The Real Story of IC814| India Airlines Flight|| Webseries of Netflix| December 1999 | Millat Times

मल टाइम्स में खुशामदीद मशहूर ओटीटी प्लेटफॉर्म दरअसल netfx3 को भारत का एक फ्लाइट हाईजैक किया गया था इंडिया एयरलाइंस का जो जहाज था वह काठमांडू से हाईजैक किया गया और छ दिनों के बाद समझौता हुआ उसमें 176 से ज्यादा इंडियन शहरी सवार थे पैसेंजर थे बातचीत हुई और बातचीत के नतीजे में इंडिया को तीन ऐसे शख्स को रिलीज करना पड़ा जो इंडिया के लिए बहुत ज्यादा अहम थे उन्होंने बाद में इंडिया को नुकसान पहुंचाया उसमें से एक बड़ा नाम मौलाना मसूद अजर का है व इंडिया की जेल में बंद थे और यह जो रिहाई हुई या समझौता हुआ जो हाईजैकर्स थे जिन्होंने बातचीत मानी इंडिया की उसमें तालिबान ने अहम किरदार निभाया उस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार थी मुल्ला उमर तालिबान के अमीरुल मोमिनीन थे और उनकी वजह से इंडिया के लिए पैसेंजर जहाज को रिलीज कराना या हाईजैकर्स के साथ बातचीत तक पहुंचना आसान हुआ तालिबान ने शानदार किरदार निभाया इन तमाम बातों को इस वेब सीरीज में दिखाया गया जो हकीकत पर मबन घटना है उसको बताया गया है अब राइट विंग ग्रुप ने इस पर हंगामा बरपा कर दिया और कहा कि इंडिया का अपमान किया गया है और इस तरह के कमेंट्स लगातार लिखे जा रहे हैं तो आगे हम आपको बताएंगे कि कमेंट्स क्या है लेकिन पहले यह बताते हैं कि जो वेब सीरीज आई है आई 144 के हवाले से वेब सीरीज क्या है 1999 में हुआ क्या था और फिर आज के दौर में उसके क्या असरात मुरत हो सकते हैं netfx3 शाम के 4:00 बज रहे थे नेपाल की राजधानी काठमांडो के एयरपोर्ट से इंडिया एयरलाइंस की फ्लाइट आई 814 ने उरान भरा उरान भरने के तकरीबन आधा घंटा के बाद कैप्टन शरणे व ने ऐलान किया कि उरान की कार्रवाई मुकम्मल हो चुकी है अब आप रिलैक्स हो सकते हैं बेल्ट को खोल सकते हैं और जल्द ही कबि क्रू आप को सर्व करेंगे आप खिड़की से बाहर हिमालिया का मंजर भी देख सकते हैं काफी खूबसूरत नजारा है कैप्टन की तरफ से ऐलान होने के बाद ही लोगों ने अपनी सीटों से उठकर विंडोज के बाहर देखना शुरू कर दिया कि कैसा ऊपर से हिमालया दिखता है वह फ्लाइट इंडिया के एयर स्पेस में भी आ चुका था तभी अचानक यह ऐलान किया जाता है कि फ्लाइट हाईजैक हो गया है और आप सब अपनी जगह बैठे रहे आप सब अपने हाथों को ऊपर उठा लें हम आपको सपोर्ट कर रहे हैं आप भी हमें सपोर्ट कीजिए अगर किसी ने भी गड़बड़ करने की कोशिश की किसी ने हमारे मिशन को नुकसान पहुंचाया तो उसको यहीं पर मार दिया जाएगा हाईजैकर्स ने यह भी कहा कि हम एक मिशन पर हैं और अपने मिशन के मुकम्मल होने तक हम आपका मुकम्मल तावुन चाहते हैं पांच हाईजैकर्स पूरी जहाज में घूमने लगते हैं एक हाईजैकर सबसे पहले शरणे व जो कैप्टन थे उनके पास पहुंचता है और उनकी गर्दन पर बंदूक नता है और कहा जाता है कि तुमको इस जहा को काबुल की तरफ लेकर के जाना है दिल्ली की तरफ नहीं उसके अलावा एक और गेट पर खड़े होते हैं कि इंजीनियर्स की गर्दन पर बंदूक टान होता है और तीन-चार जो हाई जकर थे पूरे जहाज को चारों तरफ से घेर लेते हैं और हर एक से कहा जाता है कि तुम अपनी जगह चुपचाप बैठे रहो किसी को उठने की जरूरत नहीं है किसी को सिंजा के लिए किसी और चीज के लिए जाने नहीं दिया जाएगा इन लोगों ने हाईजैक क्यों क्या था किस वजह से क्या था किसी को पता नहीं था कैप्टन को भी पता नहीं चल सका कि इन लोगों ने क्यों हाईजैक किया है कैप्टन ने चालाकी की और उन्होंने अपनी टीम को या सिस्टम को बताने की कोशिश की कि इस फ्लाइट को हाईजैक किया गया है लेकिन हाईजैकर्स इस बात को समझ गए कि कैप्टन क्या मैसेज देना चाहते हैं उसके बाद कैप्टन ने कहा कि तुम दिल्ली नहीं बल्कि इस फ्लाइट को लेकर सीधे काबुल की तरफ जाओ इंजीनियर ने कहा कि हमारे जहाज में इतना ऑयल और तेल नहीं है जिसकी वजह से हम काबुल जा सके हमें हर हाल में दिल्ली में ही लैंड करना होगा अगर हमने दिल्ली में इस फ्लाइट को लैंड नहीं किया तो हम हमारी फ्लाइट क्रैश कर जाएगी हाईजैकर ने कहा कि तुम लोग झूठ बोल रहे हो ऐसा नहीं हो सकता है तुम्हें हर हाल में काबुल ले जाना पड़ेगा तब फ्लाइट के