आज हम बात करेंगे घुटने के एक दूसरे इंपॉर्टेंट लिगामेंट के बारे में जिसका कि नाम है पीसीएल यानी पोस्टीरियर क्रूसेट लिगामेंट नमस्कार मेरा नाम है डॉक्टर शैलेन प्रताप सिंह और मैं सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन एंड एचओडी एसएसबी हॉस्पिटल फरीदाबाद पिछले वीडियो टॉपिक्स में हमने डिस्कस किया लिगामेंट इंजरी जो एसीएल था उसके बारे में और मेनिस्क के बारे में जो एक कार्टिलेज की पैड होती है हमारी नी के अंदर आज हम डिस्कस करेंगे एक दूसरे इंपॉर्टेंट लिगामेंट के बारे में जो कि सेकंड मोस्ट कॉमनली इंजर्ड लिगामेंट है घुटने में जिसको कि हम बोलते हैं पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट काम क्या है इस लिगामेंट का और कैसे इंजरी होती है तो बेसिकली जैसे एसीएल हमारे घुटने को मूवमेंट के दौरान हमारे पैर को घुटने से आगे जाने से रोकता है वैसे ही पीसीएल मूवमेंट के दौरान हमारे घुटने को पीछे से स्टेबिलिटी प्रोवाइड करता है ताकि हमारा लेग पीछे की तरफ ना भागे और यह सारे ही लिगामेंट ये आगे और पीछे की स्टेबिलिटी प्रोवाइड करने के अलावा रोटेशनल स्टेबिलिटी भी प्रोवाइड करते हैं ताकि आपका पैर घूम ना जाए अचानक से कहीं इस पर जोर पड़ने से तो क्या ऐसा होता है किस तरह की इंजरी होती है जिनमें ये हमारा फ्रैक्चर हो जाता है हमारा लिगामेंट या इसको इंजरी हो जाती है तो एक तो या तो कोई फॉरवर्ड प्रेशर या थ्रस्ट बहुत जोर से लगे तो इसमें इंजरी हो सकती है और सेकंड जो मोस्ट कॉमन जो मोड ऑफ इंजरी है वो है ट्विस्टिंग इंजरी ट्विस्टिंग इंजरी जिसमें साथ में पीछे की तरफ फोर्स लग रहा हो तो यह लिगामेंट टूट सकता है या फिर यह लिगामेंट बोन के साथ उखड़ जाता है और ये जो बोन को साथ लेके जो खरता है उसको बोलते हैं एवर्जन इंजरी ऑफ द लिगामेंट इसमें लिगामेंट तो ठीक रहता है लेकिन ये जहां बोन से जुड़ा रहता है वहां पे बोन का एक पीस लेके उखड़ जाता है क्या सिमटम्स होते हैं इसमें एसीएल ज्यादातर पेनलेस होता है लेकिन पीसीएल में किसी-किसी लोगों को पैर के पीछे के हिस्से में दर्द भी महसूस होता है और दूसरा जो किसी भी लिगामेंट टूटने की वजह से जो मोस्ट कॉमन सिमम है वो है फीलिंग ऑफ गिविंग वे इंस्टेबिलिटी कि हमारा पैर जो है उसमें बैलेंस नहीं बन रहा है हमें ऐसा लगता है कि यह घूम जाएगा हम गिर जाएंगे और ज्यादातर ऐसा तब होता है जब हम स्टनस एक्टिविटी कर रहे हैं रनिंग करने की कोशिश कर रहे हो या अनइवन सरफेस पर तेज चलने की कोशिश कर रहे हो तो उस समय इस तरह की परेशानियां देखी जाती हैं जब अगर आपको इस तरह की कोई इंजरी हुई है तो उसके बाद अगर इस तरह के सिमटम्स आपको आ रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए और वह आपका एग्जामिनेशन करेंगे और एग्जामिनेशन के बाद जो है आपको सलाह देंगे एक्सरे की और एक एमआरआई की एक्सरे ऑफकोर्स ये देखने के लिए कि कहीं कोई साथ में बोन इंजरी तो नहीं है और एमआरआई से ही हम लिगामेंट को डिलीट कर सकते हैं लिगामेंट के पाथ को डिलीट कर सकते हैं वो एक्सरे में हमें पता नहीं चलता है तो एमआरआई में अगर लिगामेंट टियर होता है तो हमें पता चल जाता है कि इसमें लिगामेंट टियर है और लिगामेंट टियर जैसे पीसीएल का है एसीएल की तरह यह भी लिगामेंट टियर जो होता है ये ऑपरेटिव होता है इसमें कंजरवेटिव ट्रीटमेंट यानी कि लिगामेंट अपने आप जुड़ जाएगा इस तरह की संभावनाएं ना के बराबर होती हैं इसलिए इसको भी ऑपरेट करते हैं क्या होगा अगर