आज गुरुवार भी है आज गुरुओं का दिन भी है और आज शिक्षक दिवस भी है इस मौके पर हम आपके लिए खास चिट्ठी लेकर आ जाए हैं यह चिट्ठी अमेरिका के सवे राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने बेटे के शिक्षक को लिखी थी हम चाहते हैं कि वर्ष 18644 में लिखे इस पत्र से आप भी अपने काम की बातें जरूर निकाले और अच्छा लगे तो इसको बाकियों को भी शेयर जरूर करें प्र मेरा बेटा आज से स्कूल की शुरुआत कर रहा है क्या आप उसका हाथ पकड़कर वह सब सिखाएंगे जो उसे जानना होगा जो उसे सीखना होगा अगर आप यह कर सकते हैं तो उसे सिखाएं कि हर दुश्मन के साथ एक दोस्त भी होता है उसे सीखना होगा कि सभी मनुष्य न्याय के साथ नहीं होते उसे यह भी सिखाएं कि जहां दुनिया में बुरे लोग हैं वहीं एक अच्छा नायक भी होता है जहां कु नेता है वहां एक समर्पित लीडर भी होता है यदि आप कर पाएं तो उसे सिखाएं कि अपनी मेहनत से कमाए गए 10 सेंट की कीमत बेगार में मिले एक डॉलर से कई ज्यादा है उसे सिखाएं कि स्कूल में नकल करके पास होने से कई ज्यादा सम्मानीय है फेल हो जाना उसे सिखाएं कि कैसे शालीनता से हार को स्वीकार करना है और जब जीत हासिल हो तो कैसे उसका आनंद लेना है उसे सिखाए मनुष्यों के साथ नर्मी और कोमलता से पेश आना उसे कठोर लोगों के साथ थोड़ा सख्त होना भी सिखाएं यदि आप कर सकते हैं तो उसे ईषा से दूर रखें उसे सिखाएं कि जब वह दुख में हो तो कैसे मुस्कुराए उसे सिखाएं कि आंसुओं में कोई शर्म की बात नहीं असफलता में भी गौरव सफलता में भी निराशा हो सकती है और उसे पागल सखियों का उपहास करना सिखाएं उसे बताएं कि किताबों में कितने अनंत रहस्य छिपे हैं साथ ही उसे पक्षी धूप फूल पहाड़ी के बारे में भी सोचने दें उसे बताएं एक दिशा में जा रही भीड़ के पीछे ना चले कभी किसी भी कीमत पर अपनी आत्मा का सौदा ना करें प्रिय शिक्षक आप देखें कि सबसे बेहतर क्या कर सकते हैं वह इतना प्यारा है छोटा बच्चा है व मेरा बेटा है आपका अब्राहम लिंकन