जय हिंद दोस्तो वंदे मातरम वो कहते हैं कि जब किसी की मदद करो तो कम से कम ऐसे करो कि वो मदद सामने वाले के काम तो आए दरअसल बीसीसीआई की इस समय चारों तरफ थूथू हो रही है क्योंकि बीसीसीआई ने अफगानिस्तान से वादा किया था कि हम आपको होम ग्राउंड मुहैया कराएंगे आप न्यूजीलैंड के सात में टेस्ट मैच खेलिए और उस ग्राउंड के ऊपर से अव्यवस्था की जो तस्वीरें निकल कर सामने आई उन तस्वीरों को देखने के बाद में लिटरली लगता है कि यार इससे तो मदद ना ही करी गई होती तो शायद बेहतर होता मतलब ग्राउंड गीला होने के के बाद में उसको एक पेडेस्ट्रियन फैन के साथ में एक कर्मचारी वहां पर सुखाता हुआ दिखाई दे रहा है कई सारे आर्टिकल्स में तो यह तक क्लेम किया जा रहा है कि अ जो अधिकारी हैं जो ऑफिशियल हैं अफगानिस्तान क्रिकेट के उनका यह कहना है कि भाई अब हम यहां पर खेलने के लिए शायद दोबारा नहीं आएंगे हां मैं जान सकता हूं समझ सकता हूं कि भाई भारत ने बहुत मदद करी है अफगानिस्तान की बट यह जो चीज हुई है यह आप एक इंटरनेशनल क्रिकेट मैच में कर रहे हैं आप कोई प्रैक्टिस मैच में नहीं कर रहे हैं आप कोई घरेलू मैच में नहीं कर रहे हैं ये इंटरनेशनल लेवल का मैच था जिसमें कि यह हरकत हुई है तो जाहिर सी बात है दुनिया भर के सामने आपकी चिले दार तो होनी है दरअसल जो खबर निकल कर सामने आ रही है उससे पता चल रहा है कि ग्रेटर नोएडा में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच में टेस्ट मैच के दूसरे दिन भी खेल हो ही नहीं पाया और स्टम्स की घोषणा कर दी गई हद तो यह रही कि गीली आउट फील्ड के लिए कई तरह की जुगत लगाते हुए वहां के ऑफिशियल दिखाई दए और इसके बाद भी ये मुकाबला शुरू नहीं हो पाया अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच में ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में घटिया जल निकासी गीली आउट फील्ड और लिटरली दया आज ऐतिहासिक एकमात्र टेस्ट मैच दूसरे दिन भी शुरू नहीं हो पाया पहले दिन एक भी गेंद फेंके बिना यह मैच रद्द कर दिया गया था पहले दिन का और देखिए हो सकता है इंडिया के लिए यह बस कोई एक मैच कराने जैसी बात हो बट अफगानिस्तान का सोचिए जिनके पास में एक शायद लाइफ टाइम की अपॉर्चुनिटी थी कि वो ब्लैक कैप्स के सामने एक टेस्ट मैच खेलते दरअसल उम्मीद थी कि अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच में ये ऐतिहासिक स् होगा लेकिन ये खिलाड़ियों के लिए अब तक सिर्फ और सिर्फ एक बहुत बड़ा टॉरस मैं कहूंगा पूरा माहौल साबित हुआ है अफगान खिलाड़ी परेशान है निराश है जबकि न्यूजीलैंड के खिलाड़ी स्टेडियम की स्थिति को देखकर हैरान है कि यार क्या हम वाकई में इंडिया में मौजूद हैं आयोजक अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए बेसिक फैसिलिटी भी मुहैया नहीं करवा पाए सबसे शर्मनाक बात तो यह गीली आउटफील्ड के कारण पूरा दिन धुल जाने के बाद ग्राउंड स्टाफ ने मिडो के पास दो से तीन फीट की खुदाई कर डाली उन्होंने जो जिस एरिया में पूरा इफेक्ट हुआ था उस एरिया में सूखी मिट्टी और नकली कर डाली लेकिन यह तैयार दिख नहीं पाया पूरा का पूरा आउट के लिए कहीं से कहीं तक भी सूटेबल दिखाई नहीं दे रहा कीचड़ से भरा हुआ है इससे खिलाड़ियों को चोट लगने का पूरा डर है आप कितना ही यहां पर खाना पूर्ती कर ले आप इसको सुधार ही नहीं सकते भले ही यहां पर जो गेम है वह पॉसिबल बनाने के लिए अस्थाई व्यवस्था कर दी गई हो लेकिन जो इंफॉर्मेशन सामने आ रही उसके मुताबिक ग्राउंड