What is the complete treatment of IVF? DR. AAKRITI GUPTA (MBBS, MS)

Published: Aug 27, 2024 Duration: 00:17:05 Category: Entertainment

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आईवीएफ यानी कि टेस्ट ट्यूब बेबी तो मतलब टेस्ट ट्यूब में बच्चा बनाया जाता है तीसरा पुरुषों में कभी-कभी खामी रहती है जो शुक्राणु की संख्या है बहुत ही कम रहती है कि हम उससे नॉर्मल तरीके से बच्चा नहीं कर सकते कभी कुछ महिलाओं के अंडे की संख्या उम्र से पहले घट जाती है शायद आर्मी में हो पुलिस में हो नौकरी उसकी कहीं और हो महिला कहीं और पढ़ रही हो तो डिस्टेंस भी ज्यादा रहता है उसके कारण भी आपको दिक्कत आ सकती है उसको आप बाज पन नहीं नमस्कार दैनिक न्यूज में हम आपका दोबारा से स्वागत करते हैं जिस तरीके से समाज के अंदर बहुत सारी चीजें देखने को मिलती है यदि किसी दंपति या पुरुष के पास जो है अगर औलाद यानी कि या उसका बच्चा ना हो तो उसको लेकर जो है काफी बातें जो है समाज को समाज में जो है देखने को मिलती है इसी परिपेक्ष आज देनिक न्यूज़ के माध्यम से हम आपको दिखाएंगे कि एक जो साइंस की ओर से एक नई चीज सामने आई है लेकिन काफी पुरानी है और लेकिन अगर समाज में देखा जाए तो काफी नई है आईवीएफ जिससे जो है जिसके इलाज के बाद जो है जो निसंतान लोग हैं वह भी अपनी संतान का सुख भोग सकते हैं उसी कड़ी में हमारे साथ आज देहरदून मेहंद इंद हॉस्पिटल से पहुंची हैं डॉक्टर आकृति गुप्ता जी जो एमबीबीएस एमएस है और उनसे बात करेंगे और जानेंगे कि किस तरीके से जो आईएफ का इलाज होता है और समाज के अंदर जो हिचक चाट महिलाओं के अंदर या पुरुषों के अंदर होती है क्या उसमें क्या उसमें महत्त्वपूर्ण चीजें हैं तो हम जानते हैं मैडम आपका स्वागत है दैनिक न्यूज़ में थोड़ा सा जानकारी चाहेंगे हमारे दर्शक जाना चाहते हैं कि जो आईवीएफ है टीवी पर सभी ऐड देखते हैं अखबारों में देखते हैं लेकिन उसकी पूर्णता जा जानकारी नहीं है तो उसके बारे में थोड़ा सा हमारे दर्शको को बताए कि आईवीएफ क्या चीज है और किस तरीके से कार्य करता है और क्याक इलाज जो है उसके होते हैं धन्यवाद जिस तरह आपने बात की कि आईवीएफ की जानकारी लोगों को पूरी तरह से जो है उसके बारे में नॉलेज नहीं है तो आईवीएफ यानी कि टेस्ट ट्यूब बेबी तो मतलब टेस्ट ट्यूब में बच्चा बनाया जाता है कुछ कैसी बीमारियां रहती है महिलाओं में जैसे कि ट्यूब बंद होती है टीबी के कारण बंद हो सकती है या किसी अन्य कारण के कारण किसी को ट्यूब में बच्चा ठहर जाता है तो ट्यूबे निकालनी पड़ सकती है तो कुछ कारण जिसमें ट्यूबों को प्रॉब्लम हो जो महिलाओं में फेलोपियन ट्यूब होती है उसमें दिक्कत हो एक वह सबसे बड़ा कारण है जिसकी लाइफ किया जाता है दूसरा कभी महिलाओं जो कपल्स रहते हैं उनको दो बहुत साल हो जाते