Qabar Wala Jin | Gharri Wala Jin | Ahmed Khan Podcast

Published: Sep 03, 2024 Duration: 00:48:30 Category: Entertainment

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तू कब्र के अंदर बो सदा हड्डियां पड़ी है जब तूने कब्र साफ की तो वो जो हड्डियां तूने उठाई तूने उनको बाहर रखा और बाहर रख के छोड़ दिया यह जैसे ही घूमा है घूम के क्या देखता है कि कद्दावर शख्स इसके सामने खड़ा हुआ है वो उसको ऐसे करके देख रहा है कि तुम कौन कहता हां मैं बताता हूं कि मैं कौन मैं मैं वो हूं जो इस घड़ी में कैद था अस्सलाम वालेकुम शेख साहब वालेकुम अस्सलाम रहमतुल्ला बरकात कैसे हैं अद मैं बिल्कुल ठीक हूं और हर दफा मैं कहता हूं कि शेख साहब कहानी सुनाए आज कितनी अजीब बात है मैं कह रहा हूं कि शेख साहब कोई शेर सुनाए आय क्या बात है शेर सुनाए मैं कह रहा हूं कि दिखावे के लिए हमसे वफादारी ना की जाए दिखावे के लिए हमसे वफादार ना की जाए हां वो जो लोग होते हैं ना आपके सामने होते हैं बड़े आपके होते हैं वेलविशर लेकिन मैं उनके लिए कह रहा हूं कि दिखावे के लिए हमसे वफादारी ना की जाए मोहब्बत है तो है वरना अदाकारी ना की जाए क्या बात है बहुत खूब शेख साहब बहुत खूब और ये मोहब्बत की बात की आपने आप बड़े हैं मैं आपसे पूछ रहा हूं ये मोहब्बत करनी चाहिए मोहब्बत करनी चाहिए अहमद जिंदगी में एक बार मोहब्बत जरूर करनी चाहिए पता है क्यों क्यों ताकि आपको पता चल सके कि यह क्यों नहीं करनी चाहिए ओहो ओहो जिंदगी में एक दफा मोहब्बत जरूर करनी चाहिए ताकि पता चले कि क्यों नहीं करनी चाहिए क्यों नहीं करनी चाहिए क्या बात हाय हाय हाय हाय लेकिन आप परेशान ना हो हम आपसे ऐसी मोहब्बत करेंगे कि हम आपको छोड़ेंगे नहीं आप मुझे क्या नहीं छोड़ेंगे कि तुम मुझे नहीं छोड़ोगे यह तो मुझे पता था तुम मुझे नहीं छोड़ोगे मुझे यह तो पता था तुम मुझे नहीं छोड़ोगे यह तो मुझे पता था लेकिन कहीं का नहीं छोड़ोगे यह मुझे नहीं पता था ओए होए लेकिन कहीं का नहीं छोड़ोगे यह नहीं पता था ये नहीं पता क्या बात है शेख साहब क्या बात है और जब इश्क में नाकामी हो जाती है नामत ये मोहब्बत में जब नाकाम हो जाते हैं आशिक बिचारे तो वो कह रहे हैं कि दुआ करना कि ऐसे ही मेरा दम निकले हाय दुआ करना कि ऐसे ही मेरा दम निकले दुआ करना कि ऐसे ही मेरा दम निकले जितनी आसानी से तेरे दिल से हम निकले क्या बात है क्या बात है शेख साहब क्या बात है और और आज मैं ऐसा महसूस कर रहा हूं कि आप दिल जले हुए हैं अरे अहमद क्या है हालात और वाकत जिंदगी बहर तमाम प्यार करने वालों का बहुत शुक्रिया और वो जहां से भी हैं जिधर से भी हैं वो किसी भी मजहब से हैं मैं हमेशा कहता हूं मेरे यहां है उनका बहुत-बहुत शुक्रिया कि जो वो प्यार दे रहे हैं मौला आपको सलामत रखे और बगैर इंतजार के कहानी कहानी अहमद मेरे बच्चे आज की जो अपनी पहली कहानी है हम ये एक ऐसे जूनियर आर्टिस्ट की कहानी है ये जो आर्टिस्ट होते हैं ना अहमद हमसे रिलेटेड हमसे रिलेटेड ये आर्टिस्ट बड़े हसास होते हैं यार बहुत हसास बहुत हसास होते हैं बड़ी से बड़ी बात आर्टिस्ट को नहीं लगेगी लेकिन इतनी सी बात आर्टिस्ट को लग जाती आर्टिस्ट को लग जाती है तो मैं जितने भी लोग सुनने वाले हैं कहीं से भी कोई भी हो आपके जान पैशान में हो आपके इर्दगिर्द में हो अगर कोई आर्टिस्ट है तो चाहे वह जूनियर हो या सीनियर हो वो रिस्पेक्टबल है और और जूनियर की तो खास तौर प बिल्कुल है क्य बेचारा अंधेरे में स्ट्रगल कर रहा है पत्नी वो अपनी पूरी जिंदगी इस फील्ड को दे दे और उसके बाद भी पत्नी आर्टिस्ट बने ये आर्टिस्ट बनने के लिए जो लोग निकलते नामत मैं थोड़ी सी बात तवील करूंगा य जो फनकार बनने के लिए लोग निकल जाते हैं इन विचारों को नहीं पता होता शायद इस बात का कि यह एक बहुत तवील एक लंबी अंधेरी गली है जिस में आपने जाना है इसकी रोशनी का आपको नहीं पता कि पता नहीं आगे मिले ना मिले बस वो चला जा रहा है और स्ट्रगल में चला जा रहा है एक ऐसे ही मैं आपको एक बात बताऊं ना कि अगर फॉर एग्जांपल अगर 1000 बंदा आर्टिस्ट बनने निकलता है और स्ट्रगल करता है बिल्कुल तो उसमें से मेरा ख्याल 10 बन पाते हैं 10 बन पाते हैं और वो भी वो जो मुकद्दर वाले होते हैं वो मुकद्दर वाले होते इसमें तकदीर का बड़ा दखल है आ हा कोई अगर ये कह दे कि जी मैं आपको फनकार बना दूंगा झूठ बोल रहा है आपसे नसीब का होना बहुत जरूरी है नसीब का होना बहुत जरूरी है और मैं एक ऐसे ही जूनियर आर्टिस्ट की आज एक कहानी सुना रहा हूं अच्छा कि ये जूनियर आर्टिस्ट है अहमद हम ये बेचारा छोटे-मोटे रोल कर रहा है हम जिंदगी गुजर रही है बजहर ये एक आस है कि शायद कभी कभी मुझे कोई अच्छा रोल मिल जाए अच्छा रोल मिल जाए जब अच्छा रोल मिलेगा तो जाहिर है फिर लगेगा इसी इंतजार में ये जिंदगी गुजर रही है अब क्या हो रहा है वक्त गुजर रहा है अहमद एक फिल्म बनने जा रही है हॉरर फिल्म एक हॉरर मूवी बनने जा रही है उसके लिए डायरेक्टर ने कुछ लोगों को बुलवाया है कैरेक्टर चूज करने के लिए कि जी बुलवाएं उन जो न्यू टैलेंट है उनको भी बुलवाएं हम चाते जो एक्स्ट्रा होते एक्स्ट्रा होते हैं बुलवाएं भाई उन एक्स्ट्रा में यह भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए चला गया है ऑडिशन हुए ऑडिशन में पास हो गया बहुत खुश है कि यार डायरेक्टर ने मुझे सिलेक्ट कर लिया है अच्छा अब डायरेक्टर