इंजीनियर ने कहा कि तुम यहां पर खोल करके देख लो तेल नहीं है इतना ही तेल है जिससे हम दिल्ली में लैंड कर सके हाईजैकर ने देखा तो वाकई में तेल बहुत कम था उसके बाद हाईजैकर्स में कुछ लोग ऐसे थे जिनको जहाज की पूरी इंफॉर्मेशन थी जिसको मालूमात थी कि जहाज कैसे रन करता है चुनांचे उन्होंने पायलट से पूछा कि तुम्हारा अल्टरनेटिव एयरपोर्ट कौन सा है अल्टरनेटिव लोकेशन कौन सा है अगर तुम दिल्ली में लैन नहीं कर सकते तो दूसरा कोई लोकेशन बताओ जहां तुम लैन कर सकते हो पायलट ने बताने से इंकार किया तब हाईजैकर को लगा कि लोग जानबूझकर नहीं बता रहे हैं हमसे चीजों को छुपा रहे हैं उन्होंने फौरन वहां पर रख के किताब को उठाया और उसमें जो अल्टरनेटिव लोकेशन लिखा हुआ था वो अमृतसर या लाहौर एयरपोर्ट जो पाकिस्तान का है वो था यानी दिल्ली में अगर कोई फ्लाइट लैंड नहीं कर पाता है तो दिल्ली से सबसे नजदीक अगर कोई एयरपोर्ट है तो इंडिया का अमृतसर का एयरपोर्ट है या फिर लाहौर एयरपोर्ट है जो पाकिस्तान की सरहद में आता है चुनांचे इन तमाम हाईजैकर ने पायलट से कहा कि तुम लाहौर एयरपोर्ट से राबता करो और जहाज को लाहौर में लैंड करो पायलट ने लाहौर एयरपोर्ट से राबता किया और कहा कि हमें जहाज को लैंड करने की परमिशन चाहिए आई 14 को लाहौर एयरपोर्ट ने लैंडिंग की परमिशन देने से इंकार कर दिया और कहा कि यहां आपको लैंडिंग की परमिशन नहीं दी जाएगी पायलट ने कहा हाईजैकर से कि लाहौर एयरपोर्ट ने लेंडिंग की परमिशन देने से इंकार कर दिया है अब हाईजैकर के लिए और ज्यादा मुश्किल हो गई थी कि अब कहां जहाज को लेंड कराना है ऑयल इतना नहीं था कि जहाज आगे जा सके हाइजेक ने आपस में मशवरा किया बातचीत की और उसके बाद इन्होंने कहा कि अमृतसर दूसरा लोकेशन है तुम वहां अ फ्लाइट को लेन करो और वहां सिर्फ जहाज में तेल को भरना है और उसके बाद उड़ाना होगा पायलट को अंदाजा था उन्होंने इंडिया की सरकार को बता दिया था कि फ्लाइट हाईजैक कर लिया गया है और इससे अमृतसर में आपकी मदद की जरत होगी आपको बताना होगा एक तरह से वाज मैसेज था इधर इंडिया की आईबी रॉ तमाम एजेंसियों को हुकूमत को पता चल चुका था कि जहाज को हाईजैक कर लिया गया है और ये लोग इसी की तलाश में थे कि जहाज लाहौर जाने के बजाय अमृतसर में लैंड करें क्योंकि जब जहाज दिल्ली में लैंड नहीं होगा तो दो ही ऑप्शन था नियरेस्ट लोकेशन जहां जहाज लैंड कर सकता है एक लाहौर दूसरा अमृतसर इंडिया की जो आईबी जो सरकार जो इंतजाम थी वो कोशिश कर रही थी कि जहाज लाहौर में लैंड ना हो क्योंकि अगर जहाज लाहौर में लैंड होता है तो मामला इनके हाथों से निकल जाएगा अमृतसर में हो जैसे जहाज के अमृतसर में लैंड होने की खबर आती है इंडियन इंतजाम ने हरकत करनी शुरू कर दी फौज को बुलाया गया आईबी भी एक्टिव हो गई रॉ भी एक्टिव हो गया और कोशिश की गई कि जहाज को यहां हाईजैकर से आजाद कराया जा सकता है दिल्ली से कमांडोज को भेजना मुश्किल था क्योंकि इतने कम वक्त में दिल्ली से कमांडोज वहां नहीं पहुंच सकते थे तो पंजाब में जो कमांडोज थे उनको वहां भेजा गया कमांडोज जहाज के करीब पहुंच गए गए थे जहाज अमृतसर में लैंड हो चुका था और लैंड हो जाने के बाद जो हाईजैकर्स थे उन्होंने पायलट से कहा कि तुम्हें जहाज को एक जगह पर पार्क नहीं करना है बल्कि रनवे पर जहाज को दौड़ा रहना है चलाते रहना है हाईजैकर्स को अंदाजा था कि अगर जहाज मुस्तकिल एक जगह पर खड़ा रहा तो हो सकता है कि तेल भरने के नाम पर रिफ्यूलिंग के नाम पर जहाज को बाजया कराने की कोशिश करें जब ताखी होती गई तो जो हाईजैकर्स थे उन्होंने पायलट पर दबाव बनाया और कहा अभी तक क्यों तेल नहीं आया है पायलट ने अपनी टीम पर गुस्सा किया और कहा अभी तक क्यों तेल नहीं आया है इतना टाइम क्यों लग रहा है इधर जानबूझकर डिले किया जा रहा था लेट किया जा रहा था ताकि तेल भरने के नाम पर जहाज को मजीद देर तक रोका जा सके उसको बाजया करा जा सके कमांडोज वहां पहुंच गए लेकिन वह ऑर्डर का इंतजार कर रहे थे कि हमें ऑर्डर मिले कि फायरिंग करनी है किस तरह ऑपरेशन को अंजाम देना है ऑपरेशन को अंजाम देने की परमिशन नहीं मिल सकी ऑपरेशन के लिए इंतजार था दो तरफ 45 मिनट का वक्त गुजर गया था