1 फरवरी 2003 को नासा का कोलंबिया स्पेस शटल अपना मिशन खत्म करके वापस अर्थ के एटमॉस्फेयर में रीएंट्री कर रहा था इस स्पेस शटल में सात क्रू मेंबर थे जिसमें इंडिया की एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला भी थी और यहां पर इनकी जिंदगी के आखिरी पल शुरू हो गए थे अर्थ के एटमॉस्फेयर में एंटर होते हुए स्पेस शटल की स्पीड थी 28000 किमी पर आ यह स्पेस शटल बहुत पुरानी थी जिसको 27 बार पहले भी मिशन में इस्तेमाल किया जा चुका था स्पेस शटल का क्रू नासा के कंट्रोल सेंटर से राब में था तो अचानक स्पेस शटल में बैठे रिक हस्बैंड की आखिरी अल्फाज सुनाई देते हैं रॉजर इस स्पेस शटल में बहुत ही खौफनाक धमाका होता हैया हनक और टैक्सीस में बैठे लोगों को आसमान में कुछ यह दिखाई देता है स्पेस शटल के आसमान में टुकड़े हो जाते हैं और वह जमीन पर गिरना शुरू हो जाते हैं प्रेसिडेंट रोनाल्ड रेगन पूरे अमेरिका को यह बुरी खबर सुनाते हैंब गनेस टू आ कंट्री द कलया देर आर नो सरवाइवर्स नासा को स्पेस शटल के अर्थ पर वापस आने के 16 दिन पहले से पता चल गया था कि यह स्पेस शटल वापस आते हुए तबाह हो सकती है लेकिन फिर भी स्पेस शटल के क्रू को यह बात नहीं बताई गई उस आखिरी पांच मिनटों में ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से यह डिजास्टर हुआ आओ देखते हैं ईयर 2000 में कल्पना चावला को अपने दूसरे मिशन एसटीएस 107 के लिए छह और लोगों के साथ सेलेक्ट किया जाता है जो इनका आखिरी मिशन मिशन होने वाला था इस मिशन के लिए कोलंबियन स्पेस शटल को चुना जाता है इस स्पेस शटल की खास बात यह थी कि इसको लॉन्च तो रॉकेट की मदद से किया जाता था स्पेस में रास्ते में यह रॉकेट बूस्टर और फ्यूल टैंक इस स्पेस शटल से अलग हो जाते हैं और यह शटल स्पेस में एंटर हो जाती है एक चीज आप सोच रहे होंगे कि वो जो रॉकेट अलग हुए थे वो अगर जमीन पर गिरेंगे तो वो तो तबाह हो जाएंगे ऐसा होता नहीं है उनमें पैराशूट लगे होते हैं जिसकी मदद से व बगैर किसी नुकसान के नीचे आ जाते हैं मिशन के बाद जब इस स्पेस शटल ने वापस अर्थ पे आना होता है तो ये बड़े आराम से एरोप्लेन की तरह एयरपोर्ट के रनवे पर उतर जाती है इसका मतलब समझ रहे हो कि यह स्पेस शटल रीयूज बल थी यानी एक स्पेस शटल को बार-बार स्पेस में भेजा जा सकता था जिस स्पेस शटल में कल्पना चावला ने स्पेस में जाना था वो बहुत ही पुरानी स्पेस शटल थी जिसको पिछले 20 सालों से नासा यूज कर रहा था यह स्पेस शटल पहले 27 बार स्पेस में होकर आ चुकी थी इस स्पेस शटल ने 11 जनवरी 2001 को स्पेस में जाना था लेकिन टेक्निकल फॉल्ट की वजह से इस मिशन को एक बार नहीं दो बार नहीं तीन बार नहीं बल्कि पूरे 13 बार डिले किया जाता है 2003 में सात लोगों का क्रू जिसमें कल्पना चावला भी थी इस स्पेस शटल को स्पेस में लॉन्च कर दिया जाता है बड़े ही सक्सेसफुल तरीके से यह स्पेस शटल स्पेस में एंटर हो जाती है इन्होंने तकरीबन 16 दिन