[संगीत] पावर्ड बाय आई10 [संगीत] आज के लेलन टॉप शो में हम बात करेंगे न लोग मारे जा चुके हैं लगभग 50 गांव प्रभावित हैं फिर बात करेंगे आम आदमी पार्टी से जुड़ी खबरों की एक विधायक उनके आज अरेस्ट हुए तो पार्टी से जुड़े दो लोगों को आज ही जमानत मिल गई और फिर जानेंगे दिन की जरूरी सुर्खियां नमस्ते अपन है कुलदीप और आप देखना शुरू कर चुके हैं दी लल्लन टॉप शो शुरुआत आईसी 814 से ही करते हैं और इस खबर के मूल में यह प्रश्न है कि इतिहास जैसे घटा उसे बयान कैसे किया जाए तथ्यों का सीक्वेंस भी जोखिम पैदा कर सकता है खासतौर से तब जब कलाकार की कला को उसकी राजनीति के साथ अगल-बगल रख कर के देखा जाता है एक साथ रख कर के देखा जाता है जिसने 24 दिसंबर 1999 को नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी उड़ान का वक्त शाम के लगभग 5:00 बजे इस जहाज को उड़ा रहे थे कैप्टन देवी शरण और साथ में थे फर्स्ट ऑफिसर राजेंद्र कुमार और फ्लाइट इंजीनियर अनिल कुमार जगिया 176 लोग सवार थे इसमें और इसमें पांच आतंकवादी भी शामिल थे इन पांच आतंकवादियों के नाम थे सनी अहमद ताजी शाकिर मिस्त्री जहूर इब्राहिम शाहिद अख्तर सईद इब्राहिम अतहर जैसे ही आई 814 ने शाम 5:30 बजे भारतीय एयर स्पेस में एंट्री ली इन आतंकवादियों ने ऐलान किया कि प्लेन हाईजैक हो चुका है प्लेन को दिल्ली में लैंड कराने से रोक दिया गया उसे पहले ले जाया गया अमृतसर के हवाई अड्डे जहाज में ईधन कम था आतंकवादियों को लगा कि फ्यूल भरवाने के बहाने भारतीय कमांडो प्लेन में घुस आएंगे लिहाजा प्लेन को 45 मिनट में ही अमृतसर से उड़ा कर के पाकिस्तान के लाहौर लाया गया लाहौर में इसमें फ्यूल भरा गया फिर प्लेन को ले जाया गया दुबई वहां पर 27 महिलाओं और बच्चों को प्लेन से उतारा गया फिर से उसमें फ्यूल भरा गया और आखिर में ले जाया गया तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के कंधार में इसलिए इसको कंधार प्लेन हाईजैक कहते हैं कंधार में सात दिनों तक यह प्लेन एयरपोर्ट के रनवे पर खड़ा रखा गया 7 दिनों तक 160 यात्री पायलट और केबिन क्रू पांच आतंकवादियों के बंधक बन करर के बैठे रहे एरोप्लेन के बाहर तालिबान के लड़ा के अत्याधुनिक हथियार लेकर के पहरा देते रहे अजीत डोबा समेत भारतीय खुफिया एजेंट्स के साथ साथ विदेश सेवा के कुछ अधिकारी भी कंधार पहुंच गए थे जो आतंकवादियों से बातचीत कर रहे थे नेगोशिएट कर रहे थे सात दिनों तक बातचीत चली हार करके भारत सरकार को झुकना पड़ा 31 दिसंबर 1999 को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने तीन आतंकवादियों को रिहा कर दिया और इनके नाम थे मौलाना मसूद अजहर मौलाना मुश्ताक जरगर उमर शेख ये तीन आतंकवादी इन तीन रिहाई के इवज में आतंकियों ने सभी बंधक बनाए गए लोगों को रिहा कर दिया सभी भारतीय सुरक्षित हो गए अब यह कहानी हो गई जो शॉर्ट में हमने आपको बताई जिस प्लेन को हाईजैक किया गया उसके पायलट कैप्टन देवी शरण और पत्रकार श्री जॉय चौधरी ने बाद में एक किताब लिखी उसका नाम दिया गया फ्लाइट इनटू फियर द कैप्टन स्टोरी इस किताब के आधार पर तमाम बरों को समेट हुए निर्देशक अनुभव सिन्हा ने एक सीरीज बनाई जो है यह कहना है कि निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इस सीरीज के बहाने हिंदू भावनाओं को आहत करने का काम किया है इस आरोप के पीछे उनका बहाना है आतंकियों के कोड नेम दरअसल जब आतंकियों ने आई 814 को हाईजैक करने की योजना