जहाज में जो हाई जकर्स थे उनमें से एक जिसका नाम बर्गर बताया गया था वो बहुत ज्यादा चालाक था उसने लाइट जला कर के देख लिया कि जो ऑयल भरने के लिए गाड़ी आई है जो ट्रक है उसमें कमांडोज खड़े हैं चुरान चुन लोगों ने मामले को समझ लिया और फौरन गिनती शुरू कर दी पायलट की गर्दन पर बंदूक रखा और कहा अब हम उल्टी गिनती शुरू कर रहे हैं और फौरन तुम जहाज को राओ 5 4 3 2 एक और जहाज ने पायलट को दोबारा से उड़ाना शुरू कर दिया जहाज टेक ऑफ हो गया जैसे जहाज टेक ऑफ होता है एक बुरी खबर आ जाती है कि अब जहाज को काबू में करना या बाजया अब कराना मुश्किल हो गया मीडिया में भी हर तरह की खबर गर्दिश करने लगी मीडिया ने ज्यादातर पायलट को ही बलम करना शुरू कर दिया कि पायलट को थोड़ा और रुक जाना चाहिए था कुछ लोगों ने कहा कि सरकार ने कमांडोज को ऑपरेशन करने का कोई आदेश नहीं दिया हुकम नहीं दिया इस देरी की वजह से हुई और इस तरह अमृतसर से यह जो जहाज है वह उरान भरता है और अब अमृतसर से जहाज के उरान भरने के बाद यह जहाज पाकिस्तान की सरहद में दाखिल हो जाता है लेकिन तेल था नहीं रिफ्यूलिंग हुई नहीं थी जहाज जाए तो कहां जाए दोबारा से हाई जकर ने कहा कि तुम लाहौर एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने की परमिशन मांगो इंडियन सरकार ने भी कहा कि हर हाल में लाहौर में लैंडिंग जहाज को हो जाना चाहिए वरना इतने सारे लोगों की जान खतरे में है लेकिन लाहौर एयरपोर्ट ने वहां लेट लैंड करने की परमिशन देने से इंकार कर दिया हाईजैकर ने कहा कि तुम जबरदस्त एयरपोर्ट पर जाओ जब लाहौर इंतजाम को लगा कि यह हर हाल में हमारे यहां लैंड करेंगे तो लाहौर एयरपोर्ट ने अपनी तमाम लाइटों को बुझा दिया और कहा कि यहां लैंडिंग की परमिशन नहीं होगी जब परमिशन नहीं मिल सकी अब जहाज को कहां लैंड कराना है तो जो पायलट थे वह तलाश कर रहे थे कोई खाली जगह कोई खेत कोई मैदान जहां जहाज को लेन कराया जा सके क्योंकि जहाज में तेल नहीं था इधर इंडियन सरकार भी बहुत ज्यादा परेशान थी और कोशिश कर रही थी कि लाहौर एयरपोर्ट में जहाज की लैंडिंग हो जाए उस वक्त पाकिस्तान न में परवेज मुशर्रफ की हुकूमत थी उन्होंने नवाज शरीफ को हटा दिया था और खुद वो हुकूमत पर काबिज हो चुके थे नवाज शरीफ और उनकी हुकूमत लैंडिंग की परमिशन नहीं दे रही थी तब बराह रास्त इंडिया से हाई कमांड ने इंडिया के वजीर आजम वजीर खार इन लोगों ने बातचीत की पाकिस्तान की हुकूमत से और आखिरी वक्त में पाकिस्तान की हुकूमत ने लाहौर एयरपोर्ट पर लैंडिंग की परमिशन दी जो इस वेब सरीज में दिखाया गया कि एक जगह खाली दिखा तो वहां पायलट ने जहाज को लेन कराने की कोशिश भी की लेकिन जब परमिशन मिल जाती तो फौरन जहाज को ऊपर किया गया लोग बहुत करीब से दिख रहे थे लोगों ने भी देखा कि जहाज ऊपर जा रहा है कहां खेत में उतरेगा या गिर जाएगा फिर लाहौर एयरपोर्ट पर दोबारा जहाज पहुंचता है जहाज की लैंडिंग होती है तकरीबन रात के 10:00 बज चुके थे लैंडिंग होते ही जहाज में रिफ्यूलिंग होती है तेल भर दिया जाता है और कहा जाता है पाकिस्तान की तरफ से कि एक मिनट भी जाय के बगैर तुम लाहौर एयरपोर्ट को छोड़ दो चुनांचे लाहौर एयरपोर्ट से जहाज ने उरान भरना शुरू कर दिया जैसे ही टेक ऑफ मुकम्मल हो जाता है पायलट पूछते हैं हाईजैकर से कि अब कहां जाना है हाईजैकर्स कहते हैं कि तुम कंधार एयरपोर्ट की तरफ चलो जब पायलट ने कंधार एयरपोर्ट से राबता किया कि हमें लैंडिंग की परमिशन चाहिए तो वहां से जवाब आता है कि रात में हमारे यहां लैंडिंग की फैसिलिटी नहीं है आपको दिन के टाइम में आना होगा अब और मुश्किल खड़ी हो गई हाईजैकर परेशान हो गए हाईजैकर्स के आपस में भी थोड़ी सी चेम गोइया हुई कि हमें अपनी मंजिल नहीं मालूम है डेस्टिनेशन नहीं मालूम है कि कहां जाना है किस तरह हम फिजा में उड़ते रहेंगे पायलट ने भी कहा कि हमारे पास इतना ऑयल नहीं है कि हम पूरी रात एयर स्पेस में जहाज को चक्कर लगाते रह और सुबह कंधार में हम लैंड करें हमें कहीं ना कहीं तो लैंड करना ही होगा वरना जहाज क्रैश हो जाएगा पॉसिबल नहीं है जहाज पाकिस्तान के सरहद से आगे बढ़कर अफगानिस्तान के सरहद से आगे बढ़कर गल्फ अ पर्शियन सी में चला जाता