Majlis Mumbai | 1446h | 25 moharram | mumbai Maulana Sayyad Ahmad Ali Abdi Sahab

सिपाहे श्याम ने चारों तरफ सेली थ आगे हो बै प् लबे फराता हर एक खून का प्यासा ल चरागे इमामत अभी बुझा ना है जमी पे जीन से शबी [संगीत] कोराना ये सुनके संग किसीने जबी फमा किसीने पहलू में बरछी का फल उतार दिया किसी ने सामने आकर चलाई तेग जफा गरीबे जहरा काज पर सबला मुशकिल ली वो सहरा को रग में रुलाया जाता था हुसैन गिरते नहीं थे गिरा जाता लगा जो तीर तो असगर को शरने याद किया पुकारा गाजी को जिस वक्त सरप गुर्ज लगा लगी जो बछी तो अकबर को दी तड़प के सदा तमाचा खुली ने मारा त बोल या जहरा अली को याद किया सर पे जर्ब चलते हुए हसन को याद किया ह से खू करते हुए सन से जो ब जो तीर सीले में थे पुष्ट से निकल आए निकल के पहलू से सब बछियों के फल आए करार किस तरह अब श तो एक पल आ रकाब पैरों से इब्ने अली की छूट गई तमाम बसली सिब से नबी की टूट की गई रतम किया है ये रावी दर्द का मंजर कि चलने वाला था जिस दम हुसैन पर कंजर बहन से आगे खड़ी थी हुसैन की दुखत कहा ये शिमर से उस दम गरीब ने रोकर मेरी सकीना मेरी सकीना कही दम ना तोड़ दे जालिम रहम कर मेरे बानू को छोड़ दे साल [संगीत] पड़ा था दस्त [संगीत] में जान बत का दे हुसैन जिंदा है क्या शिमर से किसी ने कहा करीब जाके ये कि शिमर ने फिर ह की सदा वो देखो आ गई मकतल में सानी जरा ये सुनते ही शह दिलगीर उठके बैठ गए बहन के नाम पे शबीर उठके बैठ गए ये कह के आगे बढ़ा हाथ में लिए ं उधर तड़पने लगी एक लाश दरिया इधर कयाम से निकली बतूता अजीब बे अदबी शिर ने ये की आकर जरा सी भी ना मुरव दिखाई जालिम ने कलाम पाक को ठोकर लगाई जालि अजब तरह से सितम गार ये कर रहा था सितम कभी हुसैन की जुल्फों में हाथ थे बा पकड़ के रीश मुबारक कभी हसा अलम हटाया बालो को खंजर से सिम दे एकदम कहा हुसैन ने देखो जरा अली अकबर लने रख दि अजन हमारे सीने पर री जो जर्ब फरिश्तो ने मुह को पे लिया फरिश्ते क्या थे नबियों ने मुह को फेर लिया हटे नबी तो रसूलों ने मुंह को फेर लिया चले रसूल तो वलियों ने मुह को फेर लिया हसन रसूल अली बोले अब खुदा जाने हुसैन जाने गला जाने फातिमा जाने हुसैन जाने गला जाने फातिमा जाने मोहम्मद मोहम्मद सलवा अल्लाहु सल्ला मोहम्मद हैदरी याली [प्रशंसा] [संगीत] सज्जाद रिहाई पाकर भी परदेस से घर को आकर भी जब अश्क बहाते रहते थे जैनब से दुख देखे ना गए एक रोज तड़प ये पूछा सज्जाद तू कब तक रोएगा उस वक्त मेरे मौला ने कहा अमा आए अपने मुकदर पर सुगरा के सवालों पर क्यों ना रोए सजा क्यों ना रोए सज्जाद क्यों ना रोए सजा मेरी ी साफ त कर नेजे प जो देखे बाप कासर हो सात सफर में वो जिसने चीरा था अकबर का जिगर जरों की सजा मिलती हो जहां बच्चों को अश्क बहाने पर जो ना रोए सज्जाद तुम छुप छुप के फूती हो रो तो क्यों कहती हो रोया ना करो लाल मेरे भाई को गवा कर बैठी हूं मासूम बहन को जिंदा में छोड़ के तनहाया है क्लास ने से से गिरा अब्बास का सर मैं देख चुका हूं वो बंदन दरबार में मैं क्यों मरना गया जब नाम तुम्हारा ले लेकर