Rahul Gandhi Meets Ilhan Omar in USA

अभी तक अगर मुझे कोई डाउट भी था कि अगर राहुल गांधी जी सम हाउ प्राइम मिनिस्टर बन जाते हैं तो एट द एंड ऑफ द डे तो जो ब्यूरोक्रेसी होती है कंट्री की या जो दूसरे ज्यादा एक्सपीरिंस लीडर्स हैं उनकी पार्टी में उनकी बात सुनके या उनके एक्सपीरियंस से फायदा उठा के या डिफरेंट तरीके की कंटें होती है सिस्टम में कोई ना कोई इंटरवेंशन हो जाएगी कोई ना कोई सलूशन की तरफ बात चली जाएगी तो अगर यह लोग कुछ बहुत ज्यादा भी गलती से यूनो अनजाने में कोई ऐसा कदम भी अगर उठाने लग जाएंगे जिससे कि बहुत ज्यादा डैमेज हो सकता है कंट्री के ओवरऑल सिस्टम को कोई भी सिस्टम हो इकोनॉमिक सोशल ववर जो भी य कह रहे हालांकि चीज कह रहे करने के लिए कि हम जाति जनगणना करेंगे और उसके बाद हम रिसोर्सेस का डिस्ट्रीब्यूशन करेंगे वो तो टोटली डिस्टोपियन नाइटमेयर जो होता है कम्युनिस्ट का उसमें से निकल के आया है जिसके वजह से शायद मिलियंस ऑफ मिलियन हंड्रेड ऑफ मिलियन के ट्यून में लोग डिफरेंट रीजन से भुखमरी से वट एवर और कंट्रीज की इकॉनमी बर्बाद खस्ता हाल सब हो गई है आज भी वह कंट्रीज रिकवर नहीं कर पाई जो जिन्होंने करीब आज से 35 साल पहले कम्युनिज्म को छोड़ दिया था 34 35 साल पहले आज भी उन कंट्रीज की इकॉनमी आपको आज भी बर्लिन की सिटी जो कि डिवाइडेड थी ईस्ट और वेस्ट जर्मनी में जिसको बर्लिन वॉल कहते हैं उसके जो ईस्ट साइड का जो पोशन था आज भी आप स्पेस से जब देखते हो सेटेलाइट पिक्चर्स वगैरह तो आपको येलो लाइट्स दिखाई देती है इस साइड ओवरऑल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ मनी ये वो हर चीज में फर्क है आज भी और यह हम जर्मनी की बात कर रहे हैं 35 साल 34 साल पहले जो कि उन्होंने करा लिया था फ्री और जो कि जमन जर्मन से एक ऐसी कंट्री है इकॉनमी है लोग हैं जिन्होने ताबड़ तोड़ तरक्की की तो इतने गहरे नुकसान कम्युनिज्म पहुंचाता है और मुझे पता है कि य लोग अपने कम्युनिस्ट क्लेम नहीं कर रहे बट हरकत इनकी वही है पर अब मुझे कोई शक भी नहीं रहा कि यह लोग कोई बेवकूफी में ऐसी बातें कर देते हैं या कोई य इनको हिस्ट्री की अंडरस्टैंडिंग नहीं है या जो भी है यह सोच रहे कि शायद इससे बेटर सिचुएशन हो जाएगी मतलब मैं इनको इस बात का क्रेडिट देने के लिए तैयार था कि मेलिस नहीं है इनके विचारों में इनके इनकी सोच अच्छी है लेकिन अब मुझे लगता है कि मेलिस भी अटैच है आप लोगों ने भी देखा होगा काफी सारी रिपोर्ट आई है राहुल गांधी जी यूएसए गए उसके बाद उन्होंने जो वहां स्पीच दी वो किस लेवल की टट्टी थी वो तो आप लोगों ने देख ही ली और जिस लोगों से भी वो मिले हैं ना वो भी टट्टी से कम नहीं है फॉर एग्जांपल एक कांग्रेस वुमन है यूएसए में इल्हान उमर नाम की सोमालियन बैकग्राउंड की है वो इतनी बड़ी गद्दार है वो सोमालिया से यूएसए आई यूएसए ने उसे शरण दी अपनी कंट्री में रहने का मौका दिया और बल्कि ने लेवल की अपॉर्चुनिटी देखी वो कांग्रेस वुमैन है ठीक है हर वक्त वो ऐसी बातें करती है जिसमें वो यूएसए की जड़ काट रही होती है हर वक्त यूएसए का नुकसान करवा रही होती है यूएसए की इंटरनल सोसाइटी को डैमेज कर करती रहती है नेगेटिव चीजों को यूएसए में प्रम वो कल्चर यह सब ये प्रमोट कर रहे जिनसे कि