है अब इन लोगों ने या हाईजैकर्स ने कहा कि हमारे पास जो ऑप्शन है वह दुबई एयरपोर्ट का ऑप्शन है च कैप्टन ने दुबई एयरपोर्ट से राबता किया और दुबई की इंतजाम ने लैंडिंग की परमिशन दे दी लेकिन जो दुबई का मेन एयरपोर्ट है वहां लैंडिंग की परमिशन नहीं दी गई बल्कि जो दूसरा एयरपोर्ट है वहां परमिशन दी गई और ये परमिशन भी इंडियन हुकूमत की राबता की बुनियाद पर दिया गया इंडियन हुकूमत ने राबता किया दुबई की सरकार से कि आप हमारे जहाज को वहां लैंडिंग की परमिशन दीजिए वरना 190 लोगों की जाने खतरे में है कंधार एयरपोर्ट पर रात में लैंडिंग की फैसिलिटी नहीं है तब दुबई के के फौजी एयर बेस पर 814 को लैंडिंग की परमिशन दी गई वहां जहाज लैंड हुआ उसके बाद इंडियन हुकूमत ने लगातार दुबई की सरकार से राबता किया और इंडियन हुकूमत ने दुबई से मांग की कि उनको वहां ऑपरेशन की इजाजत दी जाए ताकि फौजी ऑपरेशन के जरिए हम इस जहाज को आजाद करा सके बाजया करा सके लेकिन मुत्ताहिदा अरब इमारा की हुकूमत ने इंडियन सरकार को यह राइट नहीं दिया परमिशन देने से इंकार कर दिया उस वक्त इंडिया और यूएई में इतने अच्छे रिश्ते भी नहीं थे अलबत्ता इंडिया की रिक्वेस्ट पर यूएई की हुकूमत ने जरूर किया कि हम जहाज में रिफ्यूलिंग उस वक्त करेंगे यहां से उस वक्त हाई जकर को जाने देंगे जब तक हम तमाम खवातीन और बच्चों को यहां ना उतार ले चुनांचे जितने जितनी खवातीन उस जहाज में सवार थी जितने बच्चे सवार थे उन तमाम को हाईजैकर्स को दुबई सरकार के ऑर्डर पर या रिक्वेस्ट पर वहां उतारना पड़ा इसके अलावा अमृतसर में जिन लोगों को हाईजैकर्स ने जख्मी किया था पायलट को धमकाने के लिए एक की मौत भी हो गई थी उन तमाम जख्म हों को भी वहां दुबई में उतार लिया गया उसके बाद दुबई की सरकार ने रिफ्यूल कर दिया जहाज में तेल भर गया सुबह का टाइम था तो जहाज ने दोबारा दुबई से उरान भरी और उरान भरने के बाद जहाज सीधे कंधार आता है कंधार में आकर के आई 14 ने लैंड किया और लैंड हो जाने के बाद हाईजैकर से बातचीत करने का सिलसिला शुरू हुआ लेकिन शुरू के दो दिन तक इंडियन सरकार ने हाईजैकर से बातचीत नहीं की इंडिया में उस वक्त अटल बिहारी वाजपेई की हुकूमत थी या कह लीजिए बीजेपी की हुकूमत थी अटल बिहारी वाजपेई सरकार थे एल के अडवाण वहां इंडिया के होम मिनिस्टर थे और जसवंत सिंह वजीर खारिज थे शुरू में अटल बिहारी वाजपेई ने कहा कि हम दहशत गर्दों के सामने हाईजैकर्स के सामने झुकने वाले नहीं हैं जो होगा देखा जाएगा लेकिन अलायंस की सरकार थी बाद में ऑल पार्टीज मीटिंग हुई और मीटिंग में फैसला हुआ कि 176 पैसेंजर है कुल 190 लोग हैं हमें उनकी जान बचानी होगी और उसके लिए उनकी जो डिमांड है उस पर गौर करना होगा बातचीत का सिलसिला शुरू करना होगा उधर हाईजैकर्स को जब शुरू में पता चला कि इंडिया की जो सरकार है वह बातचीत के लिए तैयार नहीं है दो दिन गुजर गए हैं तो उन्होंने दूसरे दिन पायलट को कहा कि चलो तुम जहाज को उड़ाओ और हम सीधे इंडिया चलते हैं पायलट ने कहा कि 16 घंटे तक लगातार जहाज उड़ता रहा है कोई इसकी चेकिंग नहीं हुई है इंजीनियरिंग नहीं हुई है सभी की जिंदगी खतरे में है तो हाईजैकर्स ने कहा कि हमारा मकसद ही है जहाज को क्रैश कराना और इंडिया की सरकार जब हमसे बातचीत नहीं करना चाहती है हमसे गुफ्तगू करने के लिए तैयार नहीं है तो हम जहाज को सीधे लेकर जाएंगे इंडिया की राजधानी दिल्ली और पार्लियामेंट पर इस जहाज को हम करेश करेंगे जब हाईजैकर्स की तरफ से धन के आती है इधर इंडिया में मीटिंग हो जाती है तब बातचीत का सिलसिला शुरू होता है और आईबी के कुछ अहम ऑफिसर्स को वजारे खारिज के कुछ सीनियर जिम्मेदारों को वहां भेजा जाता है और इस तरह ये लोग कंधार पहुंचते हैं और बातचीत का सिलसिला शुरू होता है सबसे पहले इंडियन जिम्मेदारों ने बातचीत का सिलसिला शुरू किया तो कहा कौन बात करेगा तो उनकी तरफ से कहा गया कि फ्लाइट में बैठकर ही जो उनके चीफ है उनका एक कोड वर्ड था वोह बातचीत करेंगे हाई जकर की तरफ से नचे चीफ ने बातचीत करना शुरू किया और इंडियंस जिम्मेदारों ने या इंडिया ने पूछा कि आपकी डिमांड क्या है आपने क्यों हमारे जहाज को हाईजैक किया तो एक तरह से डिमांड मांगी गई