Humayun Mohmand Lashes Out At Shahbaz Govt | Madd e Muqabil | Neo TV | JE2P

तो उसकी बेसिस पर उन्होंने हमें कहा कि जी स्केड्यूल टू में पार्लिन अफेयर्स के अंडर सिर्फ लेजिसलेटिव बिजनेस आता है रिलेटिंग टू इलेक्शन कमीशन अगर हमें खाली लेजिसलेट करना है तो भाई हमें तो आपकी जरूरत ही नहीं है लेजिसलेट करने में तो हम करेंगे जो हम करना चाहेंगे वो हम करेंगे आपको पता है पार्लिन सुप्रीम है इसी बेसिस प तो हमने सुप्रीम कोर्ट के कितनी चीजें हम लोगों ने क्या क्या एक्ट हमने नहीं पास कर लिए पार्लिन उस वक्त तो हमने आपसे कोई सवाल नहीं पूछा था तो उसी लिहाज से जब हम यह करते लेकिन लेकिन जब हमने ज्यादा खरीदना शुरू किया तो हमें पता चला कि 2023 में जब सेनेटर ताज हैदर साहब थे तो इसी तरह का एक सवाल उठा था और उस परे सारी चीजें दी गई थी फिर हमने ज्यादा खरीदा तो हमें पता चला कि आर्टिकल 222 के तहत पार्लिन के अंदर जो जो ग्रांट करती है जो अथॉरिटी देती है लेजिसलेट ऑन इलेक्शन मैटर्स में जो इंक्लूड करती है फाइनेंशियल एलोकेशन एंड एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसीजर्स टू इलेक्शन कशन उसके पास यह पावर होती है कि व पार्लियामेंट्री रिव्यू के तहत इस चीज को देख सके अकाउंटेबिलिटी को कर सके फिर हमने यह देखा कि आर्टिकल 84 के तहत जो कांस्टिट्यूशन रिक्वायर करता है कि एनी एक्सपेंडिचर फ्रॉम फेडरल कंसोलिडेट फंड मस्ट बी स्क्रुटनाइज बाय पार्लियामेंट क्योंकि ये पार्लियामेंट ही देती है और फिर हमने देखे कि जो रूल 166 है जो कंडक्ट ऑफ बिजनेस इन सेनेट है उस लिहाज से वो कहते हैं इट एंपावर्स कमेटी टू स्टना एक्सपेंडिचर एंड पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ द गवर्नमेंट एंड पब्लिक बॉडी दिस रूल एशर द पब्लिक फंड आ यूज इफेक्टिवली एंड ट द एडमिनिस्ट्रेट प्रोसेस इंक्लूडिंग रिक्रूटमेंट एंड ट्रा एंड ट्रांसपेरेंसी ये सारी चीज है आर्टिकल व रू ये बताए आपने ब आपने बड़ा तफसील से सारी चीजें बताई है मैंने वहां सुनी भी है डेढ़ दो घंटे की मीटिंग चली वेरी इफेक्टिव एंड वेरी कंप्रिहेंसिव आप साहब ने बड़े अच्छे पॉइंट्स उठाए अभी आपने कहा कि ताज हैदर साहब जब थे तो उस वक्त इलेक्शन क ने चीजें दी थी सारी डिटेल्स बताई गई खराज जात की अबकी दफा उन्होंने जो लेटर है मेरे पास जो आपको भेजा गया 30 अगस्त का उसमें उन्होंने दो पेजेस का इसमें उन्होंने क्लियर कहा है सिकंदर सुल्तान राज साहब ने ज उनके सेक्रेटरी जो है उमर ये हो गए हमीद खान साहब जो है उन्होंने जनाब हम आपकी काउंटेबल नहीं हम कोई चीज नहीं देंगे हम एक आजाद इदार हैं तो क्या समझते हैं इसकी वजह कहीं आप तो नहीं है डॉक्टर साहब कि आप आप क्योंकि पीटीआई के सेनेटर हैं चेयरमैन कमेटी है फिर साथ में तीन मेंबर्स भी हैं आपके वहां प अली जफर साहब हैं फिर साथ में वहां पे और भी दो-तीन आपके वहां पे ये बैठे हुए हैं सेनेट पीटीआई के सो वो जो आपकी और चीफ इलेक्शन कमीशनर साहब की आपस में एक टग अफ वार चल रही है ये उसी का कोई रिजल्ट तो नहीं है कि जनाब कि अगर हमें पीटीआई वाले बुला रहे हैं तो हम इजलास में जाएंगे हमें स्क्रुटनाइज करेंगे शायद कोई कोई ऐसी कोई बातें भी हो जाए गुफ्तगू भी है कोई तेज गर्म हो जाए सो यू कुड बी वन ऑफ द रीजंस पीटीए सेनेटर जो है नहीं तो आप तो खुद कह रहे हैं पिछली कमेटी को दे दिया था आपकी कमेटी को नहीं दे रहे तो ये समझते हैं कि वही वाला य कोई पॉलिटिकल इश्यूज है आपके और उनके दरमियान जो चल रहे थे देखिए अगर अगर आपकी बात सच में मान लेता हूं तो ये तो और भी ग बात हो गई जी ये तो मतलब देखिए मैं मेरे लिहाज से मेरे लिहाज