बनाई तो उन्होंने अपने कुछ कोड नेम रखे थे कोड नेम इसलिए रखे ताकि आतंकियों के असल नाम सामने ना आ पाएं कोड नेम कुछ इस तरह से थे सनी अहमद काजी ने कोड नेम लिया बर्गर शाकिर ने कोड नेम रखा अपना शंकर मिस्त्री जहूर इब्राहिम उसने अपना कोड नेम रखा भोला शाहि अख्तर सईद ने अपना कोड नेम रखा डॉक्टर और इब्राहिम अतहर ने अपना कोड नेम रखा चीफ अब इस सीरीज की आलोचना करने वालों का कहना है कि बनाने वालों ने फिल्म मेकर्स ने जानबूझकर आतंकियों का नाम भोला और शंकर प्रसारित किया जिससे भावनाएं आहत हो सोशल मीडिया पर इस घटना को कवर करने वाले पत्रकारों और किताब लिखने वालों से भी सवाल पूछे जाने लगे कुछ लोगों ने तर्क सम्मत जवाब भी दिए वही जवाब हम आपको दोहरा देते हैं और जवाब के लिए सहारा लेंगे भारतीय विदेश मंत्री के बयान का तत्कालीन विदेश मंत्री थे भाजपा के क नेता राजस्थान से आने वाले जसवंत सिंह ध्यान हो कि आतंकियों की रिहाई के बाद भारतीय नागरिकों को रिसीव करने जसवंत सिंह खुद कंधार एयरपोर्ट गए थे फिर 6 जनवरी 2000 को जसवंत सिंह ने बयान जारी किया इस बयान को आप स्क्रीन पर देख सकते हैं जिसमें सरकार ने यह साफ कहा था ये सरकार का बयान है कि हाईजैक किए हुए प्लेन में सवार यात्री हाईजैकर्स को इन्हीं कोड नेम से जानते थे इस सरकारी बयान में यह भी बताया गया है कि जब 29 दिसंबर के दिन आतंकियों ने मुंबई में मौजूद अपने साथी अब्दुल लतीफ से कांटेक्ट किया तभी न आतंकियों की सही पहचान सामने आ सकी इसके अलावा इस सीरीज से कुछ और क्लू भी मिलते हैं जैसे काठमांडू के कमरे में चल रही बातचीत सीरीज के पहले एपिसोड में ही दिखाया गया कि काठमांडू के कमरे में आतंकवादी प्लानिंग कर रहे हैं इस बातचीत को भारत की खुफिया एजेंसियां इंटरसेप्ट करती हैं यानी खुफिया तरीके से सुन लेती हैं इस बातचीत में एक आतंकवादी अपने काठमांडू के हैंडलर जिसका असल नाम अमजद है वो नाम ले लेता है जिस पर अमजद उसे टोकता है और कहता है कि नाम मत लीजिए और सीरीज के तमाम एपिसोड में कई मौकों पर अमजद का नाम लिया जाता है ता है उस पर इल्जाम लगता है कि उसने आई 814 में 17 किलो आरडीएक्स प्लांट किया हुआ था जो किसी भी बातचीत के असफल होने पर ट्रिगर कर दिया जाता लेकिन हर मौके पर तमाम अधिकारी अमजद का नाम लेते हुए दिखते हैं इसके अलावा आतंकवादियों के असल नाम का खुलासा पांचवें एपिसोड में भी होता है जब खुफिया विभाग के अधिकारी मुकुल मोहन का किरदार निभा रहे मनोज पाहवा प्लेन में मौजूद चीफ जिसने अपना सूडो नेम चीफ रखा हुआ है उससे बात करते हैं और चीफ अपनी मांगों पर अड़ा रहता है और मुकुल भी अपनी बातों पर अड़े रहते हैं बातचीत अच्छी नहीं चल रही होती इस दौरान मुकुल अचानक से चीफ हाईजैकर जो है उसको असली नाम से बुलाते हैं इब्राहिम मिया चीफ जी इब्राहिम मिया असली नाम सुनकर के हाईजैकर के चेहरे पर फ्रस्ट्रेशन दिखता है और वह गुस्से में मुक्का मारता है ऐसे ही एक सीन है जब प्लेन में मौजूद आतंकवादी यात्रियों के साथ अंताक्षरी खेल रहे हैं सोशल मीडिया पर लोगों ने इल्जाम लगाए हैं कि इस सीरीज में आतंकियों को ह्यूमनाए गया है अत अंताक्षरी खेलते हुए दिखा करके उन्हें अधिक मानवीय दिखाया गया है यहां पर आपको दो बातें बताएंगे पहली बात पत्रकार और किस्सागो नीलेश मिश्रा के हवाले से नीलेश मिश्रा ने भी इस हाईजैक पर एक किताब लिखी है इसी घटना पर किताब का नाम है 173 आवर्स इन कैप्ट विटी एक यूजर ने एक्स पर