हैं शादी के और सब ट्रीटमेंट करवा ली होती है लेकिन बच्चा नहीं हो रहा होता तो उसका चीज को हम अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी कहते हैं उस केस में भी हम आईवीएफ की जो है सुविधा का उपलब्ध लाते हैं तीसरा पुरुषों में कभी-कभी खामी रहती है जो शुक्राणु की संख्या है बहुत ही कम रहती है कि हम उससे ल तरीके से बच्चा नहीं कर सकते या फिर जीरो रहते हैं तो उनमें भी उन्हें जानकर हैरानी होगी कि जीरो काउंट के पर भी आईवीएफ के माध्यम से उन्हें खुद का बच्चा हो सकता है तो एक वो एक बड़ा कारण है लास्टली कुछ महिलाएं जिनको पीसीओडी का नाम आपने काफी सुना होगा आजकल पीसीओएस है लेडीज में बच्चों में काफी कॉमन हो चुका है उसके कारण भी बड़ी बार एग की जो ग्रोथ है वो नहीं हो पाती है या तो कोई दिक्कत आती है कि बहुत सारे अंडे एक साथ ग्रो कर जाते हैं तो सब इलाज कराने के बावजूद भी उन्हें बच्चा नहीं होता तो उन्हें भी आईवीएफ का इस्तेमाल करना पड़ सकता है तो ऐसे कुछ अन्य कारण है इसके अलावा कभी-कभी कुछ महिलाओं के अंडे की संख्या उम्र से पहले घट जाती है या फिर कुछ महिलाएं 40 साल की हो जाए या 45 इयर्स के बियोंड है जिनको अभी तक बच्चा नहीं हुआ उन्होंने सब ट्रीटमेंट भी करा लिया बट अब अंडे की संख्या कम हो चुकी है उन महिलाओं को भी आईवीएफ की आवश्यकता पड़ती है डॉ साहब हमने देखा गया जिस तरीके से जो महिलाएं होती है जो एक साल के अंदर या नहीं या दो तीन या चार साल के भीतर जब के बच्चे हो जाते हैं तो उस केस में वो आईवीएफ तो कराते नहीं है लेकिन बच्चे उनके फिर भी तीन चार या चार साल बाद या पा साल बाद होते हैं वो क्या केस है वो थोड़ा बताए मुझे आपका सवाल समझ नहीं आया सवाल यही है कि हमने देखा है कि जैसे शादी हो जाती है शादी के एक साल बाद बच्चा नहीं होता उसके तीन चार साल बाद बच्चा हो जाता है वो क्या गैप होता है देखिए कुछ वो तो कपल की अपनी चॉइस है कुछ लोग तो ऐसा रहते हैं कि खुद ही चाहते हैं कि दो-तीन साल के बाद बच्चा हो कुछ लोग जो है कंट सेप्शन मेथड्स का इस्तेमाल करते हैं कुछ समय प कुछ पढ़ाई कर रहे होते हैं कुछ सा टाइम आपका डिस्टेंस प्रॉब्लम होती है कि हस्बैंड शायद आर्मी में हो पुलिस में हो नौकरी उसकी कहीं और हो महिला कहीं और पढ रही हो तो डिस्टेंस भी ज्यादा रहता है उसके कारण भी आपको दिक्कत आ सकती है उसको आप बचपन नहीं कहते बाजपे फिनेश के हिसाब से अगर जो पुरुष और महिला हैं वो साथ में रहते हैं और वो एक साल तक प्रयास करते हैं तो ही उसे बापन कहते हैं लेकिन अगर वो साथ रह रहे हैं 5 साल से शादी के कहने पे पर वो आपस में साथ नहीं रह रहे एक सपोज जम्मू में रह रहा है और दूसरा श्री गैप हो गया हां तो मैं आपको बता रही हूं जैसे आप क्वेश्चन पूछ रहे उसके ये कारण भी हो सकते हैं पेशेंट से पहले