13 साल बाद भी याद रखा एहसान ढूंढने से भी नहीं मिलेगा द्रविड जैसा इंसान जिगरी कुंबले ने ही कर दिया था धोखा दोस्ती से द्रविड का उठ गया था भरोसा जब किसी ने 10 लाख के लायक भी नहीं माना तब आरआर के मालिकों ने खोल दिया था खजाना बड़े बड़ों को अब मार दी ठोकर द्रविड ने क्यों छोड़ दिया ब्लैंक चेक का ऑफर जिंदगी का सबक है द्रविड की ये कहानी खुद्दारी देख आंखों में आ जाएगा पानी कहते हैं लाइफ में उन लोगों को भूल जाना जो लोग आपके साथ पार्टी करते हैं उन लोगों को भूल जाना जिन लोगों के साथ आप ट्रिप पर जाते हैं लेकिन उनको कभी मत भूलना जो लोग बिना बताए कहीं से भी पता चलते ही आपके लिए दौड़कर अस्पताल चले आते हैं उन लोगों को मत भूलना जिन्होंने भूल से एक बार भी आपके मुश्किल वक्त में आपसे कहा था किसी भी तरह की जरूरत हो तो बताना कोई संकोच मत करना साल 2011 आईपीएल की नीलामी चल रही थी राहुल द्रविड का नाम आया आरसीबी के मेंटर अनिल कुंबले ने पूरी तरह इग्नोर कर दिया आरसीबी के ओनर विजय ने भी तीन सीजन तक ठीक-ठाक प्रदर्शन करने वाले द्रविड का नाम तक नहीं लिया टूर्नामेंट में आरसीबी का हाल ठीक नहीं था तो वो नए रिप्लेसमेंट ढूंढ रहे थे 38 साल के राहुल द्रविड में आरसीबी को कोई दिलचस्पी नहीं थी आरसीबी के अलावा दूसरी टीमें भी ज्यादा इंटरेस्टेड नहीं थी ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया की दीवार रहे द्रविड से सबने मुंह मोड़ लिया है और द्रविड को खरीददार नहीं मिलेगा तभी राजस्थान रॉयल्स के मैनेजमेंट ने द्रविड के लिए हाथ आगे बढ़ाया आरआर ने द्रविड को करीब 2 करोड़ ₹ लाख में खरीदा कर्नाटक से होने के नाते द्रविड आरसीबी के साथ इमोशनली कनेक्टेड थे और तीन सीजन के बाद भी वह किसी टीम में जाना नहीं चाहते थे लेकिन जनवरी 2011 में ऑक्शन से ठीक पहले द्रविड के जिग्री दोस्त अनिल कुंबले ने रिटायरमेंट का ऐलान किया था आरसीबी मैनेजमेंट ने रिटायरमेंट के तुरंत बाद कुंबले को मेंटर बना दिया था अब कुंबले को ही फैसला करना था कि किस खिलाड़ी को रखा जाए किसे खरीदा जाए और किसे जाने दिया जाए द्रविड के लिए हैरानी की बात यह थी कि नीलामी में जिग्री यार ने ही उनका नाम नहीं लिया पहले सीजन में आरसीबी द्रविड की कप्तानी में फेल रही थी अगले दो सीजन द्रविड एक खिलाड़ी के रूप में खेले लेकिन टी-20 की डिमांड में खुद को पूरी तरह फिट नहीं कर पा रहे थे ऐसे में कुंबले की भी गलती नहीं थी क्योंकि आरसीबी 4 करोड़ रए जो द्रविड पर खर्च कर रही थी उसमें नए खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता था कुंबले ने दोस्त की बली चढ़ाकर अपनी नौकरी के लिए वफादारी दिखाई लेकिन राजस्थान रॉयल्स के मैनेजमेंट का हिसाब कुंबले से अलग था आधे दाम पर ही सही लेकिन आरआर ने द्रविड पर भरोसा कर लिया शेन वन के बाद द्रविड ने राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी भी संभाली लिमिटेड रिसोर्स होने के बावजूद द्रविड ने अपने समय में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका दिया आरआर की पहचान बनी कि ये वो टीम है जो यंग लड़कों पर सबसे ज्यादा भरोसा करती है राजस्थान को द्रविड के फैसलों का फायदा भी हुआ जब 2013 में द्रविड की कप्तानी में टीम प्ले ऑफ में पहुंची उसके बाद चैंपियंस लीग के लिए भी क्वालीफाई किया और फाइनल में एमआई से हार कर रनर अप रहे लेकिन इसी सीजन सीजन में स्पॉट फिक्सिंग का बवाल हुआ जिसमें राजस्थान रॉयल्स के भी तीन खिलाड़ी शामिल थे इस सीजन के बाद द्रविड फिक्सिंग कांड से आहत थे