हम लिगामेंट को ऑपरेट ना करें और इसको वैसे ही छोड़ दें तो ये इंस्टेबिलिटी हमेशा बनी रहेगी कभी कभी हमें पता चलेगा और जो माइक्रो मूवमेंट्स होते हैं जो माइक्रो मूवमेंट पीछे की तरफ हो रहे हैं वो हमें पता भी नहीं चलेंगे तो इससे होता क्या है कि जोड़ जो है आगे चलके धीरे-धीरे धीरे-धीरे करके खराब हो जाएगा जिसको हम बोलते हैं जॉइंट में आर्थराइटिस हो गया और आर्थराइटिस का ट्रीटमेंट रिप्लेसमेंट होता है तो उससे बचना है अगर हमें तो ये लिगामेंट को हमें ठीक करना ही पड़ेगा तो जैसे कि मैंने पहले बताया कि दो तरह की इंजरी हो सकती है या तो लिगामेंट पूरी तरह से टेयर हो गया है या फिर लिगामेंट बोन को साथ लेके उखड़ गया है तो जो बोन के साथ लेके उखड़ होता है जिसको कि हम एवर्जन इंजरी बोलते हैं उसको हम रिपेयर कर सकते हैं उसमें लिगामेंट को रिकंस्ट्रक्ट करने की जरूरत नहीं होती है लेकिन अगर लिगामेंट बीच से टूटा हुआ है या ऊपर नीचे से कहीं टूटा हुआ है तो इसमें भी लिगामेंट रिपेयर नहीं होता है इसमें हमें नया लिगामेंट की जरूरत पड़ती है बनाने की जरूरत पड़ती है इसलिए सर्जरी को बोलते हैं पीसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी क्या एक्सपेक्ट करें हम सर्जरी के बाद क्या हमारा फंक्शन कभी नॉर्मल हो पाएगा तो इसका जवाब यह है कि बिल्कुल नॉर्मल हो जाएगा पहले की तरह जैसे कि मैंने बताया स्पोर्ट्स इंजरी हैं और ज्यादातर स्पोर्ट्समैन लोग को होती है तो सारे स्पोर्ट्समैन यह सब सर्जरी करा के कुछ समय बाद कुछ समय लगता है इसको ठीक होने में अपने नॉर्मल एक्टिविटीज में नॉर्मल स्पोर्ट्स एक्टिविटी में इंक्लूडिंग कांटेक्ट स्पोर्ट्स जैसे कबड्डी रेसलिंग बॉक्सिंग किक बॉक्सिंग इनमें वापस लौट सकते हैं क्योंकि ये पूरी तरह से हील हो जाता है पूरी तरह से ठीक हो जाता है रिहैबिलिटेशन सर्जरी के बाद का जो पार्ट होता है वो बहुत इंपॉर्टेंट होता है जिसको कि हम बोलते हैं रिहैबिलिटेशन क्योंकि सर्जरी करने से लिगामेंट तो ठीक हो जाएगा लेकिन जो जॉइंट है उसके आसपास की जो मसल्स है वह कमजोर हो जाती है पैर के कम यूज होने की वजह से तो एक्सरसाइज बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट होती है तो सर्जरी के बाद मोस्ट इंपॉर्टेंट एस्पेक्ट जो है वो है एक्सरसाइज अगर आप अपनी प्रीवियस एक्टिविटी पर लौटना चाहते हैं अगर आप एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो प्रीवियस एक्टिविटी पे लौटना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि जो थाई की मसल्स होती हैं वो बहुत ज्यादा स्ट्रांग मसल्स होती हैं और उनमें अगर हम एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो जो वीकनेस है मसल्स की वो कभी ठीक नहीं हो पाएगी और जो पेशेंट होते हैं उन्हें यह लगता है कि पैर में कुछ अलग है पैर जो है नॉर्मल पैर के मुकाबले में कमजोर लग रहा है और उसमें वो बात नहीं है जो पहले थी तो अगर वैसी बात चाहिए जो इंजरी से पहले थी तो सर्जरी अच्छी होने के साथ-साथ हमें भी अपनी तरफ से पूरी मेहनत करनी होती है एक्सरसाइज में ताकि हम प्रीवियस एक्टिविटी पे रिटर्न कर सके जो हमारी एक्सपेक्टेशन है कि नॉर्मल नहीं होना चाहिए हमारा जैसे पहले था उसपे हम हम लौट सकते हैं इसके लिए दोनों चीजों की जरूरत है कि हमारी इंजरी जो है वह अच्छे से रिपेयर हो जाए साथ में हमारी मसल्स की पावर भी गेन हो जाए जो कि सिर्फ मेहनत से ही ठीक होगा उसके लिए सिर्फ सर्जरी से फायदा नहीं होगा