कहता था लई जैनब कहां ले आओ यहां परदे चादर सब कतल हुए जिंदा हूं बीमार सही लड़ सतता था शर्म हूं मैं असगर से वो तीर सितम से लड़ तो गया वो तीर मेरे क्यों कर ना लगा जिस तीर से यर खास ग क ना रोए सज्जाद क्यों ना रोए सज्जाद मोह मोहद स मोहम्मद मोहम्मद हैदरी याली [संगीत] सल पढ थोड़ आगे चले जा मोहम्मद मोहद सहद महद मोहम्मद मोहम्मद सवात करद हर घड़ी दिले मुस्तर अली अली कर विद हर घड़ी दिले मुस्तर अली अली हर दर्द की दवा है मुकर अली अली हसरत य है कि कबज हो जिस वक्त मेरे रू होठों प दम हो और जबा पर अली अ स महम्मद महम्मद री या नबी जा दियों का शाम में जा सजा से पूछो अफसोस नबी सा दियों का श्याम में जा ना सजाद से पूछो सरनम के वो सरनम के वो मां बहन का बजार में जाना सजा से पूछो अ छपती थी नबी जादी नबी के पीछे किस शर्मो हया से और शिमर का उन बीबियों के नाम बताना सजा से अरे बैठे हुए बैठे हुए दरब में सब छोटे बड़े थे अरे सादात खड़ [संगीत] [संगीत] थे सरकत में रखा हुआ जैनब को दिखाना सर कष्ट में रखा हुआ जैनब को दिखाना सज्जाद से पूछो अरे जब दुख े शबीर ने जिंदा में कजा की अरे आफत की घड़ी थी वो नन्नी सी कर वो नन्नी सी मैयत बंधे हाथों से उठाना सज्जाद से पूछो [संगीत] हर जालिम लबे सरवर पे छड़ी म रहा था हर वो वक्त अजब था उस वक्त ी बहनों से अश्कों को छुपाना सज्जाद से पूछो अरे अफसोस नबी जाद का शाम में जाना सज्जाद से पूछो सर बाप का सर बाप का गोदी में लिए मर गई ब हर गश कर गई बच्ची मु बाप के मुंह पर से सकीना का हटाना सज्जाद से पूछो [संगीत] अलाहु सल्ले अला मोहम्मद मोहम्मद आवाज बुलंद सलवा अल्लाहु सल्ला महम्मद वा महम्मद ना हैदरी या अली हैदरी याम जमान आवा बुलंद सल या अल्ला [संगीत] [संगीत] एड ता इला बिला [संगीत] अलीला बिस्मिल्ला रहमान रहीम अदला ला सलाम अला स मोहम्मद मोहम्मद अहद मास अ हसी मवाना [संगीत] मोहम्मद सद मह बमला रही [संगीत] अ सला [संगीत] महद इमाम सज्जाद अ सलाम की [संगीत] जिंदगी अगर आप देखे तो वाक दन इस्लाम में बहुत ज्यादा अहमियत रखती और आपने जो कारनामा अंजाम दिया व [संगीत] बेनजीर इमाम के हालात का जरा सा जायजा ले और उनके हालात के बारे में करे हालात में आदमी को ऐसा गो नशीर होना चाहिए था इसकी कोई हो हालात जने में कितने ज्यादा खराब आपको मालूम है कि कर्बला के वाके के बाद पूरी उमत में खौफ एक दहशत तारी किसी आदमी में बोलने का चारा नहीं [संगीत] था कब इतना ब वाक हो चका [संगीत] सहद के वा करबला के बाद भी जो वाकया हुए मदीने में कम किया गया और मदीने को यजदी फौजियों के लिए कई दिनों के लिए हलाल कर दिया गया और मदीने की मस्जिद में फौज ने अपने घोड़े बांध दिए और उमत खामोश तमाशाई के र पर देखती [संगीत] नहीं उसके बाद ने काबा पर आग बरसाई गई ने काबा का पदा जलाया गया इन हालात में पूरी उमत ख री था किसी मत नहीं को आवाज नि और बया की पूरी कोशिश थी कि दन को मिटा दिया जाए और ऐसा खौ ार किया जाए कि किसी जबान पर को जमला और न को मिटाने की पूरी कोशिश हो रही थी और य दन को जो मिटाने की कोशिश हो रही थी व