स्पेस में गुजारने थे वैसे आप सोच रहे होंगे कि ये लोग करने क्या गए थे स्पेस में इन्होंने 80 से भी ज्यादा एक्सपेरिमेंट्स को परफॉर्म करना था स्पेस में उन क्रिएचर्स पे जिनको यह अपने साथ अर्थ से लाए थे ये लोग मछलियां चूंट आं शहद शद की मक्खी सिल्क वन स्पाइडर्स को लेकर आते हैं यह देखने के लिए कि यह ऑर्गेनिस्ट म जीरो ग्रेविटी में किस तरह परफॉर्म करते हैं 16 दिन तक इस स्पेस शटल का क्रू एक्सपेरिमेंट परफॉर्म करता है वेटलेसनेस की स्टेट को एंजॉय करते हैं और अपने प्यारों से अर्थ पर कम्युनिकेशन करते हैं अर्थ की ये ऊपर से पिक्चर्स और वीडियोस भी बनाते हैं जमीन की पानी की मौसम के फिनोमिना को अच्छी तरह अंडरस्टैंड करने के लिए लेकिन इनको यह नहीं पता था कि आगे बहुत बड़ा खतरा इनका इंतजार कर रहा है इन लोगों के स्पेस में 16 दिन गुजर गए थे और 1 जनवरी 2003 को इस स्पेस शटल ने अर्थ पर वापस आना था सुबह 8:1 पर फ्लाइट कंट्रोल की टीम क्रू को ग्रीन सिग्नल देती है कि वह लोग अर्थ के एटमॉस्फेयर में रीएंट्री कर सकते हैं 8:4 पर कोलंबिया अर्थ के एटमॉस्फेयर में रीएंट्री मारता है क्रू केनेडी स्पेस सेंटर फ्लोरिडा में लैंडिंग करने के लिए प्रिपरेशन करता है इस टाइम तक सब कुछ नॉर्मल होता है और अंदर बैठे क्रू मजे में बातें कर रहे होते हैं 8:4 पर कोलंबिया 30000 किमी पर और की स्पीड से जमीन से 76 माइल्स की हाइट पर कैलिफोर्निया के वेस्ट साइड पे पैसिफिक ओशियन के ऊपर वाली साइड पर होता है इस पॉइंट पर स्पेस शटल का टेंपरेचर 2000 डि था 8:4 पर पहली मुसीबत सामने आती है स्पेस शटल का लेफ्ट विंग बहुत ही एनॉयड दिखाना शुरू कर देता है लेकिन अभी भी कंट्रोल सेंटर को कुछ नहीं पता था कि उधर सिचुएशन कितनी खराब है 852 मिनट पर लेफ्ट विंग के हाइड्रोलिक सिस्टम सेंसर्स की रीडिंग भी गायब हो जाती हैं इस टाइम पर यह स्पेस शटल 28000 किमी की स्पीड से कैलिफोर्निया के साहिल के ऊपर से गुजर रहा था 8:5 पर टेंपरेचर और टायर रीडिंग्स भी गायब हो जाती हैं लेकिन यह स्पेस शटल डिसेंड करती रहती है 8:5 पर स्पेस शटल का सेंसर शो कर रहा था कि इसके लेफ्ट विंग पर बहुत ज्यादा प्रेशर बढ़ गया है 8:5 199 पर कैप्टन रिक हस्बैंड के आखिरी वर्ड सुनाई देते हैं कंट्रोल सेंटर में रॉजर इस स्पेस शटल का कनेक्शन कंट्रोल सेंटर से टूट जाता है इस पॉइंट पर स्पेस शटल का टेंपरेचर 1500 डि होता है और लेफ्ट विंग के मटेरियल शटल से उतरना शुरू हो गए थे यहां पर हो क्या रहा था इस बात का क्रू को कोई आईडिया नहीं था लेकिन नासा को यह पता था कि इनके साथ यह होगा वो भी पूरे 16 दिन पहले असल में होता यह है कि जब 16 दिन पहले इस स्पेस शटल को स्पेस में लॉन्च किया जा रहा था तो एक्सटर्नल टैंक का एक इंसुलेशन फर्म का टुकड़ा स्पेस शटल के लेफ्ट विंग से बहुत जोर से टकराता है इस फम का वेट तकरीबन 1 किलो था और 700 किमी पर और की स्पीड से ये स्पेस शटल के लेफ्ट विंग से टकराता है जिसकी