तो हाईजैकर्स ने कहा कि हम आपको शाम 400 बजे अपनी डिमांड भेजेंगे अभी नहीं शाम को 4:00 बजे एक लेटर में लिख कर के हाईजैकर्स ने अपनी डिमांड भेज दिया कि ये ये हमारी डिमांड है और इसको आपको हमें देना होगा तब हम आपके जहाज को रिलीज करेंगे उनकी जो डिमांड थी उसमें तीन चीजें थी पहला था 35 लोगों की रिहाई जो पाकिस्तान के या दूसरे इलाकों के थे और इंडिया ने दहशतगर्दी के इल्जाम में उन सबको जेल में बंद कर रखा था उसमें एक बड़ा नाम था मौलाना मसूद अजहर का 1996 में वह इंडिया आए थे कश्मीर में दो जिहादी ग्रुपों के दरमियान समझौता कराने लेकिन इंडियन पुलिस ने आर्मी ने उनको गिरफ़्तार कर लिया और वह जेल में बंद थे उनको रिहा कराने की कई मर्तबा कोशिश हुई लेकिन हर कोशिश नाकाम हुई यह कोशिश भी उनको रिलीज़ कराने की थी तो 35 लोगों के नाम शामिल थे कि इन सबको हमें सौंपना होगा दूसरा था सज्जाद अफगानी की लाश को वापस करना सज्जाद अफगानी ने मौलाना मसूद अजहर को जेल से आजाद कराने की कोशिश की थी वह मारा गया था हाईजैकर्स ने उनकी लाश को भी वापस करने का मुतालबा किया और तीसरी डिमांड थी तीसरा मुतालबा था 200 मिलियन डॉलर देना ये तीन मुतालबा थे और इन तीनों मुतालबा पर कई दिनों तक बातचीत होती रही लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका जो हाईजैकर्स थे वो अपनी डिमांड पर अटल थे इधर से बातचीत लगातार की जा रही थी कोई रोशनी नजर नहीं आ रही थी उधर तालिबान की अफगानिस्तान में सरकार थी और वह जितने पैसेंजर थे उन सबको खाना खिला रहे थे सबको फूड दे रहे थे सबको सपोर्ट कर रहे थे और दोनों ग्रुप के साथ बराबर का वह सहयोग कर रहे थे इंडिया के लिए हाईजैकर से बातचीत करना जब मुश्किल हो रहा था हाईजैकर्स अपनी शर्तों से नीचे आने को तैयार नहीं थे तब इंडिया के एक सीनियर ऑफिसर ने राबता किया पाकिस्तान के वजीर खारिज मुत वक्किल से उस वक्त वहां मौजूद भी थे वही सारी चीजों को डील कर रहे थे और उनसे इन्होंने कहा कि यहां आपकी सरजमीन पर गैर इस्लामी काम हो रहा है यह तालिबान की हुकूमत है तालिबान इस्लाम के नाम पर हुकूमत कर रहे हैं और आपकी सरजमीन पर रुपया मांगा जा रहा है लाश का मा मुतालबा किया जा रहा है और यह चीजें गैर इस्लामी हैं और इसको नहीं होना चाहिए तालिबान रहनुमाओं को भी बातचीत समझ में आई मामला तालिबान के अमीरुल मोमिनीन मुल्ला उमर तक पहुंचा उन्होंने अपने घर पर एक मीटिंग बुलाई और उस मीटिंग में उन्होंने तय कर कर दिया कि हाईजैकर्स को सिर्फ अपनी एक मांग ही करनी होगी जो वह जिंदा लोगों की लाश मांग रहे हैं जो इंडिया की जेल में बंद है रुपए का जो मुतालबा है वह नहीं होगा इसी तरह जो लाश का मुतालबा है वह नहीं होगा कई दिन हो गए बातचीत नहीं हो रही थी तब उन्होंने यानी जो वहां के वजीर खारडा थे तालिबान के उन्होंने दोनों के सामने बातचीत की हाई जकर्स फोन पर इसको सुन रहे थे और इंडिया के जो ऑफिसर्स थे सामने मौजूद थे उन्होंने बातचीत की और कहा कि अमीरुल मोमिनीन मुल्ला उमर ने आपकी दो डिमांड को खारिज कर दिया है एक पैसे की डिमांड को जो 200 मिलियन डॉलर आप मांग रहे हैं और दूसरी डिमांड सज्जाद अफगानी की लाश को आप सिर्फ अपनी एक डिमांड इनसे कर सकते हैं जो जेल से लोगों की आजादी का मामला है इसी तरह इन लोगों कहा कि आपके पास 24 घंटे का मजीद वक्त है 24 घंटे में आप समझौता कर लीजिए नेगोशिएशन कर लीजिए अगर 24 घंटे में आप लोग किसी नतीजा तक नहीं पहुंचते हैं तो इस जहाज में तेल भर दिया जाएगा और जहाज को यहां से टेक ऑफ करा दिया जाए जाएगा फिर जहाज जाकर के कहीं करेश हो कहीं कुछ हो आपको समझना है हम जिम्मेदार नहीं हैं इस बीच एक और मामला हुआ जब तालिबान इंडिया की बात मानने को तैयार नहीं थे तो इंडिया के उस वक्त के जो ऑफिसर्स गए थे समझौता कराने के लिए या मुजाकी के लिए उनमें से एक ने कहा कि हम जिस जहाज से आए हैं उसमें कमांडोज मौजूद है कमांडोज को निकालो इन पर फायरिंग करो कुछ लोग मरेंगे कुछ जिंदा बचेंगे लेकिन मजीद इनसे बातचीत नहीं हो सकती है जैसे तालिबान के रहनुमाओं को जिम्मेदारों को वहां पर खबर मिलती है कि इंडिया के एक ऑफिसर ने इस की बातचीत की है फौरन तालिबान के जो ऑफिसर्स थे तालिबान की