आईसी 814 द कंधार हाईजैक ओटीटी पर यह सीरीज जो आई है वेब सीरीज चर्चा में है सुर्खियों में है विवादों में है लेकिन दो अहम किरदार इस वक्त हमारे साथ हैं संजय दुबे और उनकी धर्म पत्नी भावना दुबे यह जो किरदार हैं यह उस वक्त उस प्लेन में थे उन्होंने इन्होंने इस आतंक को जिया था कि कैसे काठमांडू से एक जो प्लेन था वह आना तो था दिल्ली के लिए लेकिन पहुंच गया था कंधार बात हुई थी शुरू भोला और शंकर से क्या हो रहा था हालांकि अब जो जो बनाने वाले हैं उन्होंने कहा है कि हम रियल नेम लाएंगे और कोर्ट भी लाएंगे लेकिन क्या था भोला शंकर देखिए उनके जो नाम थे भोला शंकर डॉक्टर चीफ यही नाम थे इनके हिंदू नेही दिया था पर अगर उनके लैंग्वेज देखें तो कुछ पंजाबी टच था और कश्मीरी टच था बोलने में और फेस तो उनका पूरा कारा मास्क पहना हुआ था उन लोगों ने तो नाम तो उनका यही था नाम तो कॉल कर रहे थे एक पूरे हाईजैक के दौरान भावना आपने एक बार भी ऐसा हुआ कि आप उनका चेहरा देख पाए हो नहीं चेहरा पूरा तो उन्होंने कभी खोला ही नहीं था बिकॉज वो पूरे मंकी कैप्स टाइप के और मास्क्स पहने हुए थे और ये अलिया सेस वो यूज कर रहे थे मगर वो तो बाद में खुली थी कि उनका असली नाम सारे क्या थे आपस में वो लोग अपने आप को जो कॉल आउट कर रहे थे वो इन्हीं नामों से कर रहे थे भोला शंकर डॉक्टर बर्गर और चीफ जो अहम नाम आए जैसे इब्राहिम अतहर शाहिर अखतर सनी अहमद मिस्त्री जहूर और शाकिर जिसमें भोला और शंकर मिस्त्री जहूर भोला और उसके बाद जो शाकिर शंकर जी यही नाम थे बाद ये भी जो क्योंकि जब सीबीआई वाले जब जांच करने आए थे तब उन्होंने फोटोग्राफ बताया कि ये इसका असली नाम है इनका असली नाम य ऐसे कर बताया था तब उनके असली नाम मालूम पड़ किस तरह से एक दूसरे को बुलाते थे यह इन्ही नामों से बुलाते थे जब एड्रेस करते थे तो इन्हीं ये एलियास जो उनके बने हुए थे वो आपस में इन्हीं से कॉल करते थे को इन पांचों से किसी एक मतलब किसी ने आपकी तरफ भी मुखातिब हुए होंगे किसी बात देखिए स्टार्टिंग में जब प्लेन हाईजैक हुआ था तो उन लोग काफी लोगों को आगे पीछे कर रहे थे तो मेरे से कुछ भोला था जो पतला सा था थोड़ा धक्का बक्का हो गया था तो पीछे ले जाकर उने काफी हाथ पूरी चेकिंग वेकिंग करी थी और पूछा भी तो कौन है फिर आईडी प्रूफ देखा उन लोगों ने और चेहरा देखने वाली बात है बर्गर का चेहरा देखा था बर्गर को क तीसरे चौथे दिन जब बर्गर किसी चीज में भग रहा था उसको कांच लग गया था तो खून निकलने लगा था हम तो वो इंसीडेंस ऐसा हुआ कि सब लोग उसकी पट्टी बांध रहे हैं जैसे रिवॉल्वर एक को पकड़ा दिया वो सब इतने ज्यादा उनसे हो चुके थे घुलमिल चुके थे कि उसकी पट्टी भी बांध दिया तब उसका चेहरा थोड़ा सा देखा था बर्गर का पूरे सात दिन का ट्रामा मतलब आप लोगों ने उसको जिया था इसके बाद जब ये आया कि ओटीटी पर इस तरह का एक वेब सीरीज आ रही है वेब सीरीज में इस तरह से उनकी ये जो जो भोला और शंकर इस तरह के नाम उसमें रखे गए सामने उनके जो रियल नेम नहीं रखे गए क्या लगा आपको देखिए हमने सीरीज देखी तो नहीं है फ्रैंकली बिकॉज इट वाज अ नाइटमेयर एंड वी डोंट वांट टू रिपीट दैट नाइटमेयर अभी