बात करनी पड़ती है कि क्या वो साथ रहे भी हैं क्या उन्होंने जो है एक साल अपने साथ अपने आप को समय दिया है बच्चा करने के लिए तो हम उनका इलाज शुरू करेंगे क्योंकि बहुत सारे आप टाइम देखिए आजकल के युग में जब लेडीज भी पढ़ रही है लेडीज भी अपने जॉब्स के लिए काफी आगे हैं अपने करियर के रिलेटेड काफी आगे हैं तो आप वो चीज भी देखिए ना कि वो अपने आप को पहले करियर ओरिएंटेड बनाना चाहती हैं अपना काम खत्म करना चाहती पढ़ाई खत्म करना चाहती हैं नौकरी करना चाहती हैं उनकी इच्छाएं हैं जो वो पूरी करेंगी 30 40 और तभी भी आजकल प्रेगनेंसीज भी लेट हो रही है जी जैसे 35 साल में शादी हो रही है 30 साल में शादी हो रही है जो कि पहले 202 25 में होती थी तो एक कारण वो भी है कि बाजपुर रहा है क्योंकि महिलाएं भी अपनी प्रेगनेंसी लेट कर रही है अच्छा मैम ये आईवीएफ जो इलाज है ये कितना सुरक्षित है एक महिला के लिए या पुरुष के लिए थोड़ा बताइए देखिए सुरक्षित तो ये एकदम सुरक्षित है अगर आप सुरक्षा की बात करें सुरक्षित मतलब कि हेल्थ पे कोई नुकसान नहीं देगा है ना तो ये हेल्थ पे नुकसान नहीं देता है क्योंकि जो इंजेक्शंस एक महिला को लगते हैं वो 10 दिन के होते हैं और वो अंडे बनाने के लिए होते हैं ताकि सभी अंडों से हम ज्यादा से ज्यादा बच्चे बना पाए दूसरा अब बच्चे की बात करते हैं कि जैसे बच्चे को क्या नुकसान तो नहीं होगा तो अभी तक इतने सालों से 50 साल से ज्यादा ये आईवीएफ का साइंस जो है अब नोन है तो साइंस में इंफॉर्मेशन बहुत ही आप कह लीजिए नेगेटिव नहीं है कि बच्चों में कोई खराबी होगी या बच्चा दिमागी तौर पर खराब होगा या बच्चे में बीमारियां ये ज्यादा होंगी ऐसी कोई भी एविडेंस नहीं बात करती पर हां जिस तरह एक नॉर्मल प्रेगनेंसी होती है किसी को उसमें भी आप कहते हैं बी बीपी रहता है शुगर रहता है कोई हार्ट की प्रॉब्लम आती है बच्चे वो इसमें भी हो सकती है यह थोड़ी है कि आईवीएफ से जो बच्चे होंगे वो एकदम जो है उसमें कुछ हो ही नहीं सकता ऐसा पॉसिबल नहीं है क्योंकि हम साइंस की मदद से नेचर को कंट्रोल नहीं कर सकते तो जिसमें जो बीमारी सपोज आनी है बीपी के कारण शुगर के कारण मां में है तो वो उस बच्चे में आएगी वो आईवीएफ के माध्यम से खत्म नहीं हो जाएगी बट हा आईवीएफ खुद बखुदा कोई बीमारी नहीं देता आप समझ रहे हैं तो ये सुरक्षित बच्चे के रिलेटेड भी है तीसरा बहुत से लोगों को ये लगता है बड़े बच्चे हो जाते हैं तीन चार बच्चे इकट्ठे हो जाते हैं आईवीएफ में ना तो वो भी एक जो है अब एक शंका दिमाग से लोगों को निकाल देनी चाहिए क्योंकि जो एक साल पहले दो साल पहले से जो एक नेशनल लेवल पे एक बिल पास हो रखा है जिसको एआरटीओ गए तीन बच्चे हो गए तो कैसे करेंगे तो दिक्कत हो जाएगी महिला को बच्चे प्री टर्म हो जाएंगे बीमारियां लग सकती हैं