गुड इवनिंग दिस इ योर कैप्टन स्पीकिंग आई ट ट इफॉर्म य य प्लेन हाईक हो चुका है मुझ भरोसा करें मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि हम जल्द से जल्द अपने घर पहुंच [संगीत] सके 4 दिसंबर 1999 नेपाल के काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भर रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आई 814 की कहानी एक आम दिनों के रूप में शुरू हुई इस यात्रा ने जल्द ही 176 लोगों की जिंदगी को खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़े कर दिया यह वह दिन था जब पांच आतंकवादियों ने आईसी 814 को हाईजैक कर लिया था और इसे एक भयानक आतंकवादी हमले में बदल दिया आइए जानते हैं इस पूरे हाईजैक ऑपरेशन की कहानी को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आई 814 काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भर रही थी विमान में 155 यात्री और 11 क्रू मेंबर सवार थे सब कुछ सामान्य लग रहा था लेकिन उड़ान भरने के कुछ घंटों बाद ही करीब 4:4 पर भारतीय हवाई क्षेत्र के प्लेन में कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी पाच हथियारबंद आतंकवादियों ने प्लेन को अपने कब्जे में ले लिया यह आतंकवादी हरकत उल मुजाहिदीन के सदस्य थे और उनकी मांगे साफ थी उनके तीन प्रमुख आतंकवादियों की रिहाई उन्होंने पायलट को धमकाया और विमान को काठमांडू से दिल्ली जाने के बजाय काबुल मोड़ने का आदेश दिया शाम 456 पर एर ट्रैफिक कंट्रोल दिल्ली को की पहली सूचना मिली उस दौरान यह बताया गया कि अपरण कर्ता कह रहे थे कि विमान को लाहौर ले जाया जाएगा हालांकि लाहौर एटीसी से लैंड करने की अनुमति नहीं देने की वजह से शाम 700 बजे विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा शाम 7:00 बजे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरते ही हाईजैकर्स ने विमान में इंधन भरने की मांग की इस दौरान विमान का इंजन चालू रहा जब अपहरणकर्ताओं से रिफ्यूलिंग के लिए इंजन बंद करने के लिए कहा गया तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया सा बज 49 मिट पर विमान को अपहरणकर्ताओं द्वारा बिना इंधन भरे अमृतसर से उड़ान भरने के लिए मजबूर किया गया यह भी एटीसी अमृतसर की अनुमति के बिना था [संगीत] अमृतसर से उड़ान भरने के बाद विमान एक बार फिर लाहौर का रुक किया रात 8:1 पर विमान पाकिस्तान के लाहौर में उतरा लाहौर एटीसी ने विमान को उतरने की अनुमति तब दी जब पायलट ने एटीसी लाहौर को बताए कि ईंधन खत्म हो जाने के कारण उसे विमान को क्रैश लैंड करना पड़ेगा लाहौर में विमान में ईंधन भरा गया रात 10:30 बजे विमान ने काबुल के लिए उड़ान भरी काबुल से य सूचना दी गई कि वहां रात में उतरने की कोई सुविधा नहीं है ऐसे में विमान दुबई स्थित वायु सेना अड्डे पर उतरने के लिए रवाना हो गया और 25 दिसंबर 1999 को रात करीब 1:30 बजे यह वायुसेना के अड्डे पर उतरा दुबई में आतंकियों ने कुछ यात्रियों को रिहा किया जिनमें महिलाएं बच्चे और बीमार यात्री शामिल थे लेकिन बाकी यात्रियों के लिए यह एक असहनीय स्थिति थी दुबई में भी विमान ज्यादा देर तक नहीं रुका और अगले गंतव्य था अफगानिस्तान का कंधार अफगानिस्तान का कंधार जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था अब इस हाईजैक का अंतिम पढाव बन गया था भारतीय सुरक्षा बलों के पास कोई सीधा रास्ता नहीं था क्योंकि कंधार तालिबान के नियंत्रण में था अब पूरी तरह से एक राजनयिक और राजनीतिक समस्या बन गई थी बंधक यात्री हफ्ते भर तक असहाय और डरे हुए थे आतंकियों ने भारतीय सरकार से तीन आतंकवादियों की रिहाई की मांग की जिनमें मसूद अजहर अहमद उमर सईद शेख और मुस्ताक अहमद जरगर शामिल थे आतंकवादियों ने भारत सरकार पर दबाव डालने के लिए एक रुपिन कटयाल की हत्या कर दी इस हत्या ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया और वार्ता को और जटिल बना दिया भारतीय अधिकारियों के लिए अब समय खत्म हो रहा था इस समय भारतीय सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर जबरदस्त दबाव था यात्रियों के परिवार जन सरकार से आग्रह कर रहे थे कि उनके परिजनों को सुरक्षित वापस लाया जाए राजनयिक और खुफिया एजेंसियां तालिबान के साथ बातचीत में जुटी हुई अंततः यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय सरकार को आतंकवादियों की रिहाई का फैसला लेना पड़ा 31 दिसंबर 1999 को तीन आतंकवादियों को रिहा किया गया और विमान के बंदग को छुड़ाया [संगीत] गया क हाई जक की इस घटना ने भारतीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ साबित हुई आतंकवाद के खिलाफ जारी इस लड़ाई को और मजबूत करने के लिए प्रेरित किया भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त बनाया आज जब हम इस घटना को याद करते हैं तो यह बताती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कितनी मुश्किल और चैलेंजिंग