सीताराम युरी जी हम सबके बीच में नहीं रहे हैं मेरा संबंध उनके साथ यूनिवर्सिटी के दिनों का है जब मैं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों का नेतृत्व किया करता था तो उस समय सीताराम युरी जी जेनयू से अपनी विचारधारा को प्रोगेट करने के लिए हिमाचल आया करते थे और उस समय से मेरा उनके साथ संबंध है विचारों में हम दोनों भिन्न दिशाओं के थे अलग-अलग विचार के रहे वह अपने विचार के बहुत पक्के थे और उन्होंने सारा जीवन उस विचार को आगे बढ़ाने के लिए लगाया लेकिन वह एक सामाजिक प्राणी होने के नाते उनका व्यक्तिगत संबंध मानवतावादी अप्रोच वह हम कभी भूल नहीं सकते हैं