाओ ऐसे घुमाओ ऐसे घुमाओ कि उसका सर्वनाश हो जाए तो ये जो लगातार 10 साल से सरकारें तोड़ रहे हैं मोदी साहब तो एक बार ऐसा झटका अगर मोदी साहब को मिल जाए इतिहास बदल जाएगा हम आपके नाम के आगे भी शाह है एक और बीजेपी में शाह है जिन्हें चाणक्य साहब कहे जाते हैं तो वो क्या लगता है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान को लेकर उनकी चाणक्य नीति फेल दिखाई दे रही है देखिए शाह की बात करूं मैं तो शाह तो गुजरात में बहुत फेमस है लेकिन शाह में भी अलग-अलग लोग जो होते हैं जैसे कि वैष्णव जो होते हैं वो भी शाह होते हैं जैन होते हैं वो भी शाह होते हैं देखिए मुसलमान में भी शाह सरनेम होती है हम मोदी जी ने जो मोदी जी ने जो मुद्दा उठाया था कि ओबीसी का अपमान किया राहुल गांधी ने ओबीसी का अपमान किया राहुल गांधी ने और राहुल गांधी को केस लगाया गुजरात में तीन-तीन कोर्ट के अंदर और उनकी संसद छीन ली उनका घर छीन लिया लेकिन फिर बाद में वही हुआ कि मोदी तो भाई मुसलमान में भी होते हैं मोदी तो जैन में भी होते हैं मोदी तो ओबीसी में भी होते हैं तो ऐसा ही शाह की अगर आप बात कर रहे हैं तो शाह तो अलग-अलग होते हैं तो ऐसे शाह सरनेम सेम होने से कुछ नहीं होता है हम शाह अलग है और यह शाह की राजनीति अलग है पूरी अच्छा वो राजनीति अलग है अच्छा एक सवाल ये भी है मेरा कि आपको हां आपको यह नहीं लगता कि जो गुजरात की लॉबी निकल कर आई पिछले 10 साल से 2014 के बाद से वो लॉबी और अटल बिहारी वाजपेई वाली लॉबी दोनों आमने सामने आ चुकी है अब 2024 के चुनाव से पहले बिल्कुल मैंने बोला ना कि जो कांग्रेस को नेस्तनाबूद करने निकले थे आज वो ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां पर वो खुद की पार्टी में खुद की पार्टी को टूटा हुआ देखते हुए पूरा देश देख रहा है आप देखिए कि 28 बड़ी-बड़ी पार्टियां 28 बड़ी-बड़ी पार्टियां आज उनके सामने खड़ी है ठीक है हम और खुद की ही पार्टी में आप मुझे बोलिए कि वो बोल नहीं रहे हैं लेकिन दिखा रहे कि नितिन गडकरी जो है नितिन गडकरी है ना उनका भी एक पूरा उनको चाहने वाले भी भारतीय जनता पार्टी में कुछ लोग हैं जैसे मैं बात करूं तो राजनाथ सिंह है फिर शिवराज सिंह चौहाण खुद शिवराज सिंह चौहाण खुद है फिर वसुंधरा राजे है फिर मेनका गांधी भी नरेंद्र मोदी से नाराज चल रही है फिर वरुण गांधी वरुण गांधी भी नाराज चल रहे हैं रमण सिंह को साइडलाइन में कर दिया इन लोगों ने ठीक है उसके बाद आप देखिए कि ये जो सुशील मोदी जी है वो भी उनके विरोध में है फिर आप देखिए राजीव प्रताप रूढ़ है फिर मुख्तार अब्बास नकवी है फिर रविशंकर प्रसाद को भी बीच में उन्होने बना के लाए हैं पूरी पूरी लिस्ट है एक दो धड़ा बन चुका है एक गडकरी के सपोर्ट में है और एक नरेंद्र मोदी के सपोर्ट में मोदी की राजनीति में 10 साल में कांग्रेस तो नेस नाबूत नहीं हुई देखो आप पांच राज्यों में देखो राहुल गांधी ने जो ट्रांसपरफेक्ट म मीडिया का सपोर्ट है फिर भी चारों चारों स्टेट्स के अंदर खुद के चेहरे रखे थे कमलनाथ जी थे गहलोत जी थे फिर वहां परता रेड्डी जी थे यहां पे भूपेश बघेल थे और न चारों चेहरों के साथ मल्लिका अर्जुन खड़के के साथ प्रियंका गांधी के साथ राहुल गांधी ने जो मेहनत की