तो यह सब उनके दिमाग में से हट सकता है क्योंकि जब हम कम बच्चे डालते हैं तो एक बच्चा होने का चांस ज्यादा रहता है और हेल्दी बच्चा होने का चांस भी बढ़ जाता है मैम एक सवाल यहां पर और है जिस तरीके से हर व्यक्ति चाहता है कि बच्चा जो है उसके बोलते है ना खूनी रिश्ता होना चाहिए तो जो सीमन होता है वो किस तरीके से या उन्हीं का लगाया जाता है देखिए आईवीएफ ना अन्य प्रकार के होते हैं एक होता है जो हम नॉर्मल हम किसी मरीज से बात करते हैं आपका आईवीएफ होगा वो हम बात कर रहे हैं कि उनमें कोई प्रॉब्लम है उनको ठीक करने के लिए हम आईवीएफ कर रहे हैं फिर एक आईवीएफ होता है डोनर एग आईवीएफ डोनर स्पर्म आईवीएफ डोनर एंब्रियो आईवीएफ ठीक है तो वो अलग-अलग प्रकार के होते हैं और वो प्रक्रिया यही है कि बच्चा टेस्ट ट्यूब में ही बनता है बट जेनेटिक मटेरियल चेंज करने की आवश्यकता कुछ कंडीशंस में पड़ सकती है अगर किसी महिला की उम्र 25 साल है और उसके बच्चे दानी अच्छी है लेकिन उनके अंडे दानी में अंडे की संख्या जीरो हो गई है महावारी ही बंद हो गई है 25 साल की उम्र में तो ये तो सबको जानते हैं कि 40 50 तक महावारी आम इस महिला को हमारे देश में रहती है तो ऐसी महिलाओं को भी तो बच्चा चाहिए ना तो मां तो बन सकती है पर एक अन्य माध्यम से बनेगी तो होता उनका भी आईवीएफ ही है पर एक अलग तरीके का आईवीएफ होगा उसी प्रकार पुरुषों में भी कभी प्रॉब्लम रहती है वाइफ उनकी एकदम नॉर्मल रहती है लेकिन पुरुष में प्रॉब्लम रहती है तो उस केस में हम डोनर स्पर्म का इस्तेमाल करते हैं आप समझ लीजिए कि बच्चा जो है लैब में बनाते हैं अब उनका खुद का बच्चा होगा या एक जेनेटिक मटेरियल रिप्लेस होगा या दोनों रिप्लेस होंगे अभी किसी महिला को पुरुष में कोई जेनेटिक डिजीज है जो कि जिसकी वजह से उनके बच्चे बार-बार खराब हो रहे हैं तीन-चार अबॉर्शन हो गए एक बच्चा पेट में मर गया या एक बच्चा पैदा हो के मर गया तो उनमें ये अंदरूनी प्रॉब्लम है आप उसको इसी तरह से दूर कर सकते हैं या फिर आप बच्चा गोद ले सकते हैं तो आप नहीं चाहते कि इमोशनली आप फिर से ऐसे पीड़ित हो इसीलिए उसमें हम डोनर एंब्रियो करते हैं तो हर एक पेशेंट अलग है हर एक किसी को बीमारी अलग है आईवीएफ बस एक मतलब होता है टेस्ट ट्यूब बेबी मतलब ट्यूब में बच्चा बनना बाहरी लैब के अंदर अब वो किस प्रकार से बनेगा पेशेंट की क्या रिक्वायरमेंट है व हर एक मरीज से वेरी कर सकती है ठीक है जिस तरीके से समाज के अंदर जो हिचक जाट है महिलाओं के अंदर पुरुषों के अंदर क्योंकि हमने देखा गया फरस के अंदर आईवीएफ का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं वहां प मानते हैं लेकिन अगर इंडिया की बात करें तो यहां प हमारे समाज के अंदर थोड़ा ट है इस मैसेज को आप हमारे चैनल के माध्यम से थोड़ बता देखिए