और उम्र 40 पार हो चुकी थी तो t-20 से सन्यास का ऐलान कर दिया लेकिन आरआर का साथ नहीं छोड़ा 2014 और 15 के लिए मेंटर के रूप में काम किया अगले दो सीजन के लिए स्पॉट फिक्सिंग केस में आरआर पर बैन लग गया 5 साल बाद मजबूरी में आकर द्रविड को आरआर का साथ छोड़ना पड़ा इसके बाद द्रविड ने भारतीय क्रिकेट के भविष्य यानी जूनियर टीम्स की कमान संभा ली और अंडर 19 टीम को पूरी तरह ट्रांसफॉर्म कर दिया आईपीएल से लेकर डोमेस्टिक क्रिकेट तक द्रविड का ऐसा इंपैक्ट रहा कि आज टीम इंडिया में जगह बनाने वाले ज्यादातर प्लेयर कभी ना कभी द्रविड की कोचिंग से होकर गुजरे हैं जूनियर टीम के साथ लंबा वक्त बिताने के बाद द्रविड ने बड़ा टास्क लिया जब गांगुली की सलाह पर द्रविड को टीम इंडिया का कोच बनाया गया दोढाई साल के अंदर द्रविड की कोचिंग में भारतीय टीम की भी कहानी बदल गई कप्तान रोहित शर्मा की तरह द्रविड को भी बड़ा झटका तब लगा जब दो 2022 में t-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को 10 विकेट से रौन दिया लेकिन इस हार के बाद रोहित और द्रविड ने कमाल का प्लान बनाया ड्रेसिंग रूम के माहौल से लेकर टीम के एटीट्यूड तक सब कुछ बदल दिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टीम रनर अप रही वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी घर आते-आते हाथ से छूट गई लेकिन 2024 टी-20 वर्ल्ड कप में किस्मत ने द्रविड की कहानी कंप्लीट कर दी 29 जून 2024 के बाद वक्त ऐसे बदला कि द्रविड को भी य यकीन नहीं हुआ पूरे देश ने तालियां बजाई तो सवाल उठाने वाले लोग सलामी में झुक गए द्रविड खुद बताते हैं कि वह दिन सबसे अलग था नवंबर 2023 में दिल तोड़ने वाली हार के सात महीने बाद जो सुकून मिला था उसे किसी और चीज से कंपेयर नहीं किया जा सकता क्योंकि आप कितने भी काबिल क्यों ना हो कामयाबी के बिना दुनिया आपको कंप्लीट नहीं मानती लेकिन कहते हैं कि आपके इरादे नेक हो आप ईमानदारी से अपना काम करेंगे तो समय आपके साथ अन्याय नहीं करेगा द्रविड की स्टोरी में वर्ल्ड कप ट्रॉफी की एंट्री होते ही दुनिया भर के लोग उनके पीछे पड़ गए t-20 वर्ल्ड कप के फाइनल के बाद एक बार द्रविड ने मजाक में कहा था कि एक हफ्ते बाद मैं बेरोजगार हो जाऊंगा लेकिन सच्चाई यह थी कि क्रिकेट की दुनिया में द्रविड से ज्यादा इस वक्त किसी की डिमांड ही नहीं थी 2011 में आईपीएल की जिन टीमों ने उन्हें यूजलेस समझा था वो भी बेशर्मी के साथ अपना-अपना ऑफर लेकर पहुंच गए एक कंफर्म रिपोर्ट के मुताबिक कई आईपीएल टीमों के मालिकों ने द्रविड के लिए ब्लैंक चेक साइन करने तक का ऑफर दे दिया मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि गंभीर आईएल 2024 के सबसे महंगे कोच या मेंटर थे केकेआर ने उनके ऊपर करीब ₹2500000 की बो गली लगाने को भी तैयार नहीं थे और तब राजस्थान ने चार गुना पैसे देकर उन्हें अपने साथ जोड़ा था इसीलिए सब कुछ भूलकर द्रविड ने सिर्फ यह बात याद रखी बाकी सारे दबाव साइडलाइन कर दिए आईपीएल मालिकों के ब्लैंक चेक के ऑफर को ठोकर मार दी और फिर अपनी आरआर फैमिली का हिस्सा बन गए द्रविड की इस स्टोरी ने एक बार फिर साबित किया कि क्रिकेटर लाखों आएंगे जाएंगे लेकिन किसी के लिए द्रविड हो पाना आसान नहीं होगा राहुल द्रविड की इस कहानी पर आप क्या कहेंगे कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा और इस वीडियो ने अगर सर द्रविट के लिए रिस्पेक्ट और बढ़ा दी है तो उनके लिए इसे शेयर करना बिल्कुल ना भूलिए अपना ख्याल रखिए आते रहिए जय हिंद