इस तरह से नहीं हो रही थी की नमाज बंद कर द गई रो बंद कर दिए गए हो नमाज भी हो रही थी अने हो रही थी लेकिन रन लोगों से ीन ली गई इतनी ज्यादा रन छीन ली गई थी य जैसे शराब को मद हुकूमत पर बैठ कुछ बोल नहीं सकते थे बल् उससे ी य ी वाले काफिर नहीं थे यद नहीं ईई नहीं थे य मुसलमान जो कलमा पढ़ते थे पाच की अने देते थे मस्जिद बनी हुई थी और मस्जिद नमाज से आबाद लेकिन उसके बावजूद लेन का मजाक उड़ाया जा रहा था और कोई मुसलमान इस मजाक को रोकने के लिए तैयार [संगीत] नहीं न लोगों से स की जा [संगीत] चुकी ै स होती [संगीत] कर जिंदगी की अलामत क्या है और बसी की अलामत क्या अगर किसी आदमी के बदन में कोई जखम हो जाए अगर उ दर्द हो रहा है तकलीफ हो रही है तो आदमी इला [संगीत] कराएगा और ठीक हो जाएगा बीमारी दूर हो जाएगी लेकिन अगर आदमी लग रहे हो और उसको दर्द कासास हो इस शख्स को जिंदा कहा जाए या मुर्दा कहा [संगीत] जाए एक आदमी बजन में सई चुई जाती उसको तकलीफ होती है हां क्या कर रहे हो और एक आदमी का पूरा पैर काट दिया जाता है वो उफ भी नहीं करता ये मुर्दा होने की दलील है या नहीं है अगर जिंदा है उसको तकलीफ होगी रिएक्शन होगा अपने द के ला करने की कोशिश करेगा लेकिन अगर ज लग ो बैठ य मुर्दा है तो यह बदन का मुर्दा होना है रू का मुर्दा होना य कि आदमी दन को पामा होते हुए देखे और कुछ ना बोले और य मुर्दा कीी य बीमारी क से आती है यह बीमारी आती इंसान गुना ज्यादा करता है और हराब गज से पेट भरता [संगीत] है य हराम इंसान से दीन के ए सात को सलब कर लेती आप किसी जिंदा पध में बाली डालिए करेगा बढेगा आप पत्थर पर बाल्टी की बाल्टी डाल और क चिकने ड़ नहीं होता बो क्या बो क्यों असर नहीं होता इतने दिन मुर्दा हो चुका था दिल इतने ज्यादा मुर्दा हो चुके थे इमाम हुसैन जैसा इमाम वक्त मासूम जिसकी जबान चादर र से धरी हुई थी जिसने रला की जबान चूसी थी जिसने आश नबी और रसूल में आ खोली थी ऐसे इमाम बक की तकरीर हो रही थी और लोगों के दिल पर असर नहीं हो [संगीत] रहा उसके बावजूद वो कतल करने के लिए तैयार [संगीत] थे इमाम हुसैन बारबार अपना तारुफ करा रहे मैं कौन हूं पहचान लो पहचान लो पहचान [संगीत] लो उसके बावजूद उ असर नहीं हो रहा था इसका मतलब क्या था कि दिल पूरी तरह से मुर्दा हो ग और इमाम नने फरमाया था चक तुम्हारे पेट हराम से भरे हुए मेरी पर असर नहीं तो ऐसे मुर्दा माहौल में दन की शमा को जला के रखना और दन को सुब कयामत तक बाकी सलाम का सुन आपर कर ऐसे मुर्दा माहौल में जब जमीन दिल की जमीने बंजर हो चुकी थी उस माहौल में दन को बाकी रखना अगर आज इमाम सजाद सलाम नेन को बाकी ना रखा होता तो आज मस्जिद में अनेम सज्जाद सलाम शाम से वापस आए मदीने में पूरा र ट चुका [संगीत] है न के सब लोग मारे जा चुके हैं बीर की जा चुकी है दरदर फराई जा चुकी है नी ज्यादा मसा बदा जा [संगीत] जा मला जीता क आपका तोरा र उ गया आप प बन ग असर हो गए [संगीत] बता वो क्या कह रहा आप नहीं जीते आप तो सब लुटा के चले आएम ने क्या फरमाया जब तुम घर जाना और घर जाने के बाद अजान कहना तो