उनसे सवाल पूछा कि क्या उन्होंने सच में अंताक्षरी खेली थी इस पर नीलेश ने जवाब दिया कि हां यह मेरी किताब में है यात्रियों के साथ अनगिनत साक्षात्कार पर आधारित दूसरी बात इसी सीरीज के दृश्यों में दिखती है इसमें अंताक्षरी खेलने वाले आतंकवादी चाकू घोप करर हत्या भी करते हुए दिख रहे हैं घायल भी कर रहे हैं लोगों को और यही आतंकी की नेगोशिएटर से दिल्ली के संसद भवन पर प्लेन क्रैश करने की बात भी करते हुए दिखते हैं लेकिन सोशल मीडिया की बहस रुकती नहीं है भाजपा नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालि ने एक्स पर लिखा है कि हाईजैकर्स ने छद्म नामों का इस्तेमाल किया और अनुभव सिन्हा ने उसे आगे बढ़ाकर आतंकियों के क्रिमिनल इंटेंट को बढ़ावा दिया इसका परिणाम क्या होगा दशकों बाद लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने आई 814 को हाईजैक किया वामपंथियों का एजेंडा है कि पाकिस्तानी आतंकियों के कामों पर पर्दा डाला जाए हमने इस पूरे विवाद पर जवाब पाने के लिए फिल्मकार अनुभव सिन्हा से भी जवाब लेने की कोशिश की है इस बुलेटिन के तैयार होने तक उनका अभी तक कोई जवाब नहीं आया अगर आता है तो ललन टॉप आपको जरूर इत्तला करेगा आज ही की खबर यह भी है कि भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सी विषय पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री है उसका नाम है इंडियन एयरलाइंस आई 814 हाईजैक ये आपको इंटरनेट पर ढूंढने से आसानी से मिल जाएगी हो सकता है कि कुछ जिज्ञासाओं का शमन भी हो जाए तो इस खबर में जो भी अपडेट्स होंगे वो हम आप तक जरूर लेकर के आएंगे अब अगली बड़ी खबर की ओर चलते हैं उत्तर प्रदेश का बहराइच यहां की महसी तहसील में एक गांव लगता है जिसका नाम है नावन गरे 1 सितंबर की रात एक मां अपनी 3 साल की बेटी को सीने से चिपकाए घर के बाहर सो रही थी नींद में इस बात की उम्मीद नथी थी कि सोमवार की सुबह बे फिक्र और तसल्ली से भरी हुई होगी घड़ी में रात के 1:00 बजे होंगे अचानक से मां को लगा कि कोई जंगली जानवर पास में है मां की नींद टूटी सामने एक भेड़िया लार टपका एक गुर्रा आ रहा था मां कुछ कर पाती इससे पहले भेड़िए ने उस छोटी सी बच्ची पर झपट्टा मारा और उसे दांतों में दबा कर के भाग गया मां ने शोर मचाया गांव के लोग एकजुट हुए वन विभाग की टीमें भी पहुंची बच्ची की खोजबीन शुरू हुई दो घंटे बाद घर से महज 1 किमी दूर खेतों में बच्ची पड़ी हुई दिखाई दी मां-बाप भाग कर के गए तो देखा की भेड़िया बच्ची के दोनों हाथ खा चुका था बच्ची की मौत हो चुकी थी हिमालय की तराई में बसा बहराइच आदमखोर भेड़ियों के आतंक में जी रहा है इस वक्त लोग कहते हैं कि भेड़िए 49 दिनों के भीतर आठ बच्चों और एक महिला की जान ले चुके हैं 38 से ज्यादा लोग भेड़ियों के हमलों में घायल हो चुके हैं आज तक के मुताबिक ये सभी लोग बहराईच जिले के 50 गांवों से ताल्लुक रखते हैं आलम यह है कि वन विभाग के अधिकारी जिला पुलिस के जवानों के साथ-साथ गांव वाले भी जाग-जाग कर पहरा दे रहे हैं लेकिन अभी तक यह हमले रुके नहीं हैं हम गए थे प्रशासन वहां पे सब लोग लेटे थे ठीक उनको वीडियो दिखाया कि भैया वहां पे दिखा है वह लोग उनको गोला दिए कि जाओ दगा दो और वहां से वह हट जाएगा ठीक यह बताइए अब एक बात बताइए कि गोला गाने से व कुछ टाइम के लिए चला जाएगा फिर से आके हमला कर देगा उसका जिम्मेदार कौन होगा सबसे पहला अटैक हमारे गांव में ही हुआ था 