Jungle mein bird flu cartoon video Hindi #Hindi cartoon video

Published: Sep 08, 2024 Duration: 00:09:16 Category: Film & Animation

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[संगीत] [संगीत] मध्य प्रदेश के जंगल में बहुत से पक्षी रहते थे उनमें कौवे कबूतर तोते मैना कोयल और बुलबुल इत्यादि पक्षियों का समावेश था उन सभी पक्षियों में कौओं की संख्या सबसे ज्यादा थ सारे पक्षी मिलजुल कर रहते थे एक दिन एक तोता जिसका नाम सोनू था वह घोसले से जैसे ही बाहर निकला उसके मुह से चीख निकल पड़ी ओ यह सब क्या हो गया इन्ह किसने मारा आसपास बहुत सारे कौवे और कबूतरों की लाशें पड़ी थी सोनू का मन दुख से भर गया उसके सामने उसके कई दोस्त छन्नू बल्लू भूरा और कन्नू मृत पड़े थे कल तक वह जिनके साथ खेलता था आज वह सब दुनिया छोड़ गए थे चारों तरफ मौत का सनाता फैला था सोनू ने पेड़ के दूसरे घोंस पर नजर डाली तो उन्हें खाली देखकर उसका दिल बैठ गया सब के सब पंछी न जाने कहां उड़ गए हैं आसपास कोई भी नहीं दिख रहा है सोनू ने दूर मगरू बंदर काका को भागते हुए देखा फ सबको सावधान करके वहां से हटने का इशारा कर रहे थे चलो सब लोग भाग चलो एक बहुत बड़ी महामारी की बीमारी आ गई है अपनी जान बचानी है तो इस जंगल को छोड़कर दूर चले जाओ सोनू चल भाग चल यहां से मंगरू काका की बात सुनकर सोनू उनके साथ-साथ ऊपर उड़ने लगा उसने आज तक ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं किया था जान बचाने के लिए वहां से हटने के सिवा दूसरा रास्ता भी नहीं था मंगरू बंदर नीचे नीचे भाग रही थी और उनके ऊपर सोनू तोता उड़ रहा था वह उस जंगल से बहुत दूर एक पहाड़ के पास पहुंच चुके थे पास में एक नदी बह रही थी मंगरू बंदर ने चारों तरफ देखा और उस जगह को ज्यादा सुरक्षित मानकर वहीं अपने कदम रोक लिए सोनू भी उड़ता हुआ नीचे उतर आया काका ये सही जगह लग रही है हां इसलिए मैं यहां रुक गया हूं पास में नदी का पानी भी है फलों की पेड़ भी है काका हमारे बहुत साथी हमेशा के लिए दुनिया छोड़ गए बड़ा दुख हो रहा है यह कैसी बीमारी है बड़ी भयानक बीमारी है बेटा एक से दूसरे में फैलने पर देरी नहीं लगती मेरे दो बंदर साथी भी उसके चपेट में आ गए मुझे भी अपनी जन्मभूमि प्यारी थी लेकिन जान बचाना जरूरी है जान है तो जहान है अरे सोनू तुम तो सवेरे उठे और कुछ खाया भी नहीं होगा मुझे भूख तो लगी है लेकिन वह भयानक दृश्य देखकर मैं सब कुछ भूल गया काका आप बहुत थक गए होंगे बैठिए ना मैं सामने के पेड़ से पके हुए अमरूद तोड़कर गिराता हूं दोनों जन खाएंगे सोनू उड़ गया और कुछ ही देर में देखते देखते उसकी चोंच की फर्ती से कई अमरूद इकट्ठा हो गए दोनों ने अमरूद खाए और वहीं बैठ गए दोनों आपस में बातें कर ही रहे थे कि अचानक सोनू की नजर आने वाले एक बाघ के ऊपर पड़ गई मंगरू काका के पीठ के पीछे से वह आ रहा था इसलिए उन्होंने उसे नहीं देखा सोनों ने तुरंत काका को सतर्क किया मंगरू बंदर झट से पेड़ पर चढ़ गया सोनू तोता भी उड़कर डाल पर बैठ गया बाघ उन्हें देखता ही रहा सोनू और मंगरू ने देखा कि उनकी आंखों के सामने एक कबूतर पेड़ पर से नीचे गिर गया और उसकी गर्दन ठने लगी बाघ उसे देख ही रहा था लेकिन उसके पास नहीं आ रहा था वह धीरे-धीरे पीछे जाने लगा अरे काका यह बाग तो एक कबूतर से डर गया पीछे ही हटा जा रहा है अरे बांगडू वो कबूतर से नहीं उसकी बीमारी से डर रहा है महामारी यहां तक भी आ गई है इसी वजह से कबूतर की जान पर आ गई है अब हमारा यहां रहना खतरे से खाली नहीं है खजूर से गिरे तो बबूल में अटके चलो यहां से अब भाग चलने में ही भलाई है मंगरू बंदर और सोनू वहां से आगे की ओर रवाना हो गए वो दोनों नदी के किनारे किनारे बहुत दूर तक चले गए वहां उन्होंने बहुत सारे बगलो की टोली को देखा उन्हें देखकर उनके मन में आशा जाग गई उन्हें लगने लगा कि वह स्थान सचमुच रहने लायक