पता चलेगा जिंदा कौन तब पता चलेगा जीता कौन है या यजद की हुकूमत बनी उम की हुकूमत अजन मिटा देना चाह रही थी अगर घरो में अजन हो रही है तो हुसैन की जीत का लान इमाम सजाने वा कारनामा अजम दिया और एक बार मास के इतना जम बदा करने के बाद इतनी अत बर्दा करने के बाद इनी तकलीफ बदा करने के बाद क्या उनको लोगों के साथ अच्छा बताव करना चाहिए बुरा ब हम इस मोहले में [संगीत] रहते और मोहले वाले हमारे घर वालों को कल कर हमारे बच्चों को मार डाले क्या हम उसके बावजूद उनके साथ अच्छा बता [संगीत] कर ब शिकायत करें नहीं करें न हमारे बच्चे को बोलने वाले मिके मार डाले स है तो क बाते थे बाटेंगे मदद करते कन ना के ना के साथ लेकिन इमाम का किदार आप क्या देख वाक मासूमीन अखलाक उस बुलंदी पर फ है जिस पर दुनिया सोच भी नहीं [संगीत] सकती या मैं मासूमीन का अखलाक दोस्तों के साथ नहीं अपने खानदान के जानी दुश्मनों के साथ अपनों के साथ बर्ताव करना अलग काम है लेकिन जानी दुश्मनों के साथ मरवान इने हकम बनी उम का आदमी जिसने माम हन सलाम को बल में सोने नहीं दिया य ीस आदमी जिसने मदीने के गवर्नर को य हुक्म दिया था हुसैन बका सर कलम कर लो ना चले जाएंगे तो फिर बत नहीं होगी तो जिसने इमाम सज्जाद के चचा के जनाजे पर तीर चलवाई और जिसने इमाम हुसैन सलाम के कतल का मशवरा दिया ऐसा बदबख्त जालिम खबीस अगर हम लोग के पास आता तो हम लोग क्या करते उसको लि देते वो पस आने की जुरत [संगीत] करता ऐसा खबीस आदमी जिसको रसूलल्लाह ने मदीने से निकलवा दिया था या इमाम जनाजे पर तीर चलाए उसने इमाम हुसैन के कद का मशवरा दिया उसके बाद जब मदीने वाले बया के ला हुए और मदीने वाले थोड़ा बेदार हुए और बया के लाफ मोहिम चली जोया आमी दे जाए मारा जाए पकड़ा जाए मदीने में रता और बया बरा माल बन गया [संगीत] कर पूरा मा ब लोग में य अपने बाल बच्चों को लेक दूसरो के पास ग अपने दोस्तो के पास को राब है मैं तो क भाग जाऊगा लेकिन मैं अपने बच्चों को लेक नहीं जा सकता अगर अपने बच्चों को काला बना कर के मदीने से बाहर निकल जाऊ कोई मुझे पकड़ेगा मुझे भी मारेगा मेरे बच्चे भी मारे जाए काम करो मेरे बच्चों को अपने घर में रखलो और मैं कने भाग जाता कोई एक आदमी तैयार नहीं हुआ मरवान के बच्चों को घर में रखने केलिए कोई एक आदमी जितने उसके दोस्त कोई एक तैयार नहीं हुआ [संगीत] हालात खराब है लोग बया के दुश्मन है मैं तो क भाग के चला जाऊंगा लेकिन अपने बच्चों को ले जाने बच्चों को रख सकते हमारे पास [संगीत] [संगीत] के सहद अले बैत की शान के किसे कहानिया नहीं [संगीत] है यह व दस है जो हम सब की जिंदगी में हमको मिलता है यह वाकया हमारी जिंदगी के लिए नमूना रास्ते पर चलना है यह वाक मस की नत नहीं है यह वाकत हमारी जिंदगी के रहनुमा उसूल [संगीत] हैने क्या फया बच्चों को ले जाओ बाग में [संगीत] छो पैसे दे मैं तुम्हारे बच्चों का ख्याल [संगीत] रख खाने का पीने का रहने का स इससे बड़ा गौर फरमा जमला अंद जा इमाम का किरदार इससे भी ब इमाम मरवान के बच्चों के अपना बा जाओ य बाग है अपने बच्चों को चले जाओ उनका