जी हां बिल्कुल अब तक जो नीट पेपर लीक मामला है उसमें जो सबसे संदिग्ध भूमिका नजर आ रही है प्रतिमा वह उसी ओएसए स्कूल की है हजारी बाग के जहां पर हम इस वक्त मौजूद हैं ये वो स्कूल है और इसी स्कूल में जो एक परीक्षार्थी बैठा हुआ था जिसका रोल नंबर 6136 488 था उसका जला हुआ रोल नंबर मिला है जो पटना में पेपर लीक यानी जो जले हुए टुकड़े पेपर्स के बरामद हुए थे वो इसी ब्रांच के थे और यहीं पर वो एग्जाम हुआ था लिहाजा अब सीबीआई के रडार में ये स्कूल भी है ऐसा कहा जा रहा है कि रांची से जो पेपर चला वह हजारीबाग पहुंचा हजारी बाग ब्लू डॉट कंपनी से वो एसबीआई पहुंचता और एसबीआई से जब ओसस स्कूल आता है तो यह महज 2 किलोमीटर का रास्ता है 2 किलोमीटर में डेढ़ घंटे लग गए इन्हीं तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए यह प्रिंसिपल का कमरा है हम सीधे आपको प्रिंसिपल एहसान उन हक के पास ले चलते हैं वह क्या कुछ कर रहे हैं और अपने स्कूल की भूमिका के बारे में क्या कुछ बता रहे हैं मैं आपको सीधे ले ले चलता हूं इस वक्त हम लोग ओएससी स्कूल के कैंपस के अंदर आ चुके हैं और अंदर जो प्रिंसिपल है एहसान उल हक साहब वो बैठे हुए हैं हमने उनसे समय मांगा था और सीधा उन्हीं से एक बार बातचीत कर लेते हैं सर मैं ये चाहूंगा खड़े हो जाइए थोड़ा सा मैं चाहूंगा कि ये बताइए कि आपकी भूमिका आपके स्कूल की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है क्योंकि पटना में जो रोल नंबर जला हुआ बरामद हुआ है 6136 488 वो इसी स्कूल में बैठे परीक्षार्थी का था क्या कहेंगे क्या सफाई पेश करना चाहेंगे आप हां जी जब ओयू के ऑफिशियल आए थे तो उन्होंने भी हमें बताया कि जो बुकलेट नंबर वहां मिला वो ये बुकलेट नंबर हम उस उस बुकलेट नंबर पे परीक्षार्थी ने यहां परीक्षा दिया और उसका अटेंडेंस भी माग था तो ओबवियसली यह बात हमें उस समय मालूम हुई लेकिन जब हम बात करें एग्जाम्स की तो जब एग्जाम में कभी भी क्वेश्चन के बॉक्स खुलता है तो एक डेजिग्नेट टाइम में खुलता है नहीं तो आपको जो बॉक्स मिला यह कहा जा रहा है कि राची से पेपर चला हजारीबाग पहुंचा हजारी बाग ब्लू डॉट कंपनी से एसबीआई पहुंचता है और एसबीआई से ओसस स्कूल लाने में लगभग दो घंटे का वक्त लग जाता है जबकि यह महज 10 से 15 मिनट का रास्ता है आपको यह लग रहा है कि आपको टेंपर्ड मिला था या स्कूल में कुछ ऐसा हुआ जो संदिग्ध और जांच के दायरे में है जी एसबीआई से ओएस स्कूल जब बॉक्स लाया जाता है एक्चुअली सिस्टम इसका क्या होता है सुबह हम लोग करीब 7:30 बजे बैंक पहुंचते हैं वहां पे सारे प्रिंसिपल्स पांचों सेंटर के पहुंचते हैं जब तक पांचों सेंटर के नहीं पहुंचते तब तक हम लोग वेट करते हैं पांचों सेंटर के ऑब्जर्वर्स भी पहुंचते हैं वहां सारे बॉक्सेस का मिलान किया जाता है सारे बॉक्सेस को अलग-अलग किया जाता है और वहां एक-एक करके सबको सौपी जाती है हम यह प्रोसेस होता है आ से घंटे का प्रोसेस होता है फिर वहां से सब निकलते