स्टाफ में करीब-करीब 20 से 25 मेंबर्स हैं 15 आउटसोर्सड हैं मैदान में पांच सुपर सॉपर भी हैं जिनमें से दो ऑटोमेटिक और तीन मैनुअल है यहां तक कि कवर और पंखा भी टेंट हाउस से किराए पर ये लोग लेकर आए थे इ सब कुछ होने के बावजूद भी यहां पर एक बात साफ है कि जो आयोजक हैं वह बारिश के लिए कहीं से कहीं तक भी तैयार ही नहीं थे उनके पास पूरे मैदान को कवर करने के लिए बुनियादी संसाधनों की कमी थी पन्नी तक नहीं थी भैया दोनों टीमों के खिलाड़ी कंडीशंस को देखकर इतने आश्वस्त थे कि दूसरे दिन वो लोग होटल में ही रुके रहे वहां से बाहर ही नहीं निकले इस लापरवाही भरे रवैए के कारण जो आयोजक स्थल के लिए बुरी खबर आ सकती है वो वाकई में बहुत बुरी है दरअसल इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल इस मैदान को इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए अनफिट मान सकती है स्टेडियम में कैटर्स को अपने बर्तन धोने और खाने बनाने के लिए वॉशरूम के नल के पानी का इस्तेमाल करते तक देखा गया था स्टेडियम में हाइजीन की सिचुएशन ने भी बहुत बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं वहीं अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी मिस मैनेजमेंट की इस बार पुष्टि कर डाली है दोनों देशों के बीच पहले टेस्ट की तैयारी बारिश से प्रभावित हुई थी और न्यूजीलैंड एक भी प्रैक्टिस सेशन ठीक से पूरा नहीं कर पाया था संडे रात को बूदा बांदी के अलावा सोमवार को पूरा दिन बारिश नहीं हुई लेकिन मॉडर्न सुविधाओं की कमी के कारण और मैदान के जो कर्मी थे वो एक्सपीरियंस ना होने के कारण मैदान तैयार करने में इतनी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा कि वो तैयार ही नहीं हो पाए दरअसल इस बीच में मिड ॉन और मिड विकेट सबसे बड़ा चिंता का सब्जेक्ट बन गया है जबकि जो 30 गज का घेरा होता है उसके अंदर भी पानी के कई सारे पैचेज नजर आ रहे थे मैदान कर्मियों ने मैदान को सुखाने के लिए टेबल फैन का इस्तेमाल किया आधुनिक सुविधाओं की कमी मैदान के बाहर तक फैली हुई थी जिससे कि पिच के बाहर के जो पूरी संचालन पर भी पूरा का पूरा असर पड़ रहा था पीने के पानी की कमी बिजली की आपूर्ति और महिला शौचालय तक की यहां पर कमी खुल के निकल कर सामने आई है वैसे मैं आपको बता दूं कि ये जो टेस्ट मैच है ये वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं है लेकिन आईसी से पूरी तरह के संबंधित है रिटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे इस स्टेडियम ने 2016 में गुलाबी गेंद के दिलीप ट्रॉफी मैच की मेजबानी करी थी हालांकि कॉरपोरेट मैचेस के दौरान मैच फिक्सिंग के कारण सितंबर 20177 में बीसीसीआई ने इसे बैन कर दिया था तब से यहां पर बीसीसीआई ने बीसीआई संबंध कोई भी मैच यहां पर नहीं खिलाया गया है स्टेडियम पहले अफगानिस्तान के लिए घरेलू मैदान का काम कर चुका है हालांकि यह स्टेडियम यूपी क्रिकेट संघ के अंतर्गत नहीं आता लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला इस पूरे मामले के ऊपर क्या मतलब क्या कुछ करते हैं इसको सुलझा पाते हैं नहीं पाते हैं क्या कुछ करते हैं क्या एक्शन लिया जाता है क्योंकि एक बात तो है कि अव्यवस्था तो यहां पर खुलकर सामने आई है और वो भी एक इंटरनेशनल टीम के सामने तो जाहिर सी बात है ये बीसीसीआई के लिए भी काफी शर्मनाक था कमेंट करके आप मुझे बताइए कि आपका इस बारे में क्या कुछ कहना है मेरे इस वीडियो में फिलहाल इतना ही जय हिंद जय भारत