खर्चा रहना [संगीत] सना किने कहा मला आप बच्चों को ला करर के अपने घर में नहीं रखते अगर मैं मरवान के बच्चों को अपने घर में लाकर रख तो मेरे घर का बच्चा बच्चा मारवान के वाक से मेरे घर का बच्चा बच्चा मरवान के जुल्म सितम से [संगीत] वाक सब जानते कि मरवान ने मेरे खानदान साथ क्या किया अगर उसके बच्चे मेरे बच्चों के साथ रहेंगे और मेरे बच्चों दास्तान में सुनाए तो मरवान के बच्चे आजादी के साथ नहीं रह पाए मेरे घर में डर डर के रहेंगे कहीं कोई बच्चा को जुमला कह दे फ्री अपने को फील नहीं करेंगे आप गौर करें ये कौन कर सकता है ये वही कर सकता है जो खुदा का नुमाइंदा हो खुदा उसको भी देता है जो खुदा का कलमा पढ़ता है खुदा उसको भी देता है जो खुदा का इ सलाह नारा हैदरी जमा आवा बलं सवा अला सलाह याली आप रजब में द पते अल्ला जो उसको देता झसे सवाल करता और उसको भी देता है जो तुसे सवाल नहीं करता और उसको भी देता की बुनियाद पर नहीं रत की ब खुदा उनको भी दे जो मांगते नहीं मांग नहीं पहन ददा अपने मु को दे रहा है तो उसका हकी नमा होगा व भी यला से ले य म है या नहीं दुनिया के किसी रहबर के बाद आपको ऐसे नहीं मिले य आपको हमारे और माम जिंदगी आप देख मोहब्बत जिस आदमी को सता उसके दिल में मोहब्बत नहीं लेता हैलिए लेता है इसके घर वालो को सताया दिल में मोहब्बत नहीं है रहम नहीं है इसने अपने सामने अपने बाप को मते देखा दिन में नहीं है क्या ले जिस श ने इतने मजलि सा हो उसके उस इंसानों पर जानवर पर और जुमला करू मोहब्बत व है जिसका असर इंसान के साथ साथ जानवर भी महसूस करते मोहब्बत की जन व है जिसको कर अगर अने अपने घर में कोई जानवर पले और आप जिस घर में दाखिल हो उसके सर पर हाथ फेरे आते तो आपके साथ कैसा और उसी घर में आपका दूसरा भाई है दूसरा बेटा है जो जानवर कभी नहीं देता पलट के पूछता भी नहीं तो भी घर में आता वो भी नहीं पूछता लेकिन आप जब घर में आते जानवर सर पर हाथ फेरते है जैसे आपके कदम की महसूस होती पास आता नहीं आता मोहब्बत की जवान जो जानवर भी यह जबान व है जो जानवर भी पहचानते इमाम सजाद सलाम के पास सहद ब मैं और आगे ब याली मोहब्बत की जवान जबान वो है जो जानवर तो जानवर दरख पचा क्या क वा जर प देख हज रस खुदा मोहद मुस्तफा सला सहद मजद में खुबा देते थे खुतबा देते वत खजूर का दरख जिस पर आप दस् मुबारक के खड़े होते थे और खुतबा देते थे जब आप कमजोर हो ग आप खड़ होने तकलीफ होने लगी तो लोगों ने कहा कि मेंबर बना देते मेंबर बन गया अब जब मबर बन के तो र खुदा उस म पर बैठ गए और अब उस खुतबा देना शुरू किया तो उनका दस्ते मुबारक उस दर पर था कल हाथ रख के खुबा देते प कहा बैठे थे आज उनका हाथ इस के उपर थोड़ी देर बा मजद से रोने की आवा जसे कोई अपने महबूब के फिराक में रो रहा अपने अज के में रो [संगीत] रहा दे दे कोई भी नहीं रो कोई नहीं रो ले रोने की आवाज आर कोई किसी के फिराक में किसी के दर्द में रो रहा है कोई नहीं येय दरख उसके पास गए मुझे आज दर्द है कि आज आपका हाथ मुझ पर [संगीत] रसूला ने क्या किया अगर दरख ने मोहब्बत का सबूत दिया