आज साबित हो चुका है कि टीएमसी का मतलब तृणमूल कांग्रेस नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता एंड कल्चर बन चुका है ममता बैनर्जी की सरकार की प्राथमिकता बेटी को न्याय दिलाओ नहीं बल्कि सबूत मिटाओ सत्य की आवाज दबाव और बलात्कारी बचाव रही है और इसी दिशा में एक और कदम ममता बैनर्जी ने उठा लिया है ममता बैनर्जी अपराधियों को बलात्कारियों को संदीप घोष जैसे लोगों को जेल में नहीं पहुंचाना चाहती है बल्कि वह चाहती है कि अगर कोई पत्रकार किसी ऑन गोइंग रेप के मामले में कोर्ट प्रोसीडिंग को रिपोर्ट करता है उस पर पत्रकारिता के आधार पे उस पर कोई भी बात रखता है या सत्य की लड़ाई लड़ने के लिए या बेटी को न्याय दिलाने के लिए कोई बात करता है तो उसको तीन से 5 साल की सजा होनी चाहिए और यही तानाशाही रवैया ममता बैनर्जी ने लगा