से मीट हो रही है डायरेक्टर बैठा हुआ है सामने पहली बार किसी बड़े डायरेक्टर के सामने बैठा हुआ है अब डायरेक्टर इससे मुखातिब है हां भाई कर लेते हो या सिर्फ फनकार बने हुए हो कहता है नहीं सर मैं काफी टाइम से यह काम कर रहा हूं और आप मुझे बताएं कि मुझे क्या बोलना है तो डायरेक्टर कहता है जरूरी नहीं है कि जो बोलते हैं वही आर्टिस्ट हैं हम तुम्हारा कैरेक्टर साइलेंट है कहता मैं समझा नहीं कहता है हां यह हॉरर मूवी बन रही है और तुम्हारा जो साइलेंट कैरेक्टर है वो है एक मुर्दे का कैरेक्टर मुर्दे का कैरेक्टर जिंदगी में पहली बार कोई ऐसा काम और बड़ा काम कि जिसमें इसको बोलना नहीं है एक्ट करना है वो कहता है सर मुर्दे का रोल मैं समझा नहीं कहता मैं समझा रहा हूं मुर्दे का कैरेक्टर है कि आप कब्र में है और कब्र में से आप उठेंगे ये स्क्रिप्ट है यह स्क्रिप्ट है कि जब आप कबर में से उठेंगे उठने के बाद जब आप कबर से बाहर आएंगे तो फिर उसके बाद के सीन हम आपको बताएंगे कि क्या करना है फिलहाल आप यह जहन में रखें कि आपका कैरेक्टर मुर्दे का है यह बड़ा खुश है कि यार चलो बोलना भी नहीं पड़ेगा बड़ी फिल्म है और कैरेक्टर भी सही है बोलता है ठीक है सर मैं कर लूंगा कितना टाइम है कहता फिल्म में तो भी बहुत टाइम है तकरीबन महीना पड़ा है मगर यह है कि आप एग्री हैं बोले हां सर मैं एग्री हूं साइन वाइन कराया कन लिया घर आ गया कूदता हुआ घर गया खुश है घर गया है घर जाने के बाद घर वालों के लिए जो रास्ते से फ्रूट रूट लेने होते हैं ये बड़ा खुश है पहली बार किसी बड़ी फिल्म में काम मिला चांस मिल गया जी हां टोकन मिल गया घर गया खुश है अब क्यूंकि जब बड़े लोगों के साथ काम करना होता है तो फिर काम उनके मेयार का होना चाहिए हां इसने यही सोचा कि जब डायरेक्टर बुलाएंगे मुझसे वो सीन कराएंगे तो क्यों ना क्यों ना मैं उस सीन की पहले से रिहर्सल कर लू इसके जहन में यह बात आ रही है कि उन्होंने मुझे कहा है कि तुम कब्र में से निकलोगे कब्र में से जब आपने आना है तो कहा इसने यह सोचा कि वह जब कराएंगे सीन कराएंगे मैं क्यों ना इसको प्रैक्टिकली पहले से उस सीन को पक्का कर लू ओ अच्छा यह भी मैंने सुना है कि जो बड़े आर्टिस्ट होते हैं जब उनको इस तरह की स्क्रिप्ट दी जाती है जैसे कोई किसी को कोई पुलिस का कक्टर मिल रहा बिल्कुल तो पुलि पुलिस वाले कैसे होते जैसे किसी फकीर का कक्टर मिल रहा है तो वो किसी फकीर को देखते रोना फकीर क्या कर रहा है बिल्कुल जो बड़े आर्टिस्ट होते ये जो थिएटर के जितने भी लोग हैं जितने भी थिएटर के नॉमिनेट लोग जिन्होंने दुनिया भर में नाम किया है इन्होंने अपनी जिंदगी में ऑब्जर्व किया है कोई भी कैरेक्टर हो व ब्जर्व करके वह काम करते हैं और जब व ब्जर्व करके करते हैं तो वो काम परफेक्ट होता है ये मतलब बहुत बेसिक है इस बिल्कुल बेसिक अब ये इसके दिमाग में आ गई यही चल रहा कि जितने बड़े आर्टिस्ट गुजरे हैं या मौजूदा जो हैं वह ऑब्जर्व करते हैं तो मैं भी यह काम को पहले प्रैक्टिकली करूंगा फिर जब सीन होगा तो जाहिर है यह सीन मेरा पुख्ता होगा कबर में निकलने वाला सीन कबर से निकलने वाला सीन अहमद इसने क्या किया यह अपने घर से निकला है डायरेक्टर से मुलाकात हुए चार पाच दिन गुजरे हैं इसके दिमाग में वही बात चल रही है कि मैंने प्रैक्टिकली करना है अब यह कब्रस्तान की तरफ गया है कब्रस्तान पहुंचा अब कब्रस्तान में खड़ा हुआ है अब यह सोच रहा है अगर मैं कबर खोदता हूं उसमें लेटता हूं तो क्या जरूरत है कि मैं कबर खो दूं क्यों ना एक खुदी खुदाई पुरानी कबर देखी जाए जिसमें मुझे लेट के रसल करने में आसानी हो जाए यह कब्र की तरफ गया है अब जो बोसी द कब्र होती है अहमद वो जो काफी पुरानी होती है ये उस कबर के पास उनमें से एक कबर के पास खड़ा हुआ यह खड़ा हुआ यही सोच रहा है कि यार इसको साफ कैसे किया जाए तो गोरक ने इसको देखा है गौर कन इसके करीब आ गया गौर कन आक इसको कहता है हां भाई किसकी कबर है जो य खड़े होक फातिहा पढ़ रहे हो क नहीं मैं फातिहा नहीं पढ़ मैं तो सिर्फ कुछ सोच रहा हूं गोरका से कह रहा क्या सोच रहे हो कह रहा मुझे फिल्म में एक रोल मिला है य गौरन से शेयर कर रहा है कि मुझे फिल्म में कैरेक्टर मिला है और रोल है मुर्दे का तो मुझे वह प्रैक्टिकली करना है कि मुर्दे की तरह इस कबर से बाहर निकलना है लेटना है व सारी में रेसल करना चाहता हूं गोरक ने इसको देखा उसको देखने के बाद बोल रहा है यानी तुम अब कब्रों से मजाक करना चाह रहे हो वो कहता नहीं खुदा नखता मेरा ऐसा नजरिया नहीं है ना मैं ऐसा सोच रहा हूं मैं तो अपने काम को पक्का करने के लिए आया हूं कि मैं यह प्रॉपर कर सकूं तो गौर गन उससे कहता है तो फिर एक काम करो ठीक है जब ये तुम इसको को अपनी रोजी का जरिया बनाने जा रहे हो और आगे तुम्हें तुम्हारा फ्यूचर नजर आ रहा है तो ठीक है कर लो ट्राई वो कबर कितनी पुरानी थी दोनों एक दूसरे को देख रहे हैं गोरक ने इसको बोला क्या देख रहे हो अब तुम कहोगे कि मैं इसको साफ कर दूं तो जानते हो वो क्या कह रहा है कह रहा नहीं मैं तुमसे यह नहीं कह रहा कि तुम इसको साफ कर दो साफ भी मैं खुद करूंगा उसने उसको निकाल के 00 का नोट उसको दिया है अहमद कि बस तुम खामोश रहो और इस तरफ किसी को आने नहीं देना बस इतनी मेहरबानी करना ताकि जो मैं काम करना चाह रहा हूं उसमें डिस्टर्ब ना हो गोर कन उससे कह देख ले कोई पढ़ाई