चार दिनों तक संगीन इल्जा मात की इंक्वायरी के लिए हिरासत में रहने के बाद टेलीग्राम के बानी पावल ड्रफ को गुजर्ता रोज 50 लाख यूरो केव जमानत पर यादव कर दिया गया है लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी मनी लरिंग और हुकाम के साथ अदम तावुन के इल्जा मात पर उनके खिलाफ बाकायदा तफ्तीश का आगाज हो गया है और तफ्तीश जारी रहने तक पावर रूफ पर फ्रांस छोड़ने पर पाबंदी के साथ-साथ उन्हें हर हफ्ते दो मर्तबा पुलिस स्टेशन रिपोर्ट करने की भी हिदायत की गई है टेलीग्राम के बानी 39 साला पावल ड्रफ को फ्रांसीसी हुकाम ने 24 अगस्त को पेरिस में एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया था और फिर इल्जा मात की संगीन नयत की वजह से उनकी गिरफ्तारी में 96 घंटों की तौसी कर दी गई थी जिसके बाद बुध को उन्हें अदालत की जानिब से 50 लाख यूरोस के एवज रिहाई तो मिल गई है लेकिन किसी मुनज्जा गिरोह की गैर कानूनी लेनदेन को मुमकिन बनाने में मावत करने हुकाम के साथ अदम तावुन और बच्चों की जिंसी तसा वर की मुनज्जा मुजरी माना तकसीम में मवन करने के इल्जाम पर पावल ड्रफ के खिलाफ बाकायदा तफ्तीश का आगाज कर दिया गया है पावल रूफ के खिलाफ जमानत के बाद इन इल्जा मात पर तफ्तीश का मतलब है कि जजेस समझते हैं कि उन पर लगने वाले इल्जा मात में वजन है बीबीसी के मुताबिक फ्रांस में बाकायदा तफ्तीश का मतलब यह नहीं है कि कोई कसूरवार है या उसके खिलाफ ट्रायल लाजमी हो गया है बल्कि यह इस बात का इशारा करता है कि जजेस समझते हैं कि केस में इतना वजन है कि उस पर तफ्तीश शुरू की जाए 95 करोड़ से जायद सारफ पर मुश्त मिल टेलीग्राम बजहर एक मैसेजिंग ऐप है लेकिन उसके बाज फीचर्स उसे whatsapp2 में भी है आम बात यह है कि और मुत्ताहिदा अरब अमारा की शरियत रखते हैं जबकि टेलीग्राम को मुत्ताहिदा अरब अमारा से चलाया जा रहा है पावल रूफ का रूस से ताल्लुक लेकिन फ्रांसीसी शरियत उनकी गिरफ्तारी के मामले और टेलीग्राम के मुस्तकबिल को मजीद पेचीदा बना रहे हैं पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के बाद फ्रांसीसी सदर को गैर मामूली तौर पर खुद वजाहत देनी पड़ी कि पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के पीछे कोई सियासी मकसद नहीं है लेकिन इसके बावजूद रूसी सियासत दन और हुकूमत के हामी ब्लॉगर्स के अलावा एक्स के मालिक एलोन मस्क भी इसे आजादी आधारे राय पर कद गन से ताबीर कर रहे हैं हालांकि इलन मस्क पर तो खुद आजादी इदार राय की आड़ में अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर झूठी खबरें और नफरत अंगेजी को फरोग देने के इल्जा मात लग रहे हैं ताहम किसी भी सोशल मीडिया या मैसेजिंग पप पर होने वाले कामों की वजह से उसके बानी की गिरफ्तारी एक गैर मामूली वाकया है इससे पहले इसी वजह से पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के बाद आजादी अजारे राय एहत साब और इस सब में सोशल मीडिया कंपनियों के सरब हों के किरदार पर एक नई बहस छिड़ गई है यूरोपी मुमा egramswaraj.gov.in को बड़ी फाइल्स वीडियोस और बेहतर क्वालिटी की तसा भीर शेयर करने के अलावा एक ही वक्त में 2 लाख अफराद पर मुश्त मिल ग्रुप्स बनाने की सहूल फराम करता है जबकि दीगर एप्स में फेक न्यूज़ के फैलाव को रोकने के लिए ग्रुप्स में सारफ की तादाद को 1000 तक ही महदूद कर दिया गया है नंबर नहीं देख सकते egramswaraj.gov.in करने या ऐप पर मवाद की मॉडरेशन ना होने पर t ग्रा मगरिब हुकूम तों की जानिब से तन कीद की जद में आता रहा है मगर यह ऐप गैर जम्हूर मुमा निक और जंग जदा इलाकों में अपने फीचर्स की वजह से मकबूल है रूस यूक्रेन हांगकांग और ईरान में यह ऐप काफी मकबूल है पावल ड्रफ के खिलाफ इल्जा मात की तफ्तीश पर उनके वकील का कहना है कि टेलीग्राम ने हर लिहाज से यूरोपी डिजिटल कवानी की पाबंदी की है और दीगर सोशल मीडिया नेटवर्क्स की तरह t ग्रा की निगरानी भी उन्हीं मयारा के मुताबिक की गई है उन्होंने मजीद कहा कि उनके मोकल को इन मुजरी माना सरगर्मियां में कसूरवार ठहराना जो ना तो बराह रास्त और ना ही बिलवा स्ता उनसे मुतालिक है मजे का खेज है एक तरफ जहां टेलीग्राम के बानी पर तनक हो रही है वहीं उनके हक में आवाजें भी उठ रही हैं एक्स के मालिक इलन मस्क ने पावल ड्रफ की रिहाई का मुतालबा करते हुए कहा कि मवाद की मॉडरेशन सिर्फ सेंसरशिप का एक प्रोपेगेंडा लफ्ज है टेलीग्राम के बानी की गिरफ्तारी और तफ्तीश के बाद फ्रांसीसी सदर मैक्रोन एक मुश्किल पोजीशन में आ गए हैं उन पर आजादी अजारे राय पर कद गन लगाने और अमेरिका की ईमा पर पावल ड्रफ को गिरफ्तार करने का इल्जाम लग रहा है पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के बाद रूसी सदर व्लादिमीर प्यूटन के करीब समझे जाने वाले रूसी सियासत दन ने उनकी गिरफ्तारी के पीछे अमेरिका के हाथ का शुबा जाहिर करते हुए कहा कि टेलीग्राम का नाम उन चंद और सबसे बड़े इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स में शामिल है जिन पर अमेरिका का कोई असरो सूख नहीं है जबकि एक और रूसी सियासत दन ने इस हवाले से कहा कि पावल ड्रफ की गिरफ्तारी एक अजीब खबर है और साथ ही यह भी कहा कि टेलीग्राम के बानी को मगरिब मुमा की जानिब से जम्हूरियत की डिक्टेटर शिप के हाथों यर गवाल बनाया गया है पावल ड्रफ की चार रोजा गिरफ्तारी के दौरान रूसी हुकूमत की जानिब से उन्हें फ्रांस में फौरी काउंसलर रसाई देने के मुतालिब के साथ-साथ रूसी सियासत दानों की जानिब से उनकी रिहाई और फ्रांसीसी सदर के खिलाफ सख्त बयानात दिए गए जबकि माजी में पावल ड्रफ और रूस के दरमियान ताल्लुकात कुछ और कहानी बताते हैं पावल ड्रूप ने 2013 में मैसेजिंग पप टे ग्रा की बुनियाद रखी थी लेकिन 2014 में रूसी हुकूमत की जानिब से उनके एक और प्लेटफॉर्म वीके जिसको रूस में अपने हस्सा मैसेजेस डिलीट करने का कहना जिसमें रूसी सरकारी न्यूज़ एजेंसी के एडिटर भी शामिल हैं इंतिहा अकाना है उन्होंने मजीद कहा कि पावल ड्रूप पर लगने वाले इल्जा मात बेशक संगीन नोतून को इन इल्जा मात के हक में इतने ही ठोस शवा इत पेश करना होंगे वरना यह लोगों की गुफ्तगू करने की आजादी पर बराह रास्त कद गन लगाने के मुत आदि होगा और हम यह भी कह सकते हैं कि यह एक बड़ी कंपनी के बानी को हिरास करने की कोशिश है जिसका मतलब है कि इसके पीछे सियासत का अमल दखल है जिसकी फ्रांसीसी सदर तरदीप कर रहे हैं सीनन के मुताबिक रूस की जानिब से टे ग्रा के मुस्तकबिल के हवाले से खर्चात को जायल करना इस ऐप की रूसी फौज के लिए अहमियत को उ जागर करता है रूसी वजीर खारिज ने मंगल को बगैर किसी सबूत के इल्जाम लगाया कि पावल ड्रफ को किसी के मशवरे पर हिरासत में लिया गया है और उन्हें बदतर न सजा के बारे में डराया जा रहा है ताकि किसी तरह इंक्रिप्शन कोड्स तक रसाई हासिल की जा सके अपने मुनफरीद फीचर्स की वजह से यह ऐप यूक्रेन में भी काफी मकबूल है जहां यूक्रेनियन सरकारी हुकाम हवाई रेट्स के बारे में वार्निंग्स और अस्क अपडेट्स इसी ऐप के जरिए भेजते हैं और यही फीचर्स t gram-negative लिए इस्तेमाल होने वाले मिसाइल की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि फॉर पावल यानी पावल ड्रफ के लिए जिस दिन यह पोस्ट की गई उसी दिन यूक्रेन पर इस पूरी जंग के दौरान सबसे बड़ा फिदाई हमला हुआ था ब्लॉगर ने लिखा कि टेलीग्राम रूस में अकरी मवास का बुनियादी जरिया है