तो नबी रहमत ने भी मोहब्बत का सबूत दि कैसा सबूत अ साब से उ इस दरख को उखाड़ करके कप पना करके क इस दफ को मेरे मबर के नीचे द कर अहले बैत अगर दरख की मोहब्बत का जवाब देते हैं तो हमारी भी मोहब्बतों का जवाब दे सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह अगर हम उस राख में रोएग का नहीं उस दरख को खाड़ा कप पहनाया तो मेरे म चे करो ता सास हम कभी किसी से पे आ देखते हम ज्यादा रिट कर जाते और फ कहते हालात ठीक नहीं होते हालात रिएक्शन से ठीक नहीं हो [संगीत] आप घर के मसाइल देख दोस्तों के मसाइल देख रिएक्शन रिशन रिशन सा ठीक खास महरम में तो रिएक्शन ही रिएक्शन य अंजुमन उससे लड़ रही है य दोन उससे ना उ हमारे मुकाबले में क्या उनके मुकाबले दोन भी जवाब [संगीत] देंगे फला जग आ ड़ हो गए व खड़े हो गए ला नहीं और ये सबक हम मासूमीन की जिंदगी में हमारी जिंदगी का हर मसला मौजूद है इम सज्जाद ऐसा एक ऊट था आप उस ऊट पर हज करने जाते थे आपने कभी भी इस पूरे सफर में इस ऊट को एक छड़ी नहीं मारी एक छड़ नहीं ब आखिर बूढ़ा हो गया इमाम इसी बूढ़े ंट के ऊपर सफर कर रहे हैं ये चलता है बैठ जाता है चलता है बैठ जाता है बकिया लोग आप सफर में सा काबा में साफ साथ है सा साथ है अब आप रुक जाएंगे तो का रुक जाएगा तो लोगों ने मौला से क मौला का आगे बढ़ लेट हो जाता है रुक जाता है ू जाता है उसको कुछ मार एकटर लगा आगे बढ़े जवा में क्या मैं खुदा के घर जा रहा हूं मैं खुदा के घर उसकी मखलूक को सता के ले जाहा सुन सुन अल्लाह मैं खुदा के घर जा रहा हूं मैं इस सफर इलाही में सफर हज में उसकी मखलूक सताना नहीं मैं दो दिन लेट पहुच मुझे गवारा है लेकिन मैं उन ड़ लगा आप मोहबत है या नहीं य स किसकी मोहब्बत है जिसको ड लगाए जिसकी हाथ में हया [संगीत] ऐसे श को मोहब्बत करना नहीं [संगीत] चाहिए रा कामने कहा है बतन से वही चीज निकलेगी उसके अंदर होगी अ बत के में मोहत मोहबत महत [संगीत] मैं इस ट को छ नहीं लूगा दो दिन टने मोहब्बत का क्या जवाब दिया य तो ब जवान था इसने जवाब य दिया जब इमाम का इंतकाल [संगीत] हुआ बे लाम मोहम्मद बाक सवाला [संगीत] सरी याली शिकायत की मला में है जो कुछ खा भी नहीं रहा शायद मीरा बीमार हो [संगीत] गया पी रहे दाना देते देते उसके पास पानी जाते मु नहीं ता डक्टर को दिना क बीमार नहीं य मेरे बाप के तो क्या करे इसको [संगीत] छो जैसे ही लोगों ने उसकी रस्सी खोली छो वो अपनी जगह से निकला और धीरे धीरे ता हुकी में आ कर के इम सजाद [संगीत] के इमाम सज्जाद कत प आने के बाद बैठ गया और क पर अपना सर रखते रोजाना का दस्तूर य था की सुबह होती थी इमाम निकलता था वहा से और और बैठ कर के सर रख कर कर और इतना गमजदा था मर गया जब मर गया तोम बाक ने क्या किया कफन पह उसको द हम इस इमाम कामना शुक्र करिए खुदा नेको ऐसे माम दिए दुनिया में किसी के पास इस किरदार के अफराद मजूद नहीं पूरी तारीख ू आपको कहीं भी किदार सहद इम परवरदिगार खुदाया मुझे तौफ दे जो मुझे धोखा दे उसके साथ नसीहत से क्या जो मुझे धोखा दे उसको धोखा मत दे िक बाट लाइट [संगीत] नहीं