है उसकी वजह से आज पूरे भारत में राहुल गांधी तो नरेंद्र मोदी के लिए सबसे बड़ी एक टक्कर एक टक्कर देने वाला नेता बन चुके हैं अखिल भारतीय नेता जिसको कहते हैं वो बन चुके हैं तीन राज्यों में जो स्थिति हुई है सर तीन राज्यों में जो स्थिति हुई है उसके बाद लगता है कि इस तरह की चलिए ये कलय जो है वो तो बीजेपी की आंदोलन कलय है और दो फार दिखाई दे रहा है साफ तौर से हालांकि तमाम चैनल इसको नहीं दिखा रहे हैं लेकिन कांग्रेस को भी देखना पड़ेगा ना तीन राज्यों में हा जो हुई है देखिए आप मुझे एक बात बताइए ये जो 28 पार्टियां है ये सबसे बड़ा नेता राहुल गांधी जिसने 9 लाख वोट्स भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा लिए बिना किसी सपोर्ट के बिना किसी एजेंसी के बिना किसी गोदी मीडिया से बिना किसी के सपोर्ट से खुद के बलबूते पर भारत जोड़ो यात्रा हिमाचल प्रदेश की जीत कर्नाटक की जीत तेलंगाना की जीत तो ये सारी जीत की वजह से आज 28 पार्टियां जिनमें से कुछ कुछ लोग जो राहुल गांधी पर विश्वास नहीं करते थे वो भी आज राहुल गांधी के साथ खड़े हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी के तो वो विरोध में है तोब उनको एक नेता चाहिए अखिल भारतीय तो अखिल भारतीय नेता आज राहुल बन चुका है और एक मिनट एक मिनट और हा मैं वही बता रहा हूं और आप राजस्थान में बोल रहे कि हार गए लेकिन आप मुझे बताइए राजस्थान की हिस्ट्री है कौन सी हिस्ट्री है पा साल में भाज सा लेकिन उसम दूसरी एक हिस्ट्री है जब जब जब जब कांग्रेस हारी है राजस्थान में तब तब बहुत ही कम वोटों से मतलब 25 सीट से 20 सीट से 30 सीट से ऐसे ऐसे हारती है मतलब बुरा हाल होता है उसका लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ एक मिनट पूरा करने दीजिए अगर वसुंधरा राजे भी कांग्रेस के साथ जुड़ रही है अगर वसुंधरा रा के साथ जुड़ने के लिए तैयार हो रही है ये जो ट्रेंड है वो सत्य है तो आप मुझे बताइए क्यों जुड़ रही है क्यों जुड़ रही है क्योंकि कांग्रेस के पास भी इतनी सीट है कि वो वहा जाके खुद की सरकार बना सकती है बिल्कुल 32 सीट कम है और मुझे लगता है 32 सीट वसु राजे के लिए बहुत बड़ी बात नहीं है हा सही है कम से कम उनके पास पहुंची है उनके आवास पे उनके आवाज पर तमाम विधायक तकरीबन दो दर्जन से ऐसे ज्यादा विधायक हैं जो उनके आवास पर तुरंत पहुंचे और उन्होंने समर्थन दिया और उनकी इंटरनल जो है वह काफी बातचीत चल रही है मैं आपको एक बताऊं अगर वसुंधरा राजे ऐसा कोई डिसीजन लेती है ना तो ये ट्रेंड सेटर हो जाएगी ये ट्रेंड सेटर हो जाएगी और जो लोग नरेंद्र मोदी के सामने बोल नहीं रहे खुद की पार्टी के लोग जो बोल नहीं रहे लेकिन बोलना चाहते हैं जिनकी ताकत नहीं है बोलने की वो सारे खड़े हो सकते हैं और वो सारे खड़े होकर इनको सपोर्ट करेंगे मैं आपको बताना चाहता हूं तो एक बार जो नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में इस देश के अंदर किया है अपने नेचर के हिसाब से डिस्ट्रक्टिव राजनीति को लेकर नफरत की राजनीति को लेकर तोड़ने की राजनीति को लेकर जो उनके सामने बोले चाहे वो विपक्ष का नेता हो चाहे वो खुद की पार्टी का नेता हो तो उन सबको ये जो गिराने की और खुद को अकेले को किंग बनाने की