Sitaram Yechury Death सीताराम येचुरी की पूरी कहानी #taazadrishtikon

नमस्कार आप देख रहे हैं ताजा दृष्टिकोण आज हम भारतीय राजनीति के प्रमुख और प्रभावशाली नेता सीताराम येचुरी के जीवन और उनकी विरासत पर चर्चा करेंगे 12 सितंबर 20224 को सीताराम य चूरे का निधन हो गया और उनके निधन के साथ ही भारतीय राजनीति ने एक महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व खो दिया सीताराम य चुरी का निधन 72 वर्ष की आयु में हुआ उन्हें 19 अगस्त 2024 को एम्स दिल्ली के चिकित्सा अस्पताल विभाग में भर्ती कराया गया उनकी हालत गंभीर ने के कारण उन्हें श्वसन सहायता पर रखा गया सीने में संक्रमण और निमोनिया जैसे लक्षणों के कारण 12 सितंबर को उनका निधन हो गया उनके परिवार ने उनके शरीर को शिक्षण और अनुसाधन उद्देश्यों के लिए एम्स में दान कर दिया सीताराम यु चरी का जन्म 12 मार्च 1947 को चेन्नई तमिलनाडु में हुआ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई से प्राप्त की उच्च शिक्षा के लिए वे नई दिल्ली जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने अष्ट शस्त्र में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करी छात्र जीवन से ही उनकी राजनीति में रुचि जागृत हुई और उन्होंने भारतीय कम्युनिटी पार्टी में छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य के रूप में राजनीति में कदम रखा उनकी राजनीतिक यात्रा जेएनयू में छात्र संघ पदाधिकारियों के साथ शुरू हुई जल्द ही वे सीपीआई में महत्त्वपूर्ण पदों पर आसीन हो गए 1996 में वे पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए और संसद में श्रमिकों के अधिकार समाजिक न्याय आर्थिक सुधारों पर जोर दिया अप्रैल 2015 में सीताराम य चरे को सीपी आय का महासचिव नियुक्त किया गया उनके नेतृत्व में पार्टी ने बदलते राजनीति पारदर्शी को कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों की दिशा दिखाई हालांकि उनके नेत्त्व के दौरान पार्टी को चुनाव विफलताओं का सामना करना पड़ा और पार्टी के भीतर आंतरिक विवाद भी उभरे सीताराम येचुरी का भारतीय राजनीति में योगदान वामपंथी विचारधारा को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्त्वपूर्ण रहा उनकी अर्थशास्त्र की समझ और विचारशील ने समाका नीतियों की आलोचना और एक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए दृष्टिकोण प्र दान किया सीपीआई का महासचिव के रूप में पार्टी की रणनीतियों को समय के अनुसार ढाला और कई राजनीति संकटों का सामना किया इस सांस्कृतिक और राजनीतिक टिप्पणियां भी महत्त्वपूर्ण रही हैं उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर विचार किए हैं और उनके विश्लेषण ने भारतीय सार्वजनिक जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है सीताराम य चोरी भारतीय राजनीति में एक प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्ति थे कि विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगी सीताराम ही चूरे की निधन से भारतीय राजनीति में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रिक्त हो गया उनकी विचारधारा नेत्र क्षमता और नीति ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया था हम उन्हें श्रद्धांजलि प्राप्त करते हैं और उनके योगदान को याद करते हैं अगर आपको हमारा यह वीडियो पसंद आया तो कृपया लाइक करें सब्सक्राइब जरूर करें आपके विचार हमें कमेंट करके बताइए धन्यवाद

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