तुमने हमको धोखा दिया था हम तुमको धोखा दे रहे जब तुम वक्त पर नहीं आया था जब वक्त पर नहीं आ क्या हमने तुमसे मांगा तो नहीं दिया हम तो नहीं देंगे तुमको हमारा तुमने साथ दिया क तुम्हारे दिन थे हमान इम क्या कहते पर स मुझे तौफ दे जो मुझे धोखा [संगीत] दे और जो मुझे ना दे मैं उसको अता [संगीत] [संगीत] करला हमारी शादी नहीं हमारे मरने में आ स क्या स क्या कर ब स [संगीत] हम स नहीं हमने के [संगीत] लिए परग मुझसे रिश्ता तोड़ ले मुझसे रिता और अज दोस्तो मसला शैतान का [संगीत] काम छोटी सी बात आप कर अगर किसीने हमसे रिश्ता तोड़ लिया हमको शादी में नहीं बुलाया गम में नहीं बुलाया य नहीं बुलाया व नहीं बुलाया नहीं बुलाया अगर हम उसके घर चले गए हमको सवाब मिलेगा हम गेन करेंगे नुकन रिश्ता तोड़ लिया उसके घर नहीं गए नहीं और गए तो अगर हम नहीं गए तो हमने क्या नुकसान किया और जा रहे तो फायदा हो रहा नुकसान हो रहा है [संगीत] उसके घर गए भाई नहीं बुलाया हम गए उसके घर दावत दे कर य दावत मिला या भाई को गुना किसकी माफ हुई रोजी किसकी बड़ी किसकी बी और हम नहीं तो किसने किया य क व नहीं बुलाते हम शैतान का [संगीत] का शैतान को भगाने का काम है शैतान को बने का [संगीत] काम शैतान को बकाने का काम है या बसाने का काम जो मेरी बत करे उसका [संगीत] त कर उसका रा अच्छा से करो मैं नेकियों का शुक्र अदा करो और बुराइयों से स आप गर फरमाए वाक सबसे बड़ा काम आदमी को क्या कर अगर आज टट टाइप की र बयार करते तो क्या दुनिया त या होती जिन लोगों नेम की इमामत को तसलीम नहीं की इमाम उनके दरवाजे पर जाकर [संगीत] रोपया इमाम की शहादत हुई है और आपको गुसल देने के लिए आपके बदन से कपड़ा उतारा गया तो रवायत बताती कि आपके पीठ पर बड़े बड़े गट्टे के निशान घटता ऐसे नहीं प घटता उस वक्त पता जब कोई भारी चीज मुसलसल उठाई जा आप एक दि हाथ में हथौड़ी लेकर के काम कर तो गट्टा नहीं पड़ न मुसलसल आप काम करते रहे तो गट्टा [संगीत] प क इमाम कोने कपड़ उतारा गया तो आपके बदन पर ग पड़े हुए पूछ [संगीत] कैसे इमाम के पास गुलाम मजूद मक मजूम नहीं लंबी फम फमा जब रात होती थी तो वालि अपने कंधे पर रोटिया उ के ले जाते और रात की तारी में गरीबों के दरवाजों पर रोटिया ब कर और किसी को नहीं पता चलता देने वाला किसी एक को पता नहीं चलता रुपया देने वाला कौन जब इमाम का इंतकाल हु तीन चार दिन तक रोटिया नहीं पहुंची लोगों को पता चला य रात में रोटी देने वाला फरिश्ता नहीं बल्कि और रुपया किसको इमाम दे अपने शयो को नहीं उन लोगों को रोपया तम कर रहेमा की इमामत के नहीं मोहम्मद मोहम्मद सलवा अला सह जिी को देखे री याली सलाह देखी य वाक किताबों के वाकत है य वाक हमारी जिंदगी के सवाल कर इमाम के इन वाक से इमाम की कद मजत बढ़ी या [संगीत] घटी दर्जा बढ या घटा [संगीत] अगर टा हमको नहीं करना चाहिए अग इन वाक सेम का दजा ब है तो जो इस तरह से पेश आएगा उसका दर्जा उसके सवाब होगा उस होगा बहुत है ना आपके सामने आप गर करें ऐसे और इमाम क्या य काम किया उसके बारे में मिलता है ज इमाम बाक सलाम इमाम सजाद कोस