वजह से उस जगह काफी बड़ा सुराख हो गया था कोई भी ऑब्जेक्ट दब स्पेस से अर्थ के एटमॉस्फेयर में एंटर करता है बेशक वह कोई पत्थर हो या कोई एस्टेरॉइड तो फ्रिक्शन और ग्रेविटी की वजह से उसका टेंपरेचर हजारों डिग्री तक चला जाता है इस स्पेस शटल के केस में स्पेस से अर्थ में रीएंट्री करते हुए इसका टेंपरेचर भी बढ़ना था तो इस स्पेस शटल को इंतहा हीट से बचाने के लिए इसमें बाहर वाली साइड पर थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम लगा हुआ था यह एक लेयर है जो बाहर की तरफ से पूरी स्पेस शटल पर कोट होती है जब वो फम का टुकड़ा 700 कि मीटर पर और की स्पीड से शटल के लेफ्ट विंग पर हिट करता है तो यह इंसुलेशन लेयर डैमेज हो जाती है और विंग में सुराख हो जाता है जब यह स्पेस शटल रीएंट्री कर रही थी तो खुद बताओ 30000 किमी पर आवर की स्पीड थी स्पेस शटल की और 2000 डिग्री तक तो टेंपरेचर था बाहर का इसको ऐसे इमेजिन करो कि तूफान से बचने के लिए हमारे पास छतरी नहीं है बस यहां पर फर्क ये है कि तूफान आग से बना हुआ है वो सुराग बढ़ता गया और विंग से सारा मटेरियल उड़ता गया इन दी एंड सारे सेंसर्स फेल हो जाते हैं 9:00 बजे स्पेश टल में धमाका हो गया था टैक्सीस में बैठे लोगों को आसमान में आग से बनी हुई एक बड़ी सी टेल नजर आ रही थी फिर उसके दो टुकड़े हो गए थे और उसके बाद वह मजीद और टुकड़ों में बिखर जाती है एंड में यह टुकड़े जमीन पर गिरना शुरू हो गए थे कबि प्रेशर डिस्टर्ब होने की वजह से अंदर बैठे क्रू की मौत कुछ ही सेकंड्स में हो गई थी जिसका मतलब यह था कि जब यह कोलंबिया स्पेस शटल टूटकर बिखर रहा था तो क्रू को ये डैमेजेस सहने नहीं पड़े इसके बाद इन्वेस्टिगेशंस होती है कि नासा को 16 दिन पहले पता था इस डैमेज के बारे में तो उन्होंने इसको टैकल करने के लिए कोई इंतजाम क्यों नहीं किए यह बात सामने आती है कि नासा के कुछ इंजीनियर्स ने फर्म स्ट्राइक के दो दिन बाद ही इस पूरे एसटीएस प्रोग्राम के मैनेजर रॉन डी डेटम को बोला था कि हम लोग अपनी स्पाय सैटेलाइट की मदद से डैमेज का पता लगा लेते हैं कि वह कितना ज्यादा सवेर है लेकिन उन्होंने इस रिक्वेस्ट को मना कर दिया था इसी वजह से जब यह डिजास्टर हुआ था तो इन्होंने अपनी गलती भी मानी थी और अपनी पोजीशन से रिजाइन कर दिया था इस डिजास्टर में मरने वाले लोगों को ट्रिब्यूट देने के लिए नासा ने जो लैंडिंग की थी मार्स पर उस जगह का नाम ही कोलंबिया मेमोरियल स्टेशन रख दिया था और साथ ही यह लोग स्पेस में घूमने वाले कुछ एस्टेरॉइड्स के नाम भी इस क्रू के नाम पर रख देते हैं कल्पना चावला की स्पेस शटल वैसे तो स्पेस से अर्थ में वापस आ गई थी लेकिन हमारी हिस्ट्री में एक ऐसी लड़की भी है जो स्पेस में गुम हो गई थी उस लड़की के साथ स्पेस में क्या हुआ था उस पर मैंने यह वाली वीडियो बनाई है आपको हाईली रिकमेंड करूंगा कि आप जरूर देखना मिलते हैं फिर स्पेस में उसके पास थैंक्स फॉर वाचिंग