बढ़ाई तो नहीं करेगा बोला नहीं भाई पढ़ाई बढ़ाई क्या मैं तो सिर्फ अपनी रसल करूंगा बोलता है ठीक है गौर कन गया है अब इसने क्या किया अहमद ये कबर प से झाड़िया वाड़ी इसने हटाई है कबर की सफाई की है ऊपर से अब इसने जब स्लिप खिसका है अहमद स्लिप खिसका के बाद तीनों सिलिप इसने खिसका दिए अब इसने जो कबर में झांका है तो कबर के अंदर बो सदा हड्डिया पड़ी है हड्डिया पड़ी है इसने जब हड्डिया देखी तो एकदम कबर से पीछे हट गया गौर कन ने दूर से देखा कि इसको डर लगा है गौर कन भागता हु आया है बोले क्या हुआ बोले यार ये बोला जाहिर है यह कबर है इसमें ढांचा ही होगा और जिस कबर के पास तू खड़ा हुआ है ये पिछले 25 साल पुरानी कबर है 25 साल पुरानी 25 साल पुरानी कबर है जहां तू खड़ा हुआ है तो जाहिर है य हड्डिया ही होंगी गोरक से कहता है हां हा नहीं बस वो आई गई करी गोर कन ये कह के चला गया अब यह कब्र में उतरा है अहमद ये कब्र में उतरा इसने वोह सारी हड्डियां जमा की कबर की सारी हड्डिया जमा करने के बाद एक कपड़े में रखी है उस कपड़े को बांध के पोटली बना के कब्र से निकला और वो पूरी गी जो हड्डियों की थी उसने हाथ में पकड़ी और कब्र से निकल के एक दरख्त के पीछे जाकर उसने वो हड्डियां रख दी वापस कबर पर आया अब वापस कबर पर आने के बाद यह लेटा है लेटने के बाद अपने आप से बातें कर रहा है क्योंकि इसकी लाइने तो नहीं है उसमें स्क्रिप्ट नहीं है सिर्फ इसको एक्ट करना है अब यह बार-बार उठता है बार-बार कब्र में लेट रहा है कि हां मुझे ऐसे उठना है फिर कह रहा नहीं ऐसे नहीं मुझे ऐसे उठना चाहिए फिर कह रहा नहीं ऐसे नहीं इस तरह उठना चाहिए अपने आप से अकेले बातें करर इसको जनून है काम का जबी उसने खुद कबर साफ की दिन गुजरा अहमद ये घर चला गया अब जब दूसरे दिन ये आ रहा है कब्रिस्तान तो कब्रिस्तान आने से पहले कब्रिस्तान से पहले बाहर कब्रिस्तान के एक होटल मत ये होटल प गया इसने बोला एक चाय पीते हैं उसके बाद कब्रस्तान जाएंगे यह होटल प बैठा है इसने चाय मंगाई हां भाई हां कट लिया यार उसने ल के चाय रखी है जैसे चाय रखी है तो एक शख्स इसके पास आता है कहता है अगर मैं गलत नहीं समझ रहा तो शायद आप आर्टिस्ट हैं इसको बड़ी खुशी हुई है जान के कि एक अनजाना शख्स मुझे कह रहा है कि मैं आर्टिस्ट हूं इसका मतलब ये कि इसने मुझे किसी ड्रामे में देखा है कुछ करते हुए जूनियर आर् आर्टिस्ट कोई पहचान ले तो उसका बड़ा दिल बड़ा हो जाता है ये बड़ा चौड़ा हो गया थोड़ा सा बोले हां जी मैं आर्टिस्ट हूं बोले बहुत अच्छा काम करते हैं क्या बात है मैंने आपका फलाना ड्रामा देखा आपकी उसमें एक एंट्री थी छोटी सी लेकिन आपने बहुत अच्छा किया इसने बोला सर बहुत शुक्रिया चाय पिए बोला नहीं आप चाय पिए चाय तो मैं भी पिऊंगा लेकिन यह चाय मेरी तरफ से है वो कौन कह रहा है वो जो आया है व शय होटल में मिला वो शस आप सामने आके बैठा है कहता क्या बात है बड़े खुश नजर आ रहे हो कहता हां सर खुशी की तो बात है मुझे बड़ी फिल्म में काम मिला है यानी अब तक में थिएटर करता रहा टीवी करता रहा और अब जो मुझे काम मिला है वह सिनेमा की फिल्म का काम मिला बड़ी फिल्म है व कहता वेरी गुड बड़ी खुशी हुई सुनके कहता है आप क्या करते हैं इसने उससे पूछा कहता वैसे तो मैं जॉब करता हूं लेकिन मुझे भी एक्टिंग का बड़ा शौक है सामने वाला शख्स क रहा कहा अच्छा बड़ी खुशी हुई आपसे मिलकर कि आप भी एक्टर बनना चाहते हैं कहता है हां छोटे मोटे काम तो मैं भी करता हूं लेकिन बजहर दिखता नहीं हूं क्योंकि छोटे-छोटे रोल होते हैं तुम य किस सिलसिले में बैठे हो उससे पूछ रहा है कहता है जब आपने पूछ ही लिया है और जब आपको भी इस काम से दिलचस्पी है तो मैं आपको बताना जरूरी समझता हूं लड़का कह रहा है कह रहा देखो सामने जो कब्रस्तान है कहता है कहता मैं रोजाना यहां रिहर्सल करने आता हूं उसने उससे कहा कि कब्रस्तान में रिहर्सल करने आ रहे हैं किस चीज की कहता वोह जो मुझे रोल मिला है मैंने आपसे कहा ना कि मुर्दे का कैरेक्टर है तो मैं मुर्दे के कैरेक्टर की रिहर्सल कबर में लेट के करता हूं उससे कह रहा है तो वह शख्स ने उससे कहा अरे भाई आपके साथ कोई और भी होता है या आप अकेले होते हैं इसने बोला नहीं मैं तो अकेला होता हूं कहता है कैसी बात है अगर आप अकेले होते हैं तो आपकी खामियां कौन बताएगा अगर आप सही कर रहे हैं तो कौन बताएगा गलत कर रहे हैं तो कौन बताएगा कहा हा यह बात तो मैंने नहीं सोची तो कह रहा है यह बात मैं आपको बताऊंगा कह रहा क्या मतलब कहता चलो ना अरे भाई आप अपनी रेसल करो क्योंकि मुझे भी शौक है थोड़ा बहुत मैं भी जानता हूं तो मैं तुम्हारी सिलसिले में यह मदद कर दूंगा कि तुमको कबर से कैसे उठना है कैसे लेटना है कैसे बैठना है कबर से किस तरह बाहर आना है वो कहता बहुत अच्छे यार ये तो बड़ी अच्छी बात है कि आपने तो मेरी मुश्किल आसान कर दी कि अगर मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो आप मुझे बता देंगे कहता हां कहता चले यह दोनों उठे अब यह कब्रस्तान की तरफ गए अब ये कब्रस्तान में गए हैं उसी कबर पे जो खोदी हुई जो इसने साफ की थी जो रिहर्सल के लिए रिहर्सल के लिए सफाई की हुई है इसने ये वहां गया है खड़ा हुआ अब वो जो शख्स इसके साथ गया है वो कहता है हां यह वो कबर है कहता है हां यह वो कबर है जिसम मैं रेसल करता हूं कहता वेरी गुड कैसे लेट रहे हैं कहता हां मैं जा रहा हूं ना जैसे ही कब में जाने लगता है तो यह शख्स जो इसके साथ आया है वो कहता है एक मिनट रुको य रुक गया बोले क्या हुआ बोले पाक साफ हो कहता हां अल्हम्दुलिल्लाह मैं बा वजू आता हूं कहता शाबाश अब जाओ वो बच्चा कब्र में उतरा है अहमद लेट गया है यह सामने वाला शख्स इसको खड़ा हुआ सारा मंजर कर रहा है जैसे कि कैमरामैन खड़ा बिल्कुल उसको क्लोज किया हुआ है हा ठीक है ठीक है हां थोड़ा सा इधर हो जाओ सही है अब उठ के दिखाओ उठ के आया है क यार परफेक्ट इसका मतलब यह है कि जितने दिन से तुम रेसल कर रहे हो तो तुमने अपना यह सीन पक्का कर लिया है क्यों ना इसमें हकीकत का रंग डाला जाए व कहता है क्या मतलब हकीकत का रंग डाला जाए अरे भाई जब कबर खुदाई होगी वो शख्स कह रहा उससे जब वो डायरेक्टर कबर खुदवा एगा हटवाए मिट्टी हटवाए उसके बाद ही ना तुम्हें बाहर निकालेगा कता हा तो कहता है यह क्यों नहीं कर रहे उसका कहने का मतलब है कबर पैक भी करो कबर पैक करो जब आप रिहर्सल कर रहे हो तो प्रॉपर करो व कहता है किस तरह होगी कहता कोई नहीं तुम लेटो मैं एक एक सिलिप तुम्हारे ऊपर रखता हूं पूरा कब का नक्शा बनाता हूं और उसके बाद जब कबर का पूरा नक्शा आ जाएगा फिर तुम निकलोगे तो तुम्हारी लेटी उसमें नजर आएगी वो कहता है हां यह बात तो सही है कहता है फिर कहता कुछ नहीं तुम लेट ना मैं पूरी कबर बना दूंगा जब तुम समझो कि हां ओके हो गया और बर्दाश्त कर रहे हो तो फिर मुझे आवाज दे देना मैं मिट्टी हटा के कबर का सलीब हटा के तुम्हें बाहर निकाल लूंगा कता ये ठीक है हस्बे दस्तूर ऐसा ही हुआ हैद उसको बोला तुम लेट जाओ वो कब्र में जाके लेटा है इसने स्लिप रखना शुरू कर दिए एक स्लिप दूसरा स्लिप जैसे ही तीसरा स्लिप रखा है तो वो जो लेटा है अंदर आर्टिस्ट वो उससे कह रहा है कि देखो ज्यादा देर मत लगाना मैं आवाज दूंगा तो तुम फौरन सेलिप हटा देना बोलता है हां बोलता है ठीक है तुम आख बंद करो और मैं य आखरी स्लिप लगा के इसम मिट्टी डाल रहा हूं क हा ठीक है इसने आख बंद करी नीचे कबर में उसने आखरी स्लिप भी लगा के मिट्टी डाली पूरी कबर पर मिट्टी डाल दी उसने कितनी देर बर्दाश्त करेगा वो जो अंदर लेटा हुआ है बगैर ऑक्सीजन के मुश्किल से चार एक दो मिनट चार पा मिनट अब उसने दूसरे मिनट में आवाज लगाना शुरू कर दी के भाई मिट्टी हटाओ बाहर से कोई आवाज नहीं उससे कह रहा य मिट्टी हटाओ मेरा दम घुट रहा है कोई आवाज नहीं कोई आवाज नहीं चीख रहा है अंदर से मट्टी हटाओ मेरा दम घुट रहा है उसने मिट्टी तो क्या हटानी थी अहमद जानते हो यह कब्र में है इसको एक आवाज आई है क्या हुआ क्या हुआ दम घुट रहा है वो कहता है हां कबर में से आवाज आ रही है कबर में से आवाज आ रही है उसको जो लेटा हुआ है क्या हुआ तुम्हारा दम घुट रहा है अरे वो कहता है हां मेरा दम घुट रहा है वो उससे कह रहा है कि खुदा के लिए मुझे बाहर निकालो तुमने जिस कब्र में मुझे डाला है यह मेरी जगह नहीं है अरे मैं तो अभी जिंदा हूं तुम मुझे जीते जी मारना चाहते हो मुझे बाहर निकालो ये मेरी जगह नहीं है तो वो जो आवाज उसको आ रही है कबर में से कबर में से जानते हो आवाज क्या आ रही है वो कहते हैं हां मुझे मालूम है यह तेरी जगह नहीं है लेकिन यह जिसकी जगह थी तूने उसकी भी नहीं रहने दी कबर में से कह रहा है क्या मतलब कहता है क्या मतलब जब तूने कबर साफ की तो वो जो हड्डिया तूने उठाई वो उठा के तूने जमीन बोस नहीं की उन्हें मिट्टी में नहीं दफनाया तूने उनको बाहर रखा और बाहर रख के छोड़ दिया बोल ऐसा किया बोले हां मैंने किया बोले तो फिर अब काहे के लिए पछतावा है तुझे कि मुझे निकालो पड़ा रहे अब तेरी यही जगह है ये कहता है नहीं एक चीख मारी अहमद और बेहोश हो गया कब्र के अंदर ही बेहोश हो गया बजाय इसके कि उसका दम निकलता वो बेहोश हो गया अब जो बेहोश हुआ है [संगीत] अब जब इसकी आंख खुली है अहमद तो यह क्या देखता है यह हॉस्पिटल के बैड पर लेटा हुआ है बेड पर है अचानक इसकी आंख खुली है इर्द ग डॉक्टर खड़े हुए हैं यह उनसे पूछ रहा है कि मैं मैं यहां कैसे पहुंचा किता एक शख्स तुम्हें यहां छोड़ गया है यह बोल के कि यह मुझे रास्ते से मिला है और तुम्हें यहां छोड़कर वो खुद चला गया ना जाने कहां इसकी में आ गया कि वो कोई और नहीं वो वही शख्स है जो मेरे को कब्र में बोलता रहा अहमद यह बैड से उठा है डॉक्टर कहते अरे भा आपको आराम की जरूरत है क छोड़ दे मुझे अभी किसी चीज की जरूरत नहीं है जो जरूरत मुझे अभी है मुझे वही करना है अहमद यह हॉस्पिटल से उठा अहमद और सीधा कब्रस्तान इसको एहसास हो गया कि इससे ब्लंडर हुआ है इससे गलती क्या हुई गलती क्या हुई है सीधा कब्रस्तान गयाद और उसी दरख्त के पास दरख के पीछे उसने उस कबर की हड्डियां जो थी वो वहां एक पोटली में बांध के रखी थी इसने पूरी पोटली उठाई है कबर में रखी है और गर्गन को बुलाया है गर्गन आया बोला हां बोले इसको बंद कर दे फौरन बो क्या हुआ तेरा ड्रामा तेरी लसल तेरी फिल्म बोलो सब खत्म इसको बंद कर पहले उसके साथ मिलके स्लिप डलवाए मिट्टी डाली पूरी कबर को तैयार किया है पूरी कबर को बंद करने के बाद यह वहां खड़ा हुआ है इसने माफी मांगी कि हां मुझसे गलती हुई ये घर गया घर पर जाकर बैठा ही था अहमद किसको कॉल आती है देखता है नंबर अरे ये तो डायरेक्टर का नंबर है इसने यस किया बोला हां जी वहां से आवाज आ रही है हां भाई दिन करीब है तो तुम तैयार रहना य कहता है किस बात के लिए