Malaysia Airlines Flight MH 370 Lost | Mystery of MH 370 | Found After 10 Years Later

[संगीत] 8 मार्च 2014 को मलेशियन एयरलाइन का एक जहाज क्वाला लंपुर से टेक ऑफ तो हुआ लेकिन वह अपनी मंजिल बीजिंग तक नहीं पहुंचा आज तक किसी को भी यह मालूम नहीं हुआ कि यह जहाज गया तो आखिर गया कहां लेकिन पूरे 8 साल के बाद फाइनली अब एक उम्मीद मिली है कि यह जहाज इस वक्त कहां मौजूद है यह बात है 8 मार्च 2014 की यानी आज से तकरीबन 10 साल साल पहले की जब मलेशियन एयरलाइन के एक जहाज फ्लाइट एमए 370 को मलेशियन कैपिटल क्ला लंपुर से टेक ऑफ करके चाइना के कैपिटल सिटी बीजिंग तक जाना था इस फ्लाइट में दो पायलट 10 क्रू मेंबर्स और 227 पैसेंजर्स मौजूद थे जिनमें से ज्यादातर पैसेंजर्स का ताल्लुक चाइना से था दोनों पायलट इंतहा प्रोफेशनल थे जिनमें से 53 साल के कैप्टन जहरी अहमद शाह को 33 साल का फ्लाइट एक्सपीरियंस था जबकि 27 साल के कोपायलट फ अब्दुल हमीद एक जूनियर पायलट थे जिन्हें 6 साल का फ्लाइट एक्सपीरियंस था अगर इस जहाज की बात की जाए तो 11 साल पुराना यह जहाज बोइंग 77 था जिसमें ना ही किसी किस्म की कोई प्रॉब्लम थी और ना ही हाल ही में यह जहाज किसी मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल हादसे का शिकार हुआ था बताने का मेन मकसद सिर्फ इतना है कि यह मलेशिया और चाइना के दरमियान चलने वाली एक बिल्कुल नॉर्मल फ्लाइट थी जो रोजाना 5 घंटे 34 मिनट की परवाज करके मलेशिया से चाइना या फिर चा चाइना से वापस मलेशिया जाती थी लेकिन आज का दिन इस फ्लाइट के लिए किसी भी तरह नॉर्मल नहीं था बेशक फ्लाइट एमएच 370 को सिर्फ 5 घंटे और 34 मिनट के लिए परवास करनी थी लेकिन टेक ऑफ से पहले इसमें जरूरत से ज्यादा फ्यूल डाला गया जिससे यह जहाज मजीद 7 घंटे 41 मिनट तक फ्लाई कर सकता था यानी अपनी रिक्वायरमेंट से भी सवा घंटे ज्यादा ऐसा करना भी एयरलाइंस की एक रूटीन होती है ताकि अगर प्लेन को खराब मौसम या किसी इमरजेंसी में कहीं और डायवर्ट किया जाए तो इसके पास एक्स्ट्रा फ्यूल मौजूद हो 8 मार्च 2014 को रात के 12:4 पे फ्लाइट mh370 ने रूटीन के मुताबिक क्वाला लंपुर से टेक ऑफ किया फर्स्ट पायलट जारी अहमद शाह टेक ऑफ से पहले और इसके बाद भी क्ला लंपुर एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर से डायरेक्ट कांटेक्ट में थे टेक ऑफ करते ही जहाज ने अपनी डायरेक्शन साउथ चाइना सी की तरफ कर दी और ठीक 20 मिनट के बाद यानी रात के 1:9 पर जहाज में लगे ट्रांसपोर्टर ने अपनी करंट जीपीओ लोकेशन कोला लंपुर एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर के रडार को भेज दी यह ट्रांसपोर्ट का ऑटोमेटिक फंक्शन होता है जो हर थोड़े टाइम के बाद अपनी करंट लोकेशन करीबी रडार तक पहुंचाता है अभी तक तो सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था इसके ठीक 10 मिनट के बाद यानी रात के 1:1 पर जब फ्लाइट एमएच 370 