बीते दिनों ब्रिटेन में लोगों से घर के अंदर रहने को कहा गया जिसका कारण आसमान में हानिकारक गैसों के बादलों का छा जाना था इन बादलों में सल्फर डाइऑक्साइड यानी so2 नामक गैस थी जो हाल ही में आइसलैंड में हुए ज्वालामुखी विस्फोट से निकली थी यह ज्वालामुखी विस्फोट 22 अगस्त को आइसलैंड के ग्रीना विक के पास डेग जेनेस प्रायद्वीप में हुआ था इससे पहले 1952 में कोयले से उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड ने गंभीर समस्याएं पैदा की थी जिसे लंदन स्मोक के नाम से जाना गया और इस स्मोक के चलते कई लोगों की शोषण संबंधी समस्याओं से मृत्यु हो गई थी सामान्य तौर पर सल्फर डाइऑक्साइड कच्चे तेल या कोयले के दहन से उत्पन्न होती है लेकिन ज्वालामुखी फटने पर एकदम से भारी मात्रा में वायुमंडल में यह रिलीज हो जाती है अक्सर यही सल्फर डाइऑक्साइड वायुमंडल में जलवाष्प के साथ मिलकर एसी ड्रेन का कारण भी बनती है यह गैस गले में खराश खांसी और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकती है