मणिपुर के कुकी समुदाय के बारे में आपने खूब सुना होगा कुछ लोग इन्हें लुशाई कहते हैं तो कुछ डालो रोखूम कहते हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में उन्हें चिन के नाम से जाना जाता है पूर्वोत्तर भारत में यह जनजाति मुख्य रूप से मणिपुर मिजोरम नागालैंड और असम के पहाड़ी इलाकों में निवास करती है यह वही जनजाति है जिसने अंग्रेजों के खिलाफ 1917 से 1919 के बीच अपनी स्वतंत्रता और स्वायत्तता के लिए लड़ाई लड़ी थी जिसे कुकी विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है इन्हें सदियों से अपनी भाषा संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है प्रकृति की पूजा करने वाले कुकी अब ज्यादातर ईसाई धर्म को मानते हैं लेकिन परंपरागत रूप से वे ईसाई नहीं थे बल्कि जीववा दी यानी एनीमिस्ट थे और विभिन्न देवताओं और आत्माओं की पूजा करते थे भारतीय संविधान के तहत उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है लेकिन वे अब भी कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं