31 अगस्त 1997 को पूरी दुनिया उस वक्त सगवारी और खम में मुब्तला हो गई जब शहजादी डाना एक कार हादसे में इंतकाल कर गई शहजादी की बेवक्त मौत पर कई राजत और सवालात ने जन्म लिया इस मौजू पर कई डॉक्यूमेंट्री अखबारी मजमीन और फीचर्स भी शाय हो चुके हैं एक राय है बस एक राय है कि शहजादी डाना की आवामी मकबूल शाही तौर तरीकों के हद से बाहर निकल गई या फिर करोड़ों दिलों पर हुकूमत करने वाली दिलों की मलिका खुद दिल के हाथों मजबूर हो गई और शाही खानदान या जालिम समाज ने बादशाह अकबर के बेटे सलीम की अनारकली की तरह उसे जिंदा दीवार में चुनवा दिया