दे रहे थे तो दराने मार के मार कर लोग बाला य देते मार कर क्यों रोए फरमाया जब मैंने अपने बाबा के बदन पर क उतारा तो गले पर ार के निशा हाथ में हयो के नि पैरो में बेयो के नि यानी य व ज था जो जिंदगी भर भरा अदारो मैं चंद फ इमाम की मुसीबत के तालुक से आपसे अ करू और बात धीरे धीरे [संगीत] तमाम जब इमाम सामी आम ते थ की जब भी खाना आता था तो रोते थे पानी आता तो मेरा अ पानी के लिए मारा मेरा बाने सारे वाकत थे आपने सुना होगा जब इमाम बाजार से गुजरते थे और कसाई अपने जानवरों कोबा करने ले जाते थे इमाम पूछते थे क्या तुमने पानी पिला लिया है तो कसा कहते मौला हम बगैर पानी पिलाए हुए जानवर को जुबा नहीं करते थे कहते थे कसाई अपने जानवरों को हम पिला के जुबा करते मेरा बाबा क्याम पानी यादा तो रोते थे ना रोते थे और इतना रोते थे कि आंसू से जमीन तर हो जाती जब भी तस्करा आया रोते थे किसी इमाम मौला कब तक रोएंगे तो यूसुफ अल्लाह ने याकूब को 18 11 बेटे दिए थे एक बेटा मरा नहीं जब जनाब यूसुफ गायब हो गए तो जनाब याकूब ने मलकल मौत से पूछा मलकल मौत ये बता तुमने क यस की र नहीं मेरा बेटा जिंदा तो है आपका बेटा आखों से ल हो गया था उसके बावजूद याक इतना हुए की आखों की सफेद चली गई कते एक बेटा नज से उछल हुआ तो याक जिंदगी रोते रहे किसी के घर से एक जनाजा निकलता है तो कमत होती है जिसके घर से 18 और वो भी वो जना जो किए ग तो किसी ने अर् की मला शहादत तो आपकी मीरास है आपके बाबा शहीद हुए चाचा दादा आत य वम है जोने बदा किया हुसैन जैसे साबिर से भी बर्दाश्त नहीं हुआ इमाम जमान ने अपनी जियारत में इम हुसैन फरमाया है जब इमाम हुसैन जमीन पर आके गिर गए और कमजोरी का आल य था कभी दाने गिरते थे कभी बाए गिरते थे समला नहीं जाता था और लोगों को ये नहीं मालूम हो रहा था हुसैन जिंदा है दुनिया से चले गए अ में में कोई हरकत नहीं थी तुमय जानना चाहते होन जिदा है य दुनिया से चले गए चलो पास जाता जनब का नाम लो अगर न जि है जैसे जाता था कोयो के जिरी कीन के बदा नहीं कर सके की रही है देख रहे थे और जनब कला के मैदान में आप गर कर देख मा बहनों का में जाना य भी म है और क्यों रोते क रो भाई भाई एक् उसको मारा जब उसका जनाजा आया वहा से लोग मुझे पू जनाजा जा रहा है अब इसका क मत खोलिए ऐसे द क्यों इसका सर इतना जखमी है अगर मां बहने देख लेगी तो जिंदगी भर उनको य नहीं आए अदार एक स बताए स सजाद अपने बाप का िक ता हुआ था सीने की हड टूटी हुई थी टूटे हुए थे स सय दे करने के लिए आए तो बनी से चटाई लेक के आओ ले सजाद न के बदर केला उठ स सजाद ने अपने बाप के बदन के टुकड़े टुकड़े देखे हो जब भी आंख बंद करते होंगे कभी हुसैन का सर नजर आता होगा कभी हुसैन का सीरा नजर आता होगा कभी न देखते थे जब भी य करते थे कभी अंकल का सीरा नजर आता था अब्बास के गे में बा नजर आते थे सयद सजाद [संगीत] परग के बा आमीन फनमी आओ सफे मातम बिठाए गाज के परचम कले सा कयामत या इलाही मजलिस मातम चले मजलिस मातम चले मजलिस मातम चले [संगीत]

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