मलेशियन एयर स्पेस से निकलकर वियतनाम भी एयर स्पेस में जाने लगी तो क्ला लंपुर के कंट्रोल टावर ने आखिरी बार फर्स्ट पायलट जहरी से कांटेक्ट किया यह व वक्त था जब फ्लाइट को टेक ऑफ किए अब पूरे 37 मिनट गुजर चुके थे नॉर्मली होता यूं है कि प्लेन जब तक अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच जाता वह अपने रास्ते में आने वाले किसी भी बड़े एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर से कांटेक्ट में रहता है यहां भी कुछ ऐसा ही होना था लेकिन सब कुछ जो अभी तक नॉर्मल चल रहा था वह अब ए नॉर्मल होने लगा जी हां अपने आखिरी मैसेज के 3 मिनट के बाद यानी रात के 1:2 मिनट पे यह जहाज दोनों के रडार से अचानक पूरी तरह गायब हो चुका था यह बात क्ला लंपुर टावर के लिए तो बिल्कुल नॉर्मल थी क्योंकि इन्होंने समझा कि mh370 वियतनाम की एयर स्पेस में दाखिल हो गया है इसी वजह से यह जहाज इनकी रडार में शो नहीं हो रहा लेकिन जब होमिनोइड्स से खैरियत मालूम करने के लिए वायरलेस किया तो आगे से किसीने ने भी कोई जवाब नहीं दिया अगले 18 मिनट तक होमिनम mh370 से कांटेक्ट करने की कोशिश करता रहा लेकिन कैप्टन की तरफ से फिर भी कोई जवाब नहीं आया और तभी हो चमिल ने क्ला लंपुर से कांटेक्ट किया और इनको सिचुएशन से अपडेट किया नॉर्मली इस कंडीशन में एक घंटे के अंदर रेस्क्यू सेंटर को इफॉर्म करना होता है लेकिन क्ला लंपुर टावर ने पूरे चार घंटों के बाद एरोनॉटिकल रेस्क्यू सेंटर को इफॉर्म किया और तब तक बहुत देर हो चुकी थी सुबह के 615 हो चुके थे और यही वह टाइम था जब एमए 370 को बीजिंग में लैंड करना था एक उम्मीद थी कि शायद जहाज अपने वक्त पर बीजिंग लैंड कर जाए लेकिन वहां से भी कोई अच्छी खबर नहीं आई सुबह के 6:3 2 पर ठीक इस जगह जहां से प्लेन गायब हुआ था वहां एक सर्च ऑपरेशन स्टार्ट किया गया जिसमें सात म मालिक की 34 शिप्स और 28 एयरक्राफ्ट ने फ्लाइट एमएच 370 को गल्फ ऑफ थाईलैंड और साउथ चाइना सी के बॉर्डर पर ढूंढना शुरू किया लेकिन बदकिस्मती से वहां प्लेन का नामो निशान तक ना मिला इस वक्त तक पूरी दुनिया को इस हादसे का पता चल चुका था टीवी न्यूज़ वेबसाइट्स और सोशल मीडिया सब के सब सिर्फ यही खबर दिखा रहे थे इस दौरान कई मुमा की इन्वेस्टिगेशन टीम्स विसर्च ऑपरेशन का हिस्सा बन गई प्लेन का अचानक तमाम रडार से गायब हो जाना वाकई किसी को भी हजम नहीं हो रहा था और अगर वह इस एरिया पर समंदर में क्रैश भी होता तो इतने बड़े जहाज का कोई ना कोई हिस्सा तो जरूर पानी में तैरता हुआ नजर आना चाहिए था अगले पूरे 4 दिन तक यह सर्च ऑपरेशन चलता रहा लेकिन कहीं से भी कोई अच्छी खबर ना मिल सकी 4 दिन के बाद एक खबर सामने आई जिसने तमाम रेस्क्यू टीम्स को हिलाकर रख दिया 8 मार्च को 1:2 पर फ्लाइट एमए 370 जब रडार से गायब हुई तो वह सिविलियन रडार से गायब हुई थी लेकिन मलेशियन मिलिट्री के एक रडार पर वह अगले एक घंटे तक शो