और कहने कि एक अकेला सब पर भारी यह जो स्वभाव है ये जो फितरत है उनकी हम उसको तोड़ने के लिए विपक्ष तो मेहनत कर रहा है और विपक्ष ने पांच स्टेट में 9 लाख वोट ज्यादा लेकर यह साबित किया है कि अगला चुनाव तुम्हारे लिए कोई इजी नहीं है इट्स वेरी इट्स गोइंग टू वेरी टफ फॉर यू इन 2014 24 राइट तो अगर ये होता है वसुंधरा राजे कोई डिसीजन ऐसा लेती है तो जितने भी भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी नरेंद्र मोदी के जो विरोधी नेता है वो सारे बाहर आ सकते हैं सारे अच्छा तोय कहीं ना कहीं जो वसु राज्य का पलर भारी है व इस वजह से भी है क्योंकि 20224 का चुनाव आ रहा है नहीं नहीं वसुंधरा राजे का पलड़ा इसलिए भारी नहीं है कि 2024 का चुनाव आ रहा है 2024 का चुनाव तो आने वाला ही है ना पहले कहां था राजस्थान में तो क्या वसुंधरा राज्य जीतने वाली थी ऐसा कोई मतलब सिमटम्स थे क्या वो जीतने वाली नहीं थे वहां पे कांग्रेस आने वाली थी ग्राउंड पे तो जो मतलब रिपोर्टिंग हुई थी जितने बड़े-बड़े रिपोर्टर्स हैं और जितने भी पोल्स आए थे उसके ऊपर से तो यही लग रहा था कि राजस्थान में सरकार रिपीट हो रही है हिस्ट्री बदल रही है तो उनका पलड़ा भारी था अभी भारी है पहले तो नहीं था मतलब जब चुनाव हुए थे तब तो कोई ताई नहीं था कि वही जीतने वाली है लेकिन पलड़ा अभी भारी हुआ है पलड़ा अभी भारी र प पिछले दो घंटे से लगातार मैं देख रहा हूं वेरीफाइड र हैंडल है कई ऐसे जिससे लगातार इस तरह के ट्वीट कि जा रहे हैं तो क्या लगता है मतलब कहीं नाना कहीं से तो खबर निकली है कि इस तरह की जिसको लेकर ये चल रहा है पूरा मामला बिल्कुल मैंने बोला ना कि चुनाव के बाद जो रिजल्ट आए राजस्थान में और जब आप देखिए जब राजस्थान में चुनाव थे तब भी वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया गया था एक्चुअली हम हम लेकिन मोदी जी को लगा पिछले पिछले टाइम में पिछले वक्त में जब चुनाव नजदीक थे तब उन्हें थोड़ा डाउट हुआ कि कुछ दिक्कत हो सकती है हम उसके बाद उन्होंने वसुंधरा राजे को टिकट भी दिया उनके उनके जो सहयोगी है उनको भी टिकट दिया और फिर उनको हर मंच पर मंच भी साझा किया तो पहले तो वसुंधरा राजे को 100% साइडलाइन कर दिया था हम फिर बाद में करना पड़ा वसुंधरा राजे को लाना पड़ा और अब जाकर वसुंधरा राजे जब सामने मतलब फाइट दे रही है मोदी जी को है ना तो ये ट्रेंड शुरू हो गया है कि अगर वसुंधरा राजे को सीएम बनना ही है तो फिर उ पास तो एक ही उपाय है अगर वो खुद की पार्टी में मोदी और शा का विरोध करती है और उनको अगर सीएम बनना है तो सीएम बनने के लिए उनको उनके जो विधायक है 50 60 जो भी उनमें तो नहीं बन सकती ठीक है तो उनको किसके साथ खड़ा रहना पड़ेगा विपक्ष के साथ और विपक्ष तो स्ट्रांग है क्योंकि काफी सीट्स विपक्ष की भी आई है हिस्ट्री में पहली बार इतनी सीट्स आई है कि जब कांग्रेस हारी है तब भी इतनी सीट्स लेकर आई है तो ये किसका जादू है अभ रहा मैं देख रहा था लगातार अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर चल रहा है कि वसुंधरा राज्य का मुख्यमंत्री बनना तय है बीजेपी बनाए मोदी शाह बनाए तो ठीक है नहीं तो कांग्रेस के साथ जाकर बनेगा बनेंगी तो वही मुख्यमंत्री इस तरह की