बोला अपने रोल के लिए बोला नहीं सर मैंने रोल नहीं करना मैं माफी चाहता हूं और इस किस्म का रोल तो कताई नहीं करना कि जिसमें मैं बोल ही नहीं पा रहा हूं और मैं लाश हूं मैं माजरा चाहता हूं इसने फोन बंद करके रखा है तौबा कर लि एक्टिंग से ओए होए तो जो लोग ऑब्जर्व करते हैं बिल्कुल करना भी चाहिए करना भी चाहिए लेकिन इस हद तक कि हम सारी हदें पार कर जाएं वो हदूद भी क्रॉस कर जाए कि जो हमको नहीं करनी है मतलब इस हद तक भी ऑब्जर्व ना करें जैसे पिस्तौल चलाने का सीन है तो किसी को मार ही नहीं मार देखेगा को न पहुचा दिया है ना ऐसा ही है तो बहुत ही इंटरेस्टिंग कहानी थी शेख साहब थैंक य और हमसे रिलेटेड थी तो हमें ज्यादा अच्छी लगी हां शेख साहब अब दूसरी कहानी अहमद अपनी ये दूसरी कहानी हम ये घड़ी की कहानी है घड़ी वल क्लॉक घर में तुमने देखे होंगे पुरानी जो घड़ियां होती है घर में वल क्लॉक लगे हुए होते हैं जिनमें पुरानी जो एंटिक टाइप की जो होती है घंटा भी चल रहा टंग टंग टाइम चल रहा है तो पूरी वल क्लक ये घड़ी की कहानी होता क्या है तुमने देखा होगा पुराने वक्त में अब तो वो टाइम नहीं है पुराने वक्त में ऐसा होता था कि लोग अपने घर से बाहर निकल के अपने चबूतरे पर बैठते थे धूप खाने के लिए और उसी धूप में व अखबार का मुताल करते थे पुराने लोगों तोय उसी जमाने की बात है अहमद अपने घर के बाहर बैठा हुआ एक शख्स अखबार पढ़ रहा है अखबार का मुताल कर रहा है कि इसकी गली में एक कबाडिया एंटर हुआ है कबाडिया एंटर हुआ है पुराना सामान जो लेते हैं ये उस टाइप का ठेला है उसका पुराना सामान गली में आवाज लगाता हुआ गुजर रहा है अब जहां ये बैठ के अखबार पढ़ रहा है इसके सामने से वो कबाडिया ठेला लेकर गुजर रहा है इसकी अचानक नजर पड़ती है उसके ठेले पर ठेले पर देखता है कि वल क्रॉक पड़ी हुई है ये उसको रोकता बोला रुको हां बोले यार ये ये घड़ी कहां से ली तुमने बोला भाई तुम्हें क्या पुराना सामान है मैं तो पुराना सामान लेता हूं कहीं से भी ली हो तुम्हें क्या है कहता नहीं भाई पुराना सामान लेते हो पुराना सामान तुम लेकर तुम बेचते भी तो होगे बोला मैं खरीद के आगे बेच देता हूं तो कहता मैं वही पूछ रहा हूं अगर मैं यह घड़ी तुमसे लेना चाहूं तो तो कहता नहीं कड़िया मना कर रहा है नहीं यह घड़ी नहीं बेचूंगा यह घड़ी तो मैंने अपने घर के लिए ली है एंटिक चीज है मैं अपने घर में लगाऊंगा व कहता है इसीलिए तो मैंने तुम्हें रोका है कि भाई यह घड़ी एंटिक लग रही है तुम मुझसे इसके पैसे ले लो कड़िया कह रहा है जब मैंने आपको मना किया कि मैंने बेचनी ही नहीं है घड़ी तुम कुछ और सामान ले लो मेरे ठेले पर और भी चीज पड़ी है व कहता नहीं कुछ और नहीं मुझे यही घड़ी चाहिए तो वो कहता है अच्छा बोले हां अब कबाड़ यह सोच रहा क्योंकि वो है ही कबाड़ी व य सोच रहा है कि अगर मुझे इसकी डबल कीमत मिल जाए तो मैं यह घड़ी इसको दे दूं वो उससे पूछता है अच्छा भाई तुम जिद कर रहे हो तो मैं यह घड़ी तुम्हें दे देता हूं लेकिन यह घड़ी की मैं तुमसे लूंगा 5000 वो कहता है यार पुरानी घड़ी 000 000 लो जान छोड़ो वो कहता नहीं 5000 दोगे तो उठाओ वरना छोड़ दो मैं जा रहा हूं इसने देखा बोला यार एंटीक घड़ी है जाने नहीं चा बोले खड़े रहो एक मिनट मैं तुम्हें लाके घर में गया पैसे लाकर उसके हैंड ओवर किए 5000 उसे दिया और वो घड़ी लेके जैसे ही जाने लगा तो कबाड़ी ने उसको रोका एक मिनट रुको यह घूमा बोला हां बोले तुमने घड़ी तो ले ली है लेकिन एक बात तुम्हें बताना जरूरी समझता हूं क रहा हां बोलो कहता जिसने मुझे यह घड़ी बेची है यानी जिससे मैंने यह घड़ी ली थी उसने मुझे एक बात की तबी की थी बोलता क्या कहता उसने मुझे यह कहा कि तुम इस घड़ी में रात के 12 नहीं बजने देना कह रहा मैं समझा नहीं क रहा समझ में तो मेरी भी नहीं आई थी कि वह जो मुझसे कह गया कि आप रात को 12 नहीं बजने देंगे 12 बजने से पहले इसका कांटा एक पे ले आएंगे डायरेक्ट एक बजाएंगे कड़िया कह रहा है कि भाई एक बजाएंगे और 12 क्यों नहीं बजने देंगे उसने बोला यह बात की बात तो कबाडिया कह रहा यही बात मैं तुमको समझा रहा हूं कि तुम इस घड़ी में 12 नहीं बजने देना रात 12 रात के 12 नहीं बजने देना डायरेक्ट 12 पर जैसे सुई जाने लगे तो आप इसका कांटा एक पर कर देना ध्यान रहे कि 12 नहीं बजे यह 12 बजे दोनों सुई मिले नहीं इस बात का ख्याल रहे जिसने यह घड़ी ली है उसने बोला हां हां ठीक है मैं समझ गया जान तो छुड़ाई कड़िया चला गया इसने घड़ी उठाई है अंदर गया है घड़ी बड़ी साफ कर रहा है बेहतरीन घर वालों को दिखाया देखो भाई अभी मैंने घड़ी घर वाले कह रहे हा भाई बड़ी मजेदार है अच्छी घड़ी है एंटिक पीस है अलग ही लगेगा बत जबरदस्त लगा हुआ है गड़ी वड़ी साफ करके इसने लटका दी अपने घर में देख रहा बोले हां यार अच्छी लग रही है अब ये जो घर के इसके जो मेंबर है घर के लोग इनको जाना है भाई के यहां तकरीब में इसका जो बड़ा भाई है उसके यहां तकरीब है इन सबको वहां जाना है सब घर वाले तैयार हो गए इससे कहा अरे भाई तुम तैयार नहीं हो रहे घर वालों ने बोला इससे कि तुम तैयार क्यों नहीं हो रहे इसने बोला नहीं आप लोग जाओ मेरी तबीयत सट नहीं है मैं मैं नहीं जा पाऊंगा घर वाले बड़े भाई की आ दावत में चले गए तमाम लोग यह घर में अकेला बाही है अब यह घर में है टाइम गुजर रहा है 11 बज गए रात के 11:30 बजे हैं अब 11:30 बजे हैं यह अपने घर में बैठा हुआ है टीवी चल रहा है ये टीवी के पास बैठा हुआ टीवी देख रहा है मजे से पौ बजे अब जैसे ही पौ बजे हैं अहमद तो जो घर में जो लाइटें जल रही थी वो लाइटों ने डिपर मारना शुरू कर दिया इसने देखा कि अचानक टीवी बंद हो गया और लाइट डिपर मार रही है घड़ी का कांटा चल रहा है 5 मिनट कम है अहमद 12 बजने में और घर के पर्दे वर्दे सारे शा शय हवाए चल रही है अचानक फूद बजता है फोन बजा इसने फोन उठाया इसकी बात हो रही है किससे बड़े भाई से बड़े भाई से शिकायत कर भाई तू नहीं आया सब घर वाले पहुंचे तू क्यों नहीं आया इसने बोला मैं कैसे आऊ बाहर तो आंधी चल रही है तो जानते हो इसका भाई क्या कह रहा है कह रहा तेरा दिमाग खराब हो गया क आंधी चल रही है कुछ नहीं सब माहौल सही है तू पागल हो गया है क्या इसने बोला नहीं भाई बाहर निकल के देखो आंधी चल रही है तेज हवाए चल रही है इसने बोला तेरा दिमाग खराब हो गया फोन बंद किया और य एकदम खड़ा खड़ा हो केर डायरेक्ट ये उठा है घड़ी के पास जाक इसने कांटा एक पे किया है बजाय इसके कि 12 बज जाते जैसे ही कांटा एक पे किया है इस नेमत सब चीजें मामूल पर आ गई जब इसका भाई बोल रहा था कि सब कुछ ठीक है हां कहीं आंधी नहीं आई तो उसको शक हुआ शक हुआ कि ये यहीं क्यों आंधी आई है यहीं आंधी क्यों आ रही है इसके दिमाग में फौरन वो आया कि इससे पहले कि 12:00 बज जाए ये उठा घड़ी का कांटा इसने डायरेक्ट एक पे किया है सारी चीजें मामूल पे आ गई उन पर्दों का हिलना वो हवाओं का आना वो बल्ब का डिपर मारना सब सेट हो गया घड़ी को मतलब एक बजाते ही एक बजाते ही अब यह घड़ी को देख रहा है इसने देखा कि मैंने कांटा एक पे किया सारी चीज अपनी जगह पर आ गई इसके दिमाग में आया कि शायद शायद यह घड़ी की ही वजह से होगा इसके दिमाग में है खैर रात गुजरी दूसरा दिन हुआ है अब जब दूसरा दिन हुआ है तो हसबे दस्तूर घर के तमाम लोग घर में मौजूद हैं रात हो रही है अहमद दूसरे दिन की रात है 11:30 बजे हैं घर के तमाम लोग घर में मौजूद हैं और जैसे ही पौ बजे हैं अहमद वही कल जो रात गुजरी है वही सीन रिपीट हुआ है आज की रात भी क्या कि पौ बजे घर के बल्बों ने डिपर मारना शुरू कर दिया है हवाएं तेज चल रही हैं यह अपने कमरे में बैठा हुआ है इसके बच्चे दौड़ते हुए कमरे में आए क्या अब्बू ये सब क्या हो रहा है ये कह रहा नहीं कुछ नहीं हो रहा तुम परेशान ना हो इसने बच्चों को इत्मीनान दिलाया है और ये दौड़ के गया है और इसने जाकर घड़ी का कांटा वापस एक पे किया है जब कांटा एक पे किया है अजबे दस्तूर सारी चीजें मामूल पे आ गई इसकी समझ में आ गया कि हो ना हो यह घड़ी में ही कुछ ना कुछ है वो तो अच्छा हुआ ये अपने आप से बात कर रहा है वो तो अच्छा हुआ कि मैंने 12 नहीं बजने दिए और 1200 बजे से पहले यह जो एंडडी गेट मुझे मिल रहा है अगर 12 बज जाते तो पता नहीं इससे ज्यादा और क्या हो सकता था इसके दिमाग में यही चल रहा है अहमद दिन निकला अब जब दिन निकला है तो यह गली के बाहर जैसा यह रोज बैठता है यह वैसे ही बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा है कबाडिया गुजर रहा है जैसे ही कबाड़ आया इसने कबाड़ को रोका बोले एक मिनट रुको कबाड़ बोला हां भाई क्या हुआ बोला तुम्हें याद है मैंने तुमसे जो घड़ी ली थी बोले हां मैं कैसे भूल सकता हूं याद है मुझे बोला मुझे यह बताओ कि वो जो तुमने मुझसे कहा कि 12 नहीं बजने देना मैंने तो 12 नहीं बजने दिए लेकिन तुमसे किसने कहा था कि इसमें 12 नहीं बजने देना बोला वो जिससे मैंने घड़ी ली बोला दिखाओ मुझे वह शख्स मुझे वहां लेकर चलो जहां से तुमने यह घड़ी ली है नहीं तो मैं तुम्हारे साथ बहुत बुरा करूंगा अब वो कबाडिया अब वो जो कबाडिया है वो तो गरीब आदमी है उसने बो बोला भाई मेरे साथ कुछ करने की जरूरत नहीं क्योंकि वो घड़ी मेरी थोड़ी है आओ जिसकी घड़ी है मैं तुम्ह उसके घर लेकर चलता हूं अहमद इसने अपना ठेला वहीं साइड में खड़ा किया है और कबाडिया और वह आदमी वो दोनों गए हैं उस घर पर जहां से वह घड़ी इन्होंने ली है कबाड़ ने कबाड़ ने बताया कि यह घर है मैं जाऊं बोले अब तू जा मैं खुद नि मट लूंगा कबाडिया वहां से निकला है अब इसने दरवाजा बजाया है कोई रिप्लाई नहीं मुसलसल दरवाजा बजा रहा है अंदर से कोई भी नहीं आ रहा इसने बाहर से उस हवेली का नक्शा देखा है तो वह हवेली इसको बाहर से यानी वह हॉरर टाइप की लग रही है उसका मंजर दिन में ड्रॉना लग रहा है वो कह रहा है यार मैं मुसलसल बजा रहा हूं और कोई आ भी नहीं रहा यह उस हवेली से वापस अपने घर आया है डर के मारे डर के मारे कि दिन में वह हवेली इतनी मुझे ड्रॉनी लग रही है जब बाहर से इतनी खौफनाक लग रही है तो अंदर से कैसे होगी और बैल बजाने प कोई आ भी नहीं रहा कोई आ भी नहीं रहा ये अपने घर वापस आया है अब चूंकि ये जागा हुआ है दो दिन का और इसी कशमकश में है अगर सोता हूं कहीं ऐसा ना हो कि मैं सो जाऊं और मेरे पीछे पूरा घर सो जाए यही सोच के घड़ी के चक्कर में यह दो दिन से सोया नहीं ये सोच रहा है कि मैं सो जाऊं और कहीं 12 ना बज जाए 12 ना बज जाए अब यही सोच के ये बैठा हुआ अहमद और घड़ी की तरफ इसकी नजर है यह सोच रहा है कि घड़ी में अगर 12 बजते हैं ऐसा क्या है इस घड़ी में कि 12 नहीं बजना चाहिए यह बैठा हुआ है और नदगी में है क्यों कि जो मुसलसल जागा हुआ हो अहमद लोग तो अगर जागे हुए हो तो ड्राइव करते हुए सो जाते हैं हां गाड़ी चलाते सो