होती रही और इसके बाद जो कुछ हुआ वो यूं था सिबियन रडार से गायब होने के बाद जहाज ने चंद मिनट के लिए राइट पर जाना शुरू किया और फिर यूटन लेकर वापस मलेशिया की तरफ टर्न कर लिया पूरे 31 मिनट के बाद जहाज ने मलेशिया के शहर पीनक को क्रॉस किया और फिर मलाका स्ट्रीट की तरफ टर्न कर गया आखिरी बार जब तक मिलिट्री रडार की रेंज थी फ्लाइट एमए 370 को इंडियन ओशन में डिटेक्ट किया गया और इस वक्त रात के 2:2 हो रहे थे इसके बाद एमएच 370 ना ही मिलिट्री रडार पे शो हुआ और ना ही किसी सिविलियन रडार पर पूरी एसक्यू टीम और इस प्लेन से जुड़ा हर शख्स सिर्फ यही पहेली सुलझाने में लगा था कि प्लेन गया तो आखिर गया कहां इससे भी बढ़कर जो चीज तंग कर रही थी वो यह थी कि प्लेन ने बीजिंग के बिल्कुल अपोजिट डायरेक्शन में यू टर्न क्यों लिया जो रेस्क्यू टीम पहले गल्फ ऑफ थाईलैंड और साउथ चाइना सी में प्लेन को ढूंढ रही थी वह अब इंडियन ओशन के उस हिस्से में ढूंढना शुरू हो गई जहां प्लेन को आखिरी बार डिटेक्ट किया गया था लेकिन हैरत अंगेज तौर पर यहां से भी प्लेन का कुछ पता ना चल सका अगले कुछ दिनों बाद एक और खबर मिली और इसने एक बार फिर से पूरी सिचुएशन चेंज कर दी पता यह चला कि प्लेन मिलिट्री रडार से तो 2 ब 22 पर गायब हुआ था लेकिन एक सैटेलाइट ऐसी थी जिससे वह लगातार कांटेक्ट में था आपको यहां पर अपडेट करते चलें कि यह बोइंग एयरप्लेंस के लिए एक नॉर्मल बात होती है कि जब इनका अपना कम्युनिकेशन सिस्टम किसी की वजह से खराब हो जाता है तो वह सैटेलाइट से कांटेक्ट करने की कोशिश करता है प्लेन ने ऑटोमेटिक ठीक हर एक घंटे के बाद 35000 किमी दूर इनमार सेट नामी सेटेलाइट से कांटेक्ट करने की कोशिश की इस सैटेलाइट पर सेव डाटा की मदद से एक्सपर्ट ने एक कॉम्प्लेक्शन परफॉर्म की तो आखिरकार फ्लाइट mh370 के अगले मूव का भी पता चल गया पता यह चला कि मिलिट्री रडार से भी गायब होने के बाद मलेशियन एयरक्राफ्ट ने दोबारा एक टन लिया और ले पाच घंटों तक इसी डायरेक्शन में इंडियन ओशन के ऊपर फ्लाई करता रहा सुबह के 8:1 पर प्लेन ने आखिरी बार सैटेलाइट से कनेक्शन बनाने की कोशिश की और यह mh370 की तरफ से मिलने वाला आखिरी सिग्नल था इसके बाद ना ही प्लेन ने किसी और सैटेलाइट से कांटेक्ट किया और ना ही वह किसी और रडार पे शो हुआ यानी जिस वक्त रेस्क्यू टीम पहली बार जहाज को ढूंढ रही थी असल में इस वक्त जहाज फ्लाई कर रहा था लेकिन इसकी लोकेशन वहां से काफी दूर थी एक्सपर्ट्स और इन्वेस्टिगेशन टीम का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया से 2000 किमी वेस्ट में इंडियन ओशन के ठीक उस कर्वड स्पोर्ट पे आकर जहाज का सेटेलाइट से कनेक्शन टूटा यानी क्वाला लंपुर से टेक ऑफ करने के बाद इस कर्व स्पोर्ट तक पहुंचने में जहाज को पूरे ठ घंटे लगने थे और जहाज में टोटल फ्यूल भी सिर्फ इतना ही था इसीलिए इस बात के काफी ज्यादा चांसेस हैं कि mh370 उसी