जो सिक्योरिटी थी वहां पर उन सबने चारों तरफ से रनवे पर जहाज को घेर लिया अहाता कर लिया और कहा कि तुम्हें खून खराबा करने का शौक है तुम्हें हमला करने का शौक है और हमारी जमीन पर ऐसा करोगे ऐसा कभी नहीं होने देंगे अगर ऐसा करना है तो चलो करो हम देखते हैं कैसे तुम्हारी य हिम्मत हुई बोलने की उसके बाद इंडिया के दसरे ऑफिसर ने भी समझाया बोला ऐसा नहीं हो सकता है ऐसी बात निकल गई है ये बातें टल गई 24 घंटे का वक्त था अल्टीमेटम दे दिया गया था कि 24 घंटे के अंदर आप लोगों को सुला समझौता करना है वरना हम मजीद यहां ठहरने नहीं देंगे ये पूरी बातचीत हो जाने के बाद इंडिया की तरफ से कहा गया कि आप सिर्फ तीन लोगों का नाम लीजिए हम जानते हैं कि मौलाना मसूद अजहर आपके लिए बहुत अहम है इसलिए मौलाना मसूद अजहर को रिलीज किया जाएगा उसके अलावा कोई भी दो नाम आप अपनी तरफ से बताइए हम आपको दो नाम बता देते हैं और इन्होंने दो नाम बता दिए हाईजैकर्स ने उन दो नामों को एक्सेप्ट करने सकार और कहा कि नहीं अब वोह तीनों नाम हम तय करेंगे और इसी पर बातचीत होगी और यह आखिरी हम हमारी डिमांड होगी इसके बाद हम कुछ भी नहीं सुनेंगे पहला नाम उन्होंने मौलाना मसूद अजहर का बताया दूसरा नाम अहमद सईद का बताया और तीसरा नाम मुश्ताक जरगर का बताया गया और कहा गया इन तीनों को आपको एक साथ रिलीज करना होगा मौलाना मसूद अजहर को रिलीज करने पर इंडिया के हुकूमत तो एग्री हो गई थी लेकिन मुश्ताक जरगर और खजर सईद को रिलीज करने पर इंडिया की हुकूमत यहां के जिम्मेदाराना यहां के ऑफिसर्स एग्री नहीं थे लेकिन बाद में इंडिया की सरकार को एग्री करना पड़ा क्योंकि इसके अलावा कोई ऑप्शन नहीं था हाईजैकर्स ने कह दिया था कि यह आखिरी हमारी डिमांड है और इसके अलावा हम कोई बातचीत नहीं करेंगे उसके बाद मौलाना मसूद अजर खजर सईद और मुश्ताक जरगर तीनों को एक खुसूसी फ्लाइट के जरिए कंधार एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया इंडिया के वजीर खारिज जसवंत सिंह भी कंधार पहुंचते हैं दूसरे सीनियर ऑफिसर्स भी पहुंचते हैं इन सब ने एक दूसरे जहाज के जरिए वहां फंसे तमाम इंडियंस को इंडिया लाने का इंतजाम किया इसी तरह इं तमाम जो मतलूब थे हाईजैकर्स जिनकी मांग कर रहे थे उनको एक खुसूसी तैयार के जरिए जहाज के जरिए कंधार में पहुंचाया गया उसके बाद वहां एक एंबुलेंस आती है और उस एंबुलेंस में मौलाना मसूद अजहर को उनके साथ और लोगों को बैठाया गया हाईजैकर्स ने उनको देखा कि वो सब आ गए हैं तो भी जहाज से पीछे के रास्ते से उतरते हैं फौरन उस गाड़ी में पहुंच जाते हैं और वह गाड़ी वहां से निकल जाती है बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दो घंटे का टाइम दिया गया था मुल्ला उमर की तरफ से कि दो घंटे में हाई जकर्स को अपने लोगों के साथ इस सरजमीन को छोड़ना होगा खाली कर देना होगा दूसरी तरफ इस डॉक्यूमेंट्री में या वेब सीरीज में जो बताया गया है netfx3 दिसंबर को फैसला हो हो सका छह से 7त दिन का वक्त लग गया और काफी दिनों तक इसकी चर्चा होती रही क्योंकि इंडिया की हुकूमत को फैसला करना पड़ा और मतलूब तरीन लोगों को को छोड़ना पड़ा मौलाना मसूद अजहर के बारे में कहा जाता है कि बाद में जाकर के उन्होंने जयश मोहम्मद बनाया और 2001 में इंडिया की पार्लियामेंट पर जो हमला हुआ उसमें उनका हाथ था इसी तरह 2016 में पठानकोट का जो हमला हुआ या फिर 2019 में पुलवामा अटैक हुआ इन सबके पीछे मौलाना मसूद अजहर का हाथ था और इसलिए अभी तक बीजेपी हुकूमत की तन कीद होती है कि इन्होंने खतरनाक दहशतगर्दी किया था छोड़ा था और बीजेपी इस मामले पर चुप हो जाती है या फिर कहती है कि हमारे लिए 176 आम शहरिया की की जो जिंदगी है वो ज्यादा अहम थी वो चाह रहे थे कि उन सबको रिलीज किया जाए इस वेब सीरीज में यह भी बताया गया कि जो लोग यहां आए थे यानी इस जहाज में जितने पैसेंजर सवार थे उनमें एक इंडिया के सीनियर ऑफिसर या फर्स्ट हाई कमिश्नर भी सवार थे और जब आईबी के पास वो लिस्ट आई तमाम पैसेंजर्स की तो आईबी ने उस लिस्ट से उस नाम को खारिज कर दिया क्योंकि उनको लगा कि अगर उस नाम को भी हमने जारी कर दिया और मीडिया के जरिए उन तक खबर पहुंची तो हाईजैकर्स की