मैंने तो तुझे जन्म देकर महल का रास्ता बताया धन्य तो तेरी वो मां है जिसने महल से परमात्मा के मिलने का रास्ता बताया वो बड़ी मा है तेरी उसी को प्रणाम करके तू जंगल चला जाता वहीं से तो मैं सीना ठोक कर कहती कि मेरा बेटा ध्रुव जा रहा है धव जी की आंखें सूख गई दोनों हाथ चरणों पर रखे कहा मां ध्रुव संकल्प ग्रहण करता हूं जब तक परमात्मा का दर्शन ना हो जाएगा तब तक लौटकर अपने मुख का दर्शन तुझे नहीं कराऊंगा मां ने हृदय से लगाया पाच वर्ष का बालक बोले बेटा भगवान तुझे मिलेंगे पर ध्यान रखना भगवान मिल जाए तो भगवान से कुछ मांगना मत बस और ध्रुव जी जंगल की ओर चले गए नारद बाबा देख रहे थे