यह हि इसीलिए है शायद नॉलेज की वजह से अवेयरनेस की वजह से पढ़ाई की वजह से नॉलेज जो पेशेंट्स में हमारे है जो हमारे आम जनता है आप कह लीजिए जो उनके फैमिली में जो पुरुष है या फिर उनके फैमिली में जो पढ़े लिखे बुजुर्ग हैं वो लोगों को जानकारी नहीं है तो आप जानते हैं हमारे देश में मोस्टली ऐसा ही होता है जो जानकारी हमारे पुरुषों को होती है या हमारे जो खानदान के बड़ों को होती है वही आगे जाके बच्चों को मिलती है तो पहली बात है कि हम ये माध्यम से अवेयरनेस चैनल टॉक देते हैं या हम जो कैंप लगाते हैं हम यही चाहते हैं कि लोग पहले बाहर निकल के आए इस बारे में बात करें क्योंकि आज भी अगर मरीज मेरे पास आता है और वो ये बोलता है कि मुझे दर्द हो रही है आया तो वो इसलिए कि उसे बापन है पर वो मुंह से ये नहीं बोल पा रहा कि उसे बापन है तो सबसे बड़ी बात वही हो जाती है और मैं कोशिश यही करती हूं कि मैं पेशेंट से पूछूं क्या है जब तक वो बोलता नहीं है कि उसे बापन है मैं इलाज शुरू नहीं करती क्योंकि पहले उसको तो कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है उसे समझना जरूरी है कि ये चीज का इलाज है ये कोई सोशल टैबू नहीं है पहले टीवी को टैबू माना जाता था लोग टीवी की बात नहीं करते थे अब आहिस्ता आहिस्ता क्या खत्म ही हो गया टीवी का नाम अब लोग टीवी की जांच हर कोई करा रहा है ठीक है तो उसी तरह से यह भी एक सोशल टैबू आज भी है आज भी मेरे पास पेशेंट आते हैं जो आईवीएफ करवाते हैं और वो ये बोलते हैं कि हमारे घर से कोई आएगा तो उन्हें मत बताइएगा हमारा आईवीएफ हो रहा है तो ये चीज बहुत कॉमन है और ये चीज समय के साथ जाएगी आज 10 साल पहले पुरुष भी नहीं आते थे आज तो हस्बैंड वाइफ आते हैं शायद अगले 10 साल में उनके मां-बाप भी साथ आए तो चीजें तो ठीक हो ही रही है और बाहर की जो आप बात कर रहे हैं वहां पे अवेयरनेस ज्यादा है ओबवियसली उनका जो नॉलेज प्रोफाइल है हमसे काफी ज्यादा है और तीसरा उनके वहां पर हर चीज ना इंश्योरेंस में कवर्ड होती है तो वो एक स्टेप के तरफ कि से चलते हैं तीन महीने ड्राई किया फिर तीन महीने दूसरी चीज दी फिर तीन महीने बाद आईवीएफ कर दिया वहां कोई आपसे पूछता नहीं है अे क्या कराना है वहां सीधा करते हैं क्योंकि वो इंश्योरेंस में होता है बट इंडिया में इंश्योरेंस नहीं है इंडिया में हर एक ने अपनी पॉकेट से पैसे देने हैं तो वो पहले सोचेगा मैं सस्ता इलाज कराऊं मैं महंगा इलाज कराऊं किसका फायदा कितना है किसी का नुकसान कितना है फिर ये चीज करता आता है और बाद की बात ये रही कि डॉक्टर तो एडवाइज करता है जो पेशेंट का बेनिफिट रहेगा पर पेशेंट अपनी पॉकेट के हिसाब से चलता है ठीक है तो आज यहां खाता खेड़े में आप निशुल्क यहां प कैंप लगा हुआ है तो कितने मरीज आज आपने देखे कितनी महिलाओं की जांच