मतलब अभी मेंटली नहीं वो हो पा रहे हैं कि हम उसको बैठ कर देखें तो देखा तो नहीं है मगर हां जितना बैकल हो रहा है कि नाम ऐसे यूज किए वगैरह तो एक्चुअली फैच वो नाम थे ऑन साइट उनके उनके असली नाम जो थे वो तो बाद में पता चल ही गए मगर जो साइट अगर वो है तो वो नाम यूज हुए हा वो जरूर है कि जो हमने सुना है कि उनका जो फेनेटिसिजम था या उनकी जो एक मानसिकता थी बिल्कुल दबाने की और कुछ भी कर जाने की वाली वह थोड़ी लिक्विडेट करके और एक्चुअली इट वाज एक्ट अगेंस्ट द नेशन और उस चीज को अगर आप लिक्विडेट करोगे और दिखाओगे तो ट्स नॉट राइट बिकॉज जो ट्रामा पैसेंजर्स ने सहा आई वुड से जो ट्रामा ऑफिसर्स ने भी उस टाइम सहा होगा या गवर्नमेंट ने भी सहा होगा तो इट वाज अ मतलब वो अन डिस्क्राइब नहीं कर सकते आप उस चीज को यू नो तो अगर किसी ने उसको फिल्मेट उसमें डाला है सिनेमेट उसमें डाला है तो बाद में आप एक डिस्क्लेमर डाल दें एक लाइन का दैट इज नॉट गुड आपको पहले से वो सब चीजें पहले क्लियर करनी चाहिए थी और जितना रियलिटी से आप क्लोज रह सकते थे उतना रहना चाहिए था और अगर नहीं तो आप फिर उसको आई 814 नाम ही ना देते आप कोई भी नाम दे देते सो इट वुड हैव बिकम अ मूवी विद सम बैकग्राउंड पूरा फिक्शन पूरा फिक्शन या तो इदर पूरा फिक्शन या ठीक है आपने आप कह सकते हो कि आपने कुछ इंसीडेंट्स रियल लाइफ से हैं बट जब अगर आप प्रैक्टिकली रियल लाइफ में कवर कर रहे हैं तो उसका पूरा रिसर्च करके उसके पीछे जो एक टेररिस्ट वाली जो मानसिकता थी वो पूरे प्रभावी ढंग से उसको दिखाना चाहिए था आई कांट फैक्चर इट एज माय ओन कमेंट क्योंकि मैंने देखी नहीं है अभी मगर जितना बैकल श आ रहा है उसमें से यही समझ में आ रहा है कि उसको पूरा सही ढंग से उसका वो नहीं किया गया प्रेजेंट 25 साल का समय बीत गया जाहिर तौर पर आपकी जिंदगी में तो ये एक ऐसा जिसे कहे नासूर क हैं एक ऐसा नासूर ऐसा जखम आपको देके गया कि पूरी जिंदगी आपने उसको जिया तो जब हिंदू संगठन बीजेपी तमाम लोगों ने इस बात का विरोध किया कि जिस तरह से उसका नाम बदल के दूसरी तरह से पोटरी चीजें की गई आपके दिल पे क्या गुजरी देखिए नाम बदल नाम तो उन्होने बदला नहीं जो नाम था वही नाम रखे उन्होंने उनके मतलब जो उर्फ जो उर्फ वाले नाम रखे वही रखे गए हैं तो नाम ऐसा कुछ बदला नहीं है नेचुरली ओरिजिनल नाम तो वो बोल नहीं सकते थे क्योंकि उन्होने कहीं पर डिस्क्लोज भी नहीं किया था हाईजैक के समय वो तो बाद में डिस्क्लोज हुआ है तो ए इस मुद्दे को ज्यादा उठाने से कोई फायदा नहीं हां कुछ हमने सुना है कि बड़े सॉफ्ट दिखाया गया है सॉफ्ट नहीं थे वो हाईली ट्रेन टेररिस्ट थे अगर वो आपसे बात कर रहे हैं और मीठी मठी बातें कर रहे हैं और अगर उनके चीफ ने बोल दिया कि गोली मार दो तो एक सेकंड में गोली मार देंगे वो वोह अपने चीफ की जो जो बात सुनते हैं उसके अलावा नहीं है उनको इंस्ट्रक्शन अगर मिल गए तो दे विल नॉट वेट और जो ये सारी बातें हैं कि जैसे कुछ पट्टी बांधी कि अगर चोट लग तो वो अपनी इंसानियत है हमारी इंसानियत एज पैसेंजर्स ब हम तो आम इंसान सब पैसेंजर्स थे जो घूमने गए हुए थे एक वेकेशन के लिए गए हुए थे तो हमारी