उनकी सोसाइटी बेसिकली इन फ्रंट ऑफ एवरीबॉडी क्रंबल हो रही है धीरे-धीरे अब यह होता है कि नहीं होता ये कोई अब ये कोई इतने बेवकूफ लोग तो नहीं है ना जो इन्होंने दुनिया में सबसे आगे तरक्की कर ली कोई ना कोई तो दिमाग वाले लोग भी होंगे वहां तो ये कितने टाइम बाद यह रुकेगा या रिवर्स होगा यह प्रोसेस या नहीं होगा सोसाइटी कमल हो जाएगी वेस्ट में यह नहीं पता लेकिन यह वह ऐसे कीड़े हैं सोसाइटी के जो सोसाइटी के डाउनफॉल को एक्टिवली पुश कर रहे हैं और हमारे जो यह एल ओपी है एल ओपी की डेफिनेशन या फुल फॉर्म अपने हिसाब से आप डिसाइड कर लो जो भी होगी लीडर ऑफ अपोजिशन तो मैं नहीं बोल सकता यह जा रहे हैं अपोजिशन पार्टी ववर ये जा रहे हैं और मिलते हैं वहां पर इल्हान ओमर से इल्हान ओमर वो इंसान है जिसने बर्नी सैंडर्स जो कि एक प्रोबेबल कैंडिडेट था प्रेसिडेंट का लास्ट इलेक्शन में वो शायद जीत जाता लास्ट नहीं लास्ट तो लास्ट 2016 में वो शायद जीत जाता अ मतलब प्रोबेबल से मेरा कहने का मतलब कि उसकी पॉसिबिलिटी थी अगर उसको डेमोक्रेटिक पार्टी टिकट दे देती हिलरी क्लिंटन के बजाय तो ट्रंप से शायद वो जीत जाता उस इंसान को को इस इल्हान उमर ने एक्टिवली अगेंस्ट इंडिया पुश किया कन्वेंस किया लॉबी किया जो जैसे भी आप कहना चाहो इसका कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं है इंडिया से ये सोमालिया से है लेना देना ही कोई नहीं है ये यूएस से चली गई थी व्ट एवर जैसे भी दो नंबर तरीके से टाप के गए हो मुझे नहीं पता लेकिन वहां जाके क्या कर रहे हैं एक तो जिस कंट्री ने इनको मौका दिया सब कुछ दिया पूरी जिंदगी दी उसकी जड़े खोद रहे हैं ऊपर से इंडिया के अगेंस्ट जो इनकी हरकतें हैं वो अलग है सोसाइटी में मैनेस क्रिएट करना वो इनकी अलग करते हैं हमारे लीडर ऑफ अपोजिशन का वहां जाक इस तरीके के लोगों से मिलने का क्या सीन बनता है या फिर क्या रीजनेबिलिटी बनती है अ जब पीएम मोदी कहते हैं कि एक इको सिस्टम है एक प्रॉपर चीज है एक जब लोग कहते हैं कि सोरस वगैरह जैसे लोग हैं इस तरीके की चीजों को फंड करते हैं तो लोग सोचते हैं कि ये कंस्पिरेशन थ्योरी है ये है वो है ध्रुव राठी को सोरस कहता है ये कंस्पिरेशन थ्योरी है ध्रु राठी कहता है मुझे कोई साबित करके दिखा दोय जो भी है यार ऐसी बातें हैं पहली बात तो वाइट कॉलर क्राइम को साबित करना ही ऑलमोस्ट इंपॉसिबल होता है ठीक है अ अनलेस अदर वाइज आपको डिजिटल ट्रेल वगैरह कुछ मिल जाए उनकी वो एक अलग चीज है बट तब भी आप कुछ ना कुछ बता के एब्लिश कर सकते हो मतलब कोर्ट में मैं कह रहा हूं लीगली जनता माने या ना माने वो एक डिफरेंट बात है अब यह बंदा जर्मनी में रहता है जर्मनी की डीडब्ल्यू न्यूज है डीडब्ल्यू न्यूज की कभी भी भी कवरेज उठा के देख लो डीडब्ल्यू हो बीबीसी हो इनकी कभी भी कवरेज उठा के देख लो इंडिया के बारे में इनके कैसे विचार होते हैं हमेशा य कांग्रेस को सपोर्ट करते हैं जबक कांग्रे ने 50 साल तक लूटा है इस देश को और पीछे ही रखा है कुछ अच्छे काम इन्होंने किए थे शुरू में जो कि आज भी किसी ना किसी हद तक फल दे रहे हैं एजुकेशन वगैरह के पर्पस से बट मेंटली इन्होंने स्लेव बना के रखा है यह मुझे लगता है ये मेरी अब अंडरस्टैंडिंग है मैं पहले इतना नहीं सोचता कि इतना