से अगर यह कहते कि हम आपको नहीं है तो फिर किसको जवाब दें मतलब अगर यह पार्लिन को जवाब देह नहीं है और ये याद रखिए ये स्टैंडिंग कमेटी जो होती है ये एक्सटेंशन ऑफ द पार्लियामेंट है ये एक्चुअली पार्लियामेंट ही है उसकी एक छोटी कमेटी बनाई है जो इन चीजों को डिटेल में देखती है देखती है कि क्या ये जो खास तौर पे जो बजट होता है या पैसा होता है वो सही जगह लग रहा है या नहीं लग रहा जो आप पैसे ले रहे हैं उसका सही इस्तेमाल करें नहीं तो अग ये कहते हैं हम आपको नहीं है तो फिर मुझे एक बात बताएं इतने सालों से ये लोग पार्लियामेंट्री अफेयर्स के अंदर आ क्यों रहे थे हम हम तो हमेशा से देखते आ रहे हैं हमें तो ये बताया गया कि अच्छा फिर ये जिस चीज का रेफरेंस देते हैं कि जी हम लोगों ने वो स्केड्यूल टू में जो पार्लियामेंट्री अफेयर्स डिवीजन है 28 उसके लिहाज से हुए उसम तो हमें तो यह बताया गया कि एरा जो है जिसको हम कहते हैं अर्थ क्वेक रि हैबिलिटेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन अथॉरिटी या नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी एनडीएम है और जो स्ड है ये सारी चीजें भी पालिम अफेयर्स के अंडर आती है तो अगर ये पालिनी अफेयर्स के अंडर आती है इनका जिक्र तो पार्लिमेंट अफेयर्स विजन स्केड्यूल टू में नहीं लिखा हुआ तो फ एक और बात भी की सॉरी मैं आपकी बात इंटरप्ट कर रहा चाहता हूं जदा ज्यादा आपसे सवालात करके आपसे बातें ली जाए लेकिन ये भी तो पॉइंट आउट किया गया सर कमेटी में कि जनाब के कि उसमें सुप्रीम कोर्ट ऑफ पाकिस्तान कहती है आप हमारे अकाउंट्स हमारे एक्सपेंडिचर हमारी चीजें नहीं उनको ऑडिट कर सकते नहीं स्क्रुटनाइज कर सकते पाकिस्तान आर्मी कहती है आप हमारे भी नहीं कर सकते इधर से नैब कहते है हमारा नहीं कर सकते यह कहते हैं हमारा नहीं कर सकते ईरा का बता रहे हैं वो कहते हैं हम यहां पे तो सब कहते हैं जी हमारे तो आप आप टच भी नहीं कर सकते हो किसी सेनेटर साहब मेरा ल मोस अजी साहब या किसी और दोस्त ने कहा उन्होंने जनाब कि पार्लियामेंट का जा नहीं बल्कि मेरा खल है आपने कहा कि आपकी किसी से बात हुई तो किसने आपको ये बताया जो कि ठीक बताया कि जनाब के अगर जहां पे भी कोई टैक्स पेयर्स का पब्लिक मनी का ₹ रुप भी खर्च होगा किसी महकमे में वो अकाउंटेबल है वो पीएससी में हो पार्लियामेंट में हो या आपकी कमिटीज को तो वो जो अब इदार तो कहते हैं हम तो सुपर वो है इंडिपेंडेंट हैं हम तो किसी को जवाब दे नहीं है इलेक्शन कमीशन भी कहता है जनाब हम भी सुप्रीम कोर्ट की तरह एक बॉडी है क्योंकि हमारे इलेक्शन कमीशनर की जो पावर्स हैं या उनका स्टेटस है वो सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर है उनके अपॉइंटमेंट या उनका उनका रिमूवल का तरीका का यही है स न पार्टीज अन कमिंग अंडर जो स्क्रूटनी सर ये तो सारे इदार अपने आप को ये समझते हैं आजाद समझते हैं सर देखिए इसमें है क्लास साहब मेरा एक सवाल बनता है देखिए अब चाहे मैं मैं एक मिनट के लिए इसको भूल जाऊं कि बेनेफिशरी कौन सा मैं उसको भूल जाता हूं इलेक्शन कमीशन का मेनली सारा साल जो इनको तनख मिलती है या पाच साल मिलती है इनको इसलिए होती है कि ये फ्री फेर ट्रांसपेरेंट इलेक्शन कराए वो इनका बेसिक मैंडेट है जो इनको मिला हुआ है अच्छा अब हम लोगों ने इनको पिछली जो जो पाकिस्तान तहरीक इंसाफ की हुकूमत ने हमने कहा कि यार ये आप इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के तहत करो इसमें ये ये ये फायदे हैं जिसमें उन्होंने एक पूरा हमें रिपोर्ट दे दी कि जो उसमें इतना पैसों का नुकसान है इतना यह नुकसान है इतना वो