इंसानियत एज अ पर्सन एज एन इंडियन ए एज एनी ले पर्सन अगर किसी को भी चोट लगेगी तो आप थोड़ी मदद करने की कोशिश करेंगे मगर अगर इन चीजों को यह दिखाया गया कि वो लोग भी सॉफ्ट और घुलने मिलने चाह रहे थे तो ऐसा कोई वो नहीं था मतलब आई थिंक बेसिकली एक एक वो समय था आठ दिन का समय आप पूरे टाइम क्या करेंगे तो ठीक है कुछ हल्के मोमेंट्स कभी-कभी आते हैं बीच में मगर ट्रेनिंग उनकी बिल्कुल कटर वाली वो थी मतलब एक सेकंड में वो पलट सकते थे सरकार की शक्ति के बाद हालांकि ओटीटी जो प्लेटफार्म है उसने अपनी गलती मानी है गलती मानी है परट जैसे उने थोड़ा सा डिस्क्लेमर जो दिया हुआ है एक लाइन चला दी जनरली कोई देखता नहीं है उसको ठीक है ना तो इतना सॉफ्ट नहीं दिखाना था उनको टेररिस्ट की तरफ जो भी एक्ट हुआ गवर्नमेंट को ब्लेम करना गवर्नमेंट ने बहुत अच्छा काम किया देखिए आज अफगानिस्तान वो प्लेन ले गए थे पहले तो जाना नहीं चाहिए था अगर पहुंच गया तो व अफगानिस्तान तो आज भी डिस्टर्ब प्लेस है कोई गवर्नमेंट जाकर वहां को कर तो नहीं सकती है छुड़वा भी नहीं सकती है तो जितना गवर्नमेंट ने जैसा जो भी नेगोशिएट किया जितना नेगोशिएट बहुत अच्छा किया जब आप लौट के दिल्ली आए थे मतलब उस उस पल को मैं हमारे न्यूज इंडिया के जो दर्शक हैं मतलब आपने सोचा था कि आप आएंगे नहीं बिल्कुल नहीं सोचा था क्योंकि जब कई बार टॉक्स फेल होती थी एंटी इंडियन गवर्नमेंट स्पेशली वाजपेई जी के अगेंस्ट में बहुत ज्यादा बोलते थे कि आपकी गवर्नमेंट यह करती है आपकी गवर्नमेंट कश्मीर में यह कर रही है यह कर रही क कई तरह के नेगेटिव बातें करते थे और कंधार तो उनका ऐसा लगता है जैसे होम ग्राउंड है मैं अगर आप प्लेन के गेट खुले आप नीचे भी चलेगे तो आप ऊपर ही आ जाओगे नीचे कोई नहीं जाएगा कंधार की बहुत बुरी हालत थी आप क्या कहे खैर मुझे तो बिकॉज मेरे साथ एक इन्फेंट छोटा मेरे दोनों बच्चे साथ में थे तो दुबई में उतार दिया था रात में तो खैर उस मतलब वो सबसे बुरी वो स्थिति थी कि यह ऊपर जहाज पर थे और हम तीनों मैं और दोनों छोटे बच्चे नीचे थे नो इंफॉर्मेशन कमिंग फ्रॉम एनी वेर जो भी था मीडिया को ही क्रेडिट जाता था जो भी पता चल रहा था मीडिया से ही टीवी से ही उस दिनों उन दिनों तो सिर्फ टीवी होता था नेट वगैरह तो कुछ था नहीं तो टीवी से ही पता चलता था जो भी डेवलपमेंट अगर कुछ हो रही थी बाकी तो वी डिंट हैव एनी इंफॉर्मेशन तो वो जो आठ दिन है वो ट्रामा जो है वो जिंदगी भर का बना हुआ है कि अगर यह जो है यह सेपरेशन लॉन्ग लास्टिंग हो गई या खुदा ना करता कुछ गड़बड़ होता और वो वो जो एक सेपरेशन था वो बहुत पेनफुल था तो यह संजय और भावना जो आज भी उस ट्रामा को जी रहे हैं 25 साल से 1999 में कंधार हाईजैक हुआ था तब से लगातार य उस ट्रामा को जीते हैं और जब यह ओटीटी पर इसकी बात हुई कि इसके ऊपर एक वेब सीरीज आ रही है तो जाहिर तौर पर वह क्या सोचते हैं क्योंकि वह आतंकवादी गोली चलाने के लिए तैयार बैठे थे वह कहीं से सॉफ्ट नहीं थे ऐसा कहना है भावना और संजय का और इनका कहना है कि अगर उनको किसी भी तरह से सॉफ्ट तरीके से पोट किया जाता है तोव बिल्कुल ठीक नहीं है [संगीत] [संगीत]