कुछ होता होगा बट अब मुझे प्रॉपर लगता है कि अंग्रेज चले गए थे इनको छोड़ के चले गए थे अपनी प्रॉक्सी छोड़ के चले गए थे और बेसिकली मेंटली कैप्चर रखे पूरी की पूरे इस नेशन को मेंटली साइकोलॉजिकली एक जिसे कहते हैं कि गुलाम मानसिकता को घुसा के रखो इनके दिमाग में और अब जो है ना व इनके आर्मरर शुरू हो गए गवर्नमेंट आ रही है नाम चेंज कर रही है इनकी जगह जगह से ऐसी ऐसी जगहों से इनकी रसरा की मतलब इनका दर्द सामने आ रहा है उस चीज से और अब यह खुल के आ गए हैं अपने असली रंग में क्योंकि अगेन मैं कह रहा हूं मैं हूं बेवकूफ या नाइव कि मैं नहीं सोच रहा है इनके बारे में लेकिन अब तो यह खुल के सामने आ गए हैं अब तो यह बाहर जाकर ऐसे लोगों से मिल रहे हैं जो कि एक्टिवली एक्टिवली एनेमी है हमारे देश के एनिमी है क्योंकि वह लिटरली एक बहुत बड़े पावर को दुनिया की जो कि जिसके इंडिया से अच्छे रिलेशन है उनको इंडिया के अगेंस्ट बिट करने की कोशिश कर रहे हैं अपनी पूरी ताकत के साथ जब जबकि उनका डायरेक्टली कोई ऐसा रिलेशन भी नहीं है इंडिया से कि उनको अगेंस्ट होना चाहिए पर्सनल लेवल पे तो यानी कि ये एक सिस्टमिक तौर पर चल रहा है ना यानी कि एक ग्रुप है क्लीक ऑफ पीपल है जो कि एक सर्टेन गोल की तरफ काम कर रहे हैं इंडिया के लीडर ऑफ इंडिया की वो चुनी हुई गवर्नमेंट का रिप्रेजेंटेटिव नहीं है तुम क्यों मिल रहे हो उससे तुम्हारा क्या मतलब बनता है उससे मिलने का तू यूएसए में जाके राहुल गांधी जैसे बंदे भाई क्या बोल रहा है वहां प जाके भाई इंडिया की इंडिया की आवाम से इंडिया की जो जनता है इनसे वोट चाहिए ना यहां पर चेंज लाना है ना यहां पर बेटरमेंट करनी है ना तो यहां पर करो ना भारत यात्रा जोड़ो जो भी है उसको कोई अच्छा मानता हो बुरा मानता हो इंडिया में हुई उसको कोई शक की निगाह से नहीं देख सकता कि भाई अगेंस्ट कंट्री होगी एटलीस्ट उसको यह कहा जा सकता है यार इसकी पॉलिसी बेवकूफ है बट जब आप इस तरीके से इंडिया जाकर बाहर इंडिया से जाकर बाहर ऐसे लोगों से मिल रहे हो एक्टिवली एनिमी ऑफ द नेशन है तो आपके बारे में क्या समझा जाए और मैं किसी और कंट्री को इवन इल्हान ओमर को भी मैं इस तरीके से इस इसमें दोष नहीं दूंगा उसका इसलिए रीजन है दोष नहीं देने का कि भाई वह तो बाहर के बंदे हैं उनका क्या लेना देना यहां से यह इंसान इसकी पूरी फैमिली पूरी जनरेशन से बेनिफिट हुई है इस नेशन के फ्रूट्स को इन्होंने खाया है इनफैक्ट नेशन को ही खा गए किसी हद तक लेकिन यह नहीं कि यहां के प्रति दिखाए अपनी वफादारी बेसिकली और वैसे भी यार मैं तो इस व्यक्ति को कायदे से तो भाई लॉ कहता हो चाहे ना कहता हो यह हाफ इटालियन है भाई इंसान मेरे हिसाब से तो इसे वैसे भी कंट्री का लीडर नहीं बनना चाहिए प्राइम मिनिस्टर लॉ कुछ और कहता है मेरा ओपिनियन लॉ से अलग है ओपिनियन रखने के लिए पूरी आजादी है देश में मेरा ओपिनियन इस व्यक्ति को नहीं बनना चाहिए देश का प्राइम मिनिस्टर कभी भी जस्ट बिकॉज इसकी हाफ नेशनलिटी ही कहीं और से आती है और मैं पहले इतना उदार था या पहले इतना उदार कह लो व्ट एवर मैं सोचता था कि भाई अगर जब सोनिया गांधी के प्राइम मिनिस्टर बनने का 2004 में चल रहा था मैं काफी छोटा था लेकिन मैं सोचता था कि बनने में कोई दिक्कत नहीं