जाते और दो दिन से जागा हुआ सो दो दिन से जागा हुआ है ये बैठा इसने टे लिया है अहमद और जरा सा टेक लिया है और नदगी में आ गया है और इसकी आख लग गई और जानते हो जानते हो टाइम क्या हो रहा है क्या टाइम पौने बजे का टाइम है और इसकी आंख लग गई है अहमद अब जब आंख लग गई है तो जानते हो टाइम क्या हो रहा है क्या पौने बजे का टाइम हैद और इसकी आंख लग गई है उस वक्त जिस वक्त इसको सोना नहीं था और इसने टेक लिया है इसकी आंख लग गई हसबे दस्तूर वही काम जो पौ बजे इसके साथ हो रहा था अब चूंकि यह तो सो रहा है इसको पता नहीं क्या हो रहा है इसको नहीं पता कि पीछे क्या हो रहा है प बजे घर के वही बल्ब उन्होंने इंडिकेट करना शुरू कर दिया वही पर्दे चलना शुरू हो गए तेज हवाएं चल रही है और यह सो गया है 12 बज चुके हैं अब 12 बज गए 12 बज ने के बाद जैसे ही इसने झटके से आंख खोली अरे कहीं 12 तो नहीं बज गए इसने आंख खोली है तो घड़ी की सुई 12 क्रॉस कर चुकी है यह उठा कि मैं घड़ी को एक बजे पर ले जाऊं यह जैसे ही घड़ी की तरफ बड़ा है अहमद तो इसको पीछे से किसी ने हाथ रखा इसके कंधे के ऊपर बोला ठहरो यह रुक गया वही क्या हुआ कता कहां जा रहे हो कहां जा रहे हो जिस वक्त तुम्हें जाना था वह वक्त गुजर गया तुमने 12 बजा दिए और 12 बजे और मैं आजाद हो गया वो कहता है मैं समझा नहीं जिस वक्त तुम्हें उठना था उस वक्त तुम सो रहे थे यानी 12 बज चुके अब तेरा घड़ी बंद करने का या एक बजाने का कोई फायदा नहीं यह जैसे ही घूमा है घूम के क्या देखता है कि कद्दावर शख्स इसके सामने खड़ा हुआ है वो उसको ऐसे करके देख रहा है कि तुम कौन कहता हां मैं बताता हूं कि मैं कौन मैं मैं वो हूं जो इस घड़ी में कैद था कहता क्या मतलब कहता है मैं जिन हूं और मुझे इस घड़ी में कैद कर दिया गया था और यह बोल के कि अगर कभी इसमें 12 बजेंगे तो तू आजाद होगा वरना यह घड़ी जिसके पास भी होगी वो इसमें 12 नहीं बजने देगा और यह गलती तुझसे हुई कि तूने 12 बजने दिए और मैं आजाद हो गया लिहाजा तू मेरी आजादी का कारण है तू मेरी आजादी की वजह बना मैं तुझे कुछ नहीं कह रहा लेकिन लेकिन एक बात याद रहे कि कल रात 12 बजे मैं फिर आऊंगा लेकिन तू यहां मौजूद नहीं हो मैं तुझे यहां ना देखूं कल 12 बजे से पहले पहले अपनी फैमिली को लेकर भी चला जा वरना वरना मैं तेरी फैमिली के साथ साथ तेरे पूरे खानदान को नुकसान पहुंचा ंगा इतना बोल के वह शख्स गायब हो गया है अब यह सखते में बैठा हुआ है कि यह क्या हुआ और घड़ी को देख रहा है कि यह मैंने क्या अजाब ले लिया वह देख लिया कि जो उस घड़ी से आजाद हुआ इसके साथ रात में यह सीन हुआ यह सहमा हुआ है डरा हुआ है और घर वालों को बता भी नहीं सकता कि किस कंडीशन में व हम यहां रह अब यह सारा दिन दूसरा दिन जब गुजरा है सारा दिन बैठ के ये सोच रहा है कि अब करना क्या है व तो रात को 12:00 बजे फिर आएगा और अगर उसको मैं यहां मिला बकौर उसके कि वह नुकसान पहुंचाएगा मुझे क्या करना चाहिए यह बैठा हुआ सोच रहा है तमाम घर वाले यह सोच रहे हैं कि आपको क्या हुआ बताते क्यों नहीं कहता नहीं कुछ नहीं तुम परेशान ना हो घर वालों को इत्मीनान दिला रहा है लेकिन खुद परेशान है अहमद अब जैसे जैसे शाम ढल रही है रात हो रही है यह यही सोच रहा है कि मुझे क्या करना है यह बैठा हुआ है अहमद 11 बज गए 11 बज गए और जैसे ही 11:30 बजे हैं अहमद इसने सोचा कि 1200 बजे वह आ जाएगा इससे पहले कि वह आए यह अपने घर से उठा है 11:30 बजे उस हवेली की तरफ भागा है जिस हवेली में से उसने वह घड़ी कबाड़ ने ली थी यह उस घर की तरफ पहुंचा इसने वहां जाक दरवाजा बजाया तेज तेज कोई ना निकला यह उस घर की दीवारें टॉप के अंदर चला गया है अब जब यह उस हवेली के अंदर गया है तो जैसे-जैसे यह कदम बढ़ा रहा है अहमद हवेली के मेन दरवाजे के लिए वैसे-वैसे इसका दिल धकधक कर रहा है पूरी हवेली अंधेरा गुप्त है अहमद लेकिन सिर्फ अंदर एक लाइट जलती हुई इसको नजर आ रही है बाहर से कि कुछ अंदर रोशनी है ये बगैर किसी को आवाज दिए ये सीधा हवेली के अंदर चला गया और उस कमरे तक चला गया है जिस कमरे में वह लाइट जल रही है और जानते हो क्या देखता है यह छुप के देख रहा है कि पूरे कमरा रेड कलर की लाइटों से जगमग हुआ हुआ है पूरी हवेली में एक कमरा जिसमें रेड कलर की लाइट जल रही है और देख रहा है कि एक शख्स बैठा हुआ है जिसका मुंह उस तरफ है और जिस तरफ उसका मुंह है वहां सामने कोई 20 2 घड़िया लगी हुई है अहमद उसी टाइप की घड़ी जो इसके घर घर में लगी हुई इसने छुप के देखा इसको बड़ी हैरत हुई कि ये यह तो वही घड़ियों की तरह है जो मेरे पास है पौ बजे यह वहीं छुप के सारा मंजर देख रहा है और वो जो शख्स जिसका मुंह उस तरफ है वो घड़ियों की तरफ है अहमद जैसे ही पौ बजे हैं यह जो बैठा हुआ शख्स अपनी जगह से उठा है उठने के बाद उसने वो तमाम घड़िए बजा इसके के 12 बजते उसने तमाम घड़िया एक बजा दी वो जितनी घड़िया लगी हुई थी उन घड़ियों में उसने एक बजा दिया और वापस आके अपनी जगह पर बैठ गया है यह सारा मंजर पीछे से छुप के देख रहा है इसने देखा कि इसने भी वह घड़ियां जो लगी हुई हैं 1 बजे की तरफ कर दी आखिर यह माजरा क्या है यह उठाए मत और इसकी तरफ आ रहा है जो शख्स बैठा हुआ है यह आया और उसके पीछे आकर आवाज देता है कि सुनो यह जो बैठा हुआ शख्स है इसने यह महसूस किया कि इसको पीछे से किसी ने आवाज दी है अहमद यह बैठा हुआ शख्स जैसे ही घूमा है