बातें चल रही है तो ये तो तो ये तो तीन स्टेट जीतने के बाद मोदी की सबसे बड़ी हार हो चुकी है ना जैसे जैसे मैं आपको एक बात बताऊ मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि 500 में गैस सिलेंडर किसने शुरुआत की थी हमने हमारे राज्य में दिए थे ठीक है तो नरेंद्र मोदी जी को कहना पड़ा नरेंद्र मोदी जी को ये कहना पड़ा कि मैं भी 450 में दूंगा 500 में नहीं 450 में दूंगा तो राहुल गांधी जो बोलते थे प्रियंका गांधी जो बोलती थी कांग्रेस जो बोलती थी मल्लिका अर्जुन खरगे जो बोलते थे दूसरे हमारे जो नेता बोलते थे वही बात देश के प्रधानमंत्री को बोलनी पड़ी तो अब ये ट्रेंड शुरू हो चुका है कि नरेंद्र मोदी बनाए या ना बनाए वसुंदरा राजे सीएम बनेगी चाहे वो भारतीय जनता पार्टी बनाए या कांग्रेस बनाए तो तो नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी हार है आज तीन स्टेट्स तीन स्टेटस जीतने के बाद भी कांग्रेस को 10 लाख वोट ज्यादा मिले कांग्रेस की इज्जत बढ़ी और ऊपर के तीन स्टेट्स में ये तय नहीं हो पा रहा है कि मैं अपने पपेट को बिठा सकूं क्योंकि ये तीनों मुख्यमंत्री जो है उसमें से मैं रमण सिंह के बारे में बात नहीं करूंगा क्योंकि वो तो सरेंडर हो चुके एक राज्य में तय हो गया है मैं छत्तीसगढ़ में अभी कुछ देर पहले छत्तीसगढ़ में तय हो गया राजस्थान और ये मध्य प्रदेश दोनों राज्य जो है ये दोनों राज्यों में ठनी उधर शिवराज सिंह चौहान अड़े हुए हैं इधर वसु राज मैं वही बोल रहा हूं कि छत्तीसगढ़ में तो रमण सिंह सरेंडर हो चुके इसलिए वहां पर मैं कुछ नहीं कह सकता ठीक है लेकिन राजस्थान और मध्य प्रदेश में अगर ये मुख्यमंत्री मतलब फाइट देते हैं कि हमें ही मुख्यमंत्री बनाओ और बनाना पड़ता है अगर उनको तो यह तो नरेंद्र मोदी की बहुत बड़ी हार है तीन स्टेट जीतने के बाद भी कि उन्हें अपनी पार्टी में झुकना पड़ा उनकी नहीं चली पपेट्स मुख्यमंत्री नहीं बिठा सके और पांच राज्यों में कांग्रेस ने 10 लाख वोट्स उनसे ज्यादा पाए तो इतनी सारी एजेंसी होने के बावजूद ईवीएम होने के बावजूद गोदी मीडिया होने के बावजूद केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में उतारने के बावजूद बड़े-बड़े सांसदों को उतारने के बावजूद अगर कांग्रेस पांच राज्यों में 10 लाख वोट्स ज्यादा ले जाती है उनके मुख्यमंत्री उनके सामने फाइट करते हैं तो तीन स्टेट जीतने के बाद य हो जाता है जो ऑर्गेनाइजर में लिखा गया था संघ ने लिखा था अपने न्यूज पेपर में कि ये जो चेहरा है नरेंद्र मोदी का यह अब चुनाव लड़ने के लायक नहीं है इसका जो चाम है वो खत्म हो चुका है इसका कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि आज कांग्रेस तो नेस नाबूत नहीं हुई है बढ़ती जा रही है बढ़ती जा रही है बढ़ती जा रही है और तेलंगाना में देखिए हमने क्षेत्रीय पार्टी को हटाकर वहां पर हमने अपनी सरकार बनाई और वहां पर आ हमा मुख्यमंत्री मुझे यह भी लगता है कि राजस्थान में जीत हुई है मोदी शाह की जीत नहीं है राजस्थान में वसंत राजे ने अकेली ऐसी नेता थी पूरे राजस्थान में जो अपने क्षेत्र को छोड़कर बाहर ज्यादा प्रचार किया 7080 सीटों पर और शिवराज सिंह चौहान का लाडली बहना योजना इन्होंने बहुत अच्छा काम किया