6 मार्च को उसके बाद भी प्रशासन यही यहां नहीं आता है देखिए लगातार गलती प्रशासन की नहीं है रास्ता सही नहीं है इसमें नेताओं की भी गलती है सबकी गलती है डिस्ट्रिक्ट बराज के जितने भी अधिकारी गण महोदय हैं सबकी गलती है नहीं कंपलेट वन विभाग वाले तो बेचारे परेशान है रोड रोड र है अब हमारे गांव में लाती है ही नहीं सर क्यों तो इधर लाती नहीं है तो अधिकारी आते नहीं सड़क नहीं तो अधिकारी नहीं आते हां नहीं आते हैं सर य चहला है ना आप लोग कह रहे वर्तमान निवास स्थान यही है हां वर्तमान निवास यही है सर कैसा दिख रहा ल है और इतना लंबा र मतलब भूरा भूरे रंग का है तो क्या लंगड़ा है नहीं नहीं लंगड़ा नहीं है कितने देखे थे आपने एक रहा एकही खाली उसने आप प कोशिश की अटैक करने की नहीं खड़ा तो होगा हमका देखिए तब लेकिन हम लाठी लेर तो हमसे बोला नहीं फिर आगे बढ़ के ऐसे हम चिल्ला ले तब सब आदमी दौड़े तो भाग गा नौ जाने जा चुकी हैं तो वन विभाग भी दबाव में है पिंजरे और जाल लगा कर के अब तक चार भेड़ियों को पकड़ लिया गया है अधिकारियों का कहना है कि दो भेड़िए और खुले में घूम रहे हैं जिन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा वन विभाग द्वारा एक स्पेशलाइज्ड स्ट्रेटेजी के तहत टैक्टिक्स के तहत एक प्रोग्राम अमल में लाए जा रहा है जिसमें पुलिस विभाग का भी पूरी सहयोग रहेगी जैसे आप जानते हैं इस पूरे क्षेत्र को सात टीमों में बांट दिया गया है और हर एक ग्राम पंचायत में भी एक टीम पुलिस का दिया गया है दो कंपनी पीएसी भी यहां गस्त कर रही है और निश्चित ही जल्दी से सफलता प्राप्त होगी इसमें अभियान में सबसे ज्यादा दिक्कत यह आ रही है कि हर बार एक नया गांव चयनित हो रहा है और वन विभाग अपनी पूरी कोशिश भी कर रहा है मुझे जल्दी उम्मीद है कि बाकी भी पकड़ लिया जाएगा लेकिन गांव वाले इस बात से इंकार करते ते हैं गांव वालों का कहना है कि कम से कम यह 25 भेड़ियों का झुंड है जो घूम-घूम कर लोगों का शिकार कर रहा है सच क्या है यह किसी को नहीं मालूम हमने कुछ एक्सपर्ट्स से बात की हमारे दो सवाल थे पहला यह कि भेड़िए इतनी बड़ी संख्या में कैसे आदमखोर हो सकते हैं दरअसल भेड़िए जो हैं वो प्राणी जगत की कैनेडी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं कैनेडी फैमिली के सदस्यों की कॉमन पहचान होती है कि इनके पास चार केनाइन दांत होते हैं जो मांस फाड़ने हड्डियों को चबाने में मदद करते हैं इनके कान ऊपर की ओर खड़े होते हैं इसी कैनेडी फैमिली से कुत्ते सियार लोमड़ी या गीदड़ जैसे जानवर भी ताल्लुक रखते हैं तो यह जानवर जंगलों में छोटे जानवरों पर अटैक तो करते ही है लेकिन इंसानों पर अटैक करने की इनकी प्रवृत्ति कम दिखाई देती है लेकिन अब बहराइच में ऐसा होता दिख रहा है एक्सपर्ट्स ने हमें समझाया कि ऐसा क्यों हुआ होगा ऐसा वन इन मिलियन चांस होता है कि भेड़िया कोई इंसान के ऊपर हमला करे स्पेशली चिल्ड्रन के ऊपर तो यह बनाव यहां पर बना है क्योंकि एक भेड़िया सीख गया है कि वहां पर बच्चों को मारना दूसरे खोराक से आसान चीज दूसरा खोराक वहां है ही नहीं जंगली जानवर खरगोश हिरण वहां पर कुछ नहीं पाया जाता सब मनुष्य खा गए हैं सब साफ हो गया है बाकी रही मवेशी मरी हुई मवेशी और भेड़ बकरियां तो भेड़ बकरियां जो होती है उसको हम बहुत ही सुरक्षित रखते हैं बाड़े के अंदर और उसके साथ में जब बाहर चरने ले जाते हैं तो साथ में इंसान बड़ा इंसान लठ लेकर घूमता है