है यदि खतरा होता तो बगुले भी वहां ना रहते वह दोनों वहां पर रहने लगे और किसी भी आशंका से निश्चिंत हो गए कुछ बगलो ने सोनू से दोस्ती भी की बगुले भय वश मंगरू बंदर के पास नहीं जाते थे सोनू भैया बंदर से हमें बहुत डर लगता है एक बार एक बंदर ने मेरी गर्दन पकड़ ली थी बड़ी मुश्किल से जान बचाई मेरी जान ना बचती मेरी बगुला दोस्त ने न वक्त पर बंदर को एक केला पेश कर दिया और बंदर ने मुझे छोड़ दिया अरे हमारे मंगरू काका ऐसे नहीं है वह किसी पक्षी को नहीं सताते बल्कि सबकी मदद करते हैं बड़े नेक स्वभाव के हैं इसीलिए तो मेरी उनकी बहुत पटती है सोनू की बगुले के साथ बातचीत चल रही थी इतने में दूर मंगरू बंदर जमीन पर गिर पड़ा वह परेशान दिखाई देने लगा उसकी तबीयत भी खराब हो गई थी सोनू उड़कर उनके पास पहुंचने ही वाला था कि उन्होंने इशारे से उसे रोक दिया सोनू यहां से चले जाओ मेरे पास म बताना मैं महामारी का शिकार हो गया हूं मैं नहीं चाहता कि तुम्हें भी यह बीमारी लगे तुम अपनी जान बचाकर यहां से भाग जाओ नहीं काका मैं आपको छोड़कर कैसे चला जाऊं देखो सोनू यहां दिल से नहीं दिमाग से सोचना है मैं जानता हूं तुम मुझे बहुत प्यार करते हो जानबूझकर अपनी जान जोखिम में डालना मूर्खता होगी यहां से जल्दी से निकल जाओ बेटे सोनू की आंखों में आंसू भर आए वह बगुले के पास पहुंच गया मेरे काका को बचा लो क्या ऐसा कोई इलाज है जो मेरे काका की जान बचा सकता है इस दुनिया में उनके सिवा मेरा कोई भी नहीं है मेरे साथ जल्दी चलो अब समय बहुत कम है बगुला सोनू को लेकर उड़ चला उड़ते उड़ते वे दोनों एक पहाड़ के पास पहुंच गए बगुला भाई यहां भी तो महामारी फैली हुई है हां मैं जानता हूं लेकिन दवा भी यही है चलो मेरे साथ पहाड़ पर एक जड़ीबूटी देखकर बगुला रुक गया उसने उसे तोड़ना चाहा तो एक सर बीच में आ गया सोनू ने उड़कर सर्प को चोंच मार दी सर्प पीछे मुड़ गया सोनू ऊपर उड़ गया उसने फिर से सर्प को अपनी तरफ मोड़ने के लिए चूच मार दी इधर सोनू ने बड़ी चालाकी से सर्प को अपनी तरफ व्यस्त कर दिया और उधर बगुले ने जड़ीबूटी को अपने कब्जे में ले लिया जैसे ही जड़ीबूटी बगुले और सोनू के हाथ में लगी वे दोनों उड़कर अपने क्षेत्र में पहुंच गए उन्होंने देखा मंगरू बंदर अचेत पड़ा था काका मैं दवाई लेकर आ गया हूं अब आपका अच्छे से इलाज हो जाएगा आंखें खोलिए ना तवा खिलाता हूं मंगरू बंदर के मुंह से कोई आवाज नहीं आ रही थी देखो तोता भाई तुमने आने में देर कर दी अब इन्हे कोई नहीं बचा पाएगा नहीं नहीं ऐसा मत कहो मेरे काका को कुछ नहीं होगा अभी मैं दवा इनके मुंह में डाल रहा हूं सोनू ने दवा मंगरू बंदर के मुंह में डाल दी और पास में बैठ गया तोता भाई इस दवा का सेवन आप भी कर लो कोई खतरा नहीं होना चाहिए हम सभी रोज इसका सेवन करते हैं इसीलिए मजे से घूमते रहते हैं सोनू ने भी वह दवा खा ली और काका के चेहरे की तरफ आशा भरी नजरों से देखने लगा मंगरू काका को होश नहीं आ रहा था और सोनू का दिल बैठा जा रहा था उसकी आंखों से लगातार आंसू गिर रहे थे हे भगवान मेरे काका को बचा लो आपका मुझ पर बहुत बड़ ना उपकार होगा मेरे काका ने कभी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा है उनकी जिंदगी मुझे मेरी जिंदगी से भी ज्यादा प्यारी है आज उन्हीं की वजह से मैं भी जिंदा हूं सोनू ने अचानक देखा तो खुशी से उछल पड़ा मंगरू बंदर ने आंखें खोल दी और सबसे पहले उन्होंने सोनू को देखा अरे सोनू तू यहां क्यों बैठा है काका अब हमेशा आपके पास ही बैठूंगा अब ना मुझे कुछ होगा ना आपको कुछ होगा आपने भी दवाई खाई है और मैंने ने भी इन सभी ने दवाई खाई है इसीलिए तो महामारी की बीमारी हम सब ने भगाई है मंगरू काका को सारी बात की जानकारी मिली और उनके चेहरे पर खुशी झा गई और उन्होंने सोनू को बड़े प्यार से अपने पास ले ली

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