हां बिल्कुल मैं यह कहना चाहूंगा कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की जीत में बहुत बड़ा हाथ है और राजस्थान में तो वसुंधरा राजे का भी हाथ है और अशोक गहलोत ने भी सीट्स पाई है तो वहां पर मोदी के चेहरे नहीं चले हैं बिल्कुल नहीं चले हैं ये जो निकले थे पहले शुरुआत में ये करने के मैं अकेला क्योंकि यह अहंकार की मोदी जी जो है यह अहंकार की राजनीति लड़ रहे हैं क्योंकि खुद की पार्टी खुद के ही सहयोगी आरएसएस ने जब बोल दिया कि चेहरा भरोसे के लायक नहीं है तो मोदी जीय दिखाना चाहते थे अहंकार में कि मैं अकेला लड़के फिर सेय दिखाना चाहता हूं कि मैं ही जीतूंगा और उन्होंने अपने बलबूते पर कर्नाटक में प्रचार किया उ उनको मुकी खानी पड़ी कर्नाटक में है ना उसके बाद उन्होंने लगातार इसी तर्ज पर राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव किया नो डाउट वो जीते हैं लेकिन ये जीत अगर उनको जीत लगती है तो जीत है लेकिन वोट शेयर कांग्रेस का 10 लाख पड़ा है तो लोगों के दिलों में पब्लिक में देश के दिलों में कांग्रेस है ये सीट जीतने का जो मामला है ना ये डाउट है मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं ईवीएम पे लेकिन देश खुद सोच रहा है देश की पब्लिक सोशल मीडिया पर लिख रही जैसे ये ट्रेंड हो रहा है कि वसुंधरा रा मोदी जी गहलोत के साथ जा सकती है ऐसा ही ट्रेंड नहीं हो रहा है ये पब्लिक पब्लिक जो है वो ये भी ट्रेंड कर ही है कि जीत नकली है हम नहीं बोल रहे कांग्रेस के नेताओं ने कभी कोई ऑथेंटिकली नहीं बोला है कि हमें ईवीएम पर डाउट है लेकिन पब्लिक फाइनल कमेंट फाइनल कमेंट फाइनल कमेंट बताइए वस रा क्या कर सकती है देखिए मुझे ऐसा लगता तो नहीं है कि वसुंधरा राजे कांग्रेस के साथ जाकर करेगी ठीक है लेकिन अगर उनके भाई के साथ भी देखो ऐसा ही हुआ आप ज्योतिराज दितीय सिंध्या के साथ भी मोदी जी ने वही किया जो उनकी बहन के साथ कर रहे हैं तो वो दोनों एक ही फैमिली के है अगर कुछ डिसीजन लेकर वो कांग्रेस के साथ जाते हैं जाते हैं मैं नहीं कहता हूं कि जाएंगे मैं ये नहीं कह रहा हूं कि जाएंगे मुझे नहीं लगता है कि जाएंगे लेकिन अगर उनकी खुद की भी चलती है भारतीय जनता पार्टी में और वो खुद नरेंद्र मोदी के सामने जाकर अगर मुख्यमंत्री बनती है न की तो ये कांग्रेस की तो हार नहीं है ये मोदी जी की हार है हम बिल्कुल मोदी जी को सोचना पड़ेगा दोनों ही सूरत में या तो या तो वसुंधरा कांग्रेस में चले जाए तब भी मोदी की हार होगी अगर मुख्यमंत्री बन जाती है तब भी हार होगी बिल्कुल चलिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतना कीमती वक्त देने के लिए और इसी तरीके से आगे भी दर्शकों को दिखाते रहेंगे कि क्या गुजरात में चल रहा है क्योंकि आप गुजरात से ही है तो गुजरात का भी माहौल बताते रहिएगा हां बताइए बताइए अ मैं भी आपको धन्यवाद करना चाहता हूं कि अ मतलब आपने भी मुझे मौका दिया आपकी चैनल पे बोलने के लिए तो मेरी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद पूरी टीम को चलिए बहुत-बहुत शुक्रिया इस तरीके से लगातार अपडेट दर्शकों तक पहुंचाते रहेंगे या थैंक यू थैंक यू सो मच बाय

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