डिमांड और ज्यादा बढ़ जाएगी नेगोशिएशन में बातचीत में और मुश्किल का रास्ता हमें इख्तियार करना पड़ेगा तो उस नाम को निकाल दिया गया इसका खुलासा क्या था एक जर्नलिस्ट ने क्योंकि तमाम लोग इंडिया में कवर कर रहे थे लेकिन उस वक्त की एक लेडी जर्नलिस्ट थी वो सीधे काठमांडू पहुंचती और काठमांडू में जब उसने पैसेंजर की लिस्ट को एयरपोर्ट से निकाला तो एक पैसेंजर मिसिंग थे इंडिया की लिस्ट के मुताबिक यानी इंडिया में अ एक जो पैसेंजर्स थे 179 की थी वहां की लिस्ट में 180 थे तो इंडिया की लिस्ट में एक को मिसिंग बताया गया था ये सब कुछ इस वेब सीरीज में बताया गया है अब इस वेब सीरीज में जो सबसे ज्यादा हंगामा बरपा है वो एक नाम पर दरअसल जितने हाईजैकर्स थे इन्होंने अपना एक एक कोडवर्ड तैयार कर रखा था इन सब का एक कोडवर्ड था और उसी के जरिए आपस में बातचीत कर रहे थे उनमें से एक का नाम चीफ था एक का डॉक्टर था एक का बर्गर था एक का नाम शंकर था एक का भोला था अब राइट विंग ग्रुप ने हंगामा बरपा कर दिया कि अ अभिनव सिन्हा जिन्होंने इस वेब सीरीज को तैयार किया है जितने लोग हैं ये सब लोग जानबूझ कर के हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं जो कोडवर्ड इन लोगों ने इस्तेमाल क था एक चीफ डॉक्टर बर्गर भोला एंड शंकर अब इनको लगता है कि भोला और शंकर हिंदुओं के नाम होते हैं और हाईजैकर्स ने भी इसी तरह का नाम रखा था इसलिए हमारी बदनामी हुई है जो ओरिजिनल नाम थे इन हाईजैकर्स के वो ये आप स्क्रीन पर देख सकते हैं कि ये सभी के सभी पाकिस्तान से थे एक का नाम था इब्राहिम अथर ये बहावलपुर ये बहावलपुर के थे दूसरे थे शाहिद अख्तर सईद ये गुलशन इकबाल कराची के थे तीसरे थे सनी अहमद काजी य डिफेंस एरिया कराची के थे चौथे थे मिस्त्री जहूर इब्राहिम ये अख्तर कॉलोनी कराची के रहने वाले और पांचवां नाम था शाकिर सुकर शाकिर का यह सुकर सिटी से बंदा था इब्राहिम अथर ये मौलाना मसूद अजहर के भाई थे छोटे बकिया इसमें दूसरे थे इंडिया की हुकूमत का या कहा जाता है कि जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है आईएसआई उसने पूरा सपोर्ट किया था इन हाई जकर्स को उसका पूरा तावून था और तभी ये जहाज हाईजैक हो सका दूसरी तरफ इंडिया की आईबी को जहाज के हाईजैक हो जाने के एक घंटा बात चला इसका पता चला हाईजैकर्स ने जहाज में 15 किलो आरडीएक्स भी छुपाकर रख दिया था कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं की गई तो बाद में इसका भी इस्तेमाल किया जा सकता है और जहाज को उड़ाया जा सकता है आईवी ने इसका भी अंदाजा लगा लिया था लेकिन बहुत बाद में इसका पता चला सवाल उठते रहे आईबी पर रॉ पर कि इन लोगों को क्यों पता नहीं चल सका अब जो हंगामा बरपा है लोग ट्वीट कर रहे हैं इसी वजह से अब देखिए कि ये एक ट्वीट कर रखा है विश्वजीत ने कि जहा दद आतंकवादी अपनी पहचान छुपाने के लिए हमेशा हिंदू नाम अपनाते हैं लेकिन वेब सीरीज बनाते समय उनके असली नाम क्या थे यह क्यों नहीं बताया गया क्यों छुपाया गया क्या यह जिहादी मानसिकता है इसकी भी जांच करनी चाहिए एक और ने लिखा आई वाज रियली डिस्टर्ब वन द 1999 कंधार हाईजैक हैपेंड बिकॉज आई फेयर्ड इट वुड लीड टू अनदर वेव ऑफ इस्लामोफोबिया वच लकिली डिड हैपन ये नस न शाह का दरअसल कोर्ट है इस वेब सीरीज को जिन लोगों ने डायरेक्ट किया उसमें एक नाम नसीरुद्दीन शाह का भी है नसीरुद्दीन शाह ने वजार खारिज के सीनियर सेक्रेटरी के तौर पर इसमें किरदार अदा किया यहां बैठे हुए दिख रहे हैं तो यह कह रहे हैं गुफ्तगू में कि जिस वक्त यह प्लेन हाईजैक किया गया था उस वक्त मेरी उम्र सिर्फ 50 साल थी और मुझे लगा कि यह प्लेन मुसलमानों ने हाईजैक किया है कंधार में इसको ले जाया गया है तो इस्लामोफोबिया का बहुत ज्यादा गलबा हो जाएगा बहुत ज्यादा लोग इस्लाम को बदनाम करेंगे तालिबान को बदनाम कर करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि तालिबान ने इंडिया को बहुत ज्यादा सपोर्ट किया इंडिया की मदद की तालिबान की अफगानिस्तान में सरकार थी और इंडिया ने तालिबान की सरकार को रिकॉग्नाइज नहीं कर रखा था इंडिया ने तालिबान को तस्लीम नहीं किया था कोई राबता नहीं था लेकिन जब इंडिया ने