नुकसान है इतना फलाना नुकसान है एंड चलो ठीक है उन्होंने हमने बहुत सारे सवालात किए कि जब हमने सवालात किए तो वो जरा अपसेट हो गए होंगे शायद इस बात पे हमने कहा कि जी जब आपने ये चीजें कि है तो फलाने को उस मुल्क से आप मिला रहे हैं वो मुल्क और हमारे मुल्क के अंदर तो बड़ा डिफरेंस है एजुकेशन का डिफरेंस है तो आप उन मुल्कों के साथ क्यों नहीं मिलाते जो हमारे साथ जा रहे उनका और हमारा जब वो करा सकते हैं तो हम क्यों नहीं करा सकते वो सारी चीजें हैं लेकिन सर सवाल ये होता है कि इन्होंने आरटीएस तो इन्होंने बनाया था अभी वो जो भी नया सिस्टम बनाया वो भी उन्होंने खुद किया था उन्होंने किसी से उसमें मशवरा नहीं लिया और वो दोनों के दोनों अगर इतनी बुरी तरह से फेल हो गए तो उसका मुझे बा रिस्पांसिबिलिटी बता अब सर ये बताइएगा मैं क्योंकि एजेंडा पढ़ रहा हूं तीनों के तीनों आपका एजेंडा तो एक है लेकिन न टूथ फोर जो आगे फरदर है कहीं इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान को तो ये नहीं लगा कि सारा हमें टारगेट किया जा रहा है कि हमारे बारे में डिटेल्स पूछी जा रही है तनख कितनी है हमें सैलरी कितनी मिलती है हम एमप्ला कितने हैं हमारे ट्रेवलिंग या एक्सपेंसेस कितने है अलसेस कितने हैं फिर हम हमें ब्रेकअप दे सूबे वाइज दें किसको क्या मिल रहा है अपॉइंटमेंट उन्हें ये नहीं लगा कि शायद पीटीआई के सेनेटर जो है क्योंकि आप उसके चेयरमैन है तो ये हमें ये टारगेट करके हमारे साथ कुछ जाती लड़ाई लड़ रहे हैं लिहाजा ये हमें पर्सनल चीजें हमसे पूछ रहे हैं सर डू यू थिंक उनके जहन में ये चीज उने डिफाई किया जी सर देखिए आप बिल्कुल सही कहते हैं हो सकते है उनके दिमाग में यह बात हो और हो सकता है ये चीज आती हो लेकिन इसमें मतलब इसमें क्या चीज है एक्सपेंसेस होती है उसमें किसी की क्या वो है यह तो मतलब ये तो आवाम को भी पता होना चाहिए इसमें ऐसी कौन सी बुरी बात थी अच्छा च अगर हम वो कह देते कि वो है वो कहते हैं कि इसलिए जनरल बात कर सकते थे लेकिन कम से कम इलेक्शन के जनरल इलेक्शन कैटेगरी टू है उसके नंबर तीन कौन से लोग पोस्टेड है उनकी क्वालिफिकेशन क्या है उनकी उनकी डोमिसाइल क्या है आए दिन आए दिन हर कमेटी में ये हो रहा था कि आप ब्रीफिंग दे कि आपके पास कितने लोग हैं उनका क्या है उनकी पे स्केल क्या है हर रोज ये हो रहा होता है सवाल होता लास्टली सर डॉक्टर साहब लास्टली सर अब आप क्या करेंगे सर अब वो तो आने को तैयार नहीं है सुल्तान सिकंदर राजा साहब ने भी इनकार कर दिया है और उमर हामिद खान साहब भी कहते अर खान कि जी आप हमें नहीं पूछ कर सकते अब आप क्या करेंगे सर व्हाट इज योर नेक्स्ट स्टेप सर देखिए माय नेक्स्ट जैसे आपने देखा व एक कंसेंसस रली जो परवेज रशीद साहब ने कहा था उनको उनको ऑनर करते हुए हम उनकी बात मानते हुए हम इस वक्त प्रिविलेज कमेटी में इनको नहीं लेकर जा रहे लेकिन हम पहले चेयरमैन सेनेट साहब से पूछेंगे कि जी फर्ज करें अगर हम लोग नहीं पूछ सकते तो कौन पूछ सकता है ये किसको इन लोगों का तो वो हम बा क्वेश्चन करके और यह लीगल मैटर्स है जो हम पूछेंगे पूछने के बाद हम डिसाइड करेंगे इसका क्या है क्या नहीं है लेकिन मेरा जो असल जो जिस बात में मुझे था वो लोग आ जाते उधर बैठ के बैठ जाते जब बुलाया था हमने हमने ये नहीं कहा कि चीफ इलेक्शन कमिशनर खुद आए भाई लेकिन ना आना जो है ना यह पार्लिन की बहुत बड़ी तहीन मैं समझता हूं कि यह है उस लिहाज से थोड़ा सा हमने सोच विचार करना है लेकिन फिलहाल हम इनको चेयरमैन साहब से पूछेंगे कि इसका व्हाट नेक्स्ट

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