हुई या आईवीएफ के बारे में समझाया गया और किसके यहां पहुंचे हैं थोड़ा बताए देखिए आज जो हमने पेशेंट्स देखे थे उनमें फिलहाल क्योंकि चाहे उनको शादी को पाछ साल से ज्यादा हो गए थे पर उन्हें ना सही तरह से नॉलेज ही नहीं थी कि आगे बढ़ना कैसे है वो वहीं अटके हुए थे कि भाई हो नहीं नहीं रहा मतलब अब इलाज में पहले जांचे होती है अब किसी का एक जांच हुआ था दूसरा नहीं हुआ था किसी के दो हो रखे थे तीसरी नहीं हो रखी थी तो वो लोग अभी बहुत पीछे हैं जब तक हम वो जांचे करेंगे नहीं ना हम यह नहीं बता पाएंगे कि उनको कोई दिक्कत है भी कि नहीं शायद उन्हें सिर्फ ज्ञान की कमी हो कि भाई क्या सपोज जैसे उनकी जो महावारी सही आ रही है नहीं आ रही है कब आपस में संबंध बनाना है तो बेसिक चीजें भी लोगों को नहीं पता है तो क्या रिस्पांस दिया आज महिलाओं ने आप पहुंची नहीं महिलाओं ने मतलब ठीक ही रिस्पांस दिया है और उन्होंने समझी है बात कि और उन्हें यही बताया गया है कि नॉर्मल तरीके से भी बच्चा हो सकता है पर पहले हम एक बार जांच कर ले थोड़ा आपको समझा दे दवाइयां देकर कि आप इस तरह से दो-तीन महीने घर पे कोशिश कीजिए उसके बाद देखेंगे कि इस चीज की जरूरत है कि नहीं क्योंकि सीधा आईवीएफ किसी भी मरीज को हम नहीं कर सकते वो पहले कुछ इलाज हमें दो-तीन महीने पेशेंट को देना है ताकि वो घर में प्रयास कर ले संतुष्ट हो जाए कि हां हमने कोशिश भी की थी दवाइयों के साथ और फिर अगर कुछ नहीं हुआ फिर हमने कोई और ट्रीटमेंट लिया आईयूआई जैसा फिर अगर उस पर नहीं हुआ फिर हम आईवीएफ पे गए एकदम से बड़े इलाज जाने का कोई फायदा नहीं है अनटिल अनलेस कोई बीमारी उनको सच में हो जिसकी उसको जरूरत हो ठीक धन्यवाद तो आप हमारे साथ डॉक्टर अंकिता गुप्ता जी जो स्पेशलिटी है जो आईवीएफ की जो है मेद ददन हॉस्पिटल से पहुंची है और आज निशु कैंप यहां पर लगाया गया था खाता खेड़े गांव के अंदर हमारे साथ आदिल भाई मौजूद है जो जो कि अपने बारे में बताएंगे किस तरीके से जो है लगातार कैंप करते आ रहे हैं आदिल भाई क्या कहना चाहेंगे जिस तरीके से आज पहली बार जो है आईवीएफ का कैंप लगाया गया वैसे तो आप बहुत सारे कैंप लगाते हैं बताए थोड़ा मैं सबसे पहले तो सहजादा गद्दी का तह दिल से धन्यवाद करता हूं मैत इंद्रेश का कि मेरे क्षेत्र के अंदर समय समय पर में हर तरह की चिकित्सा की सेवाए दे रहे हैं और आज मेरे आवास पर आईवीएफ का कैंप लगा है आरति जो हमारे यहां डॉक्टर आई है आरति गुप्ते जी है आरति गुप्ता जी और मेरे बड़े भाई सुमित प्रजापति जी भी आए हुए हैं उनके सौजन्य से कैंप लगा है और अब तक 12 पेशेंट आ चुके हैं और लगभग 20 पेशेंट के आने की संभावना है और इन्हें 30 तारीख में ले जाया जाएगा इनके सेकप होंगे उसके बाद ही पता चलेगा कि आईवीएफ होना है या नहीं होना चेकअप के बाद ही फिर