जबकि रूसी हुकूमत हुकाम आवामी तौर पर इस बयान की तहदीग करते हैं ब्लॉगर ने मजीद लिखा कि टेलीग्राम सरकारी जराय के मुकाबले में मालूमात की रसाई के लिए ज्यादा ताकतवर सोर्स है और रूस में आवाम की जान जानिब से मैसेज करने के लिए यह वाहिद ऐप है जो मगरिब इंटेलिजेंस एजेंसियों के कंट्रोल में नहीं है और जाती ब्लॉग्स और तसर के लिए ताकतवर जरिया है रूस के लिए टेलीग्राम की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के बाद अब रूस में टेलीग्राम के मुस्तकबिल पर भी तजवीज का इजार किया जा रहा है बीबीसी की खबर के मुताबिक रूसी बॉर कर रेस्पोंडेंट साशा कोश ने सवाल उठाया कि पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के बाद सार फीन t ग्रा पर पहले की तरह भरोसा भी कर सकेंगे या नहीं साशा कोट्स रूस यूक्रेन जंग के हवाले से ग्रा पर मौजूद अपने फॉलोअर्स को आगाह करते थे लेकिन अब उनका कहना है कि फ्रांसीसी और मगरिब मामाक के पास अब इस प्लेटफार्म की इंक्रिप्शन तक रसाई हो सकती है साशा कोर्स ने इस हवाले से टेलीग्राम पर लिखा कि सच्चाई यह है कि अ पावल ड्रफ की गिरफ्तारी के गिर्द कहानी जो भी हो इस ऐप की सिक्योरिटी के बारे में कोई भी अब यकीन नहीं कर सकता t ग्रा पर इस वक्त जिन तीन इल्जा मात के खिलाफ तफ्तीश हो रही है उनमें दो इल्जा मात बच्चों की नाज बा और जिंसी ज्यादती की तसा भीर का फैलाव से मुतालिक है और फैलाव में मुव और हुकूमत इदार के साथ अदम ताबुन का इल्जाम लगाया गया है t ग्रा का इसरार है कि उसके मॉनिटरिंग के हालात इंडस्ट्री के मयार के मुताबिक हैं लेकिन इस हवाले से बीबीसी की तहकीक के मुताबिक न दही इसको रिपोर्ट करने और ऐसे मवाद को हटवाने में मदद फराह करते हैं बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बरक्स टेलीग्राम नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लोइटेड चिल्ड्रन की साइबर टिप लाइन के साथ रजिस्टर्ड नहीं है जिसके पास 1600 इंटरनेट कंपनियां रजिस्टर्ड हैं अमेरिका से चलने वाली कंपनियों पर कानूनी तौर पर वाजिब है कि वो इस इदार के साथ मुंस हो लेकिन इस इदार के साथ मुंस ना होने वाली 16 फीसद कंपनियां वो हैं जो अमेरिका के बाहर से चलती हैं टे ग्रा को भी मुत्ताहिदा अरब अमा राष्ट्र से ऑपरेट किया जाता है जहां पर पावल ड्रूप रहते हैं रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के खिलाफ जिंसी ज्यादती के मवाद की रिपोर्ट सबसे ज्यादा facebook's चट और whatsapp-web को बताया कि पिछले एक साल में ली के साथ बार-बार बातचीत करने की कोशिश की गई क्योंकि ईडब्ल्यूएस ना होने की वजह से व बच्चों के साथ जिंसी ज्यादती के मवाद को ब्लॉक करने और उसकी रोकथाम करने की हमारी सर्विसेस नहीं ले सकते रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों इदार का मेंबर ना होने की वजह से प्रोग्राम का भी हिस्सा नहीं है जो रिवेंज पंड को हटाने के लिए बनाया गया है एक और तरीके का जिसको telegram.com भी रसाई फाहम करते हैं लेकिन रखी हुई है टे ग्रा के नाक दीन का कहना है कि टेलीग्राम पर बिला निगरानी वसी पैमाने पर मालूमात की तरसी की वजह से तेजी से फेक न्यूज़ फैलने का खचा रहता है यह इल्जाम भी आयद किया जाता है कि टेलीग्राम की वजह से शिद्दत पसंदी साजिश नजरिया और बच्चों से मुतालिक जिंसी मवाद फैल रहा है रवा महीने बतानिया में फेक न्यूज़ की बुनियाद पर मुस्लिम और पनाह गजीन आबादी के खिलाफ पुर तशदूद मुजाहि परों के बाद टेलीग्राम पर इन मुजाहि करों को ऑर्गेनाइज करने का इल्जाम लगाया गया जबकि इससे पहले 22 में जर्मनी ने telegram.org की जानिब से डटा शेयर ना करने पर उस पर आरजी पाबंदी आयद कर दी थी