तो यहां से बहुत दूरी नहीं है मेरे ख्याल से अगर वहां से ठ बजे निकला है तो यहां प ढ़ तक पहुंच गया है सा नहीं यह कहा जा रहा है कि जो इन्वेस्टिगेशन हुई है कि डेढ़ से दो घंटे का वक्त लग गया एसबीआई से ओएस स्कूल लाने में और टेंपर्ड जो टेंपर्ड हुआ है वो इन्हीं बीच इसी डेढ़ घंटे के दौरान होने की संभावना और आशंका व्यक्त की गई ऐ ऐसा कोई भी सवाल नहीं है क्योंकि इस बात को सारे लोग मॉनिटर करते हैं एबी से जब गाड़ी चलती है तो गाड़ी रास्ते में कहीं रुकती नहीं है ठीक है गाड़ी टोटो से लाने की बात चल रही है नहीं नहीं नहीं यह आपने दो बातों को मिक्स अप कर दिया एक्चुअली मामला क्या है कि जब एसबीआई से गाड़ी चलती है तो उस गाड़ी में सीएस और ऑब्जर्वर दोनों मौजूद होते हैं वो ऑब्जर्वर जिसे एटीए ने यहां रखा है तो गाड़ी कहीं भी रास्ते में रुक नहीं सकती है गाड़ी सीधे स्कूल आके रुकती है जो टोटो वाली बात आप कह रहे हैं कि वो टोटो वाली बात ये है कि जब क्वेश्चन पेपर्स जब जिस दिन ओयू के ऑफिशल्स आए थे और इंक्वायरी कर रहे थे मैं भी उस इंक्वायरी में साथ था उनके साथ था तो जब हम लोग वहां पे कुरियर सर्विसेस के ऑफिस में पहुंचे तो वहां पूछा उन ओयू के ऑफिसर्स ने कि आप लोगों के पास क्वेश्चन पेपर कब आया था तो उन लोगों ने बताया हमारे पास क्वेश्चन पेपर 3 तारीख को आया था ठीक है कहां से आया था उन लोग ने पूछा तब उनके कर्मचारियों ने बताया कि वो क्वेश्चन पेपर रांची से है अा एक सवाल स्टूडियो से ये आ रहा है यह जानना चाहते हैं आपको जब पेपर मिला जो बॉक्स मिला सब कुछ ठीक था कोई टेंपर्ड नहीं था किसी तरह की कोई संदिग्ध चीज आपको नजर नहीं आई जी जब बॉक्स जब हमें मिलता है तो वो कार्टन से पैक्ड होता है उसमें टेपिंग होता है कहीं सब कुछ ठीक था कहीं से भी कोई संदिग्ध नजर नहीं आया तो फिर ये इस स्कूल में परीक्षा देने वाले छात्र का रोल नंबर पटना में कैसे पाया जाता है ये सबसे बड़ा सवाल है मैं अपनी बात को वही क्लियर कर रहा था जिस दिन ओयू के ऑफिशियल से वहां बात कर रहे थे तो उन्होंने पूछा रांची से उनके कुरियर ऑफिस में किस तरह से क्वेश्चन पैकेट्स आए तो उन्होंने बताया कि 3 तारीख को क्वेश्चन पैकेट रांची से उनके ऑफिस में आया और वो एक नेटवर्क के ट्रक से आया उन ओयू के ऑफिसर्स ने क्वेश्चन पूछा कि वो नेटवर्क का ट्रक क्या होता है उन्होंने कहा कि एक ट्रक जो या एक गाड़ी जो कई सारे कंपनीज को सर्व करती है एट द सेम टाइम उसे नेटवर्क कहते हैं उन लोगों ने फिर क्वेश्चन मैं दोबारा से शुरू करता हूं लाइव खत्म हो गया आप टिकटक कर लो ठीक है खड़े खड़े कर ले ज्यादा बेहतर आ रहा है पटना से जो नीट का पेपर लीक हुआ उस पूरे मामले में अब इसके तार झारखंड के हजारी बाग से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि जो जले हुए पेपर ईओई को जांच के दौरान मिला है उसमें रोल नंबर 6136 4488 था वो हजारी बाग के इसी ओएसए स्कूल का है जहां पर इस वक्त टीवी9 भारतवर्ष मौजूद है और