पर बच्चे जो है यहां पर वो खेतों में अकेले घूमते हैं कभी-कभी या अपने बड़े साथीदार के के साथ घूमते हैं बड़े इंसान आदमी उसकी मां बहन बड़े वो कोई होता नहीं क्योंकि उनको सबको अपना गुजरान चलाने के लिए काम करना पड़ता है क्योंकि गरीबी बहुत है उनके पिताजी जो होते हैं वो बड़े-बड़े शहर में काम करते हैं तो सिंगल मदर्स हैं और सम टाइम्स एब्सेंट पेरेंट्स हैं तो बच्चे यहां पर बहुत ही आसान तरीके से मारे जा सकते हैं तो यह एक जानवर सीख गया है कि यह खुराक बहुत आसान है और ये कभी-कभी बनता है क्योंकि यह जो समस्या है वो हमारे नॉर्दर्न बिहार में और ईस्टर्न उत्तर प्रदेश में गरीबी की वजह से काफी कॉमन है और इसी एरियाज में वल्फ अटैक्स ऑन चिल्ड्रन पाए गए हैं हिस्टोरिकल दूसरा सवाल हमारा यह था कि अगर भेड़ी आदमखोर हो रहे हैं और गांव ग रात में घूम कर के लोगों का शिकार कर रहे हैं तो इन पर काबू कैसे पाया जा सकता है वह भी इस बात का ध्यान रखते हुए कि इंसानों की जान की रक्षा के साथ जानवरों की जान की रक्षा भी की जा सके प्रशासन काफी कुछ मेहनत कर रहा है आई वुड गिव देम फुल क्रेडिट वल्फ को पकड़ना बहुत आसान नहीं है बहुत ही मुश्किल चीज है क्योंकि यह पिंजरो में बहुत कम आता है और उसको रेंज में नहीं आता ज बंदूक की रेंज होती है जिसमें से टैक्विला डाट आप मार सकते हैं वो करीबन 20 से 30 मीटर तक की रेंज होती है तो भेड़िया करीबन 100 मीटर दूरी पर ही रहता है आपको देख के वहां से भाग तो भेडियो पकड़ना बहुत ही मुश्किल है मेरे कंप्लीमेंट है यूपी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के उन्हो बहुत बड़ी चीज है तो जो प्रशासन कर रहा है वो ठीक कर रहा है इसमें से मेरे हिसाब से एक ही भेड़िया है जो ये बच्चों को मार रहा है अब वो कौन सा भेड़िया है वो पता नहीं किसी को पता नहीं तो यहां भेड़िए पकड़ना जरूरी है बोल रहे हैं कि छह भेड़िए हैं उसमें से एक ही होगा परंतु यह भेड़िया जो मेरे हिसाब से वो झुंड में नहीं रहता अकेला रहता है क्योंकि जो शब मिले हैं उसको मैंने फोटोग्राफ मैंने देखे हैं उसको मारने का जो तरीका है वो एक भेड़िया का है पूरे झुंड का नहीं है दूसरा उसके ऊपर जो खाया है अवशेष जो खाए हैं वो एक जानवर ने ही खाए हैं ज्यादा जानवरों ने नहीं खाया नहीं तो ज्यादा जानवर झुंड में होते तो सब में कुछ बचता नहीं सब कुछ खाया जाए बच्चे काफी वजन के नहीं होते हैं जो मैंने फोटो देखे हैं करीबन 20 किलो के ही है उससे ही कम है तो ये एक ही जानवर का खोराक है और वोह खाक फिर वहां से निकल गया तो एक जानवर जब जानवर मारा जाएगा या पकड़ा जाएगा तो यह समस्या हल हो जाएगी और जब तक हमारे वहां यहां गरीबी है और लिविंग कंडीशन इतनी पुर है ऐसी समस्या भविष्य में कभी ना कभी बन सकती है इसके अलावा हमने ग्राउंड पर मौजूद पत्रकारों से भी बात की उन्होंने इस पूरे घटना क्रम के ताजा अपडेट हमसे शेयर किए भेड़ियों की संख्या तो उस पूरे इलाके में मुझे लगता है कि जो मेरा अपने वहा लोकल मैं तो वही रहने वाला हूं गंडा का बल में मेरे गांव से जो जगह है व 30 किलोमीटर है तो भेड़ों की संख्या तो वहा 100 से ऊपर होगी मलब वो ये ऐसा नहीं है कि वहा 20 2 है भेड़िया उस इलाके में जो ये घागरा नदी और कटनिया घाट के बीच इलाका है य य 50 के आसपास भीड़ हो चार पकड़े गए हैं जिनको उन्होने गोरकपुर जूम में शिफ्ट किया है और दो अभी भी जिनको जो सस्पेक्टेड है जिनको लगता है कि दो और आदम