है अगर बनना चा लेकिन अब मुझे रिला होता नहीं यार जो लोग विरोध कर रहे थे वो सही थे मैं बच्चा था मेरे को अंडरस्टैंडिंग नहीं थी चीजों की क्योंकि जब यह ऐसी देखो जिस व्यक्ति की हरकतें दिख रही है एक पैटर्न दिख रहा है चाहे वह विदेशी भी हो उसको आप एक यह तो कह सकते हो ना कि भाई इसका एक रेकॉर्ड है ट्रक रेकॉर्ड है अब ये लोग जो हैं ये कंटीन्यूअसली अपनी ऐसी इनकी बातें ऐसी हैं इनकी पॉलिसीज ऐसी हैं जो ये पुट फॉरवर्ड करते हैं और ये ऐसे लोगों से मिल रहे हैं और इनके एक्शंस ऐसे हैं जो हर कुछ ओवरऑल कंट्री के अगेंस्ट जाता है आज के टाइम में अगर ओवरऑल देखा जाए तो इकोनॉमिक ग्रोथ हमारी कंट्री की ठीक है कोई बुरे हालत में नहीं है हमारी कंट्री में आज के टाइम प दो चीजों पे काम करने की जरूरत है सोशल सिंक्रोनाइजेशन जिसमें कि एक तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम है कास्टि जम कास्टि जम एज इन इस इसलिए बड़ी प्रॉब्लम नहीं है कि वो डिस्क्रिमिनेशन हो रहा है लोगों के अगेंस्ट उसकी वजह से अगर आप रिजर्वेशन को हटा दो तो कास्टि जम बड़ी प्रॉब्लम इसलिए है क्योंकि उसका यूज हो रहा है एक दूसरे के अगेंस्ट कंट्री में लोगों के ग्रुप्स के बीच में रिफ्ट पैदा करने में तो कास्टि जम में सॉल्यूशन ये करने की जरूरत है कि जो लोग अपनी कास्ट प बहुत ज्यादा प्राइड है या कास्ट के ही लेंथ से चीजों को देखते हैं उनको उसमें से बाहर आने की जरूरत है ये सॉल्यूशन एक तो सोशल लेवल पे चाहिए और एक रिलीजस हार्मोनी की भी हमारी कंट्री में जरूरत है भाई कोई किसी भी रिलीजन से बिलॉन्ग करता हो एट द एंड ऑफ द डे आप इस कंट्री में रहते हो अगर आप को बेनिफिट चुनने का मौका आता है जहां पर आपके रिलीजन का बेनिफिट हो रहा है या फिर आपकी कंट्री का बेनिफिट हो रहा है तो अगर आपके अंदर शक है कि भाई मैं किसका बेनिफिट चुनू तो फिर भाई आपको बहुत तगड़ा अपने ऊपर इंट्रोस्पेक्ट करने की जरूरत है क्योंकि हमारा फ्यूचर इसी कंट्री के अंदर है ठीक है रिलीजन और वो इन क्रस क्रॉस होने ही नहीं चाहिए एक दूसरे के साथ खैर वो एक बहस का टॉपिक टॉपिक है अपने आप में तो एक तो ये हो गई सोशल और दूसरा एनवायरमेंटल हमें अपनी एयर की क्वालिटी वाटर क्वालिटी और इन जो नेचुरल रिसोर्सेस है इनकी क्वालिटी नदियां वगैरह नाले ये जो होते हैं सफाई सथ इस चीज पर काम कर इसके अलावा इकोनॉमिक वगैरह ऑफकोर्स हमें कंटीन्यू सली ग्रोथ की जरूरत है आगे बढ़ते रहने की जरूरत है बेटर करने की जरूरत है चीजों को बट अगर हम इन दोनों चीजों को बचा ले या कंजर्व कर ले किसी भी तरीके से तो बाकी चीजों में हम ठीक जा रहे हैं तो यह लोग जिस और यह लोग उन्हीं चीजों पर हमला कर रहे हैं एनवायरमेंट की बात नहीं कर रहा बट ये लोग सोशल स्ट्रक्चर को डैमेज करने की कोशिश कर रहे हैं कंट्री की और यह मुझे लग रहा है कि ये जेलेसी में पावर हंगर पता नहीं कौन सी डेमोन की यू नो लाइक सडिस्ट सोच है इनकी कितने इनको करोड़ों लाखों करोड़ों रुपए कमाने हैं मुझे नहीं पता बट यह कर रहे हैं उस साइड प उसी चीज पर चोट कर रहे हैं जिसको हमें शायद आज के टाइम पर अपने देश में दो मोस्ट इंपोर्टेंट चीजें जिन्हें बचाने की जरूरत है उनमें से एक है

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