इस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक साहब हमारे साथ हैं हक साहब आपके स्कूल का नाम आ रहा है इसकी भूमिका सगत बताई जा रही है अब हजारी बाग कनेक्शन भी इस पेपर लीक मामले में जुड़ गया है क्या कहना चाहेंगे जी जब एग्जाम होती है नीट की एग्जाम होती है इस तरह की तो कई सारे स्टेकहोल्डर्स वहां जुड़े होते हैं जैसे ही क्वेश्चन पैकेट्स आता है तो व क्वेश्चन पैकेट्स कैमरा की निगरानी में रखा जाता है वहां पर एक सीएस मौजूद होते हैं दो डिप्टी सीएस मौजूद होते हैं एनटीएस मौजूद होता है जब पैकेट्स खुलता है तो फिर से कई बार स्टेकहोल्डर्स वहां मौजूद होते हैं जिसमें एक सीएस होता है दो डिप्टी सीएस होते हैं दो इनविजिलेट करस होते हैं एक एनटी के द्वारा भेजा गया ऑब्जर्वर होता है और दो कैंडिडेट्स जो खुद नीट के एस्परेंस है वो ए अब विटनेस रहते हैं इन सब की निगरानी में पैकेट्स खुलता है पहले पैकेट दिखाया जाता है देख लीजिए आप लोग पैकेट ऐसा होता है उन इन सभी की निगरानी में पैकेट खुलता है जब यह सारा कुछ हो रहा होता है तब एनटीएटी उसे कैमरे में मॉनिटर कर रहा होता है अगर ऐसा कुछ भी घटना हुआ होता तो इतने सारे स्टेकहोल्डर्स जिसम एनटीटीए के ऑब्जर्वर हैं जिसमें खुद नीट के एस्परेंस हैं यह कोई ना कोई सवाल उठाते हैं तो मतलब आप यह कहना चाह रहे हैं कि हजारी बाग आने के बाद पेपर लीक नहीं हुआ है बॉक्स को टेंपर्ड नहीं किया गया मतलब हजारी बाग आने से पहले ही पेपर लीक हो गया था तभी तो इस स्कूल में बैठने वाले छात्र या छात्रा जिसने नंबर दिया है जिसका रोल नंबर यह है उसका रोल नंबर पटना में मिलाया जाना क्या शक के दायरे यह शक पैदा नहीं करता है आई एम वेरी शयो कि हजारीबाग में यहां पे कहीं भी टेंपर्ड नहीं हुआ है ये जांच का ओबवियसली विषय है और अनुसंधान चल रहा है हमें लगता है सही अनुसंधान अगर होगा तो टेंपरिंग कहां हुआ कब हुआ कैसे हुआ आई एम वेरी श्यर कि 5 तारीख को कहीं भी कोई टेंपरिंग नहीं हुआ हां इससे पहले कहीं टेंपरिंग हुआ तो हमारी रिस्पांसिबिलिटी नहीं है अनुसंधान अगर सही से हो तो वो बिल्कुल पकड़ा जाएगा और कपिट पकड़े जाएंगे आपको जब बॉक्स मिलता है आपने यह बताया कि यह प्रोसेस होता है बॉक्स को हैंड ओवर लेने का जब बॉक्स आपके पास आया और जब परीक्षा का टाइम हुआ जो लॉक को डिकोड करने वाली बात हो रही थी वह प्रोसेस क्या होता है और क्या जो सिस्टम बना हुआ था सेम सिस्टम फॉलो हुआ या आपको सिस्टम ब्रेक करना पड़ा क्योंकि ऐसा सुनने में आ रहा है कोई परेशानी आई थी लॉक अनलॉक नहीं हो पाया था जी बिल्कुल एग्जाम टाइम में क्या होता है कि 1:1 में जो गाइडलाइंस होती है उस हिसाब से जैसे पिछले नीट के एग्जाम में हुआ था कि दो लॉक्स होते हैं एक लॉक होता है जिसे मैनुअली एक बगल में हेक्सा ब्लेड एनटी प्रोवाइड करती है जिसे कट करना पड़ता है और दूसरा जो लॉक होता है जैसे लास्ट ईयर भी हुआ था वो सवा में जो डेजिग्नेट टाइम है उस टाइम में बीप करना शुरू करता है और जब बीप करना शुरू करता है तो वो इशारा होता है कि टाइम हो गया है और वो फिर अपने आप खुल जाता है ये पहली बार ऐसा हुआ कि वो लॉक खुला ही नहीं ना बीप किया उस समय जिस समय एग्जाम्स चल ये भी एक शक पैदा करता है जी बिल्कुल बिल्कुल जिस समय एग्जाम्स चल रहे होते हैं तो सारे सीसी ऑनलाइन एक मीटिंग में रहते हैं एनटीटीए के ऑफिशल्स के साथ तो उस समय हम लोग सारे लोग खबर करना शुरू किए कि ना बीप किया ना लॉक अपने आप खुला तो हम लोगों को कहा गया कि कुछ वेट कर लेने के लिए शायद खुल जाए तो ऑलमोस्ट पांच से सात मिनट जब गुजर गया जब भी कुछ नहीं खुला तब हम लोगों ने एनटीओ को इंफर्म किया कि ऐसी-ऐसी बातें हुई हैं और एनटीएस से डायरेक्शन मिला कि उसी कटर का यूज करके हम लोग उस लॉक को काट द अच्छा ये भी कहा जा रहा है कि नीचे से शायद कोई एक ऐसा ग्लू था जिससे चिपकाया जाता है वो टेंपर्ड था वो बॉक्स टेंपर्ड था ऐसा कुछ सुनने वो बॉक्स की बातें हैं जो सेवंथ लेयर में लास्ट लेयर में जो क्वेश्चन पेपर होता है उस क्वेश्चन पेपर वो क्वेश्चन पेपर एक्चुअली एक नन टेंपर्ड पैकेट में होता है ठीक है जब ओयू के ऑफिशल्स आए थे तो वो टेंपर्ड पैकेट उठाए थे इसम क्वेश्चन पेपर होता है उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि इसमें इसके अदर एंड में एक माइनर प्रेसा इज कट से कुछ दिख रहा है जिसमें ग्लू से कुछ चिपका हुआ है ऐसा लगता है कि इसके साथ कुछ कंप्रोमाइज हुआ है छेड़छाड़ हुई है छेड़छाड़ हुई है ये संदिग्ध है जी उने बताया तो नॉर्मली जब हम लोगों ने देखा तो एक वैसा प्रतीत हो रहा था कि एक आम आदमी को वो चीज पता नहीं होगा लेकिन जो इन चीजों को जानते हैं तो उन्हें शायद पता हो जाए उसे जब हम लोग हटा करके देखें जो अदर एंड होता है सपोज सपोज ये उसका पैकेट है तो हां ये बॉक्स नहीं ये पैकेट है ये अन टेंपर्ड एनवेलप होता है जो प्लास्टिक का होता है इसके अंदर क्वेश्चन पेपर होता है तो हमारी प्रैक्टिस ये होती है कि बच्चों के सामने हम लोग दिखाते हैं दैट इट इज कवर्ड 24 बच्चे एक क्लासरूम में होते हैं दो इनविजीलेटर्स होते हैं वो दिखाते हैं कि दैट इट इज पैक्ड ये सील्ड सबको दिखाया गया दिखाने के बाद जब ओके हो गया तो इसे कैची से यहां कट करते हैं वो दूसरे चीज से कट नहीं हो सकता तो कैची से कट करते हैं फिर क्वेश्चन पेपर्स देते हैं और हम लोग की ये प्रैक्टिस है कि इस जो बचे हुए एनवेलप है इसको हम लोग रखते हैं कि जब तक एनटीएस अगले तीन महीने तक हमसे जब तक ना मांगे ठीक है ये अनयूज मैटेरियल्स रहता है तो इसी के अदर एंड में यहां बिल्कुल मामूली सा प्रेसा सा कट था और उस कट को ग्लू से चिपकाया गया था यहीं पर शक पैदा होता है मैं कंप्लीट करता हूं जब उसे इस तरह से कुरे देते हैं तो वो खुलता जाता है ठीक है जब क्योंकि नहीं होना चाहिए था ऐसा हां जीजु के नहीं होना चाहिए था जब ऑफिशल्स ने हमें दिखाया तो हमें भी पता नहीं था कि ऐसा कुछ है जब ऑफिशल्स ने दिखाया तो हम लोगों