को जो एक्शन जो मतलब अटैक कर रहे हैं उसके लिए यहां पर उन्होंने 22 टीमें लगाई है जो कि जिसमें कि एक उनकी अपनी पूरी न फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम होती है जिसमें पांच पांच लोग होते हैं जो एक ट्रकला करने के लिए एक आदमी होता है स्पेशलिस्ट होता है फिर उसके बाद चकि रात में वो मूव करते हैं तो एक नाइट विजन कैमरे और लगा रखे हैं और एक आदमी जो टीम दो टीमों में दो टीमों में एक आदमी होता है जो फुटप्रिंट्स का एक्सपर्ट होता है जो ये देखता है कि वो जो फुटप्रिंट्स है वो कुत्ते के तो नहीं है भेड़िए के हैं और किस जानवर के हैं तो और उनका मूवमेंट ट्रैक करने के लिए प्लस उसके बाद कुछ उन्होंने बहुत पुराने लोगों को बुलाया है जो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के लोग हैं जैसे जो मतलब पहले काम रिटायर हो गए थे वन दरोगा है और इस तरह के लोग जो है तो जिनको एक्चुअल में क्या होता है कि इनको इनको सारी मूवमेंट जानकारी होती है मतलब हम लोग जब इनको कवर करते हैं तो हम लोग कहते हैं कि ये लोग सू के पता लगा लेते हैं कि कौन कौन से जानवर कहां पे हैं चूंकि बाढ़ का इलाका है बाढ़ थोड़ी आई थोड़ा सा उनको दिक्कत हो रही दलदल है कई जगह पर तो भेड़िए कई बार क्या करते हैं कि वो दलदल वाले उसमें अपने को घटेर के बैठ लेते हैं बिल्कुल तो पता लगते नहीं है कि रात में कि वहां बैठे नहीं बैठे हैं तो ये बड़ा इशू आ रहा है इस खबर पर हमारी नजर बनी हुई है अब चलते हैं अगली बड़ी खबर की ओर जहां एक नेता एक केंद्रीय एजेंसी के हत्थे चढ़े हैं आज प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने ओखला विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्ला खान को अरेस्ट कर लिया अरेस्ट के पहले 2 सितंबर को तड़के ही ईडी की टीम ने अमानतुल्ला खान के घर पर छापा मारा था छापा तो छापा होता है गाड़ियां तेज कदमों से चलते अधिकारी बंद होते दरवाजे लेकिन अमानतुल्ला खान के यहां पड़े छापे के दौरान एक नाटकीय घटनाक्रम भी सामने आया बताएंगे कि क्या हुआ था लेकिन पहले अमानतुल्ला पर लगे इल्जाम आपको बता देते हैं यह केस है दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित घोटाले से जुड़ा हुआ आम आदमी पार्टी से विधायक अमानतुल्ला खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन हैं वक्फ बोर्ड का काम होता है कि वक्फ की सारी संपत्तियों का प्रबंधन किया जाए और रखरखाव किया जाए अब अमानतुल्ला खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में घोटाले के इल्जाम लगे सबसे पहले साल 2016 में कहा गया कि उन्होंने बतौर चेयरमैन रहते हुए वक्फ बोर्ड में अपने रिश्तेदारों को भर्ती कर दिया मीडिया रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि इन अवैध भर्तियों की संख्या 32 थी आरोप यह भी है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध तरीके से किराए पर दिया गया और वक्फ बोर्ड के फंड का गलत इस्तेमाल किया गया अब इस केस की जांच की बात कर लेते हैं यह जांच कब से चल रही है नवंबर 2016 इस केस में सबसे पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया अमानतुल्ला खान को नामजद किया गया अगस्त 2022 में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की कहा कि अमानतुल्ला ने गलत भर्तियां की हैं सितंबर 2022 में दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने अमानतुल्ला