तो जानते हो वह जो आया है इसके घर में उसने इसको देखा और उसकी जान निकल गई यह देख के कि वह शख्स घूमा उसकी रेड आंखें अहमद एक भयानक चेहरा उसका इसने उसको देख चीख मार के भागने लगा है और जैसे ही भागता है तो वह बैठा हुआ शख्स कहता है ठहरो भागना नहीं रुक जाओ मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पंचांगा मुझे सिर्फ यह बताओ कि तुम यहां क्या लेने आए थे बस यह शख्स इससे कह रहा है कि मैं कुछ लेने नहीं आया था मैं तो अपनी परेशानी आपसे बयान करने आया था कि शायद मुझे आप कोई मशवरा दे सके कहता किस किस्म का मशवरा कहता है आपके हुलिए से मुझे लग रहा है कि आप इंसान नहीं है वो कहता है हां मैंने कब कहा कि मैं इंसान हूं मैं इंसान नहीं हूं मैं एक जिन हूं तुम्हें क्या परेशानी है कहता मुझे परेशानी होगी ना परेशानी यह कि यही एक घड़ी मेरे पास मेरे घर में लटकी हुई है और जब मेरे घर में इत्तफाक से मेरी आंख लग गई और 12 बज गए तो इस घड़ी में से जिन नम उदार हुआ है और वो कहता है कि मैं इसमें कैद था क्या यह सही है तो यह जिन जो यहां मौजूद है वो कहता है हां सही है वो जो जिन निकला है वो सही निकला है क्यों कि वो जो जिन निकला है वो कोई और नहीं वो मेरा बेटा है यह शख्स खड़ा हुआ कह रहा है कि क्या कह रहे हैं आप वो आपका बेटा कैसे हो सकता है कहता क्यों नहीं हो सकता जिन का बेटा जिन ही होगा और कौन होगा व कहता हां यह तो मैं समझ गया कि जिन का बेटा जिन होगा लेकिन व उस घड़ी में क्या कर रहा है तो यह वाला जिनसे कह रहा है उसको मैंने उस घड़ी में कैद किया था वजह वजह यह थी कि वह इंसानों को परेशान कर रहा था वह अपनी हद क्रॉस कर रहा था मेरे लाख समझाने के बावजूद वह अपनी ताकत का नाजायज इस्तेमाल कर रहा था तो मैंने मैंने उसे बहुत समझाया लेकिन जब उसकी समझ में ना आया तो मैंने उसको उस घड़ी में कैद किया है तो यह शख्स उससे कह रहा है कि उसने मुझसे कहा है कि अगर मैं वह घर खाली ना करूं और अपने घर वालों को कहीं लेकर ना जाऊं तो वो मुझे भी नुकसान पहुंचाएगा और मेरे खानदान को भी तो यह वाला जिन इससे कहता है कि तुम परेशान ना हो चलो चलो मैं तुम्हारे साथ चलता हूं 12 बजने वाले हैं अहमद यह शख्स इसको दौड़ता हुआ अपने घर लेकर गया है घर गया है और जाकर घर में बिठाया उसको कहां उसी घड़ी के सामने इसको बिठा दिया है और 12 बजने वाले हैं अहमद जैसे ही 12 बजे हैं वह शख्स उस घड़ी के साथ ही नमूद हुआ है और कहता है हां तू गया नहीं ये चुप बैठा हुआ है घड़ी के सामने यह जो बैठा हुआ शख्स है जिसके घर में वह घड़ी लगी हुई है वह उससे मुखातिब है कि तू अभी तक गया नहीं तो क्या देखते हैं कि पीछे से वह शख्स नमूद हुआ जो इसका बाप है इस जिन का जो बाप है वह उससे कह रहा है कि यह क्यों जाएगा यहां से उसने उसको देखा कि आप यहां क्या कर रहे हैं कहता बस हो गया बहुत हो गया इसकी आंख क्या लगी तू यह समझा कि तू आजाद हो गया ऐसा नहीं है मैंने तुझे पहले भी समझाया था कि तू कोई गलत काम ना करे इसीलिए तुझे कैद किया था और फिर तू आजाद होते ही वह काम कर रहा है जो तुझे नहीं करना जिस शख्स ने तुझे आजाद कर दिया या जिसकी वजह से तू आजाद हो गया तूने उसी को कहा कि वह घर खाली कर दे वो अपना घर क्यों खाली कर दे अरे तू इसका घर खाली कर दे अहमद वो जो जिन घड़ी से निकला था यह उसका बाप बोल रहा है उससे वो कहता है अब्बा तुम बीच में से हटो यह मेरा और इसका मामला है वो कहता है नहीं तेरा और इसका मामला नहीं है यह मेरा और मेरी पूरी बिरादरी का मामला है यानी जिन्नात बिरादरी का मामला है मैं तुझे ऐसा हरगिज नहीं करने दूंगा अहमद बस उसकी तरफ इशारा करके मुट्ठी बंद की है और जिसका यह घर है उससे कहता है तुम परेशान ना हो वो यह रहा मेरे हाथ में और यह घड़ी उतार के मुझे दो वह जाता है घड़ी उतार के करीब लाता है और उस शख्स ने वापस उसको घड़ी में कैद किया है यानी इसके बाप ने जिन के बाप ने उसको दोबारा उस घड़ी में कैद किया है और कहता है तुम्हारी जान छूट गई वो घड़ी लेता है और कहता है इस घड़ी की जगह जो है वही जगह है जहां वह घड़ियां दूसरी लटकी हुई है यह वहीं की चीज है जहां मैं ले जा रहा हूं व घड़ी उठाता हैद और वह वहीं अपने घर ले गया यानी इसकी मुति हुई यह देख के के घड़ी भी गई मुसीबत भी गई और इसकी जान छूटी यह घड़ी की कहानी थी यानी उस घड़ी में उसको कैद किया हुआ था और समझ नहीं आ रहा कि इस तरह की जो चीजें होती हैं वो उनको हम ऐसी चीजों में भी कैद कर सकते हैं बिल्कुल कर सकते हैं अहमद उसकी वजह यह है कि यह जो चीजें होती हैं हम जो करने वाले लोग हैं वो बेहतर समझ सकते हैं कि किसकी जगह कहां मुनासिब है और ऐसा ही है कि उसके बाप ने यही सोच के उसको घड़ी में कैद किया लेकिन उसके पीछे कारण यह रख दिया कि 12 बजेंगे तो तू आजाद हो जाएगा और जिसके पास भी वो घड़ी जाएगी उससे यही कहा जाएगा कि कि इसमें 12 नहीं बजने देने वरना तेरे 12 बज जाएंगे ओए होए होए होए शेख साहब बहुत ही इंटरेस्टिंग स्टोरी और मैं यहीं पे शो को खत्म करूंगा क्योंकि मैं इस कहानी के सुरूर में रहना चाहता हूं और मैं इसको इमेजिन करना चाहता हूं और हमेशा ये कहता हूं कि अगर इसी तरह की कोई भी कहानी अल्लाह ना करे आपके साथ हुई या आपने किसी से सुनी तो आप लोग हमसे शेयर कर सकते हैं अहमद खान मेरा ऑफिशियल शेख साहब अल्लाह हाफिज कट

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