को एहसास हुआ कि हां कहीं ना कहीं ऐसा महसूस होता है कि कुछ गड़बड़ है गड़बड़ है दो बातें सुनने में आ रही है एक हजारी बाग पहुंचने से पहले पेपर लीक हो गया था क्योंकि ये भी कहा जा रहा है कि दो दिन पहले ही छात्रों को पेपर रटवा गया था दूसरी बात ये कही जा रही है कि ब्लू डॉट कूरियर जो रांची से लेकर चला ब्लू डॉट हजारीबाग पहुंचा हजारीबाग से बैंक आता है और बैंक से आपके सेंटर आने में दो घंटे का डेढ़ से दो घंटे का वक्त लग गया और इसके लिए ई रिक्शा का इस्तेमाल किया गया जो कि यहां प शक पैदा करता है यहां पे मुझे लग रहा है कि दो तरह की बातें आपने मिक्स कर दी मैं जो थ्योरी सुनने में मिल रही है मुझे जो अखबार रिपोर्ट कर रहे हैं जो एजेंसियां कह र हां ये दो तरह की बातें मिक्स हो गई है मैं इसे क्लियर करता हूं बैंक से स्कूल आने में मुश्किल से 15 से 20 मिनट का टाइम लगा लगा मुश्किल से 15 से 20 मिनट का टाइम लगा और जो जिस समय बैंक से स्कूल जब क्वेश्चन पेपर्स आए तो वह वो एक कार में आई जिसमें हमारे सीएस और ऑब्जर्वर दोनों मौजूद थे मात्र 15 से 20 मिनट उससे ज्यादा नहीं जो एक्चुअली टाइम लगता है सेकंड बात मैं बताना चाहूंगा जो दूसरी बात आप कह रहे हैं कि जिस दिन ओयू ऑफिशल्स आए थे तो व सारी जगह इंक्वायरी कर रहे थे वो सारे सेंटर्स में सारे इंस्टीट्यूशंस में इंक्वायरी कर रहे थे वो उनके साथ मैं भी बैंक गया था और मैं भी कुरियर एजेंसी गया था हम जब कुरियर एजेंसी गया तो उन लोगों ने पूछा कुरियर एजेंसी के कर्मचारियों से कि आपके यहां क्वेश्चन पेपर आपके यहां से बैंक कब डिलीवरी हुआ उन्होंने कहा बैंक में हमने 3 तारीख को डिलीवरी किया था उन्होंने फिर से क्वेश्चन पूछा आपके यहां डिलीवरी कब आई थी और कहां से आई थी तब कुरियर वालों ने बताया कि उनकी यहां डिलीवरी रांची से आई थी और 3 तारीख को ही आई थी उन्होंने पूछा मोड ऑफ ट्रांसपोर्ट क्या थी तो उन्होंने बताया नेटवर्क की गाड़ी थी जब एक्सप्लेनेशन मांगा गया कि नेटवर्क की गाड़ी क्या होती है तो उन्होंने बताया एक गाड़ी जो कई सारे कंपनी को एक साथ सर्व करती है तो बताया उन्होंने फिर क्वेश्चन पूछा कि जब क्वेश्चन पैकेट्स आया था तो उसे लेकर कौन आए थे उन्होंने कहा सिर्फ ड्राइवर था गाड़ी में ठीक है वो बड़ा चौक गया कि इतनी बड़ी क्वेश्चन पेपर्स की मिस हैंडलिंग कैसे हो सकती है कोई भी एक ऑफिसर नहीं था कोई भी सिक्योरिटी नहीं था आप ड्राइवर के सहारे कैसे आ सकते हैं फिलहाल उन्होंने क्वेश्च बोला कि आप हमें कैमरे में दिखा सकते हैं कि गाड़ी कैसी आई थी उन्होंने कैमरे में उनको दिखाया भी तो कैमरे में दिखा कि गाड़ी आई गाड़ी ने उनका एक शॉप जैसा है ऑफिस है उसके बाहर ही डंप कर दिया और दो लोग अंदर बैठे हुए थे पहले से उन्होंने पूछा भी कि ये दो लोग कौन थे तो वो शायद क्लियर उस बात को नहीं कर पाए फिर पूछा कि जब गाड़ी यहां तक आई थी तो यहां से डेढ़ से 2 किलोमीटर की दूरी में सिर्फ बैंक है तो गाड़ी डायरेक्टली बैंक