खान को अरेस्ट किया 2022 में दिसंबर 2022 में अमानतुल्ला खान जमानत पर छूट कर के बाहर आ गए अक्टूबर 2023 में इस केस में ईडी की एंट्री हुई अमानतुल्लाह और उनके सहयोगियों के ठिकाने पर छापे मारे गए नवंबर 2023 में अमानतुल्ला और उनके सहयोगियों से पूछताछ हुई अप्रैल 2024 में अमानतुल्ला को ईडी ने अरेस्ट कर लिया और कुछ दिनों बाद वोह जमानत पर छूट कर के बाहर आ गए अब इसी केस में फिर से ईडी की टीम आज सुबह-सुबह अमानतुल्ला खान के घर पहुंची वहां क्या हुआ ईडी की टीम ने अमानतुल्ला के घर का दरवाजा खटखटाया लेकिन अमानतुल्ला खान ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया लोहे की जाली वाला दरवाजा था एक वीडियो सामने आया जिसमें दरवाजे के एक तरफ अमानतुल्लाह खान खड़े हुए हैं और दूसरी तरफ ईडी और उनके साथ आए दिल्ली पुलिस के अधिकारी अमानतुल्ला खान कह रहे थे कि ईडी के अधिकारी इस बात की गारंटी दें कि उन्हें अरेस्ट किया गया तो उनकी कैंसर ग्रस्त सास की मौत नहीं होगी इधर ईडी के अधिकारी बोल रहे थे कि अमानतुल्ला खान घर से बाहर आए अब देखिए एसओ साहब जब जब इन्होने मुझे बुलाया जी तब तब मैं गया मेरी मदर इन लॉ मदर इन लॉ को कैंसर है सीरियस पेशेंट है अभी चार दिन पहले उनका ऑपरेशन हुआ है मैं इनसे यह जानना चाहता हूं कि इस बात की अगर य जिम्मेदारी लेते हैं उनकी मौत नहीं होगी अगर आपकी आप ये जिम्मेदारी अगर लेते हैं कि अगर मौत नहीं होगी मैंने आपको लिख कर दिया हुआ है कोई हमने अभी तक आपके साथ मिस बिहेव नहीं किया हमने सिर्फ कहा सुन लीजिए ना आप सुन लीजिए पहले आप आप सुन लीजिए डिप्टी डायरेक्टर साहब सुन लीजिए आप पहले मेरी बात सुनिए आप मैंने सिर्फ ये इतनी टाइम जो आपको लगा सिर्फ इसलिए लगा लोक मे मौजूद नहीं थे कुछ देर तक चली ये नूरा कुश्ती और उसके बाद अमानतुल्ला खान और ईडी के अधिकारियों के बीच कांटेक्ट हुआ 4 घंटे तक पूछताछ हुई दोपहर 12:00 बजे के आसपास टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग की टिकर चली कि आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को ईडी ने अरेस्ट कर लिया और अरेस्ट के बाद शुरू हुई बयान बाजिया मतलब ये क्या गुंडागर्दी मच गई इस देश के अंदर कि एक केंद्र सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी हों के खिलाफ इस तरीके से एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है कि रोज आप सोचिए ना किसी का घर है परिवार है बीवी है बच्चे हैं बताया जा रहा है कि उनके घर में तीन कमरों का फ्लैट है उनका जो भी पत्रकार गए होंगे उनको मालूम है ओखला के अंदर तीन कमरों के फ्लैट में रहते हैं उस तीन कमरे के फ्लैट को भैया कितनी बार उसकी छानबीन करोगे और कितनी बार जांच करोगे और कितनी बार छापा मारोगे वहां पर वहां उस तीन कमरे के फ्लैट में एक वीडियो आई है जिसमें उनकी सास वहीं लेटी हुई है उनको ट्यूब लगी हुई है जिसके अंदर से जो है उनकी शरीर की जो मवाद है वह बाहर निकल रही है दो दिन पहले ऑपरेशन हुआ है कैंसर से पी और आप जो है उनके घर पर जो फिर से छापा मारने पहुंच गए मतलब तो घटिया घटिया राजनीति से भी घटिया पन है आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारियों की पार्टी है उप मुख्यमंत्री अभी कंडीशनल बेल पर वापस आए हैं मुख्यमंत्री अभी जेल में है इनके एक मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल में है अब अगर अमानतुल्ला खान को ईडी ने हिरासत पर लिया