राबता किया तो तालिबान ने पूरी तरह मदद की और सबसे बड़ी मदद जो थी तालिबान की मुल्ला उमर की वो यह कि तालिबान ने दो मुतालबा को खारिज कर दिया जिस पर हाई जकर्स टिके हुए थे एक था सज्जाद अफगानी की लाश का मामला और दूसरा था 200 मिलियन डॉलर देने का मामला इन दोनों मुतालबा को मुल्ला उमर ने ही खारिज कर दिया और उसके बाद ही नेगोशिएशन का बातचीत का मामला आसान हो सका वरना यह मामला और ज्यादा तूल पकड़ता जा रहा था पैसेंजर्स के लिए वहां रहना मुश्किल हो गया था जहाज से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी 6 दिन हो गए थे टॉयलेट्स का अ फ्लश वगैरह सब कुछ खराब हो गया था आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसी को हाईजैक किया जाए और एक जहाज में कैदी बनाकर रखा जाए तो जो अ जेल होती है कालकोठरी जिसको हम कहते हैं या बिल्कुल हाई अलर्ट जेल जो होती है उससे भी ज्यादा बुरी हालत जहाज में तमाम लोगों की हो गई थी सबके रिश्तेदार परेशान थे लोग परेशान थे यह सूरते हाल थी तो इसमें नसरुद्दीन शाह के इस बयान को कहा गया कुछ लोग कह रहे हैं कि नसरुद्दीन शाह को इसी की फिक्र थी कि इस्लामोफोबिया ना बढ़ जाए देख हिंदी पोस्ट ने क्या ये समय प्लेन में 191 यात्री सवार थे लेकिन नसरुद्दीन शाह की चिंता का विषय उनका जीवन नहीं बल्कि इस्लामोफोबिया था तो कुछ लोग इस तरह पोस्ट करते हैं तो यह पूरा मामला है इस फ्लाइट को हाईजैक किया गया था यह नसरुद्दीन शाह जिन्होंने सीनियर अ सेक्रेटरी का रोल अदा किया है यह डीआरएस है जो वजारे खारिज के सीनियर जिम्मेदार थे और यह पायलट बने असल जो पायलट है वह दूसरे थे शरण देव अ इनका नाम विजय शर्मा है लिबान तो इन्होंने पायलट का किरदार अदा किया है इस वेब सीरीज में इन्होंने जसवंत सिंह का किरदार अदा किया है जो सवत के वजीरे खारिज थे और इस लेडी ने जर्नलिस्ट का किरदार अदा किया है तो ये पांच फिगर है मौजूद है अगर आपने अभी तक नहीं देखा है तो इसको जरूर देख लीजिएगा और जो जहाज को हाईजैक किया गया था एक मर्तबा मैं नक्शे से आपको समझाता हूं यह है काठमांडू नेपाल के एयरपोर्ट यहां से इस जहाज को हाईजैक किया गया उसके बाद इस जहाज को आना था नई दिल्ली लेकिन यह जहाज आता है अमृतसर अमृत सर में जहाज 45 मिनट रुका उसके बाद यह जहाज दोबारा लाहौर आता है लाहौर में दो मर्तबा लैंडिंग की परमिशन नहीं दी गई लेकिन तीसरी मर्तबा देनी पड़ी और डायरेक्ट परवेज मुशर्रफ ने दी उसके बाद लाहौर से जहाज को जाना था सीधे कंधार लेकिन रात में कंधार में लैंडिंग की फैसिलिटी नहीं थी तो फिर लाहौर से जहाज दुबई आता है और फिर दुबई से कंधार में जहाज सुबह पहुंचता है इस तरह जहाज की लैंडिंग होती है और छ दिनों बाद बातचीत मुकम्मल हुई और जहाज रिलीज हो सका इस पूरे वेब सीरीज में इसका बहुत अच्छा किरदार दिखाया गया है इसका जो नाम है बर्गर वैसे ओरिजिनल नाम कुछ और है जो यहां मैंने अभी आपको बताया था तो इसका जो किरदार है बहुत अच्छे से यह एर होस्टेस से तमाम पैसेंजर से बातचीत करता है यह इंग्लिश बोलता है इसको जहाज की अंदर की मालूमात है कि काक जहाज में होता है और जो उस वक्त के एर होस्टेस थी इंद्रनी और छाया उन सबसे इसने बहुत अच्छे से बातचीत की शुरू में जो इसका सीन दिखाया गया कि जैसे जहाज में ये बर्गर दाखिल होता है उस वक्त इसका अलग लुक था तो दाखिल होते ही छाया जो एर होस्टे से उससे पानी मांगता है वो पानी देती है शुक्रिया अदा करता है ये एक मर्तबा और जब रिवाल्वर देने के लिए अपने साथी को जाता है तो छाया का नाम देखता और कहता है नाइस नेम और उठाया और इंद्रनी भी आपस में बोलती है कि बड़ा क्यूट है बड़ा हैंडसम लड़का है आपस में जो मजाक का तरीका होता है और बर्गर से एक तरह से दोस्ती हो जाती है तमाम पैसेंजर की और बर्गर हमेशा यही कहता है सबसे कि हम एक मिशन पर आए हैं एक मकसद के लिए आए हैं आपसे हमारी कोई लड़ाई नहीं है आपकी सरकार से हमारा मामला है आपकी सरकार जैसे ही हमारी डिमांड को पूरी कर देगी हम आपको रिलीज कर देंगे तो ये आईसी आईसी 814 हाईजैक की पूरी कहानी है पूरी स्टोरी है जो मैंने आपको शॉर्ट में यहां बताया है आप

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