क्यों नहीं गई तो उनके कर्मचारियों ने बताया कि गाड़ी ड्राइवर से उन्होंने रिक्वेस्ट किया कि आप बैंक तक पहुंचा दो लेकिन ड्राइवर इंकार कर दिया तब उन्होंने फिर क्वेश्चन पूछा कि अच्छा आप लोगों ने जब यहां डंप कर दिया था ये क्वेश्चन पैकर्स तो बैंक तक कैसे पहुंचा है तो उन लोगों ने कहा कि हम लोगों ने ई रिक्शा का यूज करके पहुंचाया यानी कूरियर कंपनी से बैंक पहुंचाने में जिस मोड ऑफ ट्रांसपोर्ट का यूज किया गया वो ई रिक्शा था ई रिक्शा था तो उन्होंने बोला कि इतना सेंसिटिव पेपर्स को कैसे ई रिक्षा से पहुंचाते हैं फिर पूछा उस ई रिक्शा वाले का कांटेक्ट नंबर उनका पहचान बताइए तो वो लोग बोले कि हम बता नहीं पाएंगे क्योंकि उन्होंने रैंडम रोड से पिकअप किया था और कितना वक्त लगा वहां से वहां पहुंचाने में ये हमें कोई आईडिया नहीं है आपसे भी य ने पूछताछ की अब तक कुछ हां 21 तारीख को ओयू की टीम हमारी य आई थी उन्होंने पूरी पूछताछ की पूरी जांच की सारे सें टस की जानकारी ली इसके बाद फिर बैंक गए उसके बाद बैंक के कस्टोडियन गए उसके बाद फिर वो ट्रांसपोर्टर और कुरियर सर्विसेस वाले के पास भी गए सीबीआई ने अभी तक कोई आपसे संपर्क किया है आपसे किसी तरह का संपर्क साधने की कोशिश नहीं अभी तक सीबीआई से सीबीआई से कोई संपर्क हमारा नहीं हुआ आपका अनुभव क्या कहता है कि खेल कहां पर हुआ गड़बड़ी कहां पर हुई देखिए विगत कई वर्षों से मैं एनटी की सेवा कर रहा हूं और एनटी की सेवा करते हुए मैंने यह देखा कि आज तक कभी इस तरह की कोई कोई गड़बड़ी नहीं हुई हम लोग हमेशा यह जानते थे कि नॉर्मली हम लोगों को मालूम होता था रात के नॉर्मली हम लोगों को मिडनाइट मालूम होता था कि किस बैंक जाना है क्वेश्चन पेपर लेना है जो एनटीएस है तो नॉर्मली वही हुआ कि हम लोगों को रात में मालूम हुआ कि इस बैंक को इस बैंक हम लोगों को जाना है और सुबह हम लोग वो बैंक विजिट किए हम लोग को बस यहीं तक जानकारी होते थे कि हमारी एनटीएफ लिमिटेशन से सबके लिमिटेशन सेट है यहां तक काम करना है ये जब ओयू के ऑफिशल्स है तब हम लोगों को मालूम हुआ कि क्वेश्चन पेप पर पहले आ गया हम लोगों को मालूम है क्वेश्चन पेपर ये मोड से आया हम लोगों को मालूम है क्वेश्चन पेपर इस तारीख को यहां आया ये सारी जानकारी हमारे लिए नहीं थी और तब हम लोगों को मालूम हुआ कि कहीं ना कहीं अ यहां पे मिसमैनेजमेंट हुआ है मिसमैनेजमेंट हुआ है जी ठीक है बहुत बात करने के लिए शुक्रिया तो आप समझ सकते हैं कि इस पूरे मामले में अब सीबीआई ने पूरे जा जांच को टेकओवर कर लिया है इन्वेस्टिगेशन जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे खुलासे होते जा रहे हैं लेकिन ये जरूर है कि इस पूरे केस में अब हजारी बाग का भी एंगल सामने आया है और ये इन्वेस्टिगेशन का पार्ट है कि कि क्या टेंपर्ड जो हुआ है पेपर वह हजारी बाग आने से पहले हुआ था या हजारी बाग आने के बाद यह खेल रचा गया कैमरा पसन निशांत के साथ विपिन चौबे टीवी 9 भारतवर्ष हजारीबाग