है तो डेफिनेटली कुछ ना कुछ मैटर फाइनेंशियल एंबेजलमेंट का रहा ही होगा ठीक है पुलिस अपना कानून अपना इन्वेस्टिगेशन करेगा अपनी तफ्तीश करेगा वैसे आम आदमी पार्टी के लिए यह दिन सिर्फ बुरा ही नहीं था राहत की भी खबर थी सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व संचार प्रमुख विजय नायर को जमानत दे दी जमानत किस केस में मिली है दिल्ली की शराब नीति में जो कथित घोटाले का जो मनी लरिंग वाला केस है उसमें यह वही केस है जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं 22 महीने जेल में रह चुके विजय नायर को अब सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी और यह कहा कि इस केस में अधिकतम 7 साल की सजा है जबकि आरोपी 22 महीने से जेल में बंद है सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल में देरी की वजह से विजय नायर को जेल में बंद करके नहीं रख सकते हैं लेकिन बस विजय नायर को मिली जमानत ही चर्चा में नहीं थी 2 सितंबर को ही सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट रहे विभव कुमार को जमानत दे दी विभव कुमार पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद अपनी ही पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हिंसा करने का आरोप है दिल्ली हाई कोर्ट ने जुलाई के महीने में उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी जिसके बाद विभव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां से आज जमानत की अर्जी उनकी मंजूर कर ली गई अब जानते हैं सुर्खियां आज की पहली सुरखी सुप्रीम कोर्ट से है सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों में प्रशासन की ओर से किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ बुलडोजर एक्शन लिए जाने पर चिंता जाहिर की है जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सोमवार 2 सितंबर को विभिन्न राज्यों में बुलडोजर एक्शन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की मेंच ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना सही नहीं है कोर्ट ने कई राज्यों में प्रशासन की ऐसी कारवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जातीय जनगणना पर महत्त्वपूर्ण बयान दिया है एक राष्ट्रीय समन्वयक सम्मेलन के बाद आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि जाति जनगणना से समाज की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है और संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा आरएसएस के इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट करके लिखा गया कि आरएसएस ने जातिगत जनगणना का खुलकर विरोध कर दिया है उसका कहना है कि जातिगत जनगणना समाज के लिए सही नहीं है इस बयान से साफ है कि बीजेपी और आरएसएस जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहते अगली सुरखी कैनेडा से जहां रह रहे भारतीय सिंगर एपी ढिल्लों के घर के बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग होने का दावा किया गया है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य रोहित गडरा के नाम से वायरल एक पोस्ट में य दावा किया गया है वायरल पोस्ट में यह भी क्लेम किया गया है कि फायरिंग एपी ढिल्लों के ही घर पर की गई कनाडा के वैंकूवर में उनका घर है आज के ललन टॉप शो में इतना ही अपना और अपनों का ख्याल रखिए देखते रहिए द ललन टॉप शुक्रिया शुभरात्रि [संगीत]