उसके बाद अ आईवीएफ होगा तो उसमें भी हमारी पूरी टीम और पूरा हमारा स्टाफ एक सेवा भाव के माध्यम से काम कर रहा है मैत इंद्रेश हॉस्पिटल का मैं पूरे स्टाफ का तह दिल से धन्यवाद करता हूं और पूरे डॉक्टर टीम का जितने भी सीनियर स्टाफ है जूनियर है सब सेवा भाव के माध्यम से काम कर रहे हैं जो भी हमारे क्षेत्र की चिकित्सा की समस्या होती है वह हमारे सौजन्य से हल हो जाती है और बहुत लोगों को इसका लाभ मिल रहा है हर तरीके से मंगलवार को भी जैसे आपने देखा होगा यहां पर 20 2 लोग हर मंगलवार को जा रहे हैं वह भी महाराज जी का पूरे क्षेत्र की ओर से हम त दिल से धन्यवाद करते हैं उन्हों ले जाने का कार्य मैत इंद्रेश हॉस्पिटल की बस करती है और उनका ओपीडी कार्ड भी फ्री रहता है तो इसी तरीके की बहुत सारी सेवाएं हैं जो हमारे से अल्लाह भगवान यह हमारे से करा रहा है वरना हम इस लेक नहीं थे कि हम यह कार्य कर पाते और यह हम सब महाराज जी के सौजन्य से कर पा रहे हैं और मैं सबसे पहले मीडिया भाइयों का भी तहे दिल से धन्यवाद करता हूं व मेरी खबर को प्रकाशित करते हैं इससे एक लाभ मिलता है क्षेत्र के अंदर भी इससे लोगों को एक से दूसरे को खबर जब होती है तो दूसरा भी लाभ उठाता है और फिर इसे लोग भी हमारे साथ जुड़ते हैं जिससे के हम चैन कड़ी से कड़ी चैन से बन गई है हमारी और अब हमारी बहुत बड़ी मेजोरिटी की टीम है जो यह लगातार हर क्षेत्र में काम कर रही है जिस तरह का भी कोई पेशेंट हमें पता चलता है उसे हम वहां पर उठा कर ले जाते हैं और पूरा उसका स्वयं जो यतीम बेवा मिस्कीन होता है जो इलाज नहीं करा पाता वह हम महाराज जी के सौजन्य से और महाराज जी के आशीर्वाद से ही हम यह काम कर पा रहे हैं वरना हमारी तो हैसियत नहीं कि हम एक भी मरीज का कैंसर जैसे का इलाज करा पाए और अब तक 50 सर्जरी हो चुकी है यह वास्तव में एक इंसानियत में जो महाराज जी ने अपनी एक वह दिखाई है यह लगता है कि महाराज जी में वास्तव में एक फरिश्ते ही है एक इंसान दूसरे रूप में मैं आपका भी धन्यवाद करता हूं आप समय समय पर खबर को प्रकाशित करते रहते हैं धनवा धन्यवाद आदिल भाई जिस तरीके से हमने आपको बताया कि आदिल भाई यहां पर एक माध्यम बने हैं कि जो मरीज है यहां पर जो लोकेलिटी मरीज है जिस तरीके कैंसर अगर बात करें आंखों के ऑपरेशंस की तो लगभग 500 से प्लस ऑपरेशंस यह करा चुके हैं और जिस तरीके से इन्होने 50 से ज्यादा सर्ज सर्जरी बताई और लगातार केवल समाज के अंदर एक मैसेज देना चाहते हैं कि यहां पर जो लोगों को जो बीमारियां है उसका इलाज निशुल्क तौर पर हो सके क्योंकि अगर देखा गया कि समाज के अंदर बहुत सारे लोग पैसे से बहुत कमजोर हैं तो वह निशुल्क तौर पर जो है श्री महत इंद्रेश और आदिल भाई के मा इी करताल धनवाद

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