विजय वर्मा स्टारर i 814 द कंधार हाईजैक वेब सीरीज लगातार विवादों से घिर जा रही है पहले तो आतंकियों के नाम को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने रुखा था तो आतंकियों के खिलाफ कमांडो एक्शन क्यों नहीं हुआ केंद्र एवं पंजाब सरकार ने फैसला लेने में देरी क्यों की इन्हीं सवालों के जवाब भूतपूर्व रॉ चीफ अमरजीत सिंह दुलत ने दिए हैं नमस्कार मेरा नाम है रिया शर्मा और आप देख रहे हैं टीवी नेट डिजिटल दरअसल पूर्व रॉ चीफ अमरजीत दुलत ने इंडिया टुडे से बातचीत की इसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि कंधार हाईजैक पर फैसला लेने में सरकार से कुछ गलतियां हुई मसलन 24 दिसंबर 1999 की शाम जब अपहरण विमान अमृतसर में लैंड हुआ था तो हमारे पास वक्त था कि हम विमान को भारत छोड़कर ना जाने देते लेकिन जब यह विमान अमृतसर से रवाना हुआ तो हमारे पास हाईजैकर्स के साथ सौदा करने के अलावा कोई चारा नहीं था दुलत का यह भी कहना है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेई ने मौके की नजाकत को समझते हुए सही फैसले लिए हमारे सबसे काबिल अफसरों ने आतंकियों से नेगोशिएशन किया तभी हमारे सभी नागरिक सही सलामत वतन वापसी कर सके उस सिचुएशन में जो भी बेस्ट हो सकता था हमने और हमारी सरकार ने किया लेकिन मैं बात मानता हूं कि अमृतसर में गड़बड़ी हुई थी हम सब वहां थे और हमें फैसला लेना चाहिए था मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता इतने सालों के बाद ऐसा करना ठीक नहीं है मैं भी उतना ही दोषी हूं जितना कोई और अमरजीत सिंह दुलत ने कहा मेरी पंजाब के तत्कालीन डीजेपी सरवजीत सिंह के साथ लंबी बातचीत हुई उन्होंने मुझसे कहा कि वह केपीएस गिल नहीं है और वह अपनी नौकरी दांव पर नहीं लगाने वाले सरवजीत सिंह ने मुझसे कहा था कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल नहीं चाहते कि अमृतसर में खून खराबा हो दिल्ली भी इसी बात का संकेत दे रही थी डीजेपी ने कहा था कि वह हमला कर सकते हैं लेकिन इसमें कई लोग मारे जा सकते हैं इसलिए वह खून खराबे के नाम पर कोई भी फैसला नहीं लेना चाहते थे डीजेपी सरवजीत सिंह ने एक बार ऑन रिकॉर्ड कहा था कि अगर उन्हें दिल्ली से स्पष्ट निर्देश मिलते थे तो वह जरूर फैसला लेते इस पर पूर्व रॉ चीफ ने कहा है कि मैं उनसे सहमत हूं लेकिन उन्होंने क्या किया होता यह मैं भी नहीं जानता वह सही थे जब उन्होंने कहा कि वह दिल्ली से निर्देशों का इंतजार कर रहे थे जो कभी नहीं हुआ बहरहाल 814 द कादर हाईजैक वेब सीरीज की बात करें ये सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म लैंड करानी पड़ी अमृतसर में यह विमान तकरीबन 40 मिनट तक रुका रहा लेकिन यहां रिफ्यूलिंग नहीं हो सकी तैश में आए आतंकियों ने कैप्टन से लाहौर चलने को कहा लाहौर में फ्यूल भरने के बाद विमान दुबई पहुंचा दुबई एयरपोर्ट पर आतंकियों ने 27 यात्रियों को छोड़ दिया था उनमें महिलाएं बच्चे और घायल शामिल थे 25 दिसंबर को हाईजैक विमान अफगानिस्तान के कंधार एयरबेस पर लैंड हुआ जहां वह अगले छ दिनों तक खड़ा रहा इस दौरान भारत सरकार आतंकियों से लगातार बातचीत कर रही थी और साथ में यूनाइटेड नेशंस भी इस मामले पर खल दे रहा था आखिरकार 31 दिसंबर 1999 को आतंकियों ने बाकी यात्रियों को छोड़ दिया लेकिन इसके बदले भारत को मसूद अजहर उमर शेख और अहमद जरगर जैसे खूंखार आतंकी छोड़ने पड़े थे इस पूरे घटनाक्रम में केवल एक यात्री की ही मौत हुई थी बहरहाल आपका इस वीडियो पर क्या कुछ कहना है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं बाकी देश और दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए tv9 डिजिटल को [संगीत]