कर्व स्पॉट में ही कहीं फ्यूल खत्म होने की वजह से क्रैश हो गया है mh370 को ढूंढना बहुत जरूरी था जिस वजह से इंडियन ओशन में एक डीप सी सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया क्योंकि जब तक प्लेन और इसका ब्लैक बॉक्स नहीं मिलेगा तब तक यह पता चलना बहुत मुश्किल है कि क्रैश से पहले प्लेन के अंदर क्या कुछ हो रहा था कई सालों तक यहां प्लेन को तलाश करने का अमल चलता रहा लेकिन यहां पर भी प्लेन का कोई सुराग नहीं मिला तीन सालों के बाद डीप सी सर्च ऑपरेशन को आखिरकार खत्म कर दिया गया जिसमें 160 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा खर्च हो चुका था सर्च ऑपरेशन के दौरान प्लेन का तो कोई अता पता नहीं मिला लेकिन 2015 में यानी प्लेन के गायब होने के एक साल के बाद प्लेन का राइट फ्लैपरन तैरता हुआ आइलैंड ऑफ रियूनियन के साहिल पर जा पहुंचा यह प्लेन का वह हिस्सा होता है जो लैंडिंग के वक्त काम आता है मिलने वाले इस फ्लैपरन पर जब तहकीक हुई तो एक और खौफनाक हकीकत सामने आई एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस वक्त एम3 70 पानी में क्रैश हुआ इस वक्त प्लेपन एक्सटेंडेड नहीं था और अफसोस काक तौर पर इसका मतलब यह है कि पानी पर क्रैश होते वक्त जहाज अपनी नोज के बल समंदर में जा गिरा अगले कई सालों के दौरान प्लेन के कई और हिस्से भी अफ्रीका के साहिल से मिले लेकिन आज तक प्लेन या इसमें बैठे पैसेंजर्स का कोई सुराग नाना मिल सका मलेशियन फ्लाइट mh370 के गायब होने से पहले इसके साथ क्या कुछ हुआ था यह आज तक एक मिस ी बनी हुई है कुछ इन्वेस्टिगेटर्स का मानना है कि प्लेन हाईजैक हुआ था तो कुछ इस बात पर यकीन रखते हैं कि किसी इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की वजह से प्लेन का बाहर की दुनिया से कनेक्शन टूट गया और ऑक्सीजन की कमी की वजह से प्लेन के अंदर बैठे तमाम पैसेंजर्स मारे गए लेकिन असल वजह क्या बनी थी यह तो प्लेन में मौजूद ब्लैक बॉक्स में होने वाली रिकॉर्डिंग से ही मालूम होगा जो प्लेन के साथ ही इंडियन ओशन में कहीं गायब है एमए 370 के गायब होने के पूरे 8 साल के बाद फरवरी 2022 में दोबारा से प्लेन के मिलने की उम्मीद दिलाई गई एक रिटायर्ड ब्रिटिश एरोस्मिथ से प्लेन की असल लोकेशन जान ली है और इसने जो लोकेशन बताई है वो भी इंडियन ओशन के उसी कर्व हिस्से में मौजूद है रिचर्ड का मानना है कि इसकी बताई हुई लोकेशन के ठीक 4000 मीटर नीचे मलेशिया का जहाज आज भी मौजूद है और यह ठीक इतनी ही गहराई बनती है जिसमें टैनिक डूबा हुआ है यह फ्लाइट आज तक एक मिस्ट्री बनी हुई है और इस फ्लाइट के बारे में आपकी क्या राय है नीचे कमेंट सेक्शन में हमें अपनी कीमती राय से जरूर आगाह कीजिएगा तो मिलते हैं एक नई वीडियो